किसी नेटवर्क को तैयार करने में सबसे अधिक महत्वपूर्ण कारक उसकी संरचना होती है यह वह तरीका है जिसमें नेटवर्क के कंप्यूटर को जोड़ा जाता है मूल रूप से तीन प्रकार की संरचनाएं होती हैं जिनमें से नेटवर्क के ऊपर को जोड़ा जाता है जो नीचे उस के माध्यम से दी गई हैं।
- स्टार नेटवर्क टोपोलॉजी।
- बस नेटवर्क टोपोलॉजी।
- रिंग नेटवर्क टोपोलॉजी।
- मेश नेटवर्क टोपोलॉजी।
- ट्री नेटवर्क टोपोलॉजी।
network topology क्या है हम और आप लोग इस विषय पर आज बात करने के लिए आए हैं तो सबसे पहले हम लोग इस बात को जान लेते हैं कि नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार कितने हैं या इस प्रकार से कार्य करता है तथा उसका परिचय क्या है इन सारी चीजों को जानने के बाद उसका लाभ क्या है और इसका टेक्नोलॉजी के प्रकार कितने हैं इस से क्या-क्या फायदा होगा क्या क्या लाभ होगा और किस प्रकार से इसको आप बस में यह सर्विसेज में कथा की सर्विस में किस प्रकार उपयोग कर सकते हैं इन सारी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त किया जाएगा और इस प्रकार से वायरस का नेटवर्क का पूरा जानकारी में आप लोग जो कि दिया जाएगा।
कंप्यूटर नेटवर्क का परिचय(introduction)
कोई नेटवर्क एक से अधिक बिंदुओं वस्तु या व्यक्तियों को आपस में इस प्रकार जोड़ता है कि उनमें से प्रत्येक किसी दूसरे के साथ सीधा संबंध बना सकें प्रत्येक नेटवर्क का एक निश्चित उद्देश्य होता है कंप्यूटर नेटवर्क से हमारा तात्पर्य आसपास या दूर बिखरे हुए कंप्यूटर को इस प्रकार जोड़ने से है कि उनमें से प्रत्येक कंप्यूटर किसी दूसरे कंप्यूटर के साथ स्वतंत्र रूप से संपर्क बनाकर सूचनाओं का आदान प्रदान कर सके और एक दूसरे के साधन तथा सुविधाओं को साझा कर सकें।

कंप्यूटर नेटवर्क बुक योग कर्ताओं कंप्यूटर से भिन्न होता है वह उपयोगकर्ताओं कंप्यूटर में कंप्यूटर एक ही होता है जो अपने अपने टर्मिनल से अनेक उपयोगकर्ताओं द्वारा एक साथ उपयोग किया जाता है उस कंप्यूटर का समय प्रत्येक उपयोगकर्ता में इस प्रकार बढ़ जाता है कि सबसे कार्य एक साथ होता रहता है यह वैसा होता है मालूम पड़ता रहे इसके विपरीत कंप्यूटर नेटवर्क एक से अधिक कंप्यूटरों को किसी संचार माध्यम से आपस में इस प्रकार जोड़ता है कि मैं अपना संदेश दूसरे को भेज सके तथा उनसे प्राप्त भी कर सकें एक सामान्य कंप्यूटर नेटवर्क की कार्यप्रणाली दिखाई गई है किसी कंप्यूटर नेटवर्क के कंप्यूटर अपने नेटवर्क में रहते हुए दूसरे नेटवर्क के कंप्यूटर के साथ भी संपर्क कर सकते हैं वह उपयोगकर्ता सिस्टम और नेटवर्क में मूल अंतर है उपयोगकर्ता सिस्टम में कोई उपयोगकर्ता केवल एक ही कंप्यूटर के साधन का लाभ होता है वही वह किसी कंप्यूटर नेटवर्क में एक से अधिक कंप्यूटर की सेवाओं और साधनों का लाभ उठा सकते हैं एक प्रकार से कंप्यूटर नेटवर्क बहुत योग करता सिस्टम का अलग चरण है हालांकि दोनों का कार्य पद्धति में जमीन आसमान का अंतर होता है कंप्यूटर तथा संचार तकनीकी के विलेज ने कंप्यूटर सिस्टम को संगठित करने की विधि पर सार्थक प्रभाव डाला है नेटवर्क का निर्माण केवल कंप्यूटर सुविधा का साझा करने के लिए नहीं किया जाता बल्कि इसका एक प्रभाव प्रारंभिक उद्देश्य किसी संगठन के भीतर और बाहर सूचनाओं के प्रवाह में सुधार करना होता है इस प्रकार या सूचना प्रौद्योगिकी इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक महत्वपूर्ण विकास है।
