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सर्वश्रेष्ठ सुविचार हिन्दी में (sarvashreshth suvichaar in hindi) – rskg

सर्वश्रेष्ठ सुविचार हिन्दी में (sarvashreshth suvichaar in hindi) – आज हम आप लोगों को सर्वश्रेष्ठ सुविचार हिंदी बताने वाले हैं सर्वश्रेष्ठ सुविचार का मतलब क्या होता है तो इसके लिए मैं आप लोगों को विस्तृत जानकारी देना चाहता हूं आप लोगों को यह बताना चाहता हूं कि सर्वश्रेष्ठ का मतलब होता है सभी विचारों में श्रेष्ठ अर्थात की जो अच्छे विचार होते हैं जो हमारे समाज को हमारे राष्ट्र को तथा हमारे लोगों को लाभ पहुंचा सके हम और आप उन लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करें और उन लोगों के बारे में बताएं

कि उसका मतलब क्या होता है तथा उसके लिए आप लोगों को क्या करना चाहिए इसीलिए मैंने सोचा है कि मैं आप लोगों को आज श्रेष्ठ विचारों के बारे में जानकारी दूंगा और आप लोगों को बताऊंगा कि आखिर श्रेष्ठ सुविचार का मतलब क्या होता है इसीलिए मैंने आप लोगों को उनके बारे में जानकारी देने का निश्चय किया है और हमें यह लग रहा है कि यह विचार आप लोगों को बहुत ही अच्छा लगेगा और आप लोग इन विचारों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे इन सारी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त करने से आप लोगों को भी बहुत सारा ज्ञान प्राप्त होगा और आप लोग इन सारी चीजों को बहुत ही अच्छे से ग्रहण करेंगे।

सर्वश्रेष्ठ सुविचार हिन्दी में
सर्वश्रेष्ठ सुविचार हिन्दी में

प्रेरणादायक सर्वश्रेष्ठ सुविचार/inspirational best quotes

प्रेरणादायक सर्वश्रेष्ठ सुविचार का मतलब होता है जिस विचार से हमको कुछ सीखने को कुछ करने को उत्तेजना प्राप्त हो उसे मोटिवेशनल सर्वश्रेष्ठ सुविचार कहते हैं इसीलिए मैंने आप लोगों को इन सारी चीजों के बारे में जानकारी दीजिए ताकि आप लोग के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके और हमें आशा है कि आप लोग इन सारी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे क्योंकि मैं आप लोगों के समक्ष प्रेरणादायक सर्वश्रेष्ठ सुविचार को प्रस्तुत करने के लिए कुछ ऐसीबातें बताना चाहता हूं जो आप लोगों को जीवन में बहुत सारी अच्छाइयां प्रदान करेंगे

और हमें आशा है कि आप लोग उससे कुछ ना कुछ ज्ञान जरूर सीखेंगे।मैं आप लोगों को कुछ महान व्यक्तित्व के बारे में बताना चाहता हूं कि जिन्होंने आप लोगों को प्रेरणादायक श्रोता का ज्ञान दिया है उनमें से एक स्वामी विवेकानंद जी प्रमुख हैं उन्होंने कहा था उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक कि लक्ष्य को प्राप्त ना कर लो यह स्वामी विवेकानंद जी का कथन है।

