पीलिया के लक्षण हेपेटाइटिस(hepatitis)एक वायरल( viral)रोग है जिसे सामान्य भाषा में पीलिया जॉन्डिस (jaundice) भी कहा जाता है यह यकृत का एक खतरनाक रोग है जिसे भारत में हर वर्ष हजारों लोगों की मृत्यु हो जाती है ऐपेटाइज के प्रति लोगों को लोगों की अज्ञानता रहा है कई लोग पीलिया की समस्या का उपचार करने के लिए केवल घरेलू उपचार या नुस्खे ही अपना आते रहते हैं और आखिरी में पीलिया के कारण लीवर पूरी तरह खराब होने के बाद उसी डॉक्टर के पास जाते हैं और जब तक डॉक्टर के पास जाते हैं तब तक यह पता होता है कि उनकी मृत्यु हो गई इसीलिए मैं आप लोगों को आज पीलिया से निजात दिलाने के लिए उनके कुछ लक्षणों के बारे में बताना चाहूंगा जो नीचे एक लिस्ट के माध्यम से दिया गया
- बदन दर्द होना
- सर दर्द होना
- कमजोरी और थकान लगना
- जी मत चलाना इत्यादि
पीलिया के लक्षण उपचार
जब हम लोग पीलिया के लक्षण एवं उसके उपचार के बारे में जानकारी लेना चाहेंगे तो हम लोग या भी जानना चाहेंगे कि पीलिया कितने प्रकार का होता है तो तथा उसके पीलिया के कितने लक्षण होते हैं तथा क्या-क्या लक्षण होते हैं तथा पीलिया होने का क्या कारण होता है उसके कारण को जानकारी में लेंगे तत्पश्चात उसके चिकित्सा अथवा उपचार के बारे में हम लोग सोचेंगे उसके बाद उसकी सावधानियां तथा खानपान पर भी हम लोग ध्यान देंगे इसीलिए सबसे पहले मैं आप लोगों को उनके प्रकार के बारे में बताना चाहूंगा फिर लक्षण फिर उपचार फिर कर फिर सावधानियों के बारे में आप लोगों को बताऊंगा जो नीचे एक एक करके स्टेप बाय स्टेप बताना चाहूंगा
स्टेप number first पीलिया के प्रकार
सबसे पहले हम आप लोगों को पीलिया के प्रकार के बारे में बताएंगे कि पीलिया होता कितने प्रकार का है तो इसमें से यह पीलिया मुख्यता छह प्रकार का होता है पीलिया विषाणु जनित रोग होता है इसीलिए इन सब में कौन-कौन सी पी लिया कितनी खतरनाक तथा कितनी क्षतिग्रस्त होती है सब मैं आप लोगों को एक-एक करके बताऊंगा जो नीचे एक लिस्ट के माध्यम से दिए जाएंगे और आप लोग उनके नामों को जानकर बहुत ही अचंभित होंगे और हमें आशा है कि आप लोग इन सारी चीजों को बहुत ही सीरियसली जानकारी प्राप्त करेंगे कि पीलिया कितने प्रकार का होता है तथा कितना खतरनाक होता है
- हेपेटाइटिस ए hepatitis A
- हेपेटाइटिस बी hepatitis b
- हेपेटाइटिस सी hepatitis c
- हेपेटाइटिस डी hepatitis d
- हेपेटाइटिस ई hepatitis e
- हेपेटाइटिस जी hepatitis g
इसमें से सबसे खतरनाक एवं सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाने वाला पीलिया होता है हेपेटाइटिस बी जो लीवर को क्षति पहुंचाता है जिससे रोग की जो विशेषता होती है वह बढ़ जाती है और यह लीवर को बहुत ज्यादा क्षति पहुंचा देता है जिससे आदमी की मृत्यु भी हो सकती है इसीलिए पीलिया में हेपेटाइटिस बी जब सो जाए आपको तो आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें तथा बहुत ही अच्छे से उसकी जांच करवा लें नहीं तो आपके लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा और इस प्रकार से हमने आप लोगों को पीलिया के प्रकार के बारे में बताएं
स्टेप number second पीलिया के लक्षण