नेटवर्क तकनीकी की चर्चा हम तीन विभिन्न प्रकार से सोच चुनाव के स्थानांतरण के रूप में कर सकते हैं ध्वनि वाइज डाटा कथा वीडियो बहुत से संगठन जो अधिक दक्षता और कम खर्चा वाला संचार संपर्क चाहते हैं इन तीनों प्रकार के सूचना स्थानांतरण का लाभ लेने के इच्छुक हो सकते हैं यद्यपि इन तीनों की तकनीकों में आपस में बहुत अंतर है लेकिन इनमें से दो मुख्य साधन और डाटा को एक साथ में लाना कठिन नहीं और कई मामलों में तो 3 को मिला दिया जाता है केवल धन वाले नेटवर्क अर्थात टेलीफोन सबसे अधिक प्रचलित है और यह इस समयसबसे अधिक फैले हुए नेटवर्क है लेकिन हम यहां केवल ऐसे नेटवर्क का चर्चा करेंगे जो कंप्यूटर आधारित हैं और जिनमें से अंखियां डाटा को संचालित किया जाता है किसी नेटवर्क में डाटा के ट्रांसफर की मूल तकनीकी को पैकेट स्विचिंग कहा जाता है किसी उपयोगकर्ता द्वारा भेजे जाने वाले डाटा जिसे प्राया संदेश कहा जाता है कुछ छोटी इकाइयों में तोड़ा जाता है जिन्हें पैकेट कहते हैं प्रत्येक पैकेट को अलग अलग मानकर किसी निश्चित पते पर नेटवर्क के माध्यम से भेजा जाता है इन पैकेट को एक पैकेट स्विचिंग एक्सेस पीएससी से दूसरे तक भेजा जा सकता है तथा जब तक अपने निश्चित गंतव्य डिस्टेंस तक ना पहुंच जाए प्रत्येक एक्सचेंज में पैकेट की जांच की जाती है और फिर आगे भेज दिया जाता है।
स्टार टोपोलॉजी क्या है।/What is Star Topology?
इस प्रकार के नेटवर्क में सभी कंप्यूटरों तथा उपकरणों को एक बड़े केंद्रीय कंप्यूटर जिससे मेजबान कंप्यूटर होस्ट कंप्यूटर या सर्वर कहा जाता हैसे जोड़ा जाता है जो कि उन्हें नियंत्रित करता है तथा उनके बीच डेटा के संचार को नियमित करता है मैं एक स्टार नेटवर्क दिखाया गया है ऐसे नेटवर्क में प्रत्येक बिंदु किसी दूसरे बिंदु तक केवल में जवान कंप्यूटर के माध्यम से सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकते हैं इस नेटवर्क का कार्य स्पष्ट रूप से केंद्रीय कंप्यूटर के ऊपर निर्भर करता है और किसी जुड़े हुए उपकरण या केबल की असफलता से नेटवर्क बहुत कम प्रभावित होता है ऐसे नेटवर्क का विस्तार करना सरल है।
या संरचना ऐसे संगठनों के लिए बहुत उपयोगी है जहां एक बड़े कंप्यूटर के मास्टर डाटा व्यस्त रखा जाता है सुरक्षित नियंत्रित तथा देखरेख की दृष्टि से यह सबसे अच्छा माना जाता है भारत में रेलों के आरक्षण में इसी संरचना का प्रयोग किया गया स्टार नेटवर्क की सबसे बड़ी कमी यह है कि केंद्रीय कंप्यूटर के विफल हो जाने पर पूरा नेटवर्क ही विफल हो जाता है।
बस टोपोलॉजी क्या है?/What is Bus Topology?