इंतजार मत कीजिए सही समय कभी नहीं आता।

श्रेष्ठ सुविचार
1जीवन ना तो भविष्य में है और ना तो अतीत में जीवन तो सिर्फ वर्तमान में है
2
प्रेम एक अनुभव हो जो मनुष्य को कभी हार ने नहीं देता हैैैै और घृणा एक अनुभव है जो कभीी मनुष्य
3 
एक इच्छाा से कुछ नहीं बदलता एक निर्णय से कुछ बदल जाता है और एक निश्चित सेेेे सब कुछ बदल जाता है।
4 
श्रेष्ठ वही हैै जिसमें दृढ़ता हो जिद नहीं की बहादुर वही हैै इसमें दया हो कमजोरी नहीं।
5
दूसरों द्वारा की गयी गलतियों से सीखो,
अपने ऊपर प्रयोग करके सीखने में,
तुम्हारी आयु काम पड़ जायेगी।
6
 शुक्रर कर फिक्र नहीं।
7
अगर जीवन में कुछ पाना है तो,
अपने तरीके बदलो, इरादे नहीं।
8 
मनुष्य ईश्वर के पााास खुद नहीं पहुंच पाता लेकिन जब वह तैयाार होता तू ईश्ववर खुद ब खुद उसके पास आ जातेे हैं।
9 
झूठी शान के परिंदेे ही थर्ड पढ़ाते हैं बाज की उड़ान कभी आवाज नहींं करती।
10
 सच्चाई और अच्छाई की तलाश में चाहे पूरीी दुनिया घूम लो लेकिन अगर आपकेेे पास नहीं तोोोोो आपको कभी नहीं मिलेगीहीं
11
दुनिया का डर नहीं,
जो तुझे उड़ने से रोके हैं,
कैद है तू अपने ही,
नजरिये के पिंजरे में
12
दिल भी झुकना चाहिए सजदे में सर के साथ,
दिल कहीं, सर कहीं, ये बंदगी अच्छी नहीं।
13
काम करने वालों की कदर करो,
कान भरने वालों की नहीं।
14
सब से कठिन काम है,
सब को खुश रखना,
सब से आसान काम है,
सब से खुश रहना।
15
अजीब बात है न कि,
रावण जलाने से पहले,
हम ही उसे बनाते हैं।
16
मेहनत करने से गरीबी नहीं रहती,
धर्म करने से पाप नहीं रहता
और मौन रहने से कलह नहीं होता।
17 
कल की चिंताा नहीं कल की उत्सुकता होनी चाहिए।
18
बारिशों में भीगना,
गुजरे जमाने की बातें हो गई,
कपड़ो की कीमतें,
मस्ती से कहीं ज्यादा हो गई।
19दर्पण में जब भी देखो,
केवल चेहरा न देखो,
मन का भाव भी देखो,
आत्मा का मैल भी देखो
20
एक समय में एक काम करो,
और ऐसा करते समय
अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो
और बाकी सब कुछ भूल जाओ

आज का सुविचार हिंदी में 2021 (Today’s Suvichar 2021 in Hindi)

इस प्रकार से मैंने आप लोगों को प्रेरणादायक सुविचार के बारे में जानकारी दी अब मैं आप लोगों से या बात करना चाहता हूं कि आज के सुविचार के बारे में आप लोग किस प्रकार से अपना एक्टिवेशन रखते हैं उस हिसाब से मैं आप लोगों को जानकारी देना चाहता हूं और हमें यह जरूर पता चलना चाहिए कि आज के सुविचार में हम लोगों को क्या बताना चाहते हैं तो किस प्रकार से उसको आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत करना चाहते हैं

सारी चीजेंके बारे में पूर्ण रूप से जानकारी देना चाहता हूं और आप लोगों को बताना चाहता हूं कि आज उससे सुविचार क्या है इन चीजों को ध्यान में रखते हुए मैं आप लोगों के समक्ष नीचे एक लिस्ट के माध्यम से पूरी जानकारी दूंगा जो आप लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

Aaj Ka Vichar5 22/03/2023

श्रेष्ठ सुविचार rs kg.in

अब मैं आप लोगों कोबहुत सारे ऐसे श्रेष्ठ विचारों के बारे में जानकारी देना चाहेंगे वह आप लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण होगा और जिसे देखकर आप लोग बहुत ही उत्साहित होंगे और हमें आशा है कि यह लोगों को बहुत ही अच्छा लगेगा।

aaj ka vichar2 22/03/2023

श्रेष्ठ सुविचार rs kg.in

गलती उसी वक्त से होती है जो कार्य करने वाले हैं और जो कार्य नहीं करता है उनसे गलती नहीं होगी यही आज का श्रेष्ठ सुविचार है

