अभिवृत्ति का अर्थ और परिभाषा क्या होता है क्योंकि बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि अभिवृत्ति किसे कहते हैं अर्थात इसका अर्थ क्या होता है इसलिए जिन लोगों को पता नहीं है मैं लोग परेशान ना हो केवल हमारा यह पोस्ट पढ़ें क्योंकि हम अपने इस पोस्ट में बहुत ही विस्तार से तथा सरल शब्दों में बताएंगे कि अभिवृत्ति का अर्थ क्या होता है तथा इसकी परिभाषा क्या होती है जिसे पढ़कर आप लोग आसानी से इसके बारे में जान सकते हैं और हम इस पोस्ट में इससे संबंधित अभिवृत्ति कितने प्रकार के होते हैं , अभिवृत्ति विशेषता , अभिवृत्ति महत्व , अभिवृत्ति का निर्माण और भी इससे संबंधित कई सवालों के जवाब बताएंगे जिसे पढ़कर आप लोग बहुत ही आसानी से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं I क्योंकि बहुत लोग को पता नहीं होगा कि अभिवृत्ति का अर्थ क्या होता है तथा इसकी परिभाषा क्या होती है इसलिए हम आप लोगों को सबसे पहले बताएंगे कि अभिवृत्ति का अर्थ क्या होता है तथा अभिवृत्ति की परिभाषा क्या होती है तो आइए इसके बारे में हम नीचे विस्तार से बताते हैं I
अभिवृत्ति का अर्थ क्या है /What is the meaning of attitude.

हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि अभिवृत्ति का अर्थ क्या होता है क्योंकि बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि अभिवृत्ति का अर्थ क्या होता है इसलिए हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि अभिवृत्ति का क्या अर्थ होता है जिसे पढ़कर आप लोग आसानी से जान सकते हैं क्योंकि हम इसके अर्थ के बारे में बहुत ही सरल शब्दों में बताने वाले हैं I तो आइए हम आप लोगों को बताते हैं कि अभिवृत्ति का अर्थ क्या होता है और अभिवृत्ति की परिभाषा भी बताएंगे क्योंकि बहुत से लोग इसकी परिभाषा को भी नहीं जानते होंगे इसलिए हम आप लोगों को इसके अर्थ के साथ साथ उसकी परिभाषा को भी बताएंगे I
अभिवृत्ति का सामान्य अर्थ किसी मनोवैज्ञानिक विषय (अर्थात् व्यक्ति, वस्तु , समूह , विचार, स्थिति या कुछ और जिसके बारे में भाव आ सके) के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक भाव की उपस्थिति है।
अभिवृत्ति व्यक्तित्व का वह गुण है जो व्यक्ति की पसंद या नापसंद को दर्शाता है। अभिवृत्ति को आंग्ल भाषा में Attitude कहते हैं। Attitude शब्द लेटिन भाषा के शब्द Abtus शब्द से बना है इसका अर्थ है योग्यता या सुविधा। अभिवृत्ति का सम्बन्ध अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव से है। यह एक मानसिक दशा है जो सामाजिक व्यवहार की अभिव्यक्ति करने में विशेष भूमिका प्रस्तुत करती है। अभिवृत्ति को ही कभी-कभी मनोवृत्ति के नाम से प्रयोग किया जाता हैं। ये दोनों ही शब्द एक ही भावनात्मक गुण को प्रदर्शित करते हैं।अभिवृत्ति व्यक्ति के मनोभावों (Feelings) अथवा विश्वासों (believe) को इंगित करती है। ये बताती है कि व्यक्ति क्या महसूस करता है अथवा उसके पूर्व विश्वास क्या हैं? अभिवृत्ति से अभिप्राय व्यक्ति के उस दृष्टिकोण से हैं जिसके कारण वह किन्हीं वस्तुओं, व्यक्तियों, संस्थाओं, परिस्थितियों, योजनाओं आदि के प्रति किसी विशेष प्रकार का व्यवहार करता है।
अभिवृति का परिभाषा /Definition of attitude.