इस प्रकार के नेटवर्क में सभी कंप्यूटर और टर्मिनल को एक साझा संचार चैनल से जोड़ा जाता है जैसे कि चित्र 10 पॉइंट 3 मेंदिखाया गया है ऐसे नेटवर्क में कोई केंद्रीय कंप्यूटर नहीं होता है इसमें केवल की लंबाई न्यूनतम होती है इसमें चैनल काट दिए जाने पर नेटवर्क विफल हो जाता है लेकिन किसी एक कंप्यूटर या टर्मिनल के कट जाने पर नेटवर्क ज्यादा प्रभावित नहीं होता है ऐसे नेटवर्क का विस्तार कर के टर्मिनल को जोड़ना भी सरल हो जाता है किसी बहू मंजिली इमारत में नेटवर्क स्थापित करने के लिए सामान्य 23 संरचना का उपयोग किया जाता है।
रिंग टोपोलॉजी क्या है?/What is Ring Topology?
इस प्रकार के नेटवर्क में कंप्यूटर को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि वह कुल मिलाकर एक बंद घेरे या वाले का रूप ले लेते हैं नेटवर्क दिखाया गया है इसमें कोई भी केंद्रीय कंप्यूटर नहीं होता है इस नेटवर्क की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें सभी बिंदिया कंप्यूटर बराबर होते हैं हालांकि इसमें कोई सरवर भी हो सकता है ऐसे नेटवर्क में डाटा का प्रवाह केवल एक ही दिशा में होता है और प्रत्येक कंप्यूटर एक रिपोर्टर की तरह डाटा को अलग भेज देते हैंसंचार पूरा होने पर भोजन वाले कंप्यूटर संदेश पहुंच जाने की सूचना प्राप्त कर लेता है इस नेटवर्क की सबसे बड़ी कमी यह है कि यह एक कंप्यूटर के विफल हो जाने पर पूरे नेटवर्क की विफल हो जाता है लेकिन इस समस्या को बाईपास के बिलों का प्रयोग करके हल किया जाता है प्रत्येक बाईपास केबिन किसी एक कंप्यूटर को बाईपास करता है जैसे कि वह कंप्यूटर विफल होता हैबाईपास केवल चालू हो जाता है और नेटवर्क का कार्य चलता रहता है इन संरचनाओं के परस्पर मेल से अन्य कई प्रकार की संरचना तैयार होती हैं ऐसे नेटवर्किंग की विशेषताओं के
मेष टोपोलॉजी क्या?/what is mesh topology
मेष टोपोलॉजी में प्रत्येक उपकरण एक दूसरे उपकरण से कनेक्ट रहते हैं तथा कंप्यूटर से कनेक्ट रहते हैं और मैं इस प्रकार से एक दूसरे से संपर्क में रहते हैं और वह एक दूसरे से किसी भी प्रकार से किसी भी पद से संपर्क में आ सकते हैं चाहे वह किसी भी प्रकार से उन्हें जुड़ ना पड़े यह एक बहुत ही अच्छी प्रकार की टेक्नोलॉजी है नेटवर्क केक्षेत्र में जो नीचे निम्न प्रकार से दिया।
ट्री टोपोलॉजी क्या है?/What is Tree Topology?
एक ट्री टोपोलॉजी लीनियर बस और स्टार टोपोलॉजी की विशेषताओं को जोड़ती है। ट्री टोपोलॉजी में, स्टार नेटवर्क का एक समूह लीनियर बस बैकबोन से जुड़ा हुआ होता है। ट्री टोपोलॉजी उपयोगकर्ता को आवश्यकताओं के आधार पर मौजूदा नेटवर्क को विस्तारित और कॉन्फ़िगर करने में सक्षम बनाता है।
नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार/types of network topology.