Aaj ka vichar 4 22/03/2023

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Aaj Ka Vichar 2 22/03/2023
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हमारी पहली सफलता हमारी किस्मत पर निर्भर करती है लेकिन हमारी बार-बार की सफलता तो सिर्फ हमारी कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है

aaj ka vichar 22/03/2023

श्रेष्ठ सुविचार rs kg.in

पैसा नमक की तरह होता है जिसकी जरूरत तो होती है लेकिन अगर जिंदगी में पैसा ज्यादा हो गया तो वह जिंदगी की स्वाद बिगाड़ देती है।

aaj ka vichar3 22/03/2023
श्रेष्ठ सुविचार rs kg.in

जिंदगी एक खेल की तरह है बस आपको निर्णय लेना है कि आप खिलाड़ी बनना चाहते हैं अथवा खिलौना

आज का सर्वश्रेष्ठ सुविचार हिन्दी में/Today’s best thoughts in Hindi

जो आप किसी श्रेष्ठ सुविचार की बात करते हैंतो हमें बहुत सारे श्रेष्ठ विचारधारा लोगों की हमारे देश के बहुत ही जाने-माने विचारधारा माननीय मदन मोहन मालवीय स्वामी विवेकानंद जी रविंद्र नाथ टैगोर जी तथा मानवता के 65 महान लोगों में से एक बहुत ही भारत के प्रिय रामकृष्ण परमहंस जी तथा और बहुत सारे शिक्षा शास्त्री तथा बहुत सारे लोगों ने हमारे देश को अच्छे एवं श्रेष्ठ विचारों से हमारे देश का नाम प्रज्ज्वलित किया है इसीलिए मैं और आप उनके विचारों को कभी भूल नहीं सकते और उनके द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख वरना कभी नहीं बोलेंगे इसीलिए मैंने आप लोगों को उन सारी चीजों के बारे में जानकारी देने का निश्चय किया है जो कि आप लोगों का बहुत ही मेंस अध्याय है अब मैं आप लोगों को कुछ महान शिक्षा शास्त्रियों के सुविचार अच्छे कार्यों से प्रज्ज्वलित महान व्यक्तियों को प्रस्तुत करने जा रहे हैं जो आप लोगों के समक्ष उपलब्ध है।

अन्य क्रियाओं के समान दर्शन का मुख्य उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति है

बट्रेंड रसैल के अनुसार

दर्शन वास्तविकता के स्वरूप की तर्कपूर्ण खोज है

राधाकृष्णन के अनुसार

दर्शन ज्ञान का विज्ञान है

फिक्टे के अनुसार

पदार्थों के सनातन स्वरूप का ज्ञान प्राप्त करना ही दर्शन है

प्लेटो के अनुसार

दर्शन अनुभव के विषय में निष्कर्ष का समूह ना होकर मूल रूप से अनुभव के प्राप्ति का एक दृष्टिकोण या पद्धति है

ब्राइट मैन के अनुसार

दर्शन प्रत्येक वस्तु से संबंधित है वह एक सर्वभोम विज्ञान है

हरबर्ट स्पेंसर के अनुसार

दर्शन का कार्य ज्ञान के विभिन्न साधनों द्वारा उपलब्ध सामग्री को कुछ भी ना छोड़ते हुए व्यवस्थित करना और उनके एक सत्य का सर्वोच्च सदस्य से समुचित संबंध रखता है

श्री अरविंद के अनुसार

इस प्रकार से मिले आप लोगों के समक्ष बहुत सारे लोगों के श्रेष्ठ सुविचारको दर्शन के संबंध में आप लोगों के समस्त प्रस्तुत किया और जिससे आप लोगों को यह बहुत ही अच्छा लगा हुआ होगा क्योंकि इसमें ऐसे लोगों को दर्शन का अर्थ तथा उसके संबंध के बारे में मैंने आप लोगों को प्रस्तुत जानकारी दिया है जो आप लोगों को बहुत ही अच्छा लगा होगा और इससे आप बहुत ही खुश हुए होंगे क्योंकि जिस के संबंध में बहुत सारे शिक्षा शास्त्रियों तथा समाज सुधार को ने अपना सुविचार प्रस्तुत किया है उसमें से जान डेवि तथा बहुत सारे ऐसे लोग हुए हैं जिन्होंने अपना ज्ञान प्रस्तुत किया है।

