Top 10 Akbar Birbal Stories In Hindi | अकबर बीरबल की कहानी हिंदी में - Rskg » Rskg

top 10 Akbar Birbal Stories in Hindi | अकबर बीरबल की कहानी हिंदी में – rskg

अकबर बीरबल Akbar Birbal Stories in Hindi के बहुत ही अच्छे किस्से ओम कहानियों के बारे में बताना चाहता हूं जो आप लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा जैसा कि आप लोग जानते हैं कि अकबर तथा बीरबल की कहानियां संपूर्ण भारत में बहुत ही प्रसिद्ध है इनके नाम से ही आदमी को हंसी आती है इसीलिए किसी भी लोगों कोबताने के लिए तथा किसी को भी खुश करने के लिए लोग बीरबल तथा अकबर की कहानियां सुनाते हैं मैं आप लोगों से बताना चाहता हूं कि जब स्कूलों में टीचर लोग बच्चों को खुश होकर कुछ सुनाना चाहते हैं तो अकबर तथा बीरबल की कहानियां को ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि किसी भी क्षेत्र में अकबर के शासनकाल में बीरबल जैसे बुद्धिमान मंत्री का होना अत्यंत बुद्धिमत्ता पूर्ण होने का संकेत देता है

मैं आप लोगों से बताना चाहता हूं कि अकबर तथा बीरबल की कहानियां शासन के क्षेत्र में प्रशासन के क्षेत्र में तथा हास्य के क्षेत्र में बहुत ही रोमांचक स्थिति पैदा करती हैं इसीलिए मैं आप लोगों से बताना चाहता हूं कि जब कोई अपने कामों में उलझा रहता है तथा उसके मास्टिक में तनाव हो जाता है तथा वह बहुत ज्यादा चिंतित रहता है

तो लोग उसे अकबर तथा बीरबल की कहानियां सुनाकर उसे प्रेरित करते हैं तथा उसे खुश करते हैं इसीलिए मैं आप लोगों से बताना चाहता हूं कि अगर आप में कोई दिक्कत हो या कोई चिंता होती हो उठाया आप अपने बच्चों को कहानी सुनाना चाहते हैं तो अकबर बीरबल की कहानी सुनाइए क्योंकि वह बुद्धि में ही बहुत चतुर एवं बहुत ही अच्छा मंत्री था एवं उसके वाक्य इतने हास्य पूर्ण होते थे कि उसकी कहानी को सुनकर कोई भी हंसने लगता था वह चोरों को इस तरह पकड़ता था जैसे कि वह कोई जादू कर रहा हो ऐसी ऐसी बातों सेवा लोगों को हास्य कराता था जिसकी कोई वजूद नहीं है इस जमाने में इसीलिए मैं आप लोगों से बताना चाहता हूं

Akbar Birbal Stories in Hindi
Akbar Birbal Stories in Hindi

कि अगर आप किसी कहानी से प्रेरित होंगे तो मैं आप लोगों से यह बताना चाहता हूं कि अगर आपको कोई तनाव रहता है आप दिन में काम नहीं कर पाते हैं तो आप अगर काम करते हैं तो उसमें मन नहीं लगता है तो मैं आप लोगों से बताता हूं कि आप अकबर तथा बीरबल की कहानियों को पड़े तो आप लोगों का मन अत्यंत खुश हो जाएगा और आप मन प्रफुल्लित हो जाएगा इसीलिए मैं आप लोगों को कुछ अकबर बीरबल के 10 कहानियों के बारे में बताना चाहता हूं जो कि नीचे दिया गया है

अकबर बीरबल की बेस्ट 10 कहानियां 10 Akbar Birbal Stories in Hindi

क्रमांक संख्याकहानी का नाम
1जोरू का गुलाम
2खुदा की खुदाई
3बीरबल की खिचड़ी
4बीरबल और चोर
5अकबर के 3 प्रश्न
6कौवा की गिनती
7बीरबल की बुद्धिमत्ता की जांच
8सम्राट के अंगूठी की चोरी
9अकबर एवं लकड़हारा
10अच्छे अथवा बुरे मंत्री
Akbar Birbal Stories in Hindi

