प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना: प्रेगनेंसीअथवा गर्भावस्था में महिला के गर्भ में क्या है अथवा महिला के गर्भ में बच्चा लेफ्ट में रहता है तो राइट में तथा बहुत सारे ऐसे क्वेश्चन रहते हैं जिनको जानने के लिए परिवार के लोग उत्सुक रहते हैं स्वस्थ स्वस्थ है तो सभी प्रकार की जानकारी के लिए लोग ज्यादा कर आते हैं इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए मैं और आप आज इस बात पर चर्चा करने वाले हैं कि गर्ववती महिला के गर्भ में बच्चे का राइट में होने का क्या कारण है और क्यों रात में ही रहता है लेफ्ट में नहीं रहता इन सारी बातों का जवाब आपको इस पोस्ट को पढ़कर मिल जाएगा तो चलो हम और आप कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ जिस कारण को जान लेते हैं कि महिला के गर्भ में बच्चे राइट साइड में क्यों रहते हैं।

- राइट साइड में लीवर स्थित होता है जोकि एक महत्वपूर्ण अंग है।
- महिलाओं की गर्भावस्था के समय उन्हें राइट साइड में कभी नहीं लिखना चाहिए।
- यह डॉक्टर का कहना होता है क्योंकि राइट साइड में ही बच्चा होता है।
- और अगर महिला राइट साइड में लेट जाती है तो लेबर पर प्रेशर पड़ता है तथा बच्चेदानी पर भी प्रेशर पड़ता है।
- गर्भवती महिला को हमेशा बाएं तरफ करवट लेटना चाहिए जिससे कि वह भी स्वस्थ रहती है और बच्चे भी।
गर्भ में लड़का किस साइड रहता है राइट या लेफ्ट/Which side does the boy live in the womb, right or left?
गर्भवती होना एक सौभाग्य की बात होती है शादीशुदा गर्भवती होना एक बहुत बड़ा सौभाग्य का भात होता है क्योंकि गांव की महिलाएं ऐसा कहती है कि हर कोई गर्भवती नहीं हो सकता अगर किसी के प्रजनन क्षमता अथवा जनन अंगों में कोई दिक्कत है तो वह गर्भवती नहीं हो सकती और इसके साथ-साथ जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसके मन में एक सवाल उठता रहता है कि हमारे गर्भ में लड़का है अतः लड़की इस सवाल का जवाब देना बड़ा ही कठिन है और इसका जवाब सही ही हो इसका कोई गारंटी नहीं है लेकिन बूढ़े बुजुर्ग लोगों द्वारा कही गई कुछ तथ्यों पर क्या पोस्ट आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत है और मैं आप लोगों को यह भी बताना चाहता हूं कि हमारी वेबसाइट कोई लिंग बताने की समीक्षा भी नहीं करता लेकिन मैं आप लोगों को कुछ तत्व के माध्यम से बताना चाहता हूं
जिससे आप जान सके कि गर्भ में लड़की है थोड़ा सा और मैं लिंग जांच करने की कोई ऐसी विधि नहीं बता सकता जिससे कि आपको नुकसान हो गर्भवती महिला या तो लड़की और या तो लड़का ही जन्म देती है दोनों को सामान्य रूप से समझना चाहिए और दोनों को सामान्य रूप से देखभाल पढ़ाई लिखाई सुविधाओं को देना चाहिए इसीलिए बड़े बुजुर्ग लोग कहते हैं कि अगर महिला का पेट दाएं तरफ से भारी हो तो आप समझ जाइए कि उसके गर्भ में लड़का हो लेकिन यह साइंस विज्ञान की तर्क पर आधारित नहीं है और विज्ञान इसको मानता भी नहीं क्योंकि यह बात सही है कि साइंस यह मानता है कि गर्भवती महिला का पेट हमेशा दाईं तरफ से ही भारी होता या कहना ना तो उचित है और ना ही सही क्योंकि जब गर्भवती महिला का पेट में बच्चा हमेशा के लिए दाएं तरफ ही रहता है तो यह कह देना बच्चा हमेशा राइट साइड में रहता है गलत ही होगा धन्यवाद
गर्भ में बेटी होने के लक्षण/Symptoms of having a daughter in the womb
