आपदा किसे कहते है – किसी क्षेत्र में मानव द्वारा या प्राकृतिक द्वारा के कारण से नुकसान होना को हम आपदा कहते हैं यह मनुष्य को अत्यधिक नुकसान और फसल को नुकसान कर देते हैं जिसके कारण इस पर आपदा करता है कभी-कभी या होता है कि प्राकृतिक द्वारा चक्रवात आना भूकंप आना इन कारणों से मनुष्य दो नुकसान होता है इसे प्राकृतिक आपदा कहते हैं

आपदा किसे कहते हैं उदाहरण
आपदा प्राकृतिक या मानवत एक अफवाह है इसके कारण मनुष्य को परेशानी होती है और जो जनकोविक कष्ट होता है उसे हर आपदा कहते हैं जैसे भूकंप आना बाड़ आना चक्रवात आना सूखा पड़ जाना भूख लग या आग लगना आपदा के कारण मनुष्य और जनता को बहुत परेशान करते हो जैसे सूखा पड़ जाए अगर बाढ़ आ जाना उसमें पशु पक्षी मनुष्य में परेशान
प्राकृतिक आपदा क्या है
प्राकृतिक आपदा वह होती है जिसे प्राकृतिक के द्वारा होती है जैसे ज्वालामुखी का विस्फोट होना भूकंप आना चक्र वादा ना बड़ी महामारी आना यह सब प्राकृतिक आपदा है जो मनुष्य के जीवन में बहुत ही कठिनाई उत्पन्न कर देती हैं जिस प्रकार अगर किसी वर्ष सूखा पड़ जाता है तो किसानों के खेतों में फसल नहीं लगती है इससे क्या होता है कि किसान की आर्थिक रूप से गरीब होने लगता है और जब किसान आर्थिक रूप से गरीब हो जाएगा और उसके खेतों में अनाज नहीं पैदा होग तो वह खाने पीने के लिए समुचित ढंग से और खेती करने के लिए उसके पास पैसे नहीं रहेंगे यह सब प्राकृतिक आपदा है जैसे ज्वालामुखी का विस्फोट होना यह भी एक प्राकृतिक आपदा है जब ज्वालामुखी का विस्फोट होता है तो उसमें से लावे का स्राव होता है जिससे कि पहाड़ों की चट्टानें बिखर जाती हैं यह भी प्राकृतिक आपदा है और चक्र वादा ना जैसे कभी-कभी समुंद्र में चक्रवात आता है यह भी बहुत ही जनजातियों के लिए बहुत ही घातक और हानिकारक होता है इसमें बहुत से जीव जंतुओं की मौत हो जाती है और खुशियों को अनेक प्रकार की कठिनाइयां होने लगती हैं इसी प्रकार भूकंप अभी एक आपदा है जैसे जमीन का हिलना यह एक भूकंप है और जब भूकंप आता है तो जमीन में कंपन उत्पन्न हो जाता है उसी कंपनी के उत्पन्न होने के कारण से जमीन के कुछ भाग फट जाते हैं इसी को हम भूकंप कहते हैं और यह सब प्राकृतिक आपदा ही होती हैं
प्राकृतिक आपदा के प्रकार
प्राकृतिक आपदा निम्न प्रकार के होते हैं लेकिन खासतौर पर प्राकृतिक आपदा आठ प्रकार के होते हैं हम आप लोगों को उन्हें 8 प्राकृतिक आपदा कौन-कौन से होते हैं उनके बारे में हम आप लोगों को निम्नलिखित बताएंगे
- बर्फ का पिघलना
- भूकंप आना
- समुद्र की लहरें उठना (चक्रवात आना)
- भूखंड या मिट्टी का कटाव
- ज्वाला मुखी का फटना
- बाड़ आना
- लिम्निक ईरप्शन का होना
- सुनामी आना
बर्फ का पिघलना_ इनमें पहाड़ी इलाकों के अत्यधिक बर्फीले पहाड़ों से बर्फ का पिघलना होता है यह बहुत तेजी से पिघलने लगते हैं