पहले स्टेप में हमने आप लोगों को पीलिया के प्रकार के बारे में बताया ठीक उसी प्रकार मैं आप लोगों को सेकंड स्टेप में पीलिया के लक्षणों के बारे में जानकारी देंगे की पीलिया का लक्षण क्या होता है जैसे कि अगर त्वचा का रंग पीला सा है आंख में पीलापन है और मूत्र पेशाब में यूरिन की मात्रा बढ़ गई है तथा पीले रंग के आए हो तो यह सब लक्षण हेपेटाइटिस पीलिया के लक्षण होते हैं हेपेटाइटिस के अन्य बहुत सारे लक्षण हैं जो मैं आप लोगों को नीचे लिस्ट के माध्यम से देना चाहूंगा
- बदन दर्द सर दर्द कमजोरी और थकान होना
- भूख कम लगना
- जी मत चलाना
- दस्त लगना या लूज मोशन loose motion होना अथवा कब्ज constiputionहोना
- बुखार होना
- पेट में दाएं तरफ ऊपर की और हल्का दर्द होना
- खुजली होना
- जोड़ों में दर्द होना
- हल्के रंग संभल होना
- चेहरा पीला होना इत्यादि
किस प्रकार से हम आप लोगों को बताना चाहता हूं कि पीलिया के यह सारे लक्षण को देखकर तथा पहचान कर आप लोग पीलिया के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आप लोगों से हमें आशा है कि आप लोग इन सारे लक्षणों को जानकर इसको हल करेला लेकर तुरंत आप लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएंगे और उसकी जांच करवाएंगे तत्पश्चात आपको इसकी जानकारी प्राप्त होगी और आप लोग इसका तुरंत इलाज करवाएंगे इसीलिए आप लोग इसी बीमारी के लक्षण को जानने तथा पहचानने के लिए हमारे ब्लॉक को पढ़ें जिससे आपको बहुत सारी जानकारी प्राप्त होगी
स्टेप नंबर 3 पीलिया के उपचार
जिस प्रकार हमने आप लोगों को स्टेप फर्स्ट तथा स्टेप सेकंड मेंरोगों के प्रकार तथा रोगों के लक्षणों के बारे में बताया है ठीक उसी प्रकार मैं आप लोगों को स्टेप 3 में पीलिया के उपचार चिकित्सा स्टेटमेंट एप्स हेपेटाइटिस के बारे में बताना चाहता हूं जो नीचे एक लिस्ट के माध्यम से दिया जाएगा जैसे रोग के रक्त का परीक्षण कर डॉक्टर यह जानता है कि आपको किस प्रकार का हेपेटाइटिस हुआ है तथा उसमें निम्नलिखित उपचार शामिल हो सकते हैं
- यदि रोगी को ज्यादा कमजोरी है तो डॉक्टर रोगी को भर्ती होने की सलाह दे सकते हैं
- केवल अपने डॉक्टरों द्वारा बताई हुई दवाओं का ही उपयोग करें अन्य दवाओं का उपयोग ना करें क्योंकि वह हमारे यकृत पर बुरा प्रभाव डालती हैं
- आराम ज्यादा से ज्यादा करें
- शराब का सेवन ना करें क्योंकि इससे लीवर को छत पहुंचती है
- ध्रुमपान का सेवन ना करें जहां पर कोई ग्रुप पान कर रहा हो उस से दूर रहें
- कम वसा युक्त तथा ज्यादा प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें
- रोगी को फल हरी सब्जियां और सब्जियों का सूप बनाकर देना चाहिए
- ज्यादा तेल भी और मिर्च मसाले युक्त आहार नहीं लेना चाहिए
और इस प्रकार से हमने आप लोगों को हेपेटाइटिस पीलिया के लक्षण और उपचार तथा प्रकारों के बारे में जानकारी दिया है जिससे आप लोग पीलिया को पहचान सके और उसका उचित इलाज कर सकें और हमें आशा है कि आप लोग इस संकेत के माध्यम से उसको पहचानेंगे और उसका उचित इलाज कर पाएंगे और आप लोगों को मैं इससे ज्यादा क्या कहूं मैं आप लोगों को यहीं पर कहना चाहूंगा कि आप लोग इन सारी चीजों को विस्तृत ढंग से पढ़ें और ऐसी ही अच्छी रोचक तथा विस्तृत जानकारी लेने के लिए आप लोग हमारे पोस्ट को लास्ट तक पढ़े तथा दूसरे पोस्ट को पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग पर आएं
स्टेप नंबर 4 पीलिया के कारण