जिस प्रकार सेहम और आप यह नहीं कह सकते कि महिला के गर्भ में लड़का है उसी प्रकार या भी नहीं कह सकती कि महिला के गर्भ में लड़की है क्योंकि यह जानकारी देना कानूनन अपराध है सबसे पहले यह डॉक्टर लोग करते थे लैंगिक जांच लेकिन अब इस समय में अगर ऐसा करते समय किसी डॉक्टर को पकड़ा गया तो उसको सजा होती संगीन अपराध लगते हैं इसीलिए लोग और डॉक्टर कोई भी लैंगिक जात नहीं करता तथा ऐसा कोई भी काम नहीं करता जिससे कि लिंग का पहचान जन्म से पहले हो सके और लोग भ्रूण हत्या में अपना योगदान दें इसीलिए भारत सरकार द्वारा भूण हत्या को कानूनन अपराध बताया गया है और ऐसा करने वाले को सजा का प्रावधान है मैं आप लोगों को गांव में कहे जाने वाले तत्वों के आधार पर यह बताना चाहता हूं कि गर्भ के भीतर बेटी है अथवा बेटा तो लोगों के द्वारा यह कहा जाता है कि अगर महिला का पेट बाई तरफ से भारी है तो समझ लेना चाहिए कि उसके गर्भ में लड़की है लेकिन या कोई वैज्ञानिक तर्क नहीं है या पूरी तरह से गलत है और इसका कोई सपोर्ट नहीं करता क्योंकि यह बहुत ही आवेग ज्ञानिक तक है क्योंकि विज्ञान यह कहता है कि बच्चे जब मूवमेंट करते हैं तो मैं लेफ्ट साइड तथा राइट साइड दोनों साइड में आ जा सकते हैं इसमें किसी का यह अंदाज लगाना गलत हो सकता है इसीलिए आप इस बात को वैज्ञानिक तर्क के हिसाब से नहीं समझ सकते या केवल तथ्यों के आधार पर सही हो सकता है अथवा नहीं भी इसका कोई प्रमाण नहीं धन्यवाद।
चौथे महीने में गर्भ में लड़का होने के लक्षण/Symptoms of having a boy in the womb in the fourth month
जब महिला गर्भवती होती तो बहुत सारे लोगों का यह सवाल रहता है कि महिला के गर्भ में लड़का है तो लड़की तो अगर लड़का है तो उसका लक्षण क्या होगा वह लड़की है तो इसके लक्षण क्या होगा तो इसका पता कैसे लगाया जाता है मैं बताने वाला हूं तो इसका पता किस प्रकार लगाया जा सकता है कि की महिलाओं में होने वाले शारीरिक परिवर्तन तथा हमके बॉडी लैंग्वेज के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है सही अथवा गलत का कोई वैज्ञानिक तरकीब उपलब्ध नहीं है इसके लिए बहुत सारे लक्षण बताए जाते हैं जिनमें से कुछ लक्षण नीचे निम्नलिखित हैं।
- पति पत्नी के गुणसूत्रों के हिसाब से।
- अगर पति का एक्स वाई है तथा महिला का एक्स एक्स है तो पर गुणसूत्रों में एक्स वाई का कांबिनेशन हुआ तो लड़का होग।
- यदि महिला कायाक्स तथा पुरुष का भी एप्स कंबीनेशन हुआ तो लड़की होगी।
- यदि प्रेगनेंसी के समय गर्भवती महिला के दोनों स्तनों के आकार में अंतर हो तथा बाएं तरफ का स्तन आकर में बड़ा हो समझे की यह लड़का होने का लक्षण है(ladka hone ke lakshan). इस तरह प्रेग्नेंट स्त्री के स्तन के साइज से पता लगा सकते हैं कि गर्भ में पुत्र या पुत्री है।
- एक प्रमुख लक्षण हमने आपको ऊपर बता ही दिया है की यदि गर्भ में बच्चे की हलचल चार महीने में ही महसूस होने लगे तो गर्भ में पुत्री होगी तथा यदि गर्भ में लड़के की हलचल होगी तो वो 5 महीने बाद महसूस होना शुरू होगी।
- यदि किस गर्भवती महिला के पेट नीचे की तरफ से उभरा हुआ हो तो लडका होने का लक्षण होता है तथा यदि प्रेगनेंट महिला का पेट ऊपर की तरफ उभरा हुआ हो तो लड़की होने का लक्षण होता है. इस तरह आप प्रेगनेंट स्त्री के पेट का आकार देकर बता सकते हैं कि गर्भ में लड़का या लड़की।