आईजनेक के अनुसार /Acording to eisenck.
सामान्यत: अभिवृत्ति की परिभाषा किसी वस्तु या समूह के सम्बंध में प्रत्याक्षात्मक बाह्य उत्तेजनाओं में व्यक्ति की स्थिति और प्रत्युत्तर तत्परता के रूप में भी की जाती है।’’
फ्रीमेन के शब्दों में /In the words of Freeman.
अभिवृत्ति किन्हीं परिस्थितियों व्यक्तियों या वस्तुओं के प्रति संगत ढंग से प्रतिक्रिया करने की स्वाभाविक तत्परता है, जिसे सीख लिया गया है तथा जो व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रतिक्रिया करने का विशिष्ट ढंग बन गया है।
वुडवर्थ के अनुसार /According to woodworth
अभिवृत्तियाँ मत , रुचि या उद्देश्य की थोड़ी-बहुत स्थायी प्रवृत्तियाँ हैं जिनमें किसी प्रकार के पूर्वज्ञान की प्रत्याशा और उचित प्रक्रिया की तत्परता निहित है।’’
अभिवृत्ति के कितने प्रकार होते हैं /How many types of attitudes are there.
अभिवृत्ति के कितने प्रकार होते हैं इसके बारे में लोग नहीं जानते होंगे इसलिए हम आप लोगों को बताएंगे कि अभिवृत्ति के कितने प्रकार होते हैं जिसे पढ़कर आप लोग बहुत ही आसानी से जान सकते हैं कि अब वृत्ति के कितने प्रकार होते हैं जैसा कि हम ऊपर अभिवृत्ति के बारे में बताएं हैं कि अभिवृत्ति का अर्थ क्या होता है तथा इसकी परिभाषा क्या होती है और भी इससे संबंधित कई सवालों के जवाब हम इस पोस्ट में बताने वाले हैं लेकिन आइए पहले हम बताते हैं कि अभिवृत्ति कितने प्रकार के होते हैं I
अभिवृत्ति पांच प्रकार की होती है और आइए नीचे हम एक-एक करके उसके बारे में विस्तार से बताते हैं जिससे आप लोगों को और भी आसानी से तथा अच्छे तरीके से समझ में आ सके I
अभिवृत्ति पांच प्रकार की होती है _
1.विशिष्ट अभिवृत्ति /specific attitude.
जो अभिवृत्ति किसी व्यक्ति, वस्तु, घटना, विचार तथा संस्था विशेष के प्रति व्यक्त की जाती है, विशिष्ट अभिवृत्ति कहलाती है। जैसे एक छात्र में अपने शिक्षक के प्रति जो सम्मान व श्रद्धा का भाव पाया जाता है वह उसकी विशिष्ट अभिवृत्ति कहलाती है।
2.सामान्य अभिवृत्ति /general attitude.
जो अभिवृत्ति व्यक्ति, वस्तु, घटना, विचार आदि के बारे में सामान्य या सामूहिक रूप से व्यक्त की जाती है वह सामान्य अभिवृत्ति कहलाती हैं जैसे – घड़ियों के विषय में अभिवृत्ति, राजनैतिक दलों के बारे में दृष्टिकोण या रेल दुर्घटनाओं के प्रति अभिवृत्ति आदि।
3.नकारात्मक अभिवृत्ति /negative attitude.
जब हमारा दृष्टिकोण किसी वस्तु, घटना या विचार के प्रति सुखद नहीं होता या हम उसे पसन्द नहीं करते हैं या उसके प्रति उत्तेजनात्मक प्रतिक्रिया करते हैं तो वह नकारात्मक अभिवृत्ति कहलाती है। इस प्रकार जब हम किसी राजनैतिक पार्टी , प्रक्रिया, जाति, स्थान या व्यक्ति से घृणा करते हैं, उनसे निराश होते हैं उनमें अविश्वास रखते हैं तथा अपने को दूर रखने का प्रयास करते हैं वह नकारात्मक अभिवृत्ति कहलाती है।
4.सकारात्मक अभिवृत्ति /positive attitude.