जिस प्रकार से मैंने आप लोगों को आज अकबर तोता बीरबल के कहानियों के बारे में बताना वाले हम उसी प्रकार मैं आप लोगों से यह बताना चाहता हूं कि जिनमें से बीरबल की हास्य कैटेगरी सबसे उचित मानी जाती है एवं इसकी प्रसिद्धि संपूर्ण भारत में है मैं आप लोगों से निवेदन करता हूं कि मैं आप लोगों को जो 10 अकबर बीरबल की कहानियों के बारे में बताना चाहता हूं वह आप लोग जरूर पढ़िए क्योंकि अकबर बीरबल की बहुत सारी कहानियां है लेकिन उनमें से 10 बेस्ट कहानियों के बारे में मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं जिनकी लाभ आप लोगों को बहुत अच्छे से मिलेगा आप बताना चाहता हूं कि इन 10 कहानियों के पढ़ने से आपको बहुत सारी प्रेरणा मिलेगी और आप इन कहानियों के माध्यम से ज्ञानार्जन करेंगे अपनी बुद्धि का विकास करेंगे

क्योंकि अकबर जैसा बुद्धिमान व्यक्ति कोई नहीं था उसने अपनी बुद्धि का प्रयोग करके पूरे भारत में अपनी मंत्रणा के लिए प्रसिद्ध था क्योंकि ऐसा मंत्री केवल एक और था जिसका नाम तेनाली रमन था और उसके बाद में ऐसा मंत्री बीरबल जैसा कोई पैदा नहीं हुआ बीरबल जी बहुत ही अच्छे कवि एवं बहुत ही अच्छे मंत्री थे बहुत सारे मंत्री उनको नहीं चाहते हुए भी चाहने लगते थे क्योंकि उनमें इतनी बुद्धि थी कि वे बिना किसी को नुकसान पहुंचा है उससे जीतने की क्षमता रखते थे

ऐसे कि अगर किसी ने उनके सामने बड़ा रस लक्ष्य रखा है तो वह उनके सामने और बड़ा लक्ष्य रख देते थे और अपने आप को बुद्धिमान साबित कर लेते थे ठीक उसी प्रकार मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं तथा अकबर की यह 10 कहानियां पढ़ने से आपको बहुत सारा ज्ञान प्राप्त होगा जो नीचे दी गई है निम्नलिखित है

अकबर बीरबल की कहानी खुदा की खुदाई | Akbar Birbal Stories in Hindi khuda ki khudai

इस कहानी के प्रमुख पात्रों का नाम नीचे दिया गया है जो कि निम्नलिखित है इन्हीं पात्रों के द्वारा हम आपको इस कहानी के बारे में समझाएंगे

1मुख्य पात्रबीरबल
2राजाअकबर
3सहायक पात्रग्वाला नगर का
Akbar Birbal Stories in Hindi khuda ki khudai

अकबर तथा बीरबल की ऐसी कहानी सुनाना चाहता हूं जो अपने आप में एक मिसाल है मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि अकबर एवं बीरबल एक बार अपने राज्य में घूम रहे थे तो उन्होंने सुना एक आदमी अपने काम से परेशान होकर तथा कोई आदमी अपने काम से खुश होकर यह वाक्य ज्यादा कह रहा था कि जब कोई व्यक्ति भगवान से खुश होता है तथा खुदा से खुश होता है तो वह गांठ को धन्यवाद देने के लिए कहता है यह खुदा यह तेरी कैसी है खुदाई इस वाक्य को सुनकर अकबर ने बीरबल सेे पूछा मंत्रीी जी यह बताइए कि खुदा कीीीी खुदाई कहां पर है मैं देखना चाहता हूं की खुदाा की खुदाई कैसी होती है मेरा सपना है कि मैं खुदा कीी खुुदाई जीीी देखना चाहता हूं