- कई जगह पर यह मान्यता भी है कि प्रेग्नेंट स्त्री के पेट में बच्चा बाई तरफ यानी लेफ्ट साइड में महसूस हो तो लड़की होती है और यदि दाएं तरफ यानी राइट साइड मे महसूस हो तो लड़का होता है।
- गर्भ में लड़के की हलचल के बारे में तो आपने ऊपर जान लिया लेकिन क्या आप जानते हैं की यदि किसी गर्भवती महिला के गर्भ में लड़की होगी तो उसकी सुंदरता और सौंदर्य बढ़ जाता है, वहीं गर्भ में लडका होने पर चेहरा मुरझाया हुआ लगने लगता है और बाल झड़ने लगते हैं तथा हाथ-पैर थोड़े ठंडे लगने लगते है।
- अगर प्रेगनेंट स्त्री गर्भावस्था के दौरान ज्यादा नमकीन खाना पसंद करने लगे तो यह लड़का होने का लक्षण हो सकता है वहीं यदि वो मीठा खाना ज्यादा पसंद करने लगे तो यह लड़की होने की संभावना हो सकती है तथा इस तरह से आप गर्भवती महिला के भोजन की रुचि से जान सकते है की गर्भ में पुत्र या पुत्री है।
- वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान प्रेगनेंट महिला का मूड स्विंग यानी परिवर्तित होता रहता है परंतु यदि इस दौरान गर्भवती स्त्री का मूड जरूरत से ज्यादा परिवर्तन होता हो तो उस महिला के गर्भ में लड़का होने के चांसेज ज्यादा होते हैं. यानी यदि वो स्त्री ज्यादा मूडी महसूस करे तो लड़का तथा कम मूड स्विंग हो तो लड़की होने की संभावना हो सकती है
- प्रेगनेंट स्त्री गर्भावस्था के दौरान ज्यादा नमकीन खाना पसंद करने लगे तो यह लड़का होने का लक्षण हो सकता है वहीं यदि वो मीठा खाना ज्यादा पसंद करने लगे तो यह लड़की होने की संभावना हो सकती है तथा इस तरह से आप गर्भवती महिला के भोजन की रुचि से जान सकते है की गर्भ में पुत्र या पुत्री है।
- गर्भ में बच्चे की हलचल से तो गर्भ में लड़का है या लडकी है के बारे में पता करना आपने जान लिया लेकिन क्या आप जानते हैं की गर्भवती स्त्री के निप्पल के रंग से भी यह पता चलता है कि गर्भ में पुत्र या पुत्री है. वैसे तो प्रेग्नेंसी में निप्पल का रंग हमेशा काला ही रहता है लेकिन निप्पल का रंग यदि बहुत ही ज्यादा काला अथवा गहरा काला हो तो आप मान सकते है की गर्भ में लड़का हो सकता है
लेकिन यह सब लक्षण वैज्ञानिक तर्को से पूर्ण नहीं है इसको सही मानना हम कह सकते हैं कि गलत होगा इसीलिए आप लोग डॉक्टरों से उचित सलाह दें तथा लिंग जांच पर विश्वास न करें।
गर्भ में लड़के की धड़कन कितनी होती है/what is the heartbeat of a boy in the womb
क्या आप जानते हैं की गर्भ में लड़के और लड़की की धड़कन में फर्क होता है. जी हां एक शोधपत्र में बताया गया है की गर्भाशय के अंदर लड़के और लड़की के भ्रूण की धड़कन की गति अलग-अलग होती है. अब आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए या होती है तथा लड़की की हार्ट बीट कितनी होती है. यदि किसी गर्भवती महिला के गर्भ में भ्रूण की धड़कन 140 bpm से ज्यादा होती है तो वह लड़की हो सकती है तथा कम होने पर लड़का हो सकता है यानी गर्भ में लड़के की धड़कन 140 bpm से कम होती है. इस शोधपत्र के अनुसार 32 सप्ताह की गर्भवती महिला के भ्रूण की धड़कन की गणना से यह पता चल जाता है की होने वाले बच्चे का लिंग क्या है. इस तरह गर्भ में लड़के की हलचल के अलावा गर्भ में लड़के की धड़कन कितनी होती है जानकर भी आप अपने होने वाले बच्चे का अंदाजा लगा सकते है.
