पेट में होने वाली सूजन ना सिर्फ देखने में बुरी लगती है, बल्कि शारिरीक रुप से भी नुकसान देह हो सकती है।पेट में होने वाली सूजन में आहार की अहम भूमिका होती है। कई बार यह लीवर और हृदय की बीमारी के कारण भी हो सकती है
पाचन संबंधी समस्या, कब्ज या गैस की समस्या होने के कारण पेट में होना सामान्य है, लेकिन यह समस्या काफी दिनों तक बनी रहे, तो आपको चिकित्सीय सहायता लेनी चाहिए। कई बार हम बिना जानकारी के ऐसे आहार लेते हैं जो पेट में सूजन का कारण होते हैं। अक्सर लोग पेट में होने वाली सूजन से किसी प्रकार की समस्या ना होने पर इस नजरअंदाज कर देते हैं, जो सही नहीं है।

कब्ज दूर करें relieve constipation
कम से कम फाइबर और तरल पदार्थ का सेवन करने से कब्ज की समस्या हो सकती है जिसकी वजह से सूजन हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए अपने आहार में फाइबर के स्रोतों जैसे दाले, नट्स, बीज, हरी सब्जियां और फल आदि को शामिल करें। फाइबर आपकी पाचन-क्रिया को दुरुस्त बनाये रखने में मदद करता है। इसके साथ ही दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानीजरूर पियें और व्यायाम को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनायें।
फूड एलर्जी से बचें Avoid Food Allergies
कई बार लोग निश्चित खाद्य पदार्थ से एलर्जी को समझ नहीं पाते हैं जिसकी वजह से गैस और सूजन की समस्या होती है। ऐसे में डॉक्टर से संपंर्क करें। ज्यादातर लोग खुद ही इसकी जांच करके अपने आहार से स्वस्थ पदार्थों को निकाल देते हैं। अगर आपको फूड एलर्जी की समस्या लग रही है तो डॉक्टर से टेस्ट के लिए कहें।
जल्दी में खाना ना खाएं don’t eat in a hurry
खाने को अच्छे से पचाने के लिए जरूरी है कि चबा-चबा कर खाया जाए। खाने को अच्छे से ना चबाने से शरीर के अंदर हवा चली जाती है जिससे पेट में सूजन की समस्या हो सकती है। इसलिए अपने आहार को धीरे-धीरे और अच्छे से चबा कर खाएं इससे आप खाने को अच्छे से इंन्जाय कर पाएंगे और आपको देर तक पेट के भरे होने का एहसास होगा।
कार्बानेटेड ड्रिंक्स carbonated drinks
कोल्ड ड्रिंक्स या अन्य कोई भी ड्रिंक पेट में सूजन का कारण हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि सादा पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं। अगर आप चाहें तो नींबू पानी भी ले सकते हैं। इसके अलावा ग्रीन टी, पिपरामिंट टी भी पेट की सूजन को कम करती है।
शुगर फ्री आहार sugar free diet
अत्यधिक मीठे का सेवन से पेट में सूजन की समस्या होती है। इसलिए बहुत ज्यादा मीठा आहार या पेय लेने से बचना चाहिए। डॉक्टरों की मानें तो दिन भर में दो या तीन बार कृत्रिम मीठा आहार ले सकते हैं।
च्वूइंग गम कम खाएं eat less chewing gum
च्वूइंग गम खाने से शरीर में हवा का प्रवेश होता है जो सूजन का कारण हो सकता है। अगर आप च्वूइंग गम खाने की आदत है तो टॉफी ले सकते हैं। इसके अलावा हाई फाइबर स्नैक जैसे फल, सब्जियां ले सकते हैं।
सोडियम कम लें take less sodium
हाई प्रोस्सेड फूड में सोडियम की मात्रा अधिक और फाइबर की मात्रा कम होती है जो पेट में भारीपन और सूजन का कारण हो सकता है। जब भी डिब्बाबंद आहार या प्रोस्सेड आहार ले तो सोडियम की मात्रा जांच लें। 500 ग्राम से अधिक सोडियम का सेवन नुकसानदेह होता है।
7 दिन में पेट की चर्बी कैसे घटाएं how to reduce belly fat in 7 days
पेट की बढ़ती चर्बी कई परेशानियों का कारण हो सकता है। सबसे पहले तो यह आपके लुक को खराब करता है इसके अलावा स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। अनियमित खानपान और शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण यह समस्या होती है।
इस समस्या से निपटने के लिए लोग कुछ ऐसे उपायों की तलाश में रहते हैं जो उनके पेट पर जमा चर्बी को झट से गायब कर दे। इसके लिए लोग तमाम कोशिश करते हैं लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाते हैं। लेकिन आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे आसान व असरकारी उपाय जो आपके पेट पर जमा चर्बी को सात दिनों में गायब कर सकते हैं।
बालों का झड़ना कैसे रोके | balo ka jhadna Kaise roke | इलाज तथा आयुर्वेदिक दवा – rskg
उपवास करें fast
हफ्ते में एक दिन उपवास करना शरीर के लाभकारी हो सकता है। अगर आप खाने-पीने के बहुत शौकीन हैं। खाने का सामान सामने आते ही खुद को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं तो हफ्ते में एक दिन उपवास जरूर रखें। इस दौरान सिर्फ पेय पदार्थों या फलों का सेवन करें जैसे नींबू पानी, दूध, जूस, सूप इत्यादि चीजों को प्राथमिकता दें। आप चाहें तो सब्जियों का सलाद या फ्रूट सलाद खा सकते हैं। सलाद शरीर के फायदेमंद होने के साथ वजन घटाने में भी कारगर साबित हो सकता है।
योगा करें do yoga
पेट की चर्बी कम करने के लिए योगासन अच्छा विकल्प है। हर सुबह नियमित रुप से योगा करने पर शरीर पर जमा चर्बी को कम किया जा सकता है। ध्यान रहें योगासनों का चुनाव करते समय पेट की चर्बी घटाने वाले योग को ही चुनें। योग शरीर को तमाम तरह की बीमारियों से दूर रखता है। रोजाना सूर्य नमस्कार की सभी क्रियाएं, सर्वागासन, भुजंगासन, वज्रासन, पदमासन, शलभासन करना लाभदायक हो सकता है।
जंकफूड को कहें ना say no to junk food
अगर आप पेट की चर्बी कम करने के लिए गंभीर हैं तो जंकफूड से दूरी बनाए रखें क्योंकि जंकफूड तेजी से वजन बढ़ाने का काम करता है। कोशिश करें कम तेल मसाले वाली चीजों का सेवन ही करें। कभी-कभी स्टीम सब्जियों का सेवन भी फायदेमंद साबित हो सकता है। सामान्य आटे के बजाय जौ और चने के आटे को मिलाकर चपाती खाना चाहिए।
गुणकारी शहद potent honey
वजन घटाने या मोटपा कम करने के लिए शहद का सेवन भी फायदेमंद होता है। गुणकारी शहद की थोड़ी सी मात्रा रोजाना सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ मिलकार पीएं और फर्क देंखे। इससे आपके पेट पर जमा चर्बी कुछ दिनों में ही गायब हो जाएगी।