बीरबल जी बोले ठीक है महाराज किसी दिन आप टाइम निकालिए मैं आप को खुदा की खुदाई दिखा दूंगा तो अकबर जी बोले ठीक है बीरबल जी मैं आपको बताऊंगा कि हमें किस दिन चलना है खुदा की खुदाई देखने इस बात पर विशेष छेड़ा और एक दिन अकबर जी ने कहा कल सुबह हम लोग खुदा की खुदाई को देखने चलेंगे बीरबल जी बोले ठीक है महाराज हम लोग कल सुबह चलेंगे खुदा की खुदाई देखने इतने में जब दूसरे दिन सुबह होती है तब बीरबल आता है और महाराज जी का रथ तैयार होता है और दोनों रथ पर तथा घोड़ों पर सवार होकर चल देते हैं चलते चलते बहुत सारे जंगलों को क्रॉस करते हुए पथरीले मार्गों को प्राप्त करते हुए जब बहुत दूर पहुंच जाते हैं और यह पूछते रहते हैं कि बीरबल जी यह बताओ कहां मिलेगा खुदा की खुदाई कहां मिलेगा

खुदा की खुदाई इन सारी चीजों को बार-बार कहने से बीरबल जी एक नदी के खर्चे में जाकर रुकते हैंऔर बैठ जाते हैं फिर अकबर जी द्वारा या पूछने पर कि खुदा की खुदाई कहां मिलेंगी बीरबल जी का उत्तर आता है कि जिस जगह पर आप खड़े हैं यही तो खुदा की खुदाई है तो अकबर जी कहते हैं यह खुदा की खुदाई है तो बीरबल जीी का उत्तर आता है या खुदा की खुदाई नहीं हैैै तोो क्या तुम्हारे बाप की खुदाई है बीरबल जी के द्वारा ऐसा कहने पर अकबर जिया समझ जाते हैं के बीरबल की बात सही है यही तो खुदाही तो यह है

निष्कर्ष

इस प्रकार से इस कहानी से यह निष्कर्ष निकलता है किजितनी भी प्राकृतिक चीजें हैं वह चाहे पहाड़ हो चाहे नदी हो चाहे नाला हो चाहे पेड़-पौधे हो या आसमान हो या धरती हो या सॉरी हो जा चंदा हो जाता रे हो इन सारी चीजों को ही खुदा की खुदाई इस श्रेणी में बताया गया है बीरबल जी के द्वारा इस कहानी से यही सीख मिलती है धन्यवाद

बीरबल की खिचड़ी (Birbal’s Khichdi in hindi)

एक बार की बात है मौसम बहुत ठंडी की थी दीपावली का महोत्सव आने वाला था बहुत सारी साफ सफाई का व्यवस्था था उसी समय राजा साहब का एक संदेश आया कि वह अपने पूरे राज्य में एक बहादुर व्यक्ति को खोजना चाहते हैं और उसको एक शर्त रखना चाहते हैं कि जो इस शर्त को पूरा कर देगा हम उसको इस राज्य का सबसे बहादुर आदमी समझेंगे इस प्रकार से उन्होंने इस शर्त को रखा और जितने भी नगर के अच्छे बहादुर योद्धा थे वह सब इकट्ठा हुए और उस समय शर्त यह रखा गया कि इस ठंड के मौसम में नदी के पानी में जो व्यक्त रात भर खड़ा रहेगा हम उसे बहुत बहादुर एवं शक्तिशाली मान लेंगे इस प्रकार कहने पर बहुत सारेे लोगों नेहा भरी लेकिन जब शाम का समय हुआ तो वहां पर कुछ लोग हीी आए और इससे पता चलता है किहै महाराज की इस शर्त को कुछ ही लोगों नेे ही माना है तो जो जो लोग इस बात को मान रहे थे उन लोगोंं को यह आदेश दिया