सुविचार हिंदी मे इमेज/suvichar images in hindi

सुविचार को मैं आप लोगों को इमेज चित्र के माध्यम से बताना चाहेंगे तथा कुछ चित्रों को भी आपके समक्ष प्रस्तुत करेंगे कि आखिर श्रेष्ठ विचार किस प्रकार के होते हैं तथा उनको आप लोगों के समक्ष किस प्रकार से प्रस्तुत किया जाता है इन सारी बातों को मैं आप लोगों के समक्ष रखना चाहता हूं जिससे कि आप लोग इन सारी जानकारियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके कि आप लोगों को किस प्रकार से इमेज के माध्यम से सुविचार प्राप्त होता है और हमें आशा है कि आप इस प्रकार के विचार को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे इन्हीं शब्दों को मैं आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहना चाहता हूं कि आप लोग इसको बड़ी ही सावधानी सुविधाजनक ओर से प्रस्तुत करें

aaj ka vichar0 22/03/2023
श्रेष्ठ सुविचार rs kg.in

बस तू रख यकीन हमने इरादों पर तेरी हार तेरे हौसलों में से तो कभी बड़ी नहीं होगी।

aaj ka vichar1 22/03/2023
श्रेष्ठ सुविचार rs kg.in

बड़े हो जाने पर बस इतना फर्क पड़ता है पहले खुद हंसी आ जाती थी अब लाना पड़ता है।

aaj ka vichar4 22/03/2023

श्रेष्ठ सुविचार rs kg.in

रिश्ते खूबसूरत तभी बनते हैं जब हम एक दूसरे की बात समझते हैं खुद के जैसे इंसान की तलाश में रहेंगे तो हमेशा अकेले रह जाओगे।

images 16 1 22/03/2023

श्रेष्ठ सुविचार rs kg.in

जीवन में जो शेर की तरहसाहस के साथ आगे बढ़ी है क्योंकि आपके जीवन में आने वाली तमाम मुश्किलें आपको हौसले में बड़ी नहीं हो सकती इसीलिए साहस रखिए और आगे बढ़ते रहिए

Inspiring Thoughts Change Life Lovesove 22/03/2023

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उम्र में हम सभी बड़े हो जाते हैं जब हमें इज्जत प्यार से ज्यादा प्यारी लगने लगती।