स्टेप फर्स्ट सेकंड तथा थर्ड में हमने आप लोगों को पीलिया के प्रकार पीलिया के लक्षण एवं पीलिया के उपचार के बारे में जानकारी दिया है इसी प्रकार मैं आप लोगों को आज पीलिया के चौथे स्टेप में आपको पीलिया के कारण के बारे में जानकारी देना चाहूंगा कि उसके कारण हो सकते हैं जैसे कि आप लोगों को इस जानकारी को देने के लिए एक लिस्ट बना लूंगा जो नीचे दिया जाएगा तो सबसे पहले पीलिया हेपेटाइटिस रक्त में ब्लू रिबन की मात्रा बढ़ जाने के कारण होता है हेपिटाइटिस ब्रश का प्रवेश शरीर में पानी विशाल युक्त से शारीरिक संबंध या बच्चों को मां द्वारा होता है हेपेटाइटिस बी ए और हेपेटाइटिस बी खाने और पानी के द्वारा शरीर में पहुंचता है हेपेटाइटिस से साधारण था भारत में पाया जाता है इससे महामारी फैलने का खतरा रहता है पेट आईटीसी उन स्थानों पर पाया जाता है जहां सफाई आदि का प्रबंध ठीक ना हो हेपेटाइटिस बी और सी रक्त और रक्त में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं जैसे सुई की पूरी तरह कितना होना शरीर संबंध बनाने में और मां बच्चे होता है इसके अलावा टूटा लगाना पुराने रोजर का इस्तेमाल करना याद कारणों से भी और हेपेटाइटिस सी हो जाता है
- रक्त में ब्लू रेनbilirubin की मात्रा बढ़ जाना
- Hepatitisvirus का प्रवेश शरीर में पहुंचना
- विशाण युक्त सुई का प्रयोग करना
- मां के द्वारा बच्चों में दूध पीने के योग्य पहुंच जाना
- पुराने रोजर का इस्तेमाल करना
- टोटा लगाना
- पेशाब की थैली में सूजन के लक्षण / Symptoms of urinary tract inflammation
- सूजन में क्या नहीं खाना चाहिए (sujan main kya nahi khana chahiye in hindi) – rskg
- पत्थर जैसा सख्त खड़ा करने का प्राचीन फार्मूला ! pather jaisa khada karne ka prachin
- हाथ-पैरों में कमजोरी झुनझुनी का एहसास होना है किस बीमारी के लक्षण ( haath- pairo me jhunjhuni hina kis bimari ka lkshan hai in hindi)
सफेद पीलिया के लक्षण / white jaundice symptoms
मैं आपको बता दूं कि जिस प्रकार सेकाली पीलिया में लक्षण दिखाई देते हैं ठीक उसी प्रकार सफेद पीलिया में भी लक्षण दिखाई देते हैं मैं आप लोगों को यह बताना चाहता हूं कि सफेद पीलिया में शरीर में जितने भी भाग सफेद दिखने वाले हैं जिससे नाखून आंख का सफेद भाग तथा अन्य सारे सफेद भागवा पीला पड़ने लगता हैऔर शरीर में ब्लू रिंकी मात्रा बढ़ जाती है निश्चित रंजक कहा जाता है इसकी मात्रा बढ़ने पर शरीर में सफेद पीलिया हो जाता है इसका इलाज न करवाने पर इसका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और हमारा शरीर बहुत ही कमजोर पड़ जाता है जिससे कि हमारी मृत्यु भी हो सकती है इसीलिए मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि इसके लक्षणों को पहचाने उसके उपचार को करें जिससे कि आप लोग बहुत ही अच्छे से इस बीमारी का इलाज ढूंढ पाए तो मैं सबसे पहले आप लोगों को इसके लक्षण के बारे में बताना चाहता हूं जो लिस्ट के माध्यम से दिया गया है
- सफेद पीलिया में वजन घट जाता है
- पेशाब गाना एवं पीला होना
- त्वचा नाखून एवं आंख का सफेद भाग जल्द से पीला होना
- लीवर की बीमारियों की तरह इसमें भी पेट दर्द होना कमर दर्द होना तथा लीवर में दर्द होना
- सफेद पीलिया में तू जैसा लक्षण दिखाई देता है इसमें भूख कम लगता है खाना हजम नहीं होता है
- हाथों में खुजली होने लगता है
- पेट में दर्द होने लगता है
- बुखार बना रहता है