गया की जो रात भर इस ठंड पानीी में खड़ा रहेगा उसे इस राज्य का बहादुर पुरुष माना जाएगा एवं उसको एक सोने का सिक्का्का दिया जाएगा इस प्रकार की शर्त सुनकर उस नगर के एक वाले में भी इसकी शर्त को कबूल किया और वह भी उस पानीी में खड़े होने के लिए नंगे पांव पानी में गयाा और खड़ा हो गया कुुुुछ लोग तो एक-दो घंटे तक ही रुक पाए तथा कुछ लोग 4 घंटे तक रुके लेकिन रात भर केवल एक ही व्यक्ति रुका हुआ था उस गांव का ग्वाला उसने ठंडक को सोते हुए पूरे रात उसी पानीी में खड़ा रहा और अपने बहादुरी को साबित किया

जब उस बहादुर ग्वाले से यह पूछा गया कि तुम इस इतनी ठंडक में पूरी रात किस प्रकार खड़े रहे एवं आप को इस के खड़े रहने में किस की मदद लेनी पड़ी तो उस महान व्यक्तित्व वाले वाले ने अपने आपको या बताया कि जब हम किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करके खड़े हो जाते हैं तो हमें वही चीज दिखती है और हमें ठंडा गरम जैसा कोई कुछ आभास नहीं होता इसीलिए मैं रात भर खड़ा रहा क्योंकि मैं आप के महल में जो ऊपर सबसे दीपक जल रहा था उसी को देख रहा था उसी को रातभर देखता था और इस प्रकार से मैं रात भर इस ठंडक पानी में खड़ा रहा इसमें केवल मेरी मदद देख कर रहा था इसीलिए मैं रात भर खड़ा रह

सका क्योंकि मेरा ध्यान दीपक पर था इसीलिए मैं रात भर खड़ा रहा तो अकबर को गुस्सा आया और मैं बोले इसका मतलब तुम रात भर दीपक के सहारे ताप रहे थे तथा उसकी गर्मी की वजह से रात भर पानी में खड़े थे तुम्हें इनाम नहीं दिया जाएगा तथा तुम बहादुर आदमी नहीं हो तुमने आग का सहारा लिया है इस प्रकार से कहकर उस बहादुर वाले को भगा दिया गया और इसकी जानकारी जब बीरबल जी को हुई तो उनको बड़ा दुख हुआ और वह बहुत परेशान हो गए इस प्रकार से

कुछ दिन बाद जब दिन बीते और हालात भी थे तो महाराजा अकबर अपने मंत्री बीरबल से कहते हैं बीरबल जी आज हमारा मन है कि आप खिचड़ी बनाएं और हम लोग खिचड़ी खाए तो बीरबल ने तुरंत उस वाले वाले बात को याद करके दिमाग लगाया कि आज हमें महाराज से बदला लेने का मौका मिल गया है तो बीरबल जी ने दो बल्ली गाड़ी और उसमें एक मटके को लटकाया और 10-12 फुट की बल्ली थी उसके नीचे बीरबल जी ने आग जलाया अकबर जी समझ रहे थे कि अभी एक आधे घंटे में खिचड़ी हो जाएगी और हमको खाने को मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो अकबर जी दरबार से सीधे भोजनालय की तरफ गए तो देखा बीरबल इतने ऊंचे मटके को रखकर नीचे आग जला रहा था

कि खिचड़ी दो-तीन घंटे तक नहीं बने तो अकबर जी ने बीरबल से कहा यह क्या कर रहे हो बीरबल उन्होंने कहा खिचड़ी बना रहा हूं महाराज तो महाराज ने कहा इतनी दूर से क्या खिचड़ी होगी यह तो 3 साल तक नहीं होगी तो इस बात का जवाब देते हुए बीरबल ने कहा की जब ग्वाला इतनी दूर से आप के दीपक के प्रकाश को अपने शरीर को गर्म रखता है तो क्या यह 10 12 फुट ऊंचा खिचड़ी नहीं बन सकता ऐसी बात कहने पर महाराज को बड़ी शर्मिंदगी हुई और मैं तुरंत उस ग्वाले से माफी मांगने के लिए उसके घर गए और उसको तुरंत एक सोने का सिक्का इनाम स्वरूप दिया और कहा कि बीरबल के जैसा मंत्री होने से ही हम अच्छे बुरे का ज्ञान कर सकते हैं इसीलिए उन्होंने बीरबल को पदोन्नत कर दी धन्यवाद