भूकंप आना भूकंप आना या एक प्राकृतिक आपदा है जिसके कारण मनुष्य के साथ-साथ जीव जंतुओं को बहुत कठिनाइयां होती है और भूकंप आने से जमीनें फट जाती है और मकान और रोडे फट जाती है और मकान उसमें समाहित हो जाते हैं इसलिए भूकंप बहुत ही जनजाति को दुख पहुंचाने वाला आपदा है
समुद्र की लहरें समुंद्र की लहरे उठना अर्थात चक्रवात आना बड़े लिखें समुंद्र के जरिए से यह चक्रवात होती है और या लहरें इतनी तेजी से उठती हैं कि मानो या मकान और खेत खलिहान ओं को 1 मिनट में तहस-नहस कर देती हैं
ज्वालामुखी का विस्फोट होना jwalamukhi ka visfot hona hai इनमें जब ज्वालामुखी का विस्फोट होता है तब इनमें से बहुत से ज्वार भाटा उत्पन्न होते हैं
आपदा प्रबंधन क्या है
प्राकृतिक आपदा Jaise भूकंप आना चक्रवात उठना ज्वालामुखी का विस्फोट होना bhuskhala जंगलों में आग लग जाना और टिडी का का आना यह सब प्राकृतिक आपदा है इन्हें हम कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं और ना ही इनमें हम बदलाव ला सकते हैं हां लेकिन इनमें से हम कुछ टाइम के लिए सुरक्षित रह सकते हैं इनके लिए हमें समय पर इनका प्रबंध कर के अपने जान माल की सुरक्षित कर सकते हैं
आपदा प्रबंधन कितने प्रकार के होते हैं
आपदा प्रबंधन तीन प्रकार के होते हैं इन आपदाओं से बचने के लिए हम आप लोगों को बताएंगे के कैसे आपदा से हम बचें इसके बारे में हम आप लोगों को बताएंगे जिससे हम लोग इस इसका प्रयोग करके आपदा से बस सकते हैं इनके उपाय निम्नलिखित हैं
- पूर्व आपदा प्रबंध
- आपदाओं के दौरान प्रबंध
- आपदा पश्चात प्रबंध
पूर्व आपदा प्रबंध पूर्व आपदा प्रबंध तीन प्रकार के होते हैं जैसे सहयोग संपर्क सहभागिता इनमें से तीन तत्वों की एक भी कमी के वजह से पूर्व आपदा प्रबंधन अधूरा रहता है
आपदाओं के दौरान प्रबंध आपदाओं के दौरान हम जानते हैं कि तरह-तरह के हम आपदाओं के दौरान प्रबंध कर सकते हैं जैसे इस प्रकार की आपदाओं के कारण उत्पन्न जोखिमों को बेहतर समझने के लिए उपग्रह और क्षेत्र आधारित प्रेक्षण को समेकित करना तथा जोखिम ह्रास सिद्धांतों की ओर कार्य करना आवश्यक है। उपग्रह संचार और नौवहन प्रणालियां भी उन्नत प्रौद्योगिकीय विकल्पों के साथ आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आपदा प्रबंधन सहायता कहलाता है इन
आपदा पश्चात प्रबंध आपदा पश्चात प्रबंध हम लोग बड़े आसानी के साथ कर सकते हैं और इसको हम जोखिम आपदा के नाम से भी जानते हैं जैसे पूर्व प्रबन्धन को जोखिम प्रबन्धन के नाम से भी जाना जाता है जोखिम की पहचान, जोखिम में कमी व जोखिम का स्थानान्तरण किसी भी आपदा के जोखिम को प्रबन्धित करने के लिये एक प्रभावकारी रणनीति की शुरूआत जोखिम की पहचान से ही होती है इस प्रकार से आपदा पश्चात प्रबंध को बंधित किया जा सकता है
मानव जनित आपदा किसे कहते हैं
मानव जनित आपदा किसे कहते हैं आज हम आप लोगों को बताएंगे यह आपदा मनुष्यों के द्वारा होता है जिसे हम मानव जनित आपदा कहते हैं जैसे भोपाल में एक कांड हुआ था जो भोपाल गैस त्रासदी मानव द्वारा ही यह आपदा हुई थी जिसमें हजारों और लाखों लोगों की मृत्यु हो गई थी इसको हम कह सकते हैं कि यह मानव जनित आपदा है या मानव की द्वारा कहीं आग लग जाना यह भी मानव के द्वारा ही आपदा होता है