Inspiring Quote For Life Changes Lovesove 22/03/2023

श्रेष्ठ सुविचार rs kg.in

खुद को समझना दूसरों को समझाने से कई गुना बेहतर है

सबसे शानदार सुविचार/best ideas

सबसे शानदार सुविचार के रूप में अगर हम और आप लोग बात करते हैं तो उनमें से बहुत सारे नाम आते हैं जैसे कि रविंद्र नाथ टैगोर जी के विचार सबसे उत्तम हुआ करते थे तथा उसके बाद में मदन मोहन मालवीय जी के विचार शिक्षा के शेष में अति उत्तम हुआ किए हैं उसके साथ-साथ राधाकृष्णन जी के वक्तव्य बहुत ही उत्तम हुआ किए हैं औरस्वामी विवेकानंद जी की तो बात ही अलग थी क्योंकि वह हिंदुस्तान के ही नहीं अपितु विश्व के ऐसे महान सुविचार श्रेष्ठ विचारक एवं महान शुभचिंतक थे जिन्होंने हमारे देश को बहुत सारी ऊंचाइयों तक पहुंचाया है हम और आप उनके द्वारा किए गए कार्यों को भूल नहीं सकते और उनके द्वारा दिए गए शुभ विचारों को भूल नहीं सकते उनके कार्यों को किए जाने के बारे में मैं आप लोगों के समक्ष कुछ जानकारी प्रस्तुत करना चाहता हूं जो आप लोगों के समक्ष दिया जाएगा मैं आप लोगों के लिए उन सभी लोगों के सुविचार प्रस्तुत करना चाहता हूं जो हमारे देश के शुभचिंतक रहे हैं अब मैं आप लोगों को एक-एक करके शरीर के श्रेष्ठ विचारों को प्रस्तुत करूंगा जो आप लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा जब हम अपने देश की बात करते हैं तो टैगोर जैसे महान पुरुष को नहीं भूल सकते टैगोर मुख्यता एक कवि थे उन्होंने कांट सिंगल अगर अन्य लोगों की बात परंपरागत दर्शन रूप में शास्त्रीय प्रकार का दर्शन नहीं विकसित किया किंतु उन पर भारतीय उपनिषदों एवं ग्रंथों तथा पाश्चात्य विद्वानों की कृतियों का ज्ञान गहरा प्रभाव पड़ा है कि वह कभी के साथ एक महान विचारक भी हो गए इस प्रकार टैगोर पहले एक महान कवि थे और प्रोफेसर पीटी राजू के शब्दों में उन कुछ दार्शनिकों में से एक थे जो महान कवि और उन कवियों में से एक जिन्होंने अपने दर्शनों को स्वयं में मोदी अब मैं आप लोगों के समक्ष टैगोर जी के कुछ सुविचार आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत करना चाहता हूं जो नीचे निम्नलिखित।

  1. शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य बालक की जन्मजात शक्तियों का विकास कर उसके व्यक्तित्व का चौमुखी एवं सर्वांगीण विकास करना होना चाहिए।
  2. शिक्षा का कार्य बालकों को अच्छा कलर निपुण किसान शिल्पी या वैज्ञानिक बना देना नहीं बल्कि उन्हें अनुभव की पूर्णता द्वारा पूर्ण मनुष्यों के रूप में विकसित करना भी है।
  3. बालकों को प्राकृतिक के घनिष्ठ संपर्क में रहकर शिक्षा देने को व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि उन्हें प्राकृतिक के साथ घनिष्ठ संपर्क स्थापित करने में आनंद का अनुभव होता है।
  4. विद्यार्थियों को नगरों की अनेकता भीड़ और गंदगी से दूर प्रकृति के साथ तथा शायद आर एकांत में रहना चाहिए।
  5. भारतीय शिक्षा एवं भारतीय विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में भारतीय दर्शन के प्रमुख विचारों को स्थान दिया जाना चाहिए।
  6. शिक्षा राष्ट्रीय होनी चाहिए एवं उसमें भारत के भूत एवं भविष्य का ध्यान रखना चाहिए।
  7. सभी विद्यार्थियों को भारतीय विचारधारा एवं भारतीय समाज की पृष्ठभूमि का स्पष्ट रूप से ज्ञान कराया जाना चाहिए।
  8. प्रत्येक बालक एवं बालिका में संगीत चित्रकला और अभिनय की योग्यता का विधि पूर्वक विकास करना चाहिए।
  9. मातृभाषा शिक्षा का माध्यम होनी चाहिए क्योंकि इसके द्वारा ही संपूर्ण राष्ट्र को अच्छी प्रकार से शिक्षित किया जा सकता है।
  10. अनंत मूल्यों की प्राप्ति विदेशी भाषा से संपन्न नहीं संभव नहीं पता इसीलिए मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए।
  11. सच्ची शिक्षा बालकों को स्वतंत्र प्रयासों द्वारा ही प्राप्त करनी चाहिए। विद्यार्थियों को पुस्तकों की बजाय प्रत्यक्ष स्रोतों से ज्ञान प्राप्त करने का अवसर देना चाहिए।
  12. शिक्षण पद्धति का आधार जीवन वास्तविक बातें तथा प्रकृति होनी चाहिए।
  13. बालकों को उत्तम मानसिक भोजन प्रदान करना चाहिए जिससे अनेक मस्तिष्क का विकास विचारों के वायुमंडल में हो।
  14. बालकों को उत्तम मानसिक भोजन प्रदान करना चाहिए जिससे कि अनेक मस्ती विचारों के वायुमंडल में हो।
  15. बालक का जन्म प्राकृतिक व मनुष्यो दोनों के संचार में होता है अतः दोनों संचार के लिए उनका आकर्षक बनाए रखना चाहिए।
  16. विद्यार्थियों को सामाजिक आदर्शों परंपराओं प्रथाओं और रीति-रिवाजों के पाठ्यक्रम में स्थान दिया जाना चाहिए।
  17. बालकों को इस प्रकार की शिक्षा दी जाए जो उन्हें आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर होने का अवसर प्रदान करें
  18. शिक्षा द्वारा बालकों में उच्च कोर्ट की धार्मिक भावना जागृत की जानी चाहिए जिससे उनमें मानवता का कल्याण करने का क्षमता का विकास हो।
  19. शिक्षा ऐसी हो जो बालकों में दुख तकलीफ परोपकार इता सही सुरता इतिहास गुणों का विकास करें।
  20. शिक्षा द्वारा बालकों को सत्यम शिवम सुंदरम ऐसे मूल्यों की साक्षात्कार ता करनी चाहिए।
  21. विभिन्न विज्ञानों का अध्ययन देश में अपनी न्यू तभी जमा सकता है जब जनसाधारण को उनका ज्ञान हो जाए किंतु या तभी संभव है जब उनकी मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा दी जाए।
  22. भारत में जनसाधारण को तभी शिक्षित किया जा सकता है जबकि प्रारंभिक स्कूलों को पुनः जीवित किया जाए।
  23. शिक्षा को गतिशील एवं सजीव तभी बनाया जा सकता है जब उसका आधार व्यापक हो और समुदाय के जीवन में उसका घनिष्ठ संबंध हो।
  24. भारत में शिक्षा की कोई भी सच्ची तथा लाभप्रद राष्ट्रीय प्रणाली विदेशी नमूने की नकल पर आधारित नहीं की जा सकती।
  25. राष्ट्रीय शिक्षा का तत्व उच्च शिक्षा से है जिसका राष्ट्र के जीवन में घनिष्ठ संबंध हो और जो देशवासियों को संचित मूल्यों परंपराओं प्रथाओं तथा श्री आदर्शों से स्वाभाविक को।