नेटवर्क को उनके कंप्यूटरों की भौगोलिक स्थिति के अनुसार मुख्यता दो श्रेणियों में बांटा जाता है जो नीचे लिस्ट के माध्यम से दिए गए हैं।
- लोकल एरिया नेटवर्क एल ए यन।
- वाइड एरिया नेटवर्क डब्ल्यू ए एन।
लोकल एरिया नेटवर्क(local area network)–ऐसे नेटवर्क ओं को सभी कंप्यूटर एक सीमित क्षेत्र में स्थित होते हैं या क्षेत्र लगभग 1 किलोमीटर की सीमा में होना चाहिए जैसे कोई बड़ी बिल्डिंग जो बिल्डिंगों का समूह लोकल एरिया नेटवर्क से जोड़ा गया और करोड़ों की संख्या अलग-अलग हो सकती है इन उत्पादों की किसी संचार केबल द्वारा जोड़ा जाता है लोकल एरिया नेटवर्क के द्वारा कोई संगठन अपने कंप्यूटर टर्मिनल लो कार्य स्थलों तथा अन्य बाहरी उपकरणों को 110 तथा विधि से जोड़ा जाता है ताकि में आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान कर सके तथा सबको सभी साधनों का लाभ मिल सके।
वाइड एरिया नेटवर्क(wide area network)–वाइड एरिया नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर तथा उपकरण एक दूसरे से हजारों किलोमीटर की भौगोलिक दूरी पर भी स्थित हो सकते हैं इनका कार्य क्षेत्र कई महाद्वीपों तक फैला हो सकता है या एक बड़े आकार का डाटा नेटवर्क होता है इसमें डाटा के संचरण की दर लोकल एरिया नेटवर्क की तुलना में कम होती है अधिक दूरी के कराया इनमें माइक्रोवेव स्टेशनों या संचार उपग्रह कम्युनिकेशन स्किल टेस्ट का प्रयोग संदेश आगे भेजने वाले स्टेशनों की तरह किया जाता है माइक्रोवेव नेटवर्क दो दिलों के बीच आवाज या डाटा को रेडियो तरंगों के रूप में भेजते हैं प्रत्येक टावर उस संदेश को प्राप्त करके नेटवर्क 2 जिले उत्तेजित करता है और फिर आगे भेज देता है।
विश्वव्यापी डाटा कम्युनिकेशन नेटवर्क को का महत्व दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है वह आजकल वह वित्तीय जगत शेयर मार्केट बैंक वित्तीय संस्थानों आदि के लिए अनिवार्य हो गए हैं इनके अलावा शिक्षा और शोध के उद्देश्य से भी वाइड एरिया नेटवर्क स्थापित किए गए हैं इंटरनेट नामक नेटवर्क आजकल सबसे अधिक लोकप्रिय।
नेटवर्क टोपोलॉजी के लाभ/Advantages of Network Topology
कंप्यूटर की नेटवर्किंग से हमें निम्नलिखित लाभ होते हैं जो नीचे लिस्ट के माध्यम से दिए गए हैं।
- साधनों का साझा रिसोर्सेज शेयरिंग।
- डाटा का तीव्र संप्रेषण।
- विश्वसनीयता।
साधनों का साझा/( resources shearing)–हम नेटवर्क की किसी भी कंप्यूटर से जुड़े हुए साधनों का उपयोग नेटवर्क के अन्य कंप्यूटर पर कर ते हुए कर सकते हैं उदाहरण के लिए याद किसी कंप्यूटर के साथ लेजर प्रिंटर जुड़ा हुआ है तो नेटवर्क के अन्य कंप्यूटर से उसे सेंटर पर कोई भी सामग्री छापी जा सकती है
डाटा का तीव्र संप्रेषण(speedy transmission of data)–कंप्यूटरों की नेटवर्किंग से 2 कंप्यूटरों के लिए सूचना का आदान प्रदान तीव्र तथा सुरक्षित रूप से होता है इससे कार्य की गति तेज होती है और समय की बचत होती है।
विश्वसनीयता(really ability)- नेटवर्किंग में किसी फाइल की दो या अधिक प्रतियां अलग-अलग कंप्यूटर पर स्टोर की जा सकती है यदि किसी कारणवश एक कंप्यूटर खराब है अपने देश में विफल हो जाता है तो वह डाटा दूसरे कंप्यूटर से प्राप्त हो सकता है इस प्रकार नेटवर्क के कंप्यूटर एक दूसरे के लिए बैकअप का कार्य कर सकते हैं जिससे कि उनकी विश्वसनीयता बढ़ती है।
नेटवर्क टोपोलॉजी पर टिप्पणी लिखिए।Write a note on network topology.