जब किसी व्यक्ति, विचार या घटना या संस्था आदि की उपस्थिति हमें सुखद लगती है जब उसके प्रति हमारी अनुकूल प्रतिक्रया होती है तथा जब हम उसके पक्ष में बोलते हैं तब हमारी सकारात्मक अभिवृत्ति होती है अर्थात् जब हम किसी वस्तु, व्यक्ति, संस्था, विचार, धर्म प्रक्रिया के प्रति विश्वास रखते हैं उसे पसन्द करते हैं स्वीकार करते हैं, उसके प्रति आकर्षित होते हैं तथा उसके अनुकूल अपने को समायोजित करने की चेष्टा करते हैं वह हमारी सकारात्मक अभिवृत्ति कहलाती है।
5.मानसिक अभिवृत्ति /mental attitude.
मानसिक रूप से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के सम्बधं में पृथक-पृथक अभिवृत्ति होती है। इन्हें अनेक क्षेत्र के नाम से ही पुकारते हैं, जैसे – सौन्दर्यनुभूति अभिवृत्ति, सामाजिक अभिवृत्ति, धार्मिक अभिवृत्ति। इसी प्रकार प्रत्येक क्षेत्र से सम्बंधित अभिवृत्ति हो सकती है।
अभिवृत्ति और अभिरुचि में अंतर / difference between aptitude and aptitude.
अभिवृत्ति और अभिरुचि में अंतर क्या होता है इसके बारे में हम आप लोगों को बताने वाले हैं क्योंकि बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि अभिवृत्ति और अभिरुचि में क्या अंतर होता है इसलिए हम आप लोगों को नीचे एक टेबल के माध्यम से बताएंगे कि अभिवृत्ति और अभिरुचि में क्या अंतर होता है जिसे पढ़कर आप लोग आसानी से कथा विस्तार से जान सकते हैं कि अभिवृत्ति और अभिरुचि में क्या अंतर होता है तो आइए हम आप लोगों को टेबल के माध्यम से बताते हैं कि अभिवृत्ति और अभिरुचि में क्या अंतर होता है I
अभिवृत्ति | अभिरुचि |
---|---|
इसका संबंध चरित्र या गुणों से है। | यह संबंध प्रतिभा से है। |
मनोवृत्ति किसी विशेष स्थिति, व्यक्ति, बात या किसी मुद्दे पर मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया को संदर्भित करती है। यह सकारात्मक एवं नकारात्मक हो सकती है। | यह एक निश्चित प्रकार के कार्य को करने के लिये योग्यता का एक घटक है। |
यह एक मानसिक पहलू है। | इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों पक्ष शामिल हैं। |
मनोवृत्ति अपेक्षाकृत स्थायी प्रकृति की होती है। यदि एक आधुनिक समाज में मनोवृत्ति अवांछनीय है, तो इसे तदनुसार बदला जाना चाहिये। जैसे: विभिन्न अभियानों (विज्ञापनों) द्वारा सरकार स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिये नागरिकों के दृष्टिकोण को बदलने की कोशिश कर रही है। | अभिरुचि को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से बदला और विकसित किया जा सकता है। |
अब आप लोग जान गए होंगे अभिवृत्ति और अभिरुचि में क्या अंतर होता है क्योंकि हमने ऊपर एक केबल के माध्यम से बताया है कि अभिवृत्ति और अभिरुचि में क्या अंतर होता है जिसे पढ़कर आप लोग आसानी से जान सकते हैं क्योंकि हमने टेबल के अंदर बहुत ही सरल भाषा में तथा शुद्ध भाषा में बताया है कि अभिवृत्ति और अभिरुचि में क्या अंतर होता है I
अभिवृत्ति की विशेषताएं /characteristics of attitude.