- भूख नहीं लगता है हमेशा थकान बना रहता है
काला पीलिया के लक्षण (hepatitis b) / Symptoms of black jaundice
काला पीलिया एक बहुत सामान पीलिया के लक्षण है तथा पीलिया का रोग है इसीलिए आप लोग इस से निजात पाने के लिए असामान्य डॉक्टरों के इलाज के वजह से हो जाता है इसीलिए मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि काला पीलिया होने के बहुत सारे लक्षण होते हैं जैसे सिरदर्द लोग रेट बुखार मछली होना उल्टी होना इत्यादि कम भूख लगना इसमें चेहरा पीला एवं शरीर हल्का पीला हो जाता है तथा आंखें का सफेद भाग पीला हो जाता है तथा पेशाब का रंग पीला हो जाता है इसका जो नाम होता है वह हेपेटाइटिस बी होता है इसीलिए लोग इसको काला पीलिया बोलते हैं हेपेटाइटिस बी के कुछ लक्षण में आप लोगों को नीचे बताना चाहता हूं जो एक लिस्ट के माध्यम से दिए गए हैं
- थकान कमजोरी भूख कम लगना
- मतली उल्टी होना
- मल हल्के रंग का होना
- पेट दर्द होना
- कब्ज बन्ना
- सिर दर्द होना
- गाड़ी रंग का मूत्र होना जलन होना
- खुजली होना
काली पीलिया के उपचार
कालीपीलिया के निम्नलिखित उपचार है जो लिस्ट के माध्यम से दिए गए हैं
- हल्दी का नियमित रूप से उपयोग करें
- अर्जुन की छाल का नियमित रूप से प्रयोग करें
- नीम से बनी हर चीज का प्रयोग करें जैसे दातुन पता एवं छाल
- नींबू तथा पाइनएप्पल के जूस का सेवन करें
- आंवले के रस का सेवन करें आंवला खाने
- मूली का रस एवं पत्ते का उपयोग करें
- टमाटर के रस का प्रयोग करें
पीलिया का इलाज पतंजलि / Jaundice Cure Patanjali
पतंजलि दवा आज की आयुर्वेदिक संस्थाओं में सबसे बड़ी कंपनी के रूप में उभर कर आई है क्योंकि इसमें बहुत ही अच्छी आयुर्वेदिक दवाओं का सर्जन देखा जाता है इसीलिए मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि बाबा रामदेव जी ने पतंजलि के दवा में सभी प्रकार के बीमारियों का इलाज जुड़ा है ठीक उसी प्रकार उन्होंने पीलिया जान डिसिस के इलाज को भी पतंजलि के रूप में ढूंढा है तो मैं आप लोगों को पीलिया की पतंजलि की कुछ दवाओं के बारे में आपको एक लिस्ट के बारे में बताना चाहता हूं कि आप लोगों को क्या खाना है क्या नहीं खाना है तथा किस प्रकार से उसका उपयोग करना है जो आप लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा और आप लोग इन सारी चीजों को बहुत ही अच्छे से लेंगे जो आप लोगों के लिए एक मिसाल के रूप में उतरेगी इसीलिए सबसे पहले मैं आप लोगों को बताना चाहूंगा कि एरंड के पत्तों को पानी के साथ दो-तीन चम्मच रेगुलर लेने से आपको जेंट्स इसकी खतरा से कमी मिलती है इसी प्रकार कुछ अन्य दवाएं जैसे कपालभाति आसन करना तथा आरोग्य बंटी का सेवन करना से मारे शरीर में पीलिया खत्म हो जाती है इसीलिए मैं आप लोगों को कुछ पतंजलि दवाओं के नाम नीचे टेबल के माध्यम से देना चाहता हूं जो नीचे दिया गया है
पीलिया की पतंजलि दवाpatanjali medicine for jaundice | पीलिया की पतंजलि दवाpatanjali medicine for jaundice |
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आरोग्य बंटी चूर्ण खाली पेट | कुमारी आसव खाने के बाद चार चम्मच |
सर्वकल्प क्वाथ रस | गैस हर चूर्ण |
पुनर्नवा की जड़ | दिव्या पुनर वरिष्ठ |
मकोई पिलाएं | उदरकल्प चूर्ण |
भीमा ओला लीवर के लिए ग्राम दवा | आंवला एलोवेरा |