ग्रीन टी का सेवन green tea consumption
अगर आप चाय के शौकीन हैं तो दूध की चाय को बॉय-बॉय कहें और ग्रीन टी पीने की आदत डालें। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी, लेमन टी या फिर ब्लैक टी लें। दरअसल, दूध की चाय पीने से आपके मोटापा बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
टहलना ना भूलें don’t forget to walk
सुबह-शाम की सैर शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखती है। पेट की चर्बी को दूर करने के लिए रोजाना सुबह उठकर कुछ देर सैर पर जाएं और रात के खाने के बाद तुरंत सोने की जगह कुछ देर टहलें। इससे आप अतिरिक्त कैलोरी को आसानी से कम कर पाएंगे और पेट की अतिरिक्त चर्बी को भी कम किया जा सकता है।
घर बैठे पेट की चर्बी कैसे घटाएं how to reduce belly fat sitting at home
आप अपने पेट को समतल करना चाहते हैं, तो आपको जरूर गौर फरमाना चाहिए कि आप क्या खा रहे हैं। फास्ट फूड खाना बहुत प्रलोभनकारी होता है, लेकिन इसके कारण आपके मध्य भाग में जमा हुई वसा से छुटकारा पाना आसान नहीं है। यह सब आप पर निर्भर करता है कि आप किसे अधिक पसन्द करते हैं… भोजन को अथवा पतले पेट को। वजन को कम करने के लिए, पहले भोजन की आदतों पर नियंत्रण और उसके बाद नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत बनाएं। कोई छोटा रास्ता नहीं है।
खट्टे संतरे sour oranges
संतरा, नींबू, कीवी, कीनू की तरह फल, ताजा नीबू वसा घटाने के लिए सबसे अच्छे होते हैं। खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं जो चयापचय को बढ़ा देते हैं और अन्य फलों की तुलना में तेजी से वसा को जलाते हैं। जब आप वजन घटाने की कोशिश शुरू करें, तो शीघ्र परिणाम के लिए खट्टे फल के साथ-साथ सेब, तरबूज, अंगूर और स्ट्रॉबेरी जैसे कई अन्य वसा जलाने वाले फलों का भी उपभोग करें।
रंगीन सब्जियां colorful vegetables
सब्जियों में खनिज तत्व खूब होते हैं तथा कैलोरी कम होती है। सब्जियां जैसे बंदगोभी, ब्रोकोली, टमाटर, पालक, सेम, और मटर जैसी सब्जियां सभी खनिजों से युक्त होती हैं और इनमें वसा बिल्कुल नहीं होती। पकाने वाले तेल तथा अधिक मसाले की बजाय, जैतून अथवा सूरजमुखी के तेल में कम तली हुई सब्जियां लें।
विभिन्न दालें different pulses
दालों में अमीनो एसिड की प्रचुरता तथा कैलोरी व वसा कम होती है। अंकुरित दानों में भी अमीनो एसिड प्रचुर होता है तथा इसे आप अपने स्वस्थ भोजन में शामिल कर सकते हैं।
नाश्ते के लिए ओट्स oats for breakfast
जई दलिया में अघुलनशील फाइबर तथा कुछ कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो आपको लम्बे समय तक भूखे होने का एहसास नहीं होने देते तथा आपको कार्य करने की अधिक शक्ति प्रदान करते हैं।
मेवे खाइये eat nuts
थोड़े से बादाम अथवा अखरोट आपको भूख से दूर रखने के लिए काफी होते हैं तथा आपकी कैलोरी को भी नहीं बढ़ाते।
अंडे सर्वोत्तम होते हैं eggs are best
अंडे में प्रोटीन ज्यादा,कैलोरी तथा वसा कम होती है जो उपापचय की दर को बढ़ा देता है।
तैलीय मछली oily fish
साल्मन, मकरेल, ट्यूना प्रोटीन से समृद्ध होती हैं तथा चयापचय को बढ़ाती हैं। इनमें वसीय एसिड( ओमेगा 3 एसिड) अधिक होते हैं जो आपके पेट की चर्बी को जला देते हैं।
पानी अधिक more water
पानी आपके उपापचय को बढ़ाता है तथा चर्बी को जलाने की प्रक्रिया को तेज करता है
पेट की चर्बी कम करने के लिए कसरत करें exercise to reduce belly fat
पैरों को घुमाना आपके पेट की चर्बी तथा जांघों व कूल्हों के सेल्यूलाइट के लिए प्रभावकारी होता है।
2. जमीन पर सीधे लेट जाएं तथा पीठ के पीछे हथेलियों को नीचे की ओर करते हुए अपने दोनों हाथों को बांधें।
3. जमीन से लगभग 45 डिग्री के कोण पर हवा में अपने दोनों पैर उठायें।
4. पहले घड़ी की दिशा में इन्हें 10 बार घुमायें तथा फिर घड़ी के विपरीत दिशा में बिना रूके यही प्रक्रिया दोहराएं।
5. प्रारंभ में, 2 बार घड़ी की दिशा में तथा 2बार घड़ी के विपरीत दिशा में एक पैर को घुमाने से शुरूआत करें। नये शुरूआती लोग अपने घुटने को मोड़ कर घुमा सकते हैं।
6. बिना रूके 5-6 सेट करें।
कसरत Exercise
घर पर पेट को कम करने का व्यायाम करने के लिए उसी पहले वाले आसन की स्थिति में पीछे की ओर हाथों को बांधकर लेट जाएं। 45 डिग्री के कोण पर अपने पैरों को ऊपर उठा कर और नीचे लाएं। 5-6 सेट और दोहराएँ। एक पैर से शुरूआत करें याने अपने दाहिने पैर से 10 बार ऊपर नीचे और फिर बाएं पैर से यही करें। शुरू के कुछ दिनों में दर्द हो सकता है लेकिन अभ्यास के साथ यह ठीक होता जाता है
व्यायाम work out
3 1.अपने घुटनों को मोड़कर चटाई पर लेट जाएं तथा पैरों को जमीन पर रखें। अदल-बदल कर अपने पैरों को 90 डिग्री कोण पर जमीन से ऊपर को उठायें। (चित्र देखें) 2. अब अपने हाथों को उठाएं और अपने सिर के पीछे उन्हें छाती पर क्रास करके रखें। 3. गहरी साँस लें तथा जब धड़ को फर्श से ऊपर उठायें तो सांस छोड़ें। 4. शुरुआत में 10 बार ऐसा करें तथा 2-3 सेट को दोहराएं। अपने धड़ को उठाते समय, अपने पेट की मांसपेशियों पर दबाव महसूस करने के लिए जमीन से 30-40 डिग्री के कोण पर बैठें।
कसरत Exercise
फर्श पर लेट जाओ और अपने हाथों को या तो अपनी तरफ या अपने सिर के पीछे रखें जैसे कि क्रन्चिस के समय रखे थे।
2. अब घुटनों को मोड़ते हुए अपने दोनों पैर जमीन से ऊपर की ओर उठायें।
3. अपने बायें पैर को दूर रखते हुए दाहिने घुटने को सीने तक लायें।
4. अपने दाएं पैर को दूर रखते हुए बाएँ पैर को अपने सीने के करीब लाएं। तो ये कुछ अभ्यास तथा उचित भोजन हैं जो अब आपको अपना वह पेट जो आपको भयभीत करता है, उसे पतला या समतल करनें में मदद करेंगे।
पेट कम करने के लिए समुचित आहार proper diet to reduce belly