अकबर द्वारा बीरबल की बुद्धिमत्ता की जांच (Akbar’s test of intelligence of Birbal)

एक बार की बात है अकबर के सभी बुद्धिमान मंत्री एकत्रित हुए जबकि आप लोग जानते हैं कि जब किसी आदमी की अत्यधिक प्रशंसा होती है तो लोग उससे जलन करते उसी प्रकार जब बीरबल का पूरे राज्य में प्रशंसा होता था तो अन्य राजा के मंत्री गढ़ उनसे जलन करते थे और उनके मन में हमेशा रहता था कि किस प्रकार से हम लोग बीरबल को नीचा दिखाए एवं उस को अपमानित करें उसी के संबंध में बहुत सारे मंत्री एकत्रित हुए उनमें से एक विद्वान मंत्री ने क्या घोषणा किया कि आज मैं एक संदेश देता हूं कि जो भी मेरे किए हुए कार्य को बिना मिटाए हुए तथा मीना काटे हुए उससे बड़ा कार्य कर देगा तो हम उसको महान आदमी मान लेंगे उसी समय बीरबल को बुलवाया गया उस आदमी ने जमीन पर एक 5 मीटर का रेखा खींचा अब राजा महाराजा के यहां तो आप जानतेे ही हैं

कि कितने लोग वहां अपनी बुद्धि को तेज एवं उत्तर बताने के लिए मौजूद रहते हैं ठीक उसी प्रकार अकबर के दरबार में भी बहुत सारे मंत्री उपस्थित थे उन सारे मंत्रियों ने बहुत सोच विचार आता था बहुत दिमाग लगाया तथा उस 5 मीटर वाले रेखा के पास गए और देखा तो उनके दिमाग में ऐसा कुछ नहीं हुआ कि इसे बिना मिटाए इससे बड़ा रेखा कैसे खींचा जा सकता है इसी संबंध में जब सारे मंत्री हो गए तो महाराज अकबर खुद उस रेखा को देखने गए और दिमाग बहुत ज्यादा लगाया फिर भी कामयाबी ना मिली तो अकबर ने बीरबल को पहले बहुत पहले अपने दरबार से दाखिल कर दिया था क्योंकि उनके जगह पर उनके साले को उस पद पर आश्रित कर लिया था तो बीरबल जी उनके यहां से खुद चले गए थे लेकिन जब अकबर ने इस प्रश्न का जवाब ना पाया तो इसके लिए उन्होंने

बीरबल को याद किया जब बीरबल को महाराजा ने बुलावा दिया तो बीरबल वहां पर नहीं आया उसने साफ मना कर दिया कि मैं नहीं आऊंगा तो महाराज अकबर खुद उनके यहां गए और बीरबल जी को बुला ले कर आए और उस लकीर के किनारे जब बीरबल जी पहुंचे तो उन्होंने कहा मैं इसका हल निकाल देता हूं लेकिन इसके बदले मैं 10 गांव की भेंट लूंगा इन सारी चीजों को सुनकर राजा ने हां कर दी और बीरबल जी ने बिना उस 5 मीटर वाली रेखा को मिटाएं हुए तथा बिना कटे हुए

ठीक उसी के नीचे एक 10 मीटर का रेखा खींच दिया आप सभी विद्वान इस हल को देखकर आश्चर्यचकित हो गए और जिस विद्वान ने इस प्रश्नन को दिया था उसने भीीी यह देखकर आश्चर्यचकित हो गए और बोलो हांंंंं बीरबल जी का उत्तर सही है हां बीरबल है हां सही है कारक लगाने लगे ने लगे