और आप लोग इस प्रकार से पतंजलि दवा का प्रयोग करके जौंडिस पीलिया का खतरा डाल सकते हैं एवं पीलिया का इलाज कर सकते हैं इसीलिए मैंने आप लोगों को पीलिया के इलाज के लिए इन सारी दवाओं का उपयोग बताया है जो आप लोग करके बहुत ही आसानी से पीलिया से छुटकारा पा सकते हैं और आप लोग पीलिया से छुटकारा पाने के बाद पतंजलि पर विश्वास करना शुरू कर देंगेऐसी जानकारी पाने के लिए आप लोग हमारी पोस्ट को पूरा लास्ट तक पढ़ें और अन्य पोस्ट भी ऐसे ही जानकारी से जुड़ी रहेगी
पीलिया कितने पॉइंट होना चाहिए / how many points should jaundice be
जैसे कि आप लोग जानते हैं कि कोई भी तत्व हमारे शरीर में चाहिए जो ना हो इसीलिए पीलिया भी हमारे शरीर में होना चाहिए लेकिन इससे ज्यादा नहीं होना चाहिए जिसका कि हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पर है इसीलिए हम आप लोगों को बताना चाहते हैं कि हमारे शरीर में पीलिया कितने पॉइंट रहना चाहिए तथा इसे किस प्रकार से रखरखाव तथा जांच करवाना चाहिए इसके बारे में मैं आप लोगों को बताना चाहूंगा
रक्त में पित्त रंजक ब्लूयूरिन नाम का एक तत्व होता है जिसके अधिकता से काला प्लेस में त्वचा पीला हो जाता है इस दशा को कमाला अथवा पीलिया कहते हैं सामान्य स्तर पर वित्त रंजक का प्रतिशत 1% अथवा उससे भी कम होता है लेकिन जब इसमें ब्लूरीन की मात्रा बढ़ जाती है तो पित्त रंजक का स्तर 2 पॉइंट 5% बढ़ जाता है यह पीलिया के लक्षण को दर्शाता है
इसीलिए लोगों को कहना रहता है कि हमारे शरीर में पीलिया का प्रतिशत 1% से कम होना चाहिए
भारत में पीलिया के लिए एलोपैथिक दवा / allopathic medicine for jaundice in india
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि पीलिया कई प्रकार की होती है जैसे पी लिया हेपेटाइटिस यह हेपेटाइटिस बी हेपेटाइटिस सी इतिहास जैसे हेपेटाइटिस होती हैं उसी प्रकार मैं आप लोगों को बता दूं कि भारत में सबसे ज्यादा प्रकोप हेपेटाइटिस ए का होता है जो कि साधारण महामारी फैलाने की खतरा रखता है इसीलिए मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि हेपेटाइटिस बी तथा सी हमारे देश में इतना नहीं होता है लेकिन सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस यह होता है इसीलिए हेपेटाइटिस यह कि जो आधारभूत दवा है हमारे देश में एलोपैथिक की उसको मैं आप लोगों को बताना चाहूंगा जो कि एक बहुत ही अच्छे तरीके से दिया जाएगा जानकारी जो आप लोगों के लिए महत्वपूर्ण होगा
- एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग करना चाहिए
- कच्ची मूली गाजर खाना चाहिए
- सब्जी का सूप पीए
- टमाटर का सूप पी ए
- गन्ने का रस पी
- हरी सब्जियां खाएं
- एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद तथा थोड़ा सा दूध मिलाकर हल्दी मिला करते हैं
- मेथी पालक का साग एवं दाल की रोटी खाएं
बच्चों में पीलिया के लक्षण / Symptoms of Jaundice in Children
पीलिया जौंडिस खतरनाक बीमारी है पूरा शरीर पीला हो जाता है एवं आंखें पीली हो जाती हैं तथा यह लीवर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है और यह नवजात बच्चों में ज्यादा होता है इसीलिए हम आप लोगों को आज बच्चों में पीलिया होने के कुछ लक्षणों के बारे में बताना चाहते हैं तथा उसके कारण भी आप लोगों को बताना चाहते हैं तथा उसके उपाय भी आप लोगों को बताना चाहते हैं जिनमें से मैं आप लोगों को एक-एक करके लिस्ट वाइज बताना चाहूंगा जो कि एक सीरियल वाइज दिए गए हैं सबसे पहले लक्षण फिर कर फिर उपचार