इस प्रकार से मैंने आप लोगों को रविंद्र नाथ टैगोर जी के श्रेष्ठ शुभ विचारों को आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया और उनके द्वारा बताए गए विचारों के बारे में आप लोगों को प्रेरित किया जिसके माध्यम से आप लोग बहुत ही गुणवत्ता से जानकारी प्राप्त कर सकें।

वक्त छोटे सुविचार इन हिंदी/time small thoughts in hindi

वक्त छोटे सुविचार हिंदी के बारे में मैं आप लोगों को बताना चाहता था मैं सारी चीजों के बारे में आप लोगों के समक्ष अपनी राय रखना चाहता था और मैं आप लोगों को बताना चाहता था कि सुविचार वा होता है जिससे कि बहुत सारे लोग प्रेरणा लेते हो और उसको सुनने के लिए लोग उत्सुक रहते हो ऐसे बहुत सारे हमारे देश के महापुरुष हुए हैं जिन्होंने सुविचार से लोगों को बहुत उत्साहित किया है उनमें से रामानंद स्वामी जी संत रविदास जी कबीर दी तथा कबीर दास जी रहीम जी तुलसी जी तथा अन्य बहुत सारे महापुरुष तथा कभी हुए हैं जिनके सुविचार को सुनने में बहुत ही आनंद आता है एस्से महान सुविचार कारी महात्मा गांधी जी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी तथा इसके अलावा हमारे आजादी के पहले के महापुरुषों में से वल्लभाचार्य जी गुरु नानक जी शिवाजी तथा गुरु गोविंद सिंह जी के साथ-साथ संकरदेव और बहुत सारे महापुरुष किए हैं जिन्होंने अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर चितरंजन दास जी