अगर हम नेटवर्क टोपोलॉजी की बात करनी तो यह एक प्रकार सेनेटवर्क की संरचना होता है कि किस प्रकार से नेटवर्क को जोड़ा जाए जिससे कि एक दूसरे में संपर्क स्थापित किस प्रकार से बेहतर बनाया जा सके इसके लिए कई प्रकार की विधियां बहुत चर्चा में आई है जैसे स्टार नेटवर्क विधि बस नेटवर्क टोपोलॉजी विधि तथा तीसरी है रिंग नेटवर्क टोपोलॉजी विधि तथा नेटवर्क टोपोलॉजी विधि नेटवर्क टोपोलॉजी इस प्रकार की संरचना जो होती है किस प्रकार से जुड़े संरचना के नाम इस प्रकार से कंप्यूटर को तथा अन्य को जोड़ा जाए जिससे कि नेटवर्क की उपलब्धि अब हम आप लोगों को इस प्रकार के बारे में बताना चाहते हैं जिससे क्लाइंट सर्वर नेटवर्क क्या है उसके संबंध क्या है वायरलेस नेटवर्किंग क्या है इन सारी चीजों के बारे में आप लोगों को जानकारी देंगे जो कि नीचे गिर जाएगा।
क्लाइंट सर्वर नेटवर्किंग(client server networking)
कोई क्लाइंट सर्वर नेटवर्क एक ऐसी नेटवर्किंग संरचना होती है जिसमें कंप्यूटर को सर्वर और क्लाइंट नामक दो श्रेणियों में बांटा जाता है और दोनों को अलग-अलग पहचाना जाता है क्लाइंट सर्वर संबंध दो कंप्यूटर के बीच एक ऐसा संबंध होता है जिसे कंप्यूटर क्लाइंट कहते हैं दूसरे कंप्यूटर जिसे सर्वर कहा जाता है से कोई सेवा देने का अनुरोध करता है और दूसरा कंप्यूटर को सेवा सेवा उपलब्ध कराता है किसी नेटवर्क में क्लाइंट सर्वर मॉडल ऐसे प्रोग्राम को चलाने में बहुत सुविधाजनक हैं जो अनेक संस्थानों पर अपनी सेवाएं देते हैं जैसे ईमेल वास्तव में इंटरनेट की अधिकांश उपयोग क्लाइंट सर्वर मॉडल पर ही आधारित होते हैं उदाहरण के लिए कोई ब्राउज़र प्रोग्राम उपयोगकर्ता के कंप्यूटर में एक क्लाइंट प्रोग्राम है जो कि किसी भी व्यवसाय से वंचित सूचनाएं देने का अनुरोध करता है सभी इंटरनेट एप्लीकेशन जैसे एचटीटीपी एस एम पी पी एस सी मॉडल पर कार्य करते हैं और संसार में किसी भी उपयोगकर्ता को कोई भी सूचना उपलब्ध करा देते हैं नेटवर्क कंप्यूटर में सबसे अधिक अधिकतर व्यापारी उपयोग के लिए तैयार किए हैं मूल विचार यही है कि अधिक कोई सूचना देने का अनुरोध करता है तो उसे सूचना उपलब्ध करा दें ताकि इस में लागू किया जा सकता है लेकिन सबका समान है क्लाइंट सर्वर मॉडल के अंतर्गत क्लाइंट सर्वर दोनों प्रकार के कंप्यूटर का कार्य होता है किसी भी कंप्यूटर में विशेषताएं पाई जाती।
- या किसी अनुरोध को उत्पन्न करता है और भेजता है
- अनुरोध के उत्तर की प्रतीक्षा करता है और उत्तर आने पर उसे ग्रहण करता है।
- किसी समय सामान्यता कम संख्या में स्वरों से जुड़ा होता है।
- सामान्यता ग्राफिकल यूजर इंटरफेस से वास्तविक उपयोगकर्ता से संवाद करता है इसकी तुलना में सरवर कंप्यूटर में निम्नलिखित विशेषताएं पाई जाती है।