इस प्रकार से या घोषणा कर दिया गया आज के बाद हमारे राज्य में से 10 गांव बीरबल जी को दिया जाएगा एवं 10 राज्य के मालिक बीरबल जी हो जाएंगे एवं भैया भी कहा गया कि बीरबल जैसा बुद्धिमान एवं होशियार मंत्री हमारे पूरे राज्य में नहीं है इसीलिए बीरबल जी को पुनः उनके मंत्री पद को स्वीकृत कराया गया और इस प्रकार से उनको अपनी खोई हुई पदवी वापस मिल गई और वह संतुष्ट हो गए और कहने लगे की बुद्धिमत्ता की जांच इसी प्रकार की जाती है

अकबर एवं बीरबल की तीन प्रश्नों वाली कहानी (The story of Akbar and Birbal with three questions)

बीरबल अकबर के सबसे प्रिय दरबारियों में से एक थे क्योंकि अकबर अपने दरबारियों में से बीरबल से ज्यादा महत्व किसी को नहीं देते थे इसी को देख कर उनके दरबारी जितने भी और अन्य दरबारी थे वह लोग बीरबल से जलन करते थे इसीलिए वह लोग आए दिन उन्हें नीचा दिखाने की तरकीब सोचते रहते थे उसी तरकीब में से एक तीन प्रश्न वाला तरकीब था उन दरबारियों ने एक उपाय सोचा और सब ने मिलकर यह सोचा कि हम बीरबल से तीन सवाल पूछेंगे और अगर बीरबल ने इन तीनों का उत्तर नहीं दिया तो हम उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा देंगे ऐसी चुनौती सुनने के बाद बीरबल ने उन चुनौतियों को स्वीकार किया और उनके तीनों प्रश्नों को सुनने का काम किया तो उन मंत्रियों के 3 प्रश्न इस प्रकार थे

  • प्रथम प्रश्न था आसमान में कितने तारे हैं
  • द्वितीय प्रश्न था धरती का केंद्र कहां है
  • तथा तृतीय प्रश्न था कि संपूर्ण राज्य में कितने पुरुष तथा महिलाएं हैं

इस प्रकार से तीनों प्रश्नों को सुनने के बाद अकबर ने उनके उत्तर पर विचार किया और 11 उत्तर देने का संकल्प लिया और बीरबल जी ने उन तीनों प्रश्नों का एक-एक करके उत्तर देना प्रारंभ कर दिया उसमें से उन्होंने पहले प्रश्न का उत्तर दिया इस प्रकार जो मैं आप लोगों को नीचे बताने वाला हूं

उन्होंने कहा कि मैं पहले प्रश्न का उत्तर देते हुए यह कहता हूं कि गए और नगर के एक घड़ी मालिक से उसकी एक घड़ी को उठा कर ले आए और दरबार में प्रस्तुत कर दिया और कहा कि इस भीड़ के जितने शरीर में बाल हैं ठीक उतने ही आसमान में तारे हैं इस प्रकार की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा अगर किसी भी तर बारी महोदय को हमारी बातों पर शक है तो वह इन बालों को गिर सकता है इस प्रकार से उन्होंने अपना पहला उत्तर बहुत ही प्रेडिकली एवं प्रायोगिक ढंग से प्रस्तुत किया

दूसरा प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा की मैं दूसरे प्रश्न का उत्तर देते हुए या कहना चाहता हूं कि मैं जमीन पर एक गोला खींचता हूं एवं उसके बीच में एक लोहे की छड़ी गाड़ देता हूं मैं आपसे यह बताना चाहता हूं कि जो छड़ी बीच में खड़ी हुई है वही धरती का केंद्र है अगर आप सभी दरबारियों में से किसी को आप में से इसकी पुष्टि नहीं होती है या किसी को भी आपको इस बात में गलती साबित होती है तो आप लोग इस छड़ी से जो केंद्र की बिंदु है उससे फरीद की दूरी को नाप सकते हैं इस प्रकार से उन्होंने अपने दूसरे प्रश्न को भी एक प्रायोगिक ढंग से प्रस्तुत किया और उनका उत्तर सर्वमान्य रहा