सुभाष चंद्र बोस जी के राजनीतिक गुरु थे उनके सुविचार बहुत ही उत्तम थे महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे जिनके राजनीतिक संस्कृति प्रेरणादायक होते थे सरदार वल्लभ भाई पटेल जी एम जी रानडे जी स्वामी दयानंद सरस्वती जी स्वामी विवेकानंद जी तथा सुरेंद्रनाथ बनर्जी जी एवं बहुत सारे ऐसे लोग हुए हैं जो अपने सुविचार के लिए जाने जाते हैं एवं उनके विचार बहुत ही उत्तम माने गए हैं अब मैं आप लोगों को उनसे संबंधित अन्य विचारों के बारे में जानकारी देना चाहते हैं तथा उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में भी आप लोगों के समक्ष जानकारी प्रस्तुत करना चाहते हैं हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी तथा दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के सुविचार अत्यंत उत्तम रहे हैं इन सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए मैं आप लोगों को कुछ मैसेज जानकारी लेना चाहता हूं कि नीचे निम्नलिखित है।

सर्वश्रेष्ठ सुविचार SMS/Best Quotes SMS

जब हम और आप सर्वश्रेष्ठ सुविचार संदेश के बारे मेंबात करते हैं तथा उसके बारे में जानने की इच्छा करते हैं तो हम लोग सो विवेकानंद मदन मोहन मालवीय जैसे महान लोगों को कभी नहीं भूल सकते एवं उनके द्वारा किए गए कार्यों को कभी नहीं भूल सकते क्योंकि स्वामी जी ने शिक्षा को लेकर अपने बहुत ही अच्छे विचार प्रस्तुत किए हैं तथा मानव के कल्याण के लिए स्वामी जी ने बहुत सारे ऐसे विचार प्रस्तुत किए हैं जो कि सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना है इसीलिए मैंने आप लोगों को उनके विचारों को सुनने तथा उनके बारे में जानने के लिए आप लोगों को प्रेरित किया है उन्होंने कहा है कि स्वामी जी शिक्षा द्वारा मनुष्य को अविश्वास आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना चाहते थे इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सदैव इस तथ्य पर बल दिया कि हमें धर्म की वास्तविक मर्यादा स्थापित करने वाली तथा सर्वांग विकसित चरित्र के नागरिक निर्माण करने में समर्थ शिक्षा की आवश्यकता है इसके लिए उन्होंने अपने कई सारे सुविचार रखे हैं जो मैं आप लोगों के माध्यम से बताना चाहता हूं