अब हम आप लोगों को अभिवृत्ति की विशेषता बताएंगे क्योंकि लोग नहीं जानते होंगे कि अभिवृत्ति की विशेषता क्या होती है इसलिए हम आप लोगों को नीचे पॉइंट के आधार पर बताएंगे कि अभिवृत्ति की विशेषता क्या होती है जिसे पढ़कर आप लोग जान सकते हैं हम आप लोगों को ऊपर इसके अर्थ और परिभाषा के बारे में बताएं है और आप लोगों को इसकी विशेषता के बारे में बताएंगे तो आइए हम आप लोगों को पॉइंट के आधार पर शुद्ध तथा सरल शब्दों में बताते हैं कि अभिवृत्ति की विशेषता क्या होती है I
1.अभिवृत्ति का सम्बंध व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों बुद्धि, मानसिक प्रतिभा एवं विचारों से होता है।
2.अभिवृत्ति भावनाओं की गहराई का स्वरूप हैं।
3.अभिवृत्ति जन्मजात नहीं होती है।
4.अभिवृत्ति का स्वरूप लगभग स्थायी होता है किन्तु ये अपना रूप बदल भी देती है। अभिवृत्ति को अधिक समय में बदला जा सकता हैं I
5.अभिवृत्तियों का विकास सामाजिक सम्बंधों के कारण होता है।
6.यह व्यवहार को प्रभावित करती है अतएव एक व्यक्ति की अभिवृत्तियों का प्रभाव दूसरे व्यक्ति की अभिवृत्ति पर पड़ता है।
7.अभिवृत्ति का स्वरूप स्थायी तथा एकरूप होता है।
8.अभिवृत्ति किसी व्यक्ति, घटना , विचार या वस्तु के प्रति अनुकूल अथवा प्रतिकूल भावना का प्रदर्शन करती है।
9.अभिवृत्ति के सामाजिक तथा मानसिक दोनों ही पक्ष होते हैं।
10.यह अनुभवों के आधार पर अर्जित होती है तथा वस्तुओं, मूल्यों एवं व्यक्तियों के सम्बंध में सीखी जाती है।
11.अभिवृत्ति व्यक्ति के व्यवहार का प्रतिबिम्ब होती है।
12.यह अनुभवों के आधार पर अर्जित होती है तथा वस्तुओं, मूल्यों एवं व्यक्तियों के सम्बंध में सीखी जाती है।
13.अभिवृत्ति सदैव संवेगों तथा भावों से प्रभावित होती है।
14.अभिवृत्ति का सम्बंध समस्याओं तथा आवश्यकताओं से होता है।
15.अभिवृत्ति सदैव परिवर्तनशील होती है।
अभिवृत्ति का निर्माण /building attitude.
अब हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि अभिवृत्ति का निर्माण कैसे किया जाता है या कैसे होता है क्योंकि बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि अभिवृत्ति का निर्माण कैसे होता है या कैसे किया जाता है इसलिए हम आप लोगों को बताएंगे कि अभिवृत्ति का निर्माण कैसे होता है जिससे आप सभी लोगों को भी आसानी से पता हो सके कि अभिवृत्ति का निर्माण कैसे होता है I तो आइए हम आप लोगों को नीचे बहुत ही विस्तार से बताते हैं कि अभिवृत्ति का निर्माण कैसे किया जाता है या कैसे होता है I जिसे पढ़कर आप लोग बहुत ही अच्छे से जान सकते हैं क्योंकि हमने इसके बारे में बहुत ही विस्तार से बताया है I
अभिवृत्ति के निर्माण का प्रमुख स्रोत सामाजिक सीख है। परिवार, समूह, विदर्यालय , कार्य स्थल तथा व्यक्तिगत अनुभव से अभिवृत्तियाँ विकसित होती है। सामाजिक सीख की तीन प्रक्रियाएँ होती हैं- साहचर्य आधारित, सही मत धारणा करने सम्बन्धी और उदाहरण द्वारा अभिवृत्ति और व्यवहार में अन्तर होता है। अभिवृत्तियाँ परिवर्तनशील भी होती हैं।