मानवीय आपदाओं के कारण तथा परिणाम
मानवीय आपदाओं के कारण आज हम बहुत ही जोखिम में फंस गए हैं जिससे हम पूरी जीवन नहीं निकल सकते हैं जैसे मानव के द्वारा प्रदूषित होता है इसमें अधिकतर पर्यावरण प्रदूषण होता है और प्रदूषण करने का कारण बड़ी-बड़ी कंपनियों तथा बड़े बड़े औद्योगिक के कारणों से यह प्रदूषण होता है जिससे हमारा पर्यावरण शुद्ध नहीं रहता है और इन्हें अशुद्धि करण के कारण ही हमारा पर्यावरण दूषित हो रहा है इससे प्राकृतिक आपदाओं पर या प्राकृतिक पर भी ज्यादा बल बनाना है जैसे सूखा पड़ जाना भू खनन होना बाढ़ इत्यादि यह मानवीय आपदाओं के कारण प्रणाम होता है जिससे हम बहुत ही यह हमारे लिए हानिकारक होगा
आपदा की विशेषताएं
- प्राकृतिक आपदा यह जीव जंतुओं के लिए बहुत ही घातक होता है
- यह अप्रत्याशित और त्वरित गति से घटती है
- आपदा में मनुष्य का जान माल का अत्यधिक नुकसान होता है
- आपदा में मनुष्यों को चोट पहुंचाती है और यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है
- इसके द्वारा बनाए जाने वाले मनुष्य के द्वारा बनाई जाने वाली बिल्डिंग ए या इमारतें ध्वस्त हो जाती हैं
- इसके आने से संचार व्यवस्था में बहुत ही कठिन होता है
- आपदा आने से मनुष्य का जनजीवन व्यर्थ हो जाता है
- यह आपदा अचानक आ जाती है जिससे मनुष्य का जान माल पर अत्यधिक नुकसान पहुंचाता है
- प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित मनुष्य को खानपन और स्वस्थ विभाग तथा उनकी देखरेख के लिए बहुत ही आवश्यकता होती है
प्राकृतिक आपदा कब और कैसे आती है
प्राकृतिक आपदा अनिश्चित समय पर आती है और यह जब प्राकृतिक में कुछ छेड़छाड़ होता है तब शायद यह आती है
प्राकृतिक आपदा से क्या-क्या नुकसान होते हैं
प्राकृतिक आपदा से अनेकों नुकसान होते हैं जैसे कि सूखा पड़ जाना फसल ना होना तथा ओलावृष्टि हो जाना यह सब प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान है
प्राकृतिक आपदा से कैसे बचा जा सकता है
प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए निम्न प्रयास किए जा सकते हैं जैसे कि पेड़ पौधे लगाना अत्याधिक इत्यादि
प्राकृतिक आपदा मनुष्य पर क्या प्रभाव डालती है
प्राकृतिक आपदा मनुष्य पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है जैसे किसानों का फसल नुकसान हो जाना तथा घर गिर जाना यह सब मनुष्य के लिए बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है
क्या करें कि प्राकृतिक आपदा ना आए
प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए हमें और आपको अत्यधिक वृक्ष लगाने चाहिए और हमें अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखना चाहिए अगर हमारा पर्यावरण सच नहीं रहता है तो हमें बहुत खतरा रहता है और इससे प्राकृतिक आपदा भी आने का बहुत अधिक संभावना बना रहता है
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