इस प्रकार से तीसरे प्रश्न का उत्तर देते हुए बीरबल जी ने कहा कि यह गणना करना काफी समस्या की बात है एवं इसकी गणना करने में बहुत टाइम लग सकता है मैं आप लोगों को यह बताना चाहता हूं कि दरबारी महोदय आप लोग जानते ही नहीं है कि हमारे राज्य में पुरुष स्त्रियों के अलावा कुछ अन्य लोग भी हैं जो ना तो स्त्रियों में आते हैं और ना पुरुषों में जैसे कि यह मंत्री लोग इस बात को सुनते ही मंत्रियों के नीचे हो गए और उन्होंने इन तीनों स्तरों की पुष्टि कर दी और इस प्रकार से इस कहानी से यह निष्कर्ष निकलता है कि बुद्धिमान व्यक्ति अपने तर्क से किसी भी बात को साबित कर सकता है धन्यवाद

अकबर बीरबल की कोओ की गिनती वाली कहानी (Akbar Birbal’s story of counting the coo in hindi)

अकबर अपने नगर में घूमने गए तो वहां पर बहुत सारे कौवे नजर आए तो अकबर के मन में एक सवाल उठा कि क्यों ना इनको की गिनती करवा लिया जाए इस प्रश्न को लेकर मैं अपने सभी दरबारियों के माध्यम से यह गणना करवाने के बारे में सोचा लेकिन किसी के पास उनके उपाय का कोई जवाब नहीं था लेकिन जब उन्होंने बीरबल जी से कहो की गिनती करने के बारे में पूछा और कहां बीरबल जी आप यह बताइए कि हमारे राज्य में कुल कितने कमरे हैंइस प्रश्न को सुनकर बीरबल को हंसी आ रही थी लेकिन मैं अपने हंसी को दबाकर बोले महाराज मैं आपको 2 दिन के बाद कौवा की गिनती करके बताता हूंं तो 2 दिन केे बाद

जब महाराज के दरबार में बीरबल पहुंचे तो बीरबल देव महाराज के पूछने पर बताया कि महाराज हमारे राज्य में कुल 900454 कौवेहैं इस बात को सुनकर अकबर के मन में आया की आपने इनकी गणना इतनी जल्दी कैसे कर दी तो इन बातों को सुनने के पहले ही अकबर से बीरबल ने कहा की महाराज अगर इस गिनती से कौवे ज्यादा हुई है तो आप यह समझ लीजिएगा कि कौवे दूसरे नगर से हमारे राज्य में घुस गए हैं और यह दूसरी राज के कौवे हैं लेकिन अगर कहोगे की संख्या कम हो गई तो आप यह समझ लीजिएगा कि कुछ करें हमारे प्रदेश से तथा राज्य से दूसरे राज्य में चले गए हैं

इसीलिए उतने काव्य कम है इस प्रकार की उत्तर को सुनकर महाराज अत्यंत प्रसन्न हुए और बीरबल को अपना मुख्यमंत्री बना दिया इस प्रकार से इस कहानी से यह सीख मिलती है कि बुद्धिमान व्यक्ति अपने बौद्धिक क्षमता का प्रयोग करके किसी भी प्रश्न का हल रोड सकता है इसीलिए बीरबल को अपने बुद्धिमत्ता का बहुत ही बड़ा व्यवहार प्रकट करने में मदद मिलती है और बीरबल तथा अकबर की कहानियों में एक श्रेष्ठता का लाभ उठाता है और इस प्रकार से उन्होंने इन सारी चीजों का जवाब दिया धन्यवाद

पाद के प्रकार, पाद कितने प्रकार के होते हैं (paad kitane prakaar ke hote hai)- rskg

सम्राट के अंगूठी की चोरी की कहानी (The story of the theft of the emperor’s ring in hindi)