सामाजिक अधिगम मनोवृत्ति का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है, लेकिन सप्रमाण यह ज्ञात हुआ है कि मनोवृत्तियों पर अनुवांशिक कारकों को भी प्रभाव पड़ता है। रॉबर्ट ए. बैरन एवं डौन बायर्न (2004) ने इस सन्दर्भ में व्यापक विश्लेषण किया है।
अभिवृत्तियों के निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत सामाजिक सीख है। सामाजिक सीख वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा हम अन्य लोगों से नई जानकारी , व्यवहार के तरीके या मनोवृत्तियाँ ग्रहण करते हैं। रॉबर्ट ए. बैरन तथा बायर्न (2004: 108) ने इसे और भी स्पष्ट करते हुए लिखा है कि, “हमारे अनेक मत उन परिस्थितियों में ग्रहण किये जाते हैं जहाँ हम दूसरों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं, या सिर्फ उनके व्यवहार का निरीक्षण करते है I
हमारी अधिकांश अभिवृत्तियाँ उस समूह से विकसित होती है, जिससे हम सम्बद्ध होते हैं। बाल्यावस्था से ही बच्ची परिवार में सामाजीकरण की प्रक्रिया के दौरान विविध वस्तुओं, व्यक्तियों इत्यादि के प्रति सकारात्मक एवं नकारात्मक अभिवृत्ति को निर्मित करता है। परिवार के साथ-साथ व्यक्ति अपने संगी-साथियों और समूह के अन्य सदस्यों से भी सामाजिक सीख के द्वारा अभिवृत्तियों को निर्मित करता चलता है। उदाहरण के लिए बच्चे कुछ खाद्य पदार्थी , खिलौनों, वस्तुओं के प्रति सकारात्मक अभिवृत्ति विकसित करते हैं और कुछ के प्रति नकारात्मक अभिवृत्ति विकसित करते हैं। हमारी अभिवृत्तियाँ बड़े होने पर भी निर्मित होती रहती हैं।
अभिवृत्ति का महत्व /importance of attitude.
अभिवृत्ति का महत्व क्या होता है इसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते होंगे इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि हम आप लोगों को इसी के बारे में बताने वाले हैं कि अभिवृत्ति का महत्व क्या होता है जिसे पढ़कर आप लोग आसानी से जान सकते हैं कि अभिवृत्ति का महत्व क्या होता है तो आइए हम आप लोगों को नीचे बिंदु के आधार पर बताते हैं कि अभिवृत्ति का महत्व क्या होता है I
अभिवृत्ति का महत्व /importance of attitude.
1.इनके मानसिक और सामाजिक दोनों पहलू हैं।
2.अभिवृत्ति किसी व्यक्ति, घटना, विचार या वस्तु के प्रतिकूल अथवा अनुकूल भावना प्रदर्शन करती है।
3.ये स्थायी होते हुये भी रूप परिवर्तन करती रहती हैं।
4.यह व्यक्ति की सहज अनुक्रिया है।
5.अभिवृत्तियों का सम्बन्ध मनोभावों से होता है।
6.अभिवृत्ति जन्मजात या अर्जित दोनों होती है।
7.अभिवृत्ति व्यक्तिगत या सामूहिक दोनों प्रकार की होती है।
वैज्ञानिक अभिवृत्ति के घटक /components of scientific attitude.
वैज्ञानिक अभिवृत्ति के कौन-कौन से घटक होते हैं इसके बारे में हम आप लोगों को बताने वाले हैं क्योंकि बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि वैज्ञानिक अभिवृत्ति के कौन कौन से घटक होते हैं इसलिए हम आप लोगों को बताएंगे कि वैज्ञानिक अभिवृत्ति के कौन कौन से घटक होते हैं जिससे आप लोग आसानी से जान सकते हैं कि वैज्ञानिक अभिवृत्ति के कौन कौन से घटक होते हैं तो आइए हम आप लोगों को उन घटकों को नीचे पॉइंट के आधार पर बताते हैं I
1.वस्तुनिष्ठता /objectivity.