गर्भ में लड़के की हलचल/boy movement in the womb
गर्भ में लड़का है या लड़की इसका पता लगाना तो मुश्किल होता है लेकिन बहुत सारे लोग इस चीज से पता लगा लेते हैं कि अगर बच्चे की हेल्थअथवा उसके मोमेंट को देखकर बुजुर्ग महिलाएं गांव में जो रहती है वह या पता लगा लेती है कि लड़का आया था लड़की लेकिन अगर कोई वैज्ञानिक तरकीब की बात की जाए तथा डॉक्टरों की से चला लिया जाए तो या नहीं बताया जा सकता अथवा कोई नहीं बताता है क्योंकि लिंग की जांच करना था किसी को बताना कानूनन अपराध होता है इस संबंध में बहुत सारे तथ्य आए हैं लेकिन गांव की महिलाएं इससे बच्चे की मूवमेंट और महिला के स्वास्थ्य को देख कर बता देते हैं कि महिला के गर्भ में लड़का था लड़की तो इन बातों को ध्यान में रखते हुए गांव की महिलाएं यह कहा करते हैं कि अगर बच्चे पेट में 4 महीने के अंदर अगर मोमेंट करते हैं तो समझ लीजिए कि लड़की है और अगर पांचवे महीने में मूवमेंट करते हैं तो आप समझ लीजिए लड़का ऐसा गांव में कहा जाता है या कोई वैज्ञानिक तरकीब नहीं है
इस मान्यता के अनुसार किसी भी गर्भवती स्त्री के गर्भ में बच्चे की हलचल से पता लगाया जा सकता है कि गर्भ में लड़का या लड़की है क्योंकि ऐसा माना जाता है की लड़के के मुकाबले लड़की गर्भ में मूवमेंट जल्दी शुरू करती है. गर्भाशय में एक लड़की जहां चार महीने में ही मूवमेंट करना शुरू कर देती है वहीं लड़का हलचल शुरू करने में पांच महीने तक का समय लेता है. इस मूवमेंट को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है की गर्भ में पुत्र या पुत्री है.गर्भ में बच्चे की हलचल किस तरह से होती है
गर्भ में बच्चे की हलचल किक मारने, हिचकियां लेने, हिलने-डुलने आदि के रूप में होती है. इसके अलावा शिशु अपने शरीर को दूसरी तरफ मोड़ना, चेहरे को हिलाना तथा हाथ को चेहरे को छूने हेतू हिलाना आदि मूवमेंट भी इस दौरान करता है. इसकी शुरुआत 17 सप्ताह के बाद शुरू होती है जैसे-जैसे सप्ताह बीतते हैं, गर्भ में बच्चे की हलचल का अहसास बढ़ने लगता है. सामान्यत 35वें सप्ताह के बाद इसमें कमी आने लगती है क्योंकि शिशु के शरीर के बढ़ जाने की वजह से उसे गर्भाशय में हलचल करने की जगह नहीं मिलती
गर्भ में बच्चा नीचे होना/baby down in the womb
गर्भावस्था में जब महिलाएं गर्भवती होती हैं तो बहुत सारी समस्याएं आती हैं उन्हीं में से एक समस्या है बच्चे का नीचे होना था बच्चे का उल्टा होना यह समस्या बहुत गंभीर होती है इसमें यह होता है कि सभी महिलाओं में नहीं लेकिन कुछ महिलाओं में ऐसा होता है कि गर्भावस्थ के समय गर्भाशय में बच्चे उल्टे हो जाते हैं जिसमें बच्चे का सिर ऊपर की तरफ तथा बच्चे का पैर नीचे की तरफ गर्भाशय नाल की तरफ हो जाता है जिससे कि बच्चा डिलीवर होने में तकलीफ होता