कोलेस्ट्रालयुक्त भोजन करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है। लेकिन ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्राल का सेवन करने से शरीर का वजन बहुत बढ जाता है। कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्राल विटामिन और खनिज की तरह होता है।खाने के अलावा शरीर में कोलेस्ट्राल लीवर के जरिए भी बनता है। मोटापे का प्रमुख कारण शरीर में कोलेस्ट्राल का बढना होता है। वसा युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पेस्ट्री, चीज, मांस, स्नैक्स, तैलीय पदार्थों का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढती है। फास्ट फूड, जंक फूड और ज्यादा तले हुए खाने में कोलेस्ट्राल की अधिक मात्रा होती है। लेकिन आहार में कुछ बदलाव कर इस खतरे से बचा जा सकता है।
जंक और फास्ट फूड न खाएं Do not eat junk and fast food
भागदौड भरी जिंदगी में फास्ट फूड और जंक फूड लोगों का सबसे पसंदीदा खाना हो गया है। समय की कमी की वजह से लोग इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं। फास्ट फूड में कोलेस्ट्राल की अधिक मात्रा होती है। फास्ट फूड को अवाइड कर कोलेस्ट्राल की मात्रा कम की जा सकती है।
कोलेस्ट्रालयुक्त खाना न खाएं don’t eat cholesterol-rich food
जिन खाद्य पदार्थों में कोलेस्ट्राल की मात्रा अधिक हो उनका सेवन ना करें। अंडा, दूध, मांस, मछली और चाकलेट में सबसे ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्राल पाया जाता है। अंडे के पीले भाग में सबसे ज्यादा मात्रामें कोलेस्ट्राल पाया जाता है। ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के दौरान इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें।
सोयाबीन Soybean
सोयाबीन में आइसोफ्लेविन्स नामक प्रोटीन होता है जिससे शरीर में मौजूद कालेस्ट्राल और अतिरिक्त फैट कम होता है। इसके अलावा चर्बी बढाने वाले कोशिकाओं की वृद्धि को रोकता है।
नींबू Lemon
एक ग्लास पानी में एक नींबू निंचोडकर हर रोज सुबह बिना ब्रश किए पिएं। अगर शरीर में ज्यादा फैट और कालेस्ट्राल है तो हर रोज दो नींबू पानी में निंचोडकर पिएं। हर रोज नींबू का प्रयोग करने से कालेस्ट्राल की मात्रा कम हो जाती है।
शहद honey
कालेस्ट्राल घटाने के लिए हर रोज शक्कर की जगह शहद का इस्तेमाल कीजिए। दो चम्मच शहद एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में डालकर उसमें एक नींबू निचोडकर हर रोज सुबह-शाम इसका सेवन करें।
दही Curd
दही का हर रोज सेवन करने से शरीर में मौजूद कालेस्ट्राल और फैट कम होता है। हर रोज दो से तीन बार दही खाएं तथा मट्ठा पिएं।
मूली Radish
दो बडा चम्मच मूली का रस शहद में मिलाकर बराबर मात्रा में लगभग एक महीने तक सेवन करें, इससे कालेस्ट्राल घटेगा।
पानी Water
हर रोज पानी का ज्यादा मात्रा में सेवन करें। पानी शरीर से अतिरिक्त चर्बी को घटाकर मोटापा कम करता है। पानी शरीर में मौजूद कालेस्ट्राल की मात्रा को नियंत्रित करता है।
कालेस्ट्राल के नुकसान harm of cholesterol
शरीर में कालेस्ट्राल की मात्रा होना फायदेमंद तो है लेकिन शरीर में कालेस्ट्राल की मात्रा बढने से हृदय को खतरा हो जाता है। खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक बढ जाने से वह रक्त कोशिकाओं में जम कर हृदय रोग उत्पन्न करता है।
शरीर में कालेस्ट्राल घटाने के लिए उन खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए जिनमें वसा की मात्रा कम हो। इसघलिए अपने आहार में मूली, गाजर, मेथी का साग, लहसुन, हरी और पत्तेदार सब्जियां, छिलकेदार दालें, प्याज, अदरक, लहसुन और हींग आदि शामिल कीजिए जिसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है।
पेट कम करने के 10 उपाय 10 ways to reduce belly
अनियमित और मसालेदार भोजन के अलावा आरामपूर्ण जीवनशैली के चलते तोंद एक वैश्विक समस्या बन गई है जिसके चलते डायबिटीज और हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है। तोंद कई अन्य रोगों को भी जन्म देती है। इसके चलते व्यक्ति हमेशा शरीर में अच्छा फिल नहीं कर पाता।
कमर और पेट के आसपास इकट्ठा हुई अतिरिक्त चर्बी से किडनी और मूत्राशय में भी दिक्कतें होना शुरू हो जाती हैं। रीढ़ की हड्डी पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है और जिसके चलते आए दिन कमर दर्द और साइड दर्द होता रहता है। अगर आप तोंद से छुटकारा पाकर फिर से उसे पेट बनाने की सोच रहे हैं तो यहां दिए जा रहे हैं 10 ऐसे उपाय जिसे करने में आपको अतिरिक्त श्रम नहीं करना पड़ेगा। जरूरी नहीं कि सभी 10 उपाय आप आजमाएं। किसी भी एक उपाय को नियमित करें तो 1 माह में लाभ नजर आने लगेगा।
डाइट पर नियंत्रण diet control
यह बहुत जरूरी है लेकिन कुछ लोगों के लिए यह बहुत कठिन टॉस्क है तो वे मानसिक उपाय करें। जब उनके सामने फैटी डाइट हो तो वे उससे होने वाले नुकसान के बारे में सोचें और अपनी तोंद को देंखे। ओवर इटिंग से बचना जरूरी है। कोई भी बहाना न बनाएं। खुद के साथ न्याय करें।
योगा टिप्स yoga tips
प्रतिदिन अंग संचालन करें। सावधान की मुद्रा में खड़े रहकर दोनों हाथों की हथेलियों को कमर पर रखें फिर कमर को क्लॉकवाइज और एंटी-क्लॉकवाइज 10-10 बार घुमाएं।
नौकासन करें
नियमित रूप से यह आसन न सिर्फ पेट की चर्बी कम करने में मददगार है बल्कि शरीर को लचीला बनाने से लेकर पाचन संबंधी समस्याओं में यह काफी फायदेमंद साबित हुआ है।
बादम का सेवन
रोज बादाम का सेवन आपका वजन घटा सकता है। पुरड्यू यूनिवर्सिटी के शोध की मानें तो बादाम में मौजूद विटामिन ई और मोनोसैचुरेटेड फैट्स न सिर्फ शरीर में मौजूद सैचुरेटेड फैट्स को कम करने में मदद करता है बल्कि ओवर डाइटिंग से भी बचाता है। रोज हल्के भुने बादाम का सेवन बेहतरीन नाश्ता है जिसे लेने के बाद दिनभर स्नैक्स खाने का मन नहीं करता है, वहीं यह शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।
उत्तान पादासन
यह एक ऐसा योग है जिसको नियमित करने से तुरंत ही पेट अंदर होने लगता है, खासकर वह अपच, कब्ज, मोटापा, तोंद और अन्य पेट संबंधी बीमारियों से बचाता है।
तोलांगुलासन
वजन तौलते वक्त दोनों तराजू संतुलन में रहते हैं अर्थात तराजू का कांटा बीचोबीच रहता है। उसी तरह इस योगासन में भी शरीर का संपूर्ण भार नितंब पर आ जाता है और व्यक्ति की आकृति तराजू जैसी लगती है इसीलिए इसे तोलांगुलासन कहते हैं।