वैज्ञानिको द्वारा आकंडे एकत्र करके उसी आशिंक अभिवृत्ति से व्याख्या नही करते। यही वस्तुनिष्ठता हैं। एसे व्यक्ति चितंन मे स्वतंत्र तथा किसी भी अभिवृत्ति के प्रति पक्षपात द्वेष नहीं रखते तथा तटस्थ एवं अव्यक्तिक होते हैं।
2.जिज्ञासा / Curiosity.
यह एक स्वाभाविक इच्छा है। बालक बडे जिज्ञासु होते हैं , वे नवीन ज्ञान को र्गहण करने के लिये अथवा ज्ञान की अभिवृत्ति करने के लिये सदैव अध्ययनरत एवं चिन्तनरत रहते हैं। जिज्ञासा खेल के लिये र्पेरणा होती है।
3.धैर्य /Patience.
वैज्ञानिक मे धैर्य का होना नितान्त आवश्यक समझा जाता है। धेर्य वैज्ञानिक अनुसधांन की महत्वपूर्ण कड़ी है ।
4.वैज्ञानिक स्पष्टीकरण मे रूचि /interest in scientific explanation.
वैज्ञानिक अभिवृत्ति रखने वाला व्यक्ति वैज्ञानिक स्पष्टीकरण मे विश्वास रखता है। प्रत्येक घटना को निष्पक्ष प्रयोग आश्रित ढगं से देखता हे। एसे व्यक्ति मात्र किसी विचार या व्याख्या पर निर्भर नहीं रहते हें।
5.निलम्बित निर्णय /suspended judgment.
एक जिज्ञासु व्यक्ति नवीन प्रमाण के सन्दर्भ मे किसी भी तथ्य की वस्तुनिष्ठता एवं वैधता को निर्धारित करना चाहेगा। यदि नवीन प्रमाण उन विचारो को बल प्रदान करते हें तो वह अपनी राय बदलना चाहेगा।
6.उदार मनोवृत्ति /liberal attitude.
वैज्ञानिक अपने विचारो को पूर्वार्गहो से मुक्त रखते हैं। वैज्ञानिक ऐसा तब तक नही करते जब तक कि स्वयं प्रयोगो के आधार पर उनकी सत्यता की जाँच नहीं कर लेते हैं।
7.अंधविश्वासों से मुक्ति /freedom from superstitions.
समाज मे रहने वाले व्यक्तियों द्वारा सामाजिक रूप से परम्परागत रूढीवादी विचारधाराओं को ज्यों का त्यों स्वीकार कर लिया जाना ही अन्धविश्वास है।
8.समस्याओं का क्रमबद्ध समाधान /systematic solution of problems.
समस्याओं को भली-भांति समझकर ही उसका समाधान करना चाहिये। समस्या के सम्बन्ध मे विचार-विमर्श एवं तर्क-वितर्क करने के पश्चात उसकी व्याख्या करनी चाहिये। व्याख्या से समस्या के विभिन्न पदो को प्राथमिकता के आधार पर क्रमबद्ध करके समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया जाना चाहिये।
9.बोद्धिक सत्यवादिता /intellectual truthfulness.
वैज्ञानिक अपने द्वारा प्रतिपादित निष्कर्षो को अपनी रुचि या अरुचि से प्रभावित नहीं होने देते हैं। वैज्ञानिको का यही गुण ईमानदारी या सत्यवादिता का होता है I
अभिवृत्ति या मनोवृत्ति के कार्य /act of attitude.
हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि अभिवृत्ति या मनोवृत्ति के क्या कार्य होते हैं I क्योंकि लोग इसके बारे में नहीं जानते होंगे इसलिए हम आप लोगों को बताएंगे की अभिवृद्धि का मनोवृति के क्या कार्य होते हैं जिसे पढ़कर आप लोग बहुत ही आसानी से जान सकते हैं क्योंकि हम आप लोगो को उसके कार्य नीचे पॉइंट क आधार बताते हैं उस कार्य के बारे में हम आप लोगों को बहुत ही सरल तथा शुद्ध भाषा में बताएंगे जिससे आप लोगों को इसके बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त हो सके I क्योंकि बहुत लोग नहीं जानते होंगे कि अभिवृत्ति या मनोवृति के क्या कार्य होते हैं इसलिए आइए हम आप लोगों को बताते हैं कि अभिवृत्ति या मनोवृति के क्या कार्य होते हैं I
1.समायोजन कार्य /adjustment work.
मनोवृत्ति द्वारा व्यक्ति अपने कार्य वातावरण के अनुसार समायोजित होता हैं। जब मालिक कर्मचारियों के साथ उचित व्यवहार करेगा तो उनकी पर्यवेक्षक तथा संगठन के प्रति सकारात्मक मनोवृत्ति होगी। परन्तु जब उनके साथ अनुचित व्यवहार किया जाएगा तो उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाएगा तो कर्मचारियों की मनोवृत्ति नकारात्मक होगी। ये मनोवृत्ति कर्मचारी को वातावरण के अनुकूल समायोजित होने मे सहायता करती है तथा भविष्य के व्यवहार का आधार होती हैं।
2.मनोवृत्ति अर्थ का निर्धारण करती हैं /Attitude determines meaning.
मनोवृत्ति वातावरण में दिखने वाली वस्तुओं का अर्थ निर्धारित करती हैं। Favourable मनोवृत्ति से व्यक्ति अच्छा अर्थ तथा Unfavourable मनोवृत्ति से बुरा अर्थ निकालता हैं। कार्यस्थल में प्रबन्ध की ओर मनोवृत्ति कर्मचारी के प्रबन्ध संप्रेषण के प्रति प्रतिक्रिया को काफी प्रभावित करती हैं। अधिकतर स्थितियों में घोषणा को पूर्ण संदेह से देखा जाता हैं। अंधविश्वास एक मजबूत मनोवृत्ति हैं। ये अन्य व्यक्तियों की मनोवृत्ति होती हैं, जिसे हम नही बाँटते।
3.ज्ञान का कार्य /act of knowledge.
मनोवृत्ति को अक्सर ज्ञान की जगह समझा जाता हैं। ज्ञान के अभाव में, हम अपनी मनोवृत्ति द्वारा किसी वस्तु या व्यक्ति को समझते हैं या उसे संगठित करते हैं। जैसे, जो व्यक्ति परमाणु शक्ति के बारे में नहीं जानते वे इसे खतरनाक समझते हैं तथा इसका प्रयोग ऊर्जा स्त्रोत के रूप में करने का विरोध करते हैं। Stereotyping अन्य उदाहरण हैं। व्यक्ति के बारे में ज्ञान के बिना हम उसके बारे में निर्णय लेने में मनोवृत्ति का प्रयोग करते हैं।
4.मनोवृत्ति परस्पर कथनों का समाधान करती हैं /Attitudes resolve mutual statements.
अक्सर व्यक्तियों में परस्पर विरोधी विचार होते हैं। सही मनोवृत्ति वाले व्यक्ति ऐसी क्रियाओं का, जो अन्यों के लिए परस्पर विरोधी होती हैं, उनका समाधान करती हैं। जैसे, जब एक कर्मचारी थोड़ी देर के लिए विश्राम करता हैं, तो पर्यवेक्षक यह समझता है कि वह व्यर्थ बैठा हैं। इस प्रकार कर्मचारी अक्सर सोचता है कि पर्यवेक्षक उस पर गुप्त नजर रखता है या उसका मूल्यांकन करता हैं।
5.Ego-प्रतिरक्षात्मक कार्य /Ego-immune function.