है और कई बार ऐसा होता है कि सर्जरी कराना पड़ता है अन्यथा बच्चा नार्मल नहीं पैदा होता है क्योंकि बच्चे उल्टे हो जाते हैं तो बहुत समस्या होती है ऐसा बहुत कम ही होता है लेकिन जब होता तो बहुत तकलीफ होता है महिलाओं को और इससे निजात पाने के लिए बहुत सारे पड़ा यहां व्यायाम योगासन बताए गए हैं तथा उनका नियमित रूप से पालन करने से ऐसा नहीं होता है महिलाएं जब गर्भवती होती है तो जो महिलाएं नॉर्मल काम से से कपड़ा धोना तथा झाड़ू पोछा करना इत्यादि काम नहीं करती हैं उनको यह समस्या ज्यादा होती है और जो लालबाग काम करते रहते हैं कोई समस्या नहीं होती ऐसा गांव के लोगों के द्वारा कहा जाता है।
गर्भ में लड़का होने पर कहां दर्द होता है/Where does it hurt to have a boy in the womb?
गर्भ में लड़का हो अथवा लड़की इसका पता लगाना चंदू मुश्किल काम होता है और इसका पता भी आज जमाने में नहीं लगता क्योंकि भूल का जांच करना अब बंद कर दिया गया है जन्म के पहले किसी बच्चे का लिंग बताना कानून के खिलाफ है इसीलिए मछली बनाने में अल्ट्रासाउंड करने वाले भी तथा उन जाटों के माध्यम से बताने वाले भी यह नहीं बताते हैं कि गर्भ में लड़का है तो लड़की इसीलिए उन सारी चीजों को बहुत छुपा कर रखा गया है लेकिन मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि बहुत सारे लोग या कहते हैं कि अगर लाइफ में दर्द हुआ तो लड़का होगा लेफ्ट में दर्द हो तो लड़की होगी लेकिन ऐसा कहना बिल्कुल गलत है और तर्क से वहीं है और मैं आप लोगों को यह बताना चाहता हूं कि चाहे लड़का हो और चाहे लड़की हो जब वाह मूवमेंट करता है तो पूरे पेट में मोमेंट करता है क्योंकि बच्चे का घर उसका पेट मां का पेट ही होता है इसकी इसीलिए या कहना अत्यंत मुश्किल है कि अगर अदाएं में दर्द हुआ तो लड़का और बाएं में दर्द हो तो लड़की क्योंकि जब बच्चे चलते हैं थोड़ा किक मारते हैं तो दोनों तरफ मारते हैं कभी दर्द इधर होगा कभी दर्द उधर होगा यह पहचान ना तुमको मुश्किल काम हो जाता है।
आप भी सोचते होंगे की लड़का कैसे होता है? यानी ऐसा कोनसा कारण है जिसकी वजह से लड़का और लड़की का लिंग निर्धारण होता है. विज्ञान के अनुसार पुरुष के गुणसूत्र x तथा y होते है तथा महिला के गुणसूत्र सिर्फ x होते है. जब पुरुष के x और महिला के x गुणसूत्र के मिलने से जो संतान उत्पन्न होती है वह लड़की होती है तथा पुरुष के y तथा महिला के x गुणसूत्र के मिलने से जो संतान उत्पन्न होती है वह लड़का होता है. इस बात से आप यह तो समझ गए होंगे कि लड़का या लड़की होने की संभावना पुरुष के गुणसूत्र पर निर्भर करती है, महिला का गुणसूत्र तो हमेशा x ही होता है
गर्भ में बच्चे के अंदर कितने महीने में जान आती है/In how many months does the baby come to life in the womb?