ऊर्जा चल मुद्रा योग
मोटापा एक समस्या है। इससे पेट, पीठ, कमर और कंधे की समस्या भी बनी रहती है। मोटापे को दूर करने के लिए हम सबसे आसान उपाय बता रहे हैं ऊर्जा चल मुद्रा योग। दरअसल यह अंग संचालन (सूक्ष्म व्यायाम) का हिस्सा है। कैसे करें यह मुद्रा ऊर्जा चल मुद्रा योग से दूर होगा मोटापा। कैसे करें यह मुद्रा । ऊर्जा चल मुद्रा योग से दूर होगा मोटापा
कुर्मासन
कुर्म का अर्थ होता है कछुआ। इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की आकृति कछुए के समान बन जाती है इसीलिए इसे कुर्मासन कहते हैं। आसन को जानने के लिए आगे क्लिक करें डायबिटीज और तोंद को कंट्रोल करे कुर्मासन योग
भुजंगासन
इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाए हुए भुजंग अर्थात सर्प जैसी बनती है इसीलिए इसको भुजंगासन या सर्पासन कहा जाता है। यह आसन पेट के बल लेटकर किया जाता है। यह आसन भी पेट की चर्बी को घटाने के लिए किया जाता है।
योगा एक्सरसाइज
यदि आपका पेट थुलथुल हो रहा है, कमर मोटी हो चली है या पीठ दुखती रहती है, तो योग की यह हल्की-फुल्की एक्सरसाइज स्टेप बाई स्टेप करें। इस एक्सरसाइज का नियमित अभ्यास करते रहने से निश्चित रूप से जहां पेट फ्लैट हो जाएगा, वहीं कमर भी छरहरी हो जाएगी।
शहद का सेवन
तोंद कम करने में शहद भी फायदेमंद होता है। शहद के कई गुण हैं। यह न सिर्फ मोटापा बढ़ाने, बल्कि मोटापा कम करने में भी कारगर है। आपको चाहिए कि आप रोजाना सुबह पानी के साथ शहद का सेवन करें। इससे आप शीघ्र ही कमर और पेट को कम करने में सफल होंगे।
आप चाहें तो सप्ताह में एक दिन तरल पदार्थ पर भी रह सकते हैं। इसमें आप नींबू पानी, दूध, ज्यूस, सूप इत्यादि चीजों को प्राथमिकता दें। आप चाहें तो एक दिन सलाद या फलाहार को भी दे सकते हैं। इसमें आप मात्र फल या सलाद ही खाएंगे। सलाद खाकर वजन घटाने में आपको मदद मिलगी।
पैदल चलना
सुबह-शाम की सैर सबसे ज्यादा लाभकारी है। आपको कमर और पेट के आसपास की चर्बी को दूर करने के लिए चाहिए कि रोजाना सुबह उठकर कुछ देर सैर पर जाएं और रात के खाने के बाद भी सैर करना न भूलें। प्रतिदिन कम से कम 2 किलोमीटर चलें। इससे आप अतिरिक्त कैलोरी को आसानी से कम कर पाएंगे और पेट-कमर की अतिरिक्त चर्बी को भी कम किया जा सकता है। उपरोक्त उपायों को अपनाकर तोंद को कम किया जा सकता है।
रस्सी कूद
रस्सी कूदना वजन घटाने के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज है। वजन घटाने के लिए रस्सी कूदने के साथ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें।
पेट को कम करने के लिए शाकाहारी भोजन
वजन कम करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए शाकाहारी भोजन काफी मददगार हो सकता है। यदि शाकाहारी भोजन को सही प्रकार से अपनाया जाए तो यह शरीर को जरूरी ऊर्जा और शक्ति तो देता ही है, लेकिन वजन पर जरूर काबू रखता है। शाकाहारी भोजन में फाइबर की मात्रा अपेक्षाकृत अधिक पायी जाती है, जिससे आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। लेकिन, इसके लिए कुछ बातों का खयाल रखना जरूरी है। यदि आप इन नियमों को मानें तो समय रहते आपकी चर्बी कम रहेगी।
शाकाहार का मतलब जंक फूड नहीं
आप शाकाहारी हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आप अपने खाने-पीने का खयाल न रखें। शाकाहारी होने पर आपको जंक फूड खाने की छूट नहीं मिल जाती। आपको ऐसा आहार खाना चाहिए जो पचने में आसान हो साथ ही जिसमें कैलोरी की मात्रा कम हो। जंक फूड इन दोनों ही मानकों पर खरा नहीं उतरता।
पैकेड नहीं ओरिजनल चुनें
काम की आपाधापी में हमारे पास वक्त ही कहां बचता है। और वक्त की इसी कमी को पूरा करने के लिए हम प्राकृतिक उत्पादों के स्थान पर पैकेड फूड को तरजीह देने लगते हैं। जूस से लेकर अन्य उत्पाद प्रोसेस्ड रूप में हमारे सामने आने लगते हैं। भले ही ये उत्पाद हमारे वक्त की बचत करते हों, लेकिन सेहत और वजन घटाने के लिहाज से इन्हें बिलकुल सही नहीं माना जा सकता। इनमें इस्तेमाल होने वाले प्रिजरवेटिव और चीनी वजन बढ़ाने के कारक हो सकते हैं। तो बेहतर है कि आप ताजा फलों, सब्जियों और जूस को ही तरजीह दें।
फाइबर से भरे फल
अगर आपको भूख लग रही है, तो थोड़े से फल खा लीजिए। शोध में साबित हुआ है कि हम उन चीजों को खाने में दिलचस्पी दिखाते हैं जो हमारे सामने होती हैं। तो अपनी रसोई में फलों की एक कटोरी जरूर रखें। सेब और नाशपति अच्छे विकल्प हैं। इनमें फाइबर काफी अधिक मात्रा में होता है, जिससे आपका पेट काफी लंबे समय तक भरा रहता है।
ओट्स मेरा दोस्त
मीठा दलिया आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। क्यों न इसके स्थान पर ओट्स को अपने नाश्ते का आधार बनाइए। यह आपके लिए काफी फायदेमंद होता है खासतौर पर अगर इसमें सेब, केला, अलसी और अन्य कई पोषक फलों को मिला लिया जाए। ओटमील कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह आपके दिल को सेहतमंद बनाये रखता है।
जरा इस पर दें ध्यान
स्वयं को शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय बनायें। स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए आपको रोजाना तेज दौड़ लगाने की ही जरूरत नहीं है। आप अपनी पसंद का व्यायाम चुन सकते हैं। आप चाहें तो योग, पैदल चलना, डांस या फिर कुछ और चुन सकते हैं। तो थोड़ी देर के लिए कंप्यूटर, मोबाइल को दूर कीजिए और स्वयं के लिए कुछ समय निकालें। लेकिन, इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दें कि वजन कम करने में आहार की भूमिका 80 फीसदी होती है और व्यायाम की 20 फीसदी। तो, अगर आप कड़ा व्यायाम करने के बाद अपने खानपान को लेकर लापरवाह हो जाते हैं, तो आपको कोई फायदा होने वाला नहीं है। आपको दोनों के बीच सही सामंजस्य बैठाना होगा।
बहुत पहले टीवी पर एक विज्ञापन आया करता था, ‘शाकाहारी बनिये, अच्छा है’। वाकई शाकाहारी बनने के अपने फायदे हैं और अगर आप वजन कम करना चाह रहे हैं तो शाकाहार आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है