- या किसी अनुरोध की गतिविधि को कभी प्रारंभ नहीं करता है।
- नेटवर्क पर आने वाली सभी संदेश को पड़ता है या ग्रहण करता है परंतु केवल उनका ही उत्तर देता है जो किसी भी अधिकृत प्लांट से आए हो।
- जुड़े हुए क्लाइंट के अनुरोध की प्रतीक्षा करता है और उनका उत्तर देता है।
- कोई सरवर किसी क्लाइंट कंप्यूटर को डाटा ट्रांसफर कर सकता है क्या प्रोग्राम चला सकता है और बंद भी कर सकता।
पीयर टो पीयर नेटवर्क (pear to peer network)
क्लाइंट सर्वर नेटवर्क संरचना का एक विशेष प्रकार भी प्रचलन में है जिससे नेटवर्क का प्रत्येक कंप्यूटर समय-समय पर क्लाइंट और सरवर दोनों तरह की जिम्मेदारियां निभाते इस संरचना को पियर पियर या पीर टो पीर नेटवर्क कहा जाता है इस तरह के नेटवर्क ज्यादातर ऑडियो वीडियो या डिजिटल डाटा को शेयर करने के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं इन दोनों प्रकार के संरचनाओं का व्यापक उपयोग किया जाता है।
इथरनेट नेटवर्किंग(Ethernet networking)
इथरनेट फ्रेम आधारित कंप्यूटर नेटवर्क ओं का एक परिवार होता है जो मुख्यता लोकल एरिया नेटवर्क ओ में प्रयुक्त किया जाता है इस प्रकार के नेटवर्क में ही था नामक तत्व के भौतिक गुणों की नकल की जाती है इसलिए इसे इथरनेट नेटवर्किंग कहा जाता है इसके अंतर्गत नेटवर्क के फिजिकल लेयर के लिए कई वायरिंग औरसिग्नल विंग मान को अथवा नियमों को परिभाषित किया गया है इनमें डाटा लिंक लेयर या मीडिया एक्सेस कंट्रोल में नेटवर्क एक्सेस के नियमों और सामान ऐड्रेस इन फॉरमैट शामिल हैं इन नियमों के चरण इस नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर अपनी पूर्ण क्षमता के साथ आपस में संपर्क करते हैं इंटरनेट केबल सामान्यता rj45 कनेक्टर का उपयोग करते हैं
इथरनेट को इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग द्वाराieee802.3नाम से माने कृत किया गया है इसमें प्राया ट्विस्टेड पैर केबल द्वारा नेटवर्क के अधिकांश हिस्सों को जोड़ा जाता है और बैकबोन के लिए फाइबर ऑप्टिक केबल ओं का प्रयोग किया जाता है या अन्य ट्रकों से सस्ता होता है और 1980 के आसपास में प्रयोग में लाया जा रहा है या तेजी से लोकल एरिया नेटवर्क से अन्य तकनीकों जैसे टोकन रिंग एल्कीन का स्थान लेता जा रहा है
इथरनेट मूलता एक साझा को एक्सएल केबल जो एक ब्रांड बेड ट्रांसमिशन माध्यम की तरह कार्य कर रहा है के द्वारा कंप्यूटर की आपसी संपर्कों के विचार पर आधारित है इसमें जिन विधियों का प्रयोग किया जाता है वह रेडियो सिस्टम उससे मिलते जुलते हैं हालांकि इनमें कई मौलिक अंतर भी है जैसे केवल आधारित प्रसारण में टकराव को पहचानना रेडियो प्रकार की अपेक्षा अधिक सरल साधा केवल की कम्युनिकेशन माध्यम बना था तथा इधर से मिलता जुलता है इसीलिए उसका नाम इथरनेट रखा गया है