यक्ति अपनी Self-image ही रक्षा के लिए कुछ मनोवृत्तियों का निर्माण करते हैं। जैसे, कर्मचारी अल्प-संख्यकों तथा स्त्री कर्मचारियों की भर्ती या उन्नति के डर ने नए कर्मचारियों के प्रति गलत धारणा विकसित कर सकते हैं। वे यह मनोवृत्ति बना सकते हैं कि नए कर्मचारी कम शिक्षित हैं या वे उनसे अनुचित व्यवहार कर सकते हैं। इस प्रकार की मैं स्थिति प्रतिरक्षात्मक मनोवृत्ति की रचना डर या दोष की भावना से निपटने के लिए की जाती हैं। जब तक इससे भावना को मिटाया नहीं जाएगा, तब तक मनोवृत्ति को बदला नही जा सकता।
6.मनोवृत्ति तथ्यों को संगठित करती हैं /Attitude organizes facts.
तथ्यों की व्याख्या, तथा शब्दों, विचारों तथा भावों के अर्थ निकालना, मूल रूप से उनके संगठन के ढंग पर निर्भर करता हैं। इस प्रकार सोच मनोवृत्ति काफी प्रभावित होती हैं। भिन्न मनोवृत्ति वाले व्यक्ति, घटनाओं को पृथक-पृथक तरीके से समझते हैं।
रुचि कितने प्रकार की होती है?
रुचि दो प्रकार की होती है – 1.जन्मजात रुचि 2. अर्जित रुचि। रुचि और ध्यान का घनिष्ठ सम्बन्ध हैं।
अभिवृत्ति के कितने संगठन तत्व माने जाते हैं?
अभिवृत्ति उन तीन संघटकों का स्थायी तंत्र हैं, जिन्हें संज्ञानात्मक भावात्मक तथा क्रियात्मक संघटर्क के रूप में जाना जाता है।
अभिवृत्ति के कितने प्रकार हैं?
अभिवृत्ति में सामान्यतः तीन तत्त्व होते हैं- संज्ञानात्मक, भावनात्मक व व्यवहारात्मक। विभिन्न अभिवृत्तियों की तीव्रता भिन्न-भिन्न होती है।
अभिवृत्ति के 3 पहलू कौन से हैं?
अभिवृत्ति के तीन पहलू होते हैं – संज्ञानात्मक, प्रभावी और व्यावहारिक ।
अभिवृत्ति क्या है Drishti IAS?
अभिवृत्ति का सामान्य अर्थ किसी मनोवैज्ञानिक विषय (अर्थात् व्यक्ति, वस्तु, समूह, विचार, स्थिति या कुछ और जिसके बारे में भाव आ सके) के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक भाव की उपस्थिति है।
अभिवृत्ति से क्या अभिप्राय है?
अभिवृत्ति का सामान्य अर्थ किसी मनोवैज्ञानिक विषय (अर्थात् व्यक्ति, वस्तु, समूह, विचार, स्थिति या कुछ और जिसके बारे में भाव आ सके) के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक भाव की उपस्थिति है।
अभिवृत्ति मापन क्या है?
अभिवृत्ति मापन की प्रविधियाँ (Techniques of Attitude Measurement)- यदि किसी निश्चित उद्देश्य हेतु विशाल समूह की किसी तथ्य पर अभिवृत्ति ज्ञात करनी हो, तो आवश्यकतानुसार उद्देश्य पूर्ति से सम्बन्धित अभिवृत्ति मापनी का निर्माण किया जाता है।
अभिवृत्ति कैसे बनती है?
अभिवृत्तियों का निर्माण व्यक्ति के द्वारा विगत में विभिन्न परिस्थितियों में अर्जित अनुभवों को सामान्यीकृत करने के फलस्वरूप होता है। अभिवृत्ति के निर्माण में व्यक्ति के व्यवहार के प्रत्यक्षात्मक , संवेगात्मक , प्रेरणात्मक तथा क्रियात्मक पक्ष निहित रहते हैं।