मांसाहारी भोजन से भी पेट कम करें
आमतौर पर लोग वजन घटाने के लिए शाकाहारी भोजन को ही प्राथमिकता देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे वजन शरीर पर फैट कम जमा होता है। लेकिन अगर आप मांसाहारी भोजन के शौकीन है वजन भी घटाना चाहते हैं तो यह अब कोई मुश्किल काम नहीं है।
मांसाहारी आहार योजना की मदद से भी आप अपने वजन घटाने के लक्ष्य को आसानी से पूरा कर सकते हैं। भोजन चाहे कोई भी लेकिन उनमें संतुलन होना बहुत जरूरी है तभी वह शरीर को जरूरी पोषण दे पाएगा। मीट, सीफूड, चिकन, अंडों में आदि प्रोटीन, विटामिन और मिनरल पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन कुछ में कोलेस्ट्रोल और सैचुरेटेड फैट भी होता है जो आपके के लिए नुकसानदेह हो सकता है। आइए जानें सात दिनों में वजन घटाने की मांसाहारी योजना के बारे में।
पहला दिन
- ब्रेकफास्ट: कोई भी दो फल जैसे सेब या केला और साथ में एक कप चाय लें।
- लंच: कार्बोहाइड्रेट में लिए जाने वाले चावल, आलू, ब्रेड और पास्ता की जगह अनाज वाले ब्रेड या रोटियां, एक पीस चिकन सलाद या फलों के साथ खाएं।
- डिनर: मछली, स्टीम्ड ब्रोकली और कोई भी पत्ते वाली सब्जी के साथ फैट फ्री आइस क्रीम लें।
दूसरा दिन
दिन की शुरुआत नींबू और शहद वाले पानी से करें।
- ब्रेकफास्ट: एक कटोरी पोहा, उपमा या इडली लें।
- लंच: दो रोटी, थोड़ा सा चावल और सब्जी खाएं।
- स्नैक्स: ग्रीन टी या अन्य कोई वजन घटाने वाली चाय के साथ चार-पांच अनाज या ओट्स वाले बिस्कुट का सेवन करें।
- डिनर: डिनर में हल्का-फुल्का खाना ही लें। अनाज के ब्रेड से बना सैंडविच और सलाद का सेवन करें।
तीसरा दिन
- ब्रेकफास्ट: एक कटोरी पोहा, उपमा व इडली के साथ सेब या केला लें। फलों पर शहद की टॉपिंग कर लें।
- लंच: एक कप चावल और दाल, सब्जी और कोई भी फल जैसे अंगूर और केला ले सकते हैं।
- डिनर: हरी सब्जी, रोटी और सेंका हुआ या उबला हुआ आलू।
चौथा दिन
- ब्रेकफास्ट: सेब, केला और दही का सेवन करें।
- लंच: टमाटर सूप, रोस्टेड चिकन, मूली, टमाटर, नाशपाती और हरी कटी हुई सब्जियों के साथ रोटी खाएं।
- डिनर: ब्राउन राइस और अननास, सेब और संतरा खाएं।
पांचवा दिन
- ब्रेकफास्ट: आधा कप टमाटर और कुछ बादाम।
- लंच: बीन्स और एक रोटी साथ में सब्जी और खीरे के स्लाइस।
- डिनर: हरी सब्जियों का सलाद लेकिन उसमें फैट युक्त पदार्थ ना हो साथ में रोटियां।
छठा दिन
- ब्रेकफास्ट : एक इडली या रोटी साथ में सब्जी। इसके अलावा केला और टोन्ड दूध भी लें।
- लंच: एक रोटी, एक कप चावल, बिना मलाई युक्त दही, फिश करी, खीरा, टमाटर और प्याज का सेवन करें।
- डिनर: ब्राउन राइस, उबले हुए पालक और सेब खाएं।
सातवें दिन
- ब्रेकफास्ट: एक कटोरी पोहा, उपमा या इडली, आधा कटोरी कटे हुए टमाटार खाएं।
- लंच: चावल, दाल और सलाद खाएं।
- डिनर: ग्रिल किया हुआ चिकन, रोटी और अननास के टुकड़े।
इस मांसाहारी आहार योजना की मदद से आपका वजन जरूर घटेगा। अगर आप हर रोज यही आहार योजना अपनाएंगे तो आप जल्द ही अपने वजन घटाने के लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे।
पेट कम करने के सबसे सरल उपाय
लोगों को सेहतमंद व फिट रखने में उनके आहर की अहम भूमिका होती है। व्यस्त दिनचर्या के कारण लोगों की शारीरिक गतिविधि दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है जिसकी वजह से ली गई कैलोरी फैट में तब्दील होकर आपके पेट के आस-पास के हिस्सों में नजर आने लगती है।
अक्सर लोग वजन कम करने में लगे रहते हैं। लेकिन सबसे अधिक जो समस्या आती है वो है पेट के आसपास की चर्बी को हटाना। क्या आप जानते हैं कुछ लोग मोटे नहीं होते लेकिन उनके पेट के आसपास काफी चर्बी जमा हो जाती है। पेट पर जमा फैट ना सिर्फ आपकी सेहत बिगाड़ता है बल्कि यह आपके लुक को भी खराब करता है।
खाने के बाद पानी पीने से बचें
अक्सर देखा गया है कि खाना खाने के बाद लोग ढेर सारा पानी पी लेते हैं जो कि पेट निकलने की मुख्य वजहों में से एक है। खाने के अन्त में पानी पीना उचित नहीं, बल्कि एक-डेढ़ घण्टे बाद ही पानी पीना चाहिए। अगर आपको ज्यादा प्यास लग रही है तो खाने के बाद बस एक कप हल्का गुनगुना पीएं।
थोड़ा-थोड़ा करके खाएं
तीन टाइम खाने की जगह थोड़ा-थोड़ा करके कई बार खाएं। हर दो घंटे में कुछ ना कुछ खाते रहें। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म तो ठीक रहता ही है साथ ही ऊर्जा का स्तर भी बना रहता है। खाने में प्रोटीन की मात्रा बढाएं। ये पचने में ज्यादा समय लेते हैं और पेट देर तक भरा रहता है। अंडे का सफेद भाग, फैट फ्री दूध व दही, ग्रिल्ड फिश और सब्जियां आपको स्लिम व फिट बनाएंगी।
ग्रीन टी पियें
अगर आप चाय पीने के बहुत शौकीन हैं, तो आप दूध की चाय पीने के बजाय एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी, या फिर ब्लैक टी पियें। इसमें थायनाइन नामक अमीनो एसिड होता है जो मस्तिष्क में ऐसे केमिकल्स का स्त्राव करता है और आपकी भूख पर कंट्रोल करता है।
मॉर्निग वॉक करें फिट रहें
रोजाना सुबह सैर पर जाएं और रात के खाने के बाद भी सैर करना ना भूलें। इससे पेट और कमर की अतिरिक्त कैलोरी कम करने में मदद मिलेगी। क्योंकि नियमित रूप से सैर पर जाने से 25 फीसदी कैलोरीज बर्न होती है। पेट जल्दी कम करना है तो तीस मिनट के वॉक सेशन रखें। लगातार स्पीड से ना चल सके तो बीच में इंटरवल लें। थोड़ी देर तेजी से चलें और फिर स्पीड कम कर लें।
उपवास करें
यदि आप खाने-पीने के बहुत शौकीन हैं और अपनी इस आदत से भी परेशान हैं, तो इसका सबसे आसान तरिका ये है कि आप सप्ताह में कम से कम एक बार उपवास जरूर करें। आप चाहे तो सप्ताह में एक दिन तरल पदार्थों पर भी रह सकते हैं, जैसे- पानी, नींबू पानी, दूध, जूस, सूप इत्यादि या किसी दिन सिर्फ सलाद या फल भी ले सकते हैं।
खान-पान का रखें खयाल