इस साधारण विचार से प्रारंभ हुई या तकनीक समय के साथ-साथ जटिल नेटवर्किंग तकनीकों में बदल गई है और आजकल अधिकांश लोकल एरिया नेटवर्क में इसका उपयोग किया जा रहा है स्थापना खर्च घटनाओं और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए कोई विकल्प के बलों को इधर नेट हगो से जुड़े हुए point-to-point लिंक को से बदल दिया गया है इससे नेटवर्क का प्रबंध करना और संकटों का समाधान करना भी सरल हो जाता हैजो कि कोर्सिकल बस के अस्थान पर उपयोग में लाए गए थे ट्विस्टेड पैर केबल के उपयोग में नेटवर्क के स्थापना खर्च को नाटकीय रूप से कम कर दिया है।
मोती क्लियर के ऊपर इथरनेट स्टेशन एक दूसरे को डाटा पैकेज भेज कर आपस में संपर्क करते हैं डाटा पैकेट डाटा ऐसे हैं जो स्वतंत्र रूप से भेजे और प्राप्त किए जाते हैं आई ट्रिपल ई 802 तकनीकी ले लो की तरह प्रत्येक इथरनेट स्टेशन 48 एमएससी पति द्वारा पहचाना जाता है प्रत्येक डाटा पैकेट के स्रोत और गंतव्य को बताने में प्रयोग किया जाता है नेटवर्क इंटरफेस कार्ड या चिप्स सामान्यता ऐसे डाटा पैसों को स्वीकार नहीं करते जो अन्यथा इथरनेट स्टेशनों को भेजा गया हो अर्थात जिन पर गंतव्य के रूप में किसी अन्य इथरनेट स्टेशन का पता दिया गया हो जो सन 1990 के दशक में प्रयोग किया जाता था इसमें क्वेक्स कल और ट्विस्टेड बियर दोनों प्रकार के के बलों का उपयोग किया जाता है इथरनेट नेटवर्किंग को बढ़ाते हुए उपयोग के कारण आजकल सभी मदरबोर्ड निर्माता अपने मदरबोर्ड में भी एडमिट कार्ड के कार्यों को शामिल करते हुए इसीलिए अब अलग से नेटवर्क कार्ड लाने की आवश्यकता नहीं।
वायरलेस नेटवर्किंग(wireless networking)
वायरलेस नेटवर्क कोई ऐसा कंप्यूटर नेटवर्क होता है जिसमें कंप्यूटर को परस्पर करने के लिए तारों का प्रयोग नहीं किया गया है इस प्रकार वायरलेस नेटवर्किंग टेली कम्युनिकेशन नेटवर्क की वह तकनीकी है जिसमें किसी तार का प्रयोग किए बिना नोटों को आपस में जोड़ जाता है वह लैस नेटवर्किंग तकनीकी का प्रयोग किताब मोबाइल फोनों के संदर्भ में किया जाता है एकवायरलेस नेटवर्क दिखाया गया है कंप्यूटर नेटवर्क के क्षेत्र में इनका प्रयोग सामान्यता लैपटॉप कंप्यूटर के लिए किया जाता है लैपटॉप कंप्यूटर क्योंकि एक जगह स्थिर नहीं रहता इसीलिए तारों का उपयोग करने वाले नेटवर्क तकनीकी का प्रयोग उनका नेटवर्क बनाने में नहीं किया जा सकता इसीलिए कंप्यूटर के क्षेत्र में वायरलेस नेटवर्किंग का महत्व तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि लैपटॉप कंप्यूटर की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।