बच्चों में पीलिया के लक्षणSymptoms of Jaundice in Children
बच्चों में पीलिया के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं जो नीचे दिए गए हैं आप लोग उनका जानकारी ले सकते हैं
- सबसे पहले शिशु का चेहरा पीला पड़ जाता है
- फिर उसका सीना छाती तथा पेट पीला पड़ जाएगा
- नवजात शिशु की आंखों का सफेद भाग पीला पड़ जाता है
- शिशु सुस्त दिखता है
- बच्चे को उल्टी और दस्त होने लगता है
- 100 डिग्री से ज्यादा बुखार होने लगता है
- उसका पेशाब गहरे पीले रंग का हो जाता है
यह सारे लक्षण पीलिया जांडे किसके होते हैं इसीलिए आप लोग ऐसे लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें एवं तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और तुरंत अपने बच्चे की जांच करवा कर उसका इलाज तुरंत शुरू करवा दें जिससे कि उसका कटरा सुरूर ना हो इसीलिए मैं आप लोगों को इन सारी चीजों के बारे में विस्तृत जानकारी देना चाहता था
बच्चोंपीलिया के कारण due to jaundice
बच्चों में पीलिया केनिम्नलिखित कर दिए गए हैं इसे आप लोग जानकर पीलिया के लक्षण को तथा उसके कार्ड को पहचान जाएंगे जो नीचे नहीं लिखे थे
- आपेक्षित लीवर बच्चे का होना
- लीवर ब्लूर इन ब्लड को बहुत अच्छे से साफ ना कर पाता हो
- जब शिशु के रक्त में ब्लू रिंकी तत्व की मात्रा बढ़ जाती है
- जिन बच्चों का जन्म समय से पहले होता है उसमें पीलिया की खतरा पड़ जाती है
- ठीक से स्तनपान ना कर पाने के कारण पीलिया हो जाता है बच्चों में
बच्चोंपीलिया केउपचार / Children Jaundice Treatment
बच्चों में पीलिया के कुछ महत्वपूर्ण उपचार होते हैं जो नीचे दिए गए हैं
- बच्चे की पीलिया के जांच के बाद उसे तुरंत उचित दवाई दे
- खून जांच के बाद उसको तुरंत अच्छे से इलाज डॉक्टरों की सलाह से करवाएं
- बच्चों के रक्त में उपस्थित ब्लूमरीन की मात्रा जांच करवाएं तथा उसकी मात्रा का बैलेंस रखें
- बच्चे की लिवर को स्वस्थ रखने के लिए उसके यूरिन की मात्रा की जांच करवाएं
- उचित बच्चों के डॉक्टर को दिखाएं
गर्भावस्था में पीलिया के लक्षण / symptoms of jaundice in pregnancy
अभी तक हमने आप लोगों को सामान्य पीलिया होने के लक्षणों के बारे में बताया है अब हम आप लोगों को अगर महिला गर्भवती है तो उसको पीलिया हो जाता है तो उसके क्या लक्षण होंगे उसके लिए क्या उपचार होगा इन सारी चीजों पर चर्चा करेंगे तो सबसे पहले मैं आप लोगों को यह बताना चाहूंगा कि अगर महिला गर्भवती है तो उससे पीलिया होने के चांस ज्यादा हो जाते हैं क्योंकि वह एक साथ दो लोगों का लालन-पालन करती है इसीलिए उसकी शारीरिक कमजोरी होने के वजह से अथवाडाइट की उचित व्यवस्था ना होने के कारण से पीलिया का शिकार होना पड़ता है इसीलिए मैं आप लोगों को आज पीलिया के कुछ लक्षणों के बारे में बताऊंगा जो गर्भवती महिलाओं के लक्षण होते हैं जो नीचे लिखे गए हैंपीलिया हेपेटाइटिस में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज करना चाहिए
- बहुत ज्यादा उल्टी होना जिसमें पानी भी पच नहीं रहा हो
- बहुत ज्यादा कमजोरी हो ना
- उल्टी में रक्त आना।
- काले रंग का मल आना।
- व्यवहार में बदलाव या संबंध बोलना अपशब्द बोलना
- बेहोशी आना।
- शरीर पर सूजन आना