यदि आप जंकफूड खूब खाते हैं या फिर आपको तैलीय खाना बहुत पसंद है तो अब इनसे परहेज करना शुरू कर दें। खाने में खासतौर पर सामान्य आटे के बजाय जौ और चने के आटे को मिलाकर चपाती खांए, इससे आप जल्द ही स्लिम ट्रिम होंगे। रोजाना कुछ ग्राम बादाम खाने से कमर की साइज 24 सप्ताह में साढ़े छह इंच कम हो सकती है। तो आज से ही तय करें कि रोजाना सौ ग्राम नट्स अपनी डाइट में जरूर से शामिल करेंगे। यह कैलोरी से भरपूर होने के साथ ही फाइबर युक्त भी होते हैं। भोजन में संतुलित कैलोरीज लें। आपको दिनभर में कम से कम 2000 कैलोरी जरूर ले।
नींद पूरी करें
संतुलित आहार व व्यायम के साथ पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है। नींद पूरी ना होने पर तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन्स रिलीज होते हैं जो आपको खाने के लिए प्रेरित करते है जिससे पेट की चर्बी भी बढ़ती है। रात में 6 से 7 घंटे सोने वाले लोगों में पेट का फैट कम होता है। इससे ज्यादा या कम नींद लेने वाले लोगों को तोंद की समस्या ज्यादा होती है।
योगासन है जरूरी
कमर और पेट कम करने के लिए आप नियमित रूप से सुबह उठकर योग करें। वैसे भी आप योग से निरोग रह सकते है। लेकिन खासकर आप ऐसे आसनों को करें जिनसे आपके पेट और कमर को कम करने में मदद मिलें। रोजाना सूर्य नमस्कार की सभी क्रियाएं, सर्वांगासन, भुजंगासन, वज्रासन, पदमासन, शलभासन इत्यादि को करें।
बॉल एक्सरसाइज करें
जमीन पर पीठ के बल सीधा लेट जाएं। अब हाथों पर एक्सरसाइज वाली बडी़ बॉल को हाथों में ले कर अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। अब अपने हाथों की बॉल को अपने पैरों में पकड़ाएं और फिर पैरों को नीचे ले जा कर दुबारा बॉल ले कर ऊपर आएं। फिर पैरों से जो बॉल उठाई गई है उसे दुबारा हाथों में पकड़ाएं। इस क्रिया को लगातार 12 बार करें।ऐसा करने से पेट पर ज मा फैट कुछ ही दिनों में कम होने लगेगा।
पेट कम करने के कुछ योगासन
आप वज़न घटाने के सारे नुस्खे आज़माकर थक चुके हैं? हमारे पास आपकी परेशानी का जवाब है –योग। व्यायाम की यह विधि दुनिया की दो बेहतरीन चीज़ों का संगम है – चुस्ती और ध्यान। इसकी सबसे कमाल की चीज़ है कि चाहे आपका वज़न कितना भी हो या आप शरीर के जिस भी हिस्से से चर्बी घटाना चाहते हों योगासनों के माध्यम से सब कुछ पाया जा सकता है। ये जोड़ों पर ज़्यादा असर नहीं डालता और शुरुआती अभ्यास अच्छे प्रशिक्षक के निरीक्षण में किया जाए तो चोट लगने की आशंका बिलकुल नगण्य हो जाती है।
इसके अलावा आपको जिम की सदस्यता पर हज़ारों खर्च करने की भी कोई आवश्यकता नहीं रह जाती, आप इसे स्वयं अपने घर में कर सकते हैं। आपको बस कुछ सुविधाजनक कपड़े और योग के लिए एक चटाई की ज़रुरत होगी। तो वज़न घटाने के अपने ऐतिहासिक सफ़र के लिए हम आपको 12 सर्वश्रेष्ठ योगासन बता रहे हैं
अर्ध चंद्रासन
यह आसन आपकी पुष्टिकाओं और ऊपरी व अंदरुनी जंघाओं को सुगठित करता है। अगर आप इन जगहों पर चर्बी से परेशान हैं तो यह आसन बेहद कारगर साबित होगा। अतिरिक्त स्ट्रेच से पेट की चर्बी भी कम होगी और आपका शरीर मज़बूत बनेगा
ध्यान रहे कि बाएँ हाथ की हथेली को बाएँ पैर से अलग न हटने पाए। जहाँ तक हो सके बाईं ओर झुके फिर इस अर्ध चंद्र की स्थिति में 30-40 सेकंड तक रहें। वापस आने के लिए धीरे-धीरे पुन: सीधे खड़े हो जाएँ। फिर कान और सिर से सटे हुए हाथ को पुन: कंधे के समानांतर ले आएँ। फिर हथेली को भूमि की ओर करते हुए उक्त हाथ को कमर से सटा लें। यह दाएँ हाथ से बाईं ओर झुककर किए गए अर्ध चंद्रासन की पहली आवृत्ति हैं अब इसी आसन को बाएँ हाथ से दाईं ओर झुकते हुए करें तत्पश्चात पुन: विश्राम की अवस्था में आ जाएँ। उक्त आसन को 4 से 5 बार करने से लाभ होगा।
ध्यान दें:
अगर आप पाचन संबंधी समस्या से जूझ रहे हों, रीढ़ में चोट हो या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हों तो यह आसन न करें।
वीरभद्रासन
इसका शाब्दिक अर्थ है योद्धाओं वाली मुद्रा, यह आसन आपकी पीठ को स्ट्रेच करता है और आपकी जंघाओं, पुष्टिका और पेट को मज़बूत करता है। यह आपकी एकाग्रता को बढ़ाता है Iऔर आपकी छाती को फैलाता है ताकि आप बेहतर ढंग से सांस ले सकें। यह शरीर की अवांछित चर्बी को कम करता है।
आसन विधि:
चटाई पर दोनों पैर साथ रखकर और हाथों को अपने बगल में रखकर खड़े हो जाएं। अब अपने दाएं पैर को आगे की और बाधाएं और बाएँ पैर को पीछे की तरफ। अब आराम से अपने दाएं घुटने को मोड़ें ताकि आप धक्का मारने वाली मुद्रा में आ सकें। अपने धड़ को मुड़े हुए दाएं पैर की ओर ट्विस्ट करें। अपने बाएँ पैर को बदल की ओर थोड़ा सा मोड़ें(लगभग 400-600) ताकि आपको अतिरिक्त सपोर्ट मिले)। सांस छोड़ें, अपनी बाँहें सीधी करें और शरीर को मुड़े हुए घुटने से ऊपर की ओर उठाएं। अपनी बांहों को ऊपर स्ट्रेच करें और धड़ को धीरे से पीछे की और टिल्ट (झुकाएं) करें ताकि आपकी पीठ धनुष का आकार ले सके। इस मुद्रा में तब तक रहें जब तक आप इसके साथ सहज हैं।
सामान्य गति से सांस लें। इस आसन से बाहर आने के लिए सांस छोड़ें और अपने दाएं घुटने को सीधा करें। अब अपने दाएं पैर को मूल स्थिति में ले आएं। अपने हाथों की मदद से पूर्ववत स्थिति में आएं। जल्दबाजी न करें अन्यथा आपकी पीठ या पैर चोटिल हो सकते हैं। इसी आसन को दूसरे पैर के लिए दोहराएं।
ध्यान दें:
यदि आप उच्च रक्तचाप के शिकार हैं, घुटनों या पीठ में दिक्कत है तो कृपया यह आसन किसी योग प्रशिक्षक के निरीक्षण में ही करें।
वीरभद्रासन
यह आसन वीरभद्रासन 1 का ही दूसरा हिस्सा है। यह आसन आपकी पीठ, जंघाओं, पेट और ह्रदय की पेशियों को मज़बूत करता है।
आसन विधि:
वीरभद्रासन 1 वाले चरणों का अनुसरण करें, पर हाथों को सर से ऊपर उठाने के बजाय इस बार अपने धड़ को इस तरह ट्विस्ट करें कि आपका शरीर बगल की ओर इंगित हो और अपने हाथों को दोनों तरफ उठाएं (आपकी उंगलियाँ खुली होनी चाहिए और दोनों तरफ फैले हुए आपके बाएँ और दाएं पैर के समानान्तर होने चाहिए)। अब अपना सर घुमाएं ताकि आप उसी और देख रहे हों जिस और आपका दायाँ हाथ है। पूरी प्रक्रिया को बाएँ पैर के लिए दोहराएं।