गर्भ के अंदर बच्चे में कब जाना आती है यह बताना बड़ा सरल होता है उसके मां को तथा ऐसे बहुत सारे यंत्र आज जमाने में उपलब्ध हैं तथा जांच उपलब्ध है जिसके माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि बच्चे में जान आ गई है अथवा नहीं क्योंकि जब बच्चा हलचल करने लगे मूवमेंट करने लगे तथा आवाज को पहचानने लगे तब आपको समझ जाना चाहिए कि बच्चे में जान आ गई तो इस बात को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक तर्क के हिसाब से या बताया जाता है कि बच्चे में जान 3/4 महीने के अंदर ही आ जाता है लेकिन बच्चा तीन चार महीने के अंदर मोमेंट नहीं करता इसीलिए तो इसको लोग सही नहीं मानते लेकिन पांचवे महीने में जब बच्चा मूवमेंट करने लगता है तो लोग इस बात को सत्य समझ लेते हैं और क्या कहने लगते हैं कि बच्चे में जाना है और मैं आप लोगों को यह बताना चाहूंगा कि सातवें महीने तक बच्चे के अंदर इतनी शक्ति हो जाती है कि वह रोशनी आवाज इतिहास को भी पकड़ने लगता है और उस पर प्रतिक्रिया देने लगता है
प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना video
गर्भ में बच्चे का उल्टा होने का क्या मतलब है?
गर्भ में बच्चे का उल्टी होने का मतलब यह है कि गर्भाशय में बच्चे का सिर ऊपर की तरफ था बच्चे का पैर नीचे की तरफ हो जाता है और इस प्रकार से बच्चा उल्टा हो जाता है।
गर्भाशय में बच्चे राइट में रहते हैं तो लेफ्ट में?
इस सवाल का सबसे अच्छा जवाब दिया है कि बच्चे हमेशाराइट की तरफ ही रहते हैं चाहे वह लड़की हो अथवा लड़का हमेशा राइट की तरफ ही बच्चे गर्भावस्था में रहते हैं।
गर्भावस्था के समय दाई भगत करवट लेटना चाहिए था भाई?
गर्भावस्था के समक्ष हमेशा बाई करवट लेटना चाहिए क्योंकि जो हमारा लीवर प्यार होता है वह दाएं तरफ होता है और जब हम जाएं पर ब्लड जाते हैं तो लेबर पर प्रेशर पड़ता है।
बच्चा नीचा हो जाए तो क्या करें?
गर्भाशय ग्रीवा खोलने के लिए सही एक्सरसाइज करें।
इस दौरान क्रॉस लेग करके न बैठें। यह पोजीशन बच्चे को पीछे की ओर धकेलती है।
आगे की ओर झुक कर बैठे जिससे बच्चा श्रोणि की ओर खिसकता है।
स्क्वाट्स करें।
ज्यादा हलचल बच्चा कब करता है?
32 सप्ताह का होने पर भ्रूण आवाज सुनने लगता है और यादें भी बनाने लगता है। इस समय वह गर्भ में मूव भी करता है लेकिन 90 से 95 फीसदी समय सोता रहता है। कई गर्भवती महिलाओं का कहना है कि उनका शिशु रात के समय ज्यादा किक और मूवमेंट करता
बच्चा नीचे होने का लक्षण?
बच्चे के नीचे होने का सबसे बड़ा लक्ष्य दिया है बार बार पेशाब आना पेट में दर्द होना पीठ में दर्द होना तथा बवासीर होने की संभावना हो अथवा हो गया हो तो भी ऐसा होता।
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