- लाल रंग का पेशाब आना।
यह सारे लक्षण अगर किसीमहिला अथवा पुरुष में दिखाई देता है तो आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें तथा डॉक्टर के पास जाकर उससे जांच करवाएं तत्पश्चात इलाज शुरू करवाया नहीं तो आपके लिए जानलेवा हो सकता है इसीलिए आप लोग इन सारी चीजों को बहुत ही अच्छे से लीजिए और उनका इलाज तुरंत करवाया जिससे कि आप लोगों को उनकी परेशानी दिखे और आप लोग उसका इलाज कर सकें धन्यवाद
पीलिया से बचने के लिए सावधानियां / Precautions to avoid jaundice
जिस प्रकार अन्य सारी बीमारियों से बचने के लिए कुछ ना कुछ सावधानियां जरूरी होती है ठीक उसी प्रकार मैं आप लोगों को आज पीलिया से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों के बारे में बताना चाहता हूं जो निश्चय एक लिस्ट के माध्यम से दिए गए हैं आप लोग उस लिस्ट को देखकर पीलिया से बचने की सावधानियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और आप इसका नियमित रूप से पालन करके आप अपने आप को पीलिया होने से बचा सकते हैं इसीलिए मैं आप लोगों को इन सारी चीजों को बहुत ही विस्तृत जानकारी देने के लिए लिस्ट प्रोवाइड कर आता हूं
- अपने आसपास पूरी तरह से साफ सफाई बनाए रखें और मक्खियों को ना फैलने दें
- भोजन पकाने और खाने से पहले तथा शौचालय से लौटने पर हाथों को साबुन या डिटेल से अच्छी तरह धोएं
- नाखून को समय-समय पर काटते रहे
- पानी में क्लोरीन की गोलियां मिलाकर प्रयोग करें
- बरसात के दिनों में महामारी के समय पर हमेशा पानी का लगभग 10 से 15 मिनट तक उबालने के बाद ही प्रयोग करें
- बाजार के कटे फल और सब्जियां ना खाएं घर में ही सब्जी और फलों की अच्छी तरह से धुलाई करके प्रयोग करें
- ठंडा नींबू पानी या शरबत आदि बनाने के लिए जहां तक हो सके घर में फ्रिज में जमाई हुई बर्फ का ही प्रयोग करें बाहर से लाई हुई बर्फ का प्रयोग पीने वाले पदार्थ में ना करें
- अगर आप मां बनने वाली हैं तो प्रथम हेपेटाइटिस वेयर इज दिवस की जांच करा लें अगर आप जांच हेपेटाइटिस के लिए नेगेटिव आती है तो आप हेपिटाइटिस वैक्सीन लगवा कर आने वाले बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करवा सकती हैं
- अपने बच्चे को डॉक्टर की सलाह के अनुसार हेपेटाइटिस का वैक्सीन लगवाना चाहिए
- हेपेटाइटिस से ग्रसित व्यक्तियों के कपड़े बिछौना इतिहास अलग से गर्म पानी में साफ कर और हेपेटाइटिस ग्रसित व्यक्ति या अपरिचित के साथ असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं
- ध्यान रहे हैं पेटीएम में कभी भी आपके लिए निर्धनता और सिर्फ 9 ईसवी का ही प्रयोग होना चाहिए
निष्कर्षConclusion
हमने आप लोगों को पीलिया के प्रकार पीलिया के लक्षण पीलिया के कारण पीलिया के चिकित्सक एवं उपचार पीलिया के लक्षण पीलिया से बचने की सावधानियां काली पीलिया सफेद पीलिया तथा पीलिया की पतंजलि दवा इतिहास को जानने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि पीलिया की जो लक्षण होती है वह एक ही होती है इसीलिए अगर आपको किसी भी पीलिया का लक्षण दिखाई दे तो आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें अथवा पतंजलि तथा घरेलू दवाइयों का उपयोग करें जैसे गन्ने का रस टमाटर मूली का रस तथा मूली के पत्ते इत्यादि का सेवन करें जिससे कि आप लोग पीलिया से बच सकें
सफेद पीलिया क्या होता है?