ध्यान दें:
यदि आप डायरिया से पीड़ित हैं तो यह आसन न रें।
उत्कटासन
कुर्सी आसन के रूप में जाने जाने वाले इस आसन में एकाग्रता की ज़रुरत होती है और आपको उन पेशियों पर ध्यान केन्द्रित करना होता है जो इसमें इस्तेमाल हो रही हैं। यह ह्रदय की पेशियों, जंघाओं और पुष्टिका को मज़बूत करता है।
आसन विधि:
सीधे खड़े हो जाएँ, दोनों पैर मिलाकर रखें। दोनों हथेलियों को प्रार्थना अर्थात नमस्कार की मुद्रा में रखिए। पैरों के पंजे भूमि पर टिके हुए हों तथा एड़ियों के ऊपर नितम्ब टिकाकर बैठ जाइए। दोनों हाथ घुटनों के ऊपर तथा घुटनों को फैलाकर एड़ियों के समानान्तर स्थिर करें। अपने धड़ को हल्का आगे मोड़ें। इस मुद्रा में तब तक रहें जब तक आप सहज हैं। आसन से बाहर आने के लिए आराम से सीधा खड़ा हो जाएं।
ध्यान दें:
यदि आपके घुटनों और पीठ में चोट लगी हो तो यह आसन न करें।
वृक्षासन
इससे पैरों की स्थिरता और मजबूती का विकास होता है। यह कमर और कुल्हों के आस पास जमीं अतिरिक्त चर्बी को हटाता है तथा दोनों ही अंग इससे मजबूत बने रहते हैं। इस सबके कारण इससे मन का संतुलन बढ़ता है। मन में संतुलन होने से आत्मविश्वास और एकाग्रता का विकास होता है। इसे निरंतर करते रहने से शरीर और मन में सदा स्फूर्ति बनी रहती है।
आसन विधि:
पहले सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। फिर दोनों पैरों को एक दूसरे से कुछ दूर रखते हुए खड़े रहें और फिर हाथों को सिर के ऊपर उठाते हुए सीधाकर हथेलियों को मिला दें। इसके बाद दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए उसके तलवे को बाईं जांघ पर टिका दें। इस स्थिति के दौरान दाहिने पैर की एड़ी गुदाद्वार-जननेंद्री के नीचे टिकी होगी। बाएं पैर पर संतुलन बनाते हुए हथेलियां, सिर और कंधे को सीधा एक ही सीध में रखें। एकाग्र रहते हुए संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें।
सामान्य गति से सांस लेना और सामने दिख रही किसी एक चीज़ पर ध्यान केन्द्रित करना इस मुद्रा को बनाए रखने में आपकी मदद करेंगे।योग में ऐसा माना जाता है कि अगर आपका दिमाग एकाग्र न हो तो शरीर भी स्थिर नहीं रहेगा। तो जितना आपका मस्तिष्क आपके काबू में होगा उतनी ही आसानी से आप यह आसन कर पाएंगे। इस आसन के लिए कुर्सी या दीवार का सहारा लेने की कोशिश न करें।
ध्यान दें:
यदि आपके घुटनों या पीठ में चोट हो तो किसी प्रशिक्षित योग्कर्मी के निरीक्षण में ही यह आसन करें।
उत्तानासन
उत्तानासन के नियमित अभ्यास से शरीर के पिछले भागों का सम्पूर्ण व्यायाम हो जाता है और इन भागों में मौजूद तनाव दूर होता है। यह पैरों के पार्श्व भागों को लचीला और मजबूत बनाने वाली योग मुद्रा है। इस आसन से रीढ़ की हड्डियों में पर्याप्त खींचाव होता है। गर्दन और मस्तिष्क को रिलैक्स मिलता है। मानसिक तनाव कम होता है और शांति मिलती है।
आसन विधि:
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
यह आसन विशेष रूप से आपके फेफड़ों की सांस लेने और ऑक्सिजन को अधिक समय तक रोकने की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। साथ ही यह रीढ़ को आराम देता है और पीठ दर्द या पीठ संबंधी एनी परेशानियों से निजात दिलाता है।
आसन करने का तरीका:
पैरों को सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाएं, रीढ़ तनी हो और दोनों पैर एक-दूसरे से लगे हों। अपने बाएँ पैर को मोड़ें और उसकी एड़ी को पुष्टिका के दाएं हिस्से की और ले जाएं। अब दाएं पैर को बाएँ पैर की ओर लाएं और बायाँ हाथ दाएं घुटनों पर और दायाँ हाथ पीछे ले जाएं। कमर, कन्धों और गर्दन को इस क्रम में दाईं और मोड़ें। लम्बी साँसे लें और छोड़ें। शुरुआती मुद्रा में आने के लिए सांस छोड़ना जारी रखें , पहले पीछे स्थित दाएं हाथ को यथावत लाएं, फिर कमर सीधी करें, फिर छाती और अंत में गर्दन। अब इसी प्रक्रिया को दूसरी दिशा में करें।
ध्यान दें:
यदि आपकी पीठ में चोट हो तो ये आसन किसी सत्यापित प्रशिक्षक के सामने ही करें।
बद्धकोणासन
अंदरुनी जंघाओं के लिए यह आसन सर्वश्रेष्ठ है। यह योग में एक ऐसा आसन है जो आपकी दिक्कतों को दूर करने के साथ साथ आपकी रीढ़, लोअर बैक, घुटने और कच्छ की पेशियों को मज़बूत करता है। यह मासिक धर्म से होने वाली पीड़ा को कम करता है और पाचन तंत्र को ठीक करता है।
आसन विधि:
दोहरा कंबल बिछाएँ, दोनो पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएँ। सबसे पहले दोनों घुटनों को मोड़ते हुए पैरों के पास लाएँ और दोनों पैरों के तलवें आपस में मिला लें। दोनों हाथों की अँगुलियों को आपस में इंटरलॉक कर लें, पैरों की अँगुलियों को दोनों हाथों से पकड़ लें और रीढ़ को सीधा रखें जैसे तितली आसन में बैठा जाता है। बाज़ू की सीधा कर लें और पैरों को ज़्यादा से ज़्यादा अपने पास में लाने का प्रयास करें ताकि पूरा शरीर तन जाए। यह इस आसन की प्रारंभिक स्थिति है।
गहरी सांस भरें और साँस निकालते हुए धीरे-धीरे कमर से आगे इस प्रकार झुकें कि रीढ़ और पीठ की माँसपेशियों में खिंचाव बना रहे। प्रयास करें की आपका माथा ज़मीन से स्पर्श हो जाए। अगर ये संभव ना हो तो अपनी ठुड्डी को पैरों के अँगूठे से साँस को सामान्य कर लें। अंत में साँस भरते हुए वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएँ। जितनी बार हो सके इस आसन का अभ्यास करें।
ध्यान दें:
यदि आपके घुटने चोटिल हों तो यह आसन न करें।
कपाल भाति प्राणायाम
यह सांस लेने संबंधी प्राणायाम का ही एक रूप है जो शरीर में ऑक्सिजन ले जाने और पेट की पेशियों को मज़बूत करने का काम करता है। यह पेट की चर्बी को कम करता है और पाचन शक्ति को दुरुस्त करता है।
आसन विधि:
कपाल भाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन,सुखासन या फिर कुर्सी पर बैठिए। इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर फेंकिए। साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करे। तत्पश्चात तुरन्त नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचते है और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते है। इस क्रिया को शक्ति व आवश्यकतानुसार50 बार से धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 500 बार तक कर सकते है, किन्तु एक क्रम में 50 बार से अधिक न करे। क्रम धीरे-धीरे बढ़ाएं। कम से कम 5 मिनट एवं अधिकतम 30 मिनट। इस तरह सांस लेने के बाद आप शुरुआत में आप पेट की पेशियों के आस-पास सूजन सा महसूस करेंगे पर परेशान न हों, ये तात्कालिक व सामान्य है।
ध्यान दें:
अगर आप उच्च रक्तचाप के मरीज़ हैं या हार्निया अथवा ह्रदय संबंधी मर्जों से जूझ रहे हैं तो यह आसन न करें।
कुंभकासन
यह आसन करने में भले ही आसान हो पर इसे योग के सबसे असरदार आसनों में से एक माना जाता है। ये आपकी बांहों, कन्धों, पीठ, पुष्टिकाओं, जंघाओं को मज़बूत करता है। और शरीर में मज़बूत एब्स के लिए यह आसन बेहतरीन है।
आसन विधि:
चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। अब अपनी हथेलियों को अपने चेहरे के आगे रखें और पैरों को इस तरह मोड़ें कि पंजे जमीन को धकेल रहे हों। अब हाथ को आगे की तरफ पुश करें और अपनी पुष्टिका को हवा में उठाएं। आपके पैर ज़मीन से यथासंभव सटे होने चाहिए और गर्दन ढीली होनी चाहिए। इसे अधोमुख स्वानासन के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ तक पहुँचने के बाद सांस अन्दर लें और अपने धड़ को इस तरह नीचे ले जाएं कि आपकी बांहों का बल ज़मीन पर लग रहा हो ताकि आपकी छाती और कंधे सीधा उन पर टिके हों। इस मुद्रा में तब तक रहें जब तक सहज हो। आसन से बाहर आने के लिए सांस छोड़ें और आराम से शरीर को फर्श पर लेटने दें।
ध्यान दें:
अगर आपकी पीठ या कन्धों में चोट हो या आप उच्च रक्तचाप के शिकार हों तो यह आसन न करें।
हलासन
यह आसन उनके लिए बहुत कारगर है जो लम्बे समय तक बैठते हैं और जिन्हें posture संबंधी समस्या है। ये थायराइड ग्रंथि, पैराथायराइड ग्रंथि, फेफड़ों और पेट के अंगों को उत्तेजित करता है जिससे रक्त का प्रवाह सर और चेहरों की और तेज़ हो जाता है जिससे पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है और हारमों का स्तर नियंत्रण में रहता है।
आसन करने का तरीका:
फर्श पर चित होकर लेट जाएं। अपनी बांहों को बगल में रखें और घुटनों को मोड़ लें ताकि आपका तलवा फर्श को छूए। अब धीरे धीरे अपनी पुष्टिका से पैरों को उठाएं। पैर उठाते वक्त अपने हाथों को पुष्टिका पर रखकर शरीर को सपोर्ट करें। अब धीरे धीर अपने पैरों को पुष्टिका के पास से मोड़ें और सर के पीछे ले जाकर पंजों को फर्श तक ले जाने की कोशिश करें। और हाथों को बिलकुल सीधा रखें ताकि वो फर्श के संपर्क में रहे। ऊपर जाते हुए सांस छोड़ें। लेटने वाली मुद्रा में वापस लौटने के लिए पैरों को वापस लाते हुए सांस लें। एकदम से नीचे न आएं।
ध्यान रखें:
यदि आप लिवर, उच्च रक्तचाप, डायरिया संबंधी समस्याओं से गुज़र रहे हैं, मासिक धर्म चल रहा हो या गर्दन में चोट लगी हो तो यह आसन न करें।
सेतुबंधासन
यह आसन न सिर्फ रक्तचाप को नियंत्रित रखता है बल्कि मानसिक शान्ति देता है और पाचनतंत्र को ठीक करता है। गर्दन और रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ-साथ यह आसन मासिक धर्म के सिम्पटम से भी निजात दिलाता है।
आसन करने का तरीका:
चटाई पर चित होकर लेट जाएं। अब सांस छोड़ते हुए पैरों के बल ऊपर की ओर उठें। अपने शरीर को इस तरह उठाएं कि आपकी गर्दन और सर फर्श पर ही रहे और शरीर का बाकी हिस्सा हवा में। ज़्यादा सपोर्ट के लिए आप हाथों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अगर आपमें लचीलापन है तो अतिरिक्त स्ट्रेचिंग के लिए आप अपनी उँगलियों को ऊपर उठी पीठ के पीछे भी ले जा सकते हैं। अपने कम्फर्ट का ध्यान रखते हुए इस आसन को पूरा करें
अगर आपकी गर्दन या पीठ में चोट लगी हो तो यह आसन न करें।
बलासन
फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाएं। अब अपने पैर को फ़्लैट करते हुए अपनी एड़ी पर बैठा जाएं। दोनों जांघों के बीच थोड़ी दूरी बनाएं। सांस छोड़ें और कमर से नीचे की और झुकें। अपने पेट को जाँघों पर टिके रहने दें और पीठ को आगे की और स्ट्रेच करें। अब अपनी बांहों को सामने की तरफ ले जाएं ताकि पीठ में खिंचाव हो। आप अपने माथे को फर्श पर टिका सकते हैं बशर्ते आपमें उतना लाचीलापन हो। पर शरीर के साथ ज़बरदस्ती न करें। वक्त के साथ आप ऐसा करने में कामयाब होंगे।
चूंकि ये तनाव-मुक्ति आसन है इसलिए सामान्य गति से सांस लें। ज्यादा से ज़्यादा तीन मिनट और कम से कम पांच की गिनती तक इस मुद्रा में रहें।
ध्यान दें:
यदि आप गर्भवती हैं या घुटनों में चोट है अथवा डायरिया से पीड़ित हैं तो ये आसन न करें।
प्राणायाम
यह आसन आपको राहत पहुंचाने और मस्तिष्क को शान्ति देने का सबसे अच्छा रास्ता है। क्या आपको पता है कि केवल सही तरह से सांस लेना आपके शरीर के नब्बे प्रतिशत टोक्सिन को बाहर कर सकता है? हम नवजात शिशुओं से सांस लेने का सही तरीका सीख सकते हैं। आपने देखा है सांस लेते हुए उनका पेट ऊपर आता है और छोड़ते हुए नीचे जाता है? सांस लेना हमारी ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है। स्वस्थ और सुखी जीवन की कुंजी सही तरह से सांस धरे-धीरे ले
पेट की चर्बी घटाने के लिए क्या करें
पेट की चर्बी घटाने के लिए हमें सुबह शाम दौड़ लगाना चाहिए इससे हमारी पेट की चर्बी कम होगी
पेट कम करने के लिए क्या खाए
पेट की की चर्बी कम करने के लिए हमें जंक फूड उसे ऑन हमें कम खाना चाहिए जिससे हमारे पेट की चर्बी कम होगी
क्या कसरत करने से पेट कम होता है
जैसा कि हम सुबह शाम अगर हम पहले घूमने और सुबह उठकर हम नहीं कसरत करें तो इससे अच्छा कुछ नहीं है दवा से अच्छा अगर आप कसरत करते हैं हम तो भी आपके पेट कम होने की संभावना हो सकती है
क्या रस्सी कूद से भी पेट कम होता है
जी अगर आप रस्सी कूद कर रहे हैं तो इससे भी आपके पेट पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा और आपके पेट कम हो जाएगा