1 
मनुष्य में ज्ञान स्वभाव सिद्ध है--स्वामी विवेकानंद के अनुसार ज्ञान मनुष्य के अंदर रहता है चाहे मोदी की ज्ञान हो चाहे अध्यात्मिक ज्ञान हो मनुष्य अपनी शक्तियों के प्रयोग द्वारा उसका अनुभव करके उसे प्रकाश में लाता है अतः वे कहते थे कि हमारी शिक्षा ऐसा सत्य है तो इस लक्ष्य की पूर्ति कर सके शिक्षा से आत्मविश्वास की भावना उत्पन्न होती है और आत्मविश्वास के अंतर्निहित बाय भाव जाग उठता है
2
 बालक की विकाास क्रिया प्राकृतिक है-स्वामी विवेकानंद कहतेे हैं हम से प्रत्येक अपनी प्रकृति के अनुसार स्वभाविक रूप सेेे विकास करना होगा तभी हम शिक्षित होो सकेंगे अगर हम अपने इंद्रियों को अपनेे वश में रखेंगे तो था उसका ठीक प्रयोग करेंगे तभी हमारे विचारोंंंंंं में तथा हमारे स्वभाव मेंभावरेथाा जागृति समृद्धि होगी।
3
बालक की रुचिका प्रधानता होना-स्वामी जी केेेेे मतानुसार बालक के असीमित रुचियांं होती उनको पहचानने का अवसर दिया जाना चाहिए यह उन पर अनुचित दबाव डाला गया तोो उनका स्वाभाविक विकास रुक जाएगा उन्हें निश्चित और वास्तविक विचार देना चाहिए उन्हेंं बताना चाहिए कि किस प्रकार कार्य करने से गलतियां ना होंगी केवल उनकी गलतियां बताना ठीक नहीं इस प्रकार से उन के बहुत सारे सुविचार हम लोगों के समक्ष प्रस्तुत हुए हैं उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए यह भी बताना होगा कि वह उन्नतििि कर र हैंहे। और अधिक उन्नत के लिए और भी प्रयास को आवश्यकताा हैइस प्रकार शिक्षण व्यवस्था बालकों की रूचि के अनुसार होना कि शिक्षक अथवा हरिद्वार को स्वामी जी का कथन है
4
मन की एकाग्रता++स्वामी जी के विचार सेेेेेेएकाग्र चित्त व्यक्ति को ही ज्ञान की महान शक्ति प्रदान होती है कार्य की सफलता हीी नहीं वरना संपूर्ण जीवन की सफलता एकाग्ररता पर आधारि है। वे कहते हैं मैं तो मन की एकाग्रताा को शिक्षा की यथार्थ सर समझता हूं ज्ञातव्य्य्य विषयों को नहींंं इस प्रकार स्वामीीी जी ध्यान को केंद्रित करने की शक्तिि के विकास पर बल देते हैं
5
ब्रह्मचर्य की आवश्यकता  जी का कहना है कि मन अथवाा चित्र कीी एकाग्रता किस शक्ति के समुचित विकास के लिए ब्रम्हचर्यय की साधना अत्यंत आवश्यक है ब्रह्मचारी एक बार सुनने हथोड़ा देखने से वस्तु को याद रख सकता है संयमीीी और जितेंद्रिय व्यक्ति अल्पकाल में ही ज्ञानार्जन कर सकता है इस प्रकार वचन और कर्मम से शुद्ध्ध्ध होना हीना ब्रह्मचर्य
6
शिक्षा के उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के अनुसार उद्देश्यय इस प्रकार हैं विश्व बंधुत्व और मानवताा की भावनााा का विकास करना।
मानसिक प्रगति के साथ शारीरिक प्रगट करना।
शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य छात्रोंंं में राष्ट्रप्रेम की भावना उत्पन्न करना।
शिक्षाा शास्त्र का प्रमुख उद्देश्य छात्रों मेंंंंं राष्ट्रप्रेम की भावना उत्पन्नन करना है
7 
स्त्री शिक्षाषा एवं जनसाधारण  की शिक्षा
भारतीय नारियोंं की दयनीय दशा देखकर स्वामी बहुत दुखी होते हैंं और नारियों की शिक्षा के लिए लोगोंं को कि वे लोग स्त्री शिक्षा्षा और जन साधारण सामान्य वर्ग के लोगोंं को जनसाधारण में आने वाले लोगों को उनकाा महत्व समझाना।

निष्कर्ष (conclusion)

इन सारे विचारों को पढ़कर तथा इनका तुलना करने पर या निष्कर्ष निकलता है कि सारे श्रेष्ठ सुविचार ओं को जब पढ़ा जाता है तथा इनके बारे में अध्ययन किया जाता है तो हम लोगों को यह पता चलता है कि जो हमारे समाज के हमारे देश के हमारे विश्व के पुराने अतीत के विचार को सुना जाए तो बहुत सारे ऐसे महान व्यक्तित्व वाले लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त हुआ है इन सारी चीजों के बारे में लोगों को जानना अत्यंत आवश्यक हो जाता है इसलिए मैंने आप लोगों को आज की तथा पहले के लोगों को विचारों को जब देखा गया तो उन्हें विचार किया गया तो बहुत ज्यादा अंतर मिला है।

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