सफेद पीलिया को हेपेटाइटिस ये कहा जाता है इसके भी सामान्य लक्षण पूरे शरीर में पीलापन हो जाना तथा पेशाब का गहरा पीला हो जाना इतिहास बहुत सारे लक्षण है
पीलिया कितने प्रकार का होता है?
पीलिया मुख्यता छह प्रकार की होती है जिनमें से पहले पीलिया का नाम है हेपेटाइटिस ए हेपेटाइटिस बी हेपेटाइटिस सी हेपेटाइटिस डी हेपेटाइटिस ईहेपेटाइटिस जी
पीलिया के कितने लक्षण होते हैं क्या लक्षण?
पीलिया के बहुत सारे लक्षण होते हैं शरीर का पीला हो जाना इतिहास बहुत सारे लक्षण है जो मैं आप लोगों को नीचे बताना चाहूंगा
काले रंग का मल आना।
व्यवहार में बदलाव या संबंध बोलना अपशब्द बोलना
बेहोशी आना।
शरीर पर सूजन आना
लाल रंग का पेशाब आना।
काली पीलिया किस प्रकार की पीलिया?
काली पीलिया हेपेटाइटिस बी के नाम से जानी जाती है एवं इसमें भी बहुत ज्यादा तकलीफ हो जाती है तथा या बच्चों में ज्यादातर होती है इसमें शरीर के जितने भी सफेद भाग जैसे नाखून त्वचा तथा आंख के सफेद भाग पीले हो जाते हैं
पीलिया की अंग्रेजी दवा क्या है?
पीलिया की अंग्रेजी दवा बिना डॉक्टर की सलाह से नहीं दिया जाता है इसमें ज्यादातर एंटीबायोटिक का प्रयोग किया जाता है लेकिन मैं आप लोगों को बताना चाहूंगा कि गन्ने का रस टमाटर का रस तथा मूली का रस तथा इसमें काला काली मिर्च का प्रयोग करके हेपेटाइटिस को ठीक किया जा सकता है
पीलिया नार्मल कितना होना चाहिए?
जैसा कि मैंने आप लोगों को ऊपर भी बताया है कि नॉर्मल पीलिया लगभग1 पॉइंट जीरो प्रतिशत वित्त रंजक होना चाहिए लेकिन अगर 2 पॉइंट 5% तक आपको पीलिया हो जाए तो आपके लिए जानलेवा हो सकता है
पीलिया में कौन सी दवा दी जाती है?
पीलिया को रोकने के लिए होम्योपैथिक की दवाई सबसे उपयोगी मानी जाती हैं इसमें से जय लीडो नियम फास्फोरसके अलावा पेट ग्रसित रोगों वाली दवाइयां भी दी जाती है क्योंकि इसमें भी लीवर की प्रॉब्लम होती है
पीलिया के परहेज क्या है?
पीलिया के परहेज जैसे ज्यादा फाइट वाली चीज ना खाएं जंक फूड हो गया तले बनी चीजें ना खाएं इत्यादि चीजों से परहेज करें तो आप जल्द ही पीलिया से ठीक हो जाएंगे
पीलिया की टेस्ट कैसे होते हैं?
पीलिया के टेस्ट यूरिन को चेक करके किया जाता है इसीलिए इसको ब्यूरिंस इरम कहा जाता है क्योंकि इसमें रंजक की मात्रा को बढ़ने तथा घटने को मापा जाता है इसी के अनुसार पर इसकी जांच की जाती है
पीलिया का असर कितने दिन तक रहता है?
पीलिया का असर लगभग 6-7 हफ्ते रहता है और यह 67 हफ्ते में से किसी भी को फैलने की शंका रहती है क्योंकि यह भी संक्रमण से फैलती है छुआछूत की बीमारी है इसीलिए आप लोग इसका इलाज तुरंत करवाएं नहीं तो आपके पूरे परिवार में पीलिया हो सकता है