महाराज अकबर की नव दरबारी कवियों के साथ बैठक चल रही थी और उतने में ही उनकी अंगूठी गिर गई जब सभा समाप्त हुई और महाराजा अकबर अपने घर गए तो सुबह उठे तो पता चला कि उनके हाथ से अंगूठी गायब तो उन्होंने इन अंगूठी की कीमत को बताते हुए कहा कि यह अंगूठी जिसने भी पाया हो वह हमको दे दे या हमारे पिताजी की दी हुई अद्भुत निशानी है इसीलिए इस अंगूठी को आप लोग हमको दे दीजिए लेकिन ऐसा कहने पर किसी ने उनके अंगूठी को नहीं दिया इस बात की पुष्टि करने के लिए उन्होंने बीरबल को बुलवाया और कहा बीरबल जी हमारी अंगूठी की चोरी हो गई है और कोई यह नहीं बता रहा है कि हमारी अंगूठी किसने ली तो अकबर ने ये कहा कि आप के दरबार में जितने भी कवि थे कल तथा दरबारी थे

उन लोगों को बुलाया जाए और पूरे दरबार में जितने लोग थे सभी को बुलाया जाए तब मैं आपकी अंगूठी को ढूंढ सकता हूं इन सारी बातों को सुनकर बीरबल की बातों को सुनकर राजा ने आदेश दिया कि जितने भी दरबारी कल उपस्थित थे तथा कितने भी लोग दरबार में उपस्थित से सबको यहां पर बुलाया जाए इस प्रकार की बातों को सुनकर सभी एकत्रित हुए और तब बीरबल ने कहा कि जब पूरी सभा लग गई तो बीरबल ने कहा चोर की दाढ़ी में तिनका फंसा है इतना कहते ही जिसने अंगूठी चुराई थी उसनेेे ही सबसे

पहले अपने दाढ़ी में हाथ लगाया और तब बीरबल ने तुरंत उसे दीपक पकड़ लिया और उसे जेल में बंद कर दिया गया और इस प्रकार से क्या पता चलता है कि जो भी चोरी करता है उसके भाव तो था अभी भाव में कोई ना कोई अंतर जरूर आ जाता है इसीलिए उस मंत्री को पकड़ कर तुरंत जेल में डाल दिया गया और इस प्रकार से महाराजा की अंगूठी मिल गई और बीरबल की बुद्धिमत्ता पर उसको बहुत बड़ा पुरस्कार दिया गया और उसकी जय जयकार होने लगी इस प्रकार से यह पता चलता है कि अपने बुद्धि तथा क्षमता का उपयोग करके कोई भी मनुष्य अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है तथा किसी भी सवाल का जवाब दे सकता है

बीरबल और चोर की कहानी (story of birbal and thief in hindi)

जिस प्रकार से आपको ज्ञात है कि अकबर के जमाने में बीरबल जैसे बुद्धिमान व्यक्तित्व वाले मनुष्य को ढूंढना अत्यंत सरल था क्योंकि वह किसी भी मजबूर मजदूर तथा किसी अन्य व्यक्ति के समस्या में उसको समाधान करने में अपनी पूरी ताकत लगा देते थे तथा अपनी पूरी बुद्धि लगा देते थे इसीलिए कहा जाता है कि बीरबल जैसा बुद्धिमान ना तो आज तक पैदा हुआ है और ना ही पैदा होगा मैं आप लोगों से बताना चाहता हूं कि एक बार की बात है एक व्यापारी के यहां चोरी हो गई और उस व्यापारी ने 9 आदमियों के नाम बीरबल को बताया और बीरबल जी ने यह कहा कि आप इन 9 आदमियों को हमारे पास भेज दीजिए और उन 9 आदमियों को व्यापारी ने बीरबल के पास भेजा और बीरबल ने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि इन 9 अपराधियों को जेल में डाल दिया जाए और 3 दिन तक 3 दिन के बाद मैं उनसे मिलूंगा जब 3 दिन हुआ तो उन अपराधियों से बीरबल मिले और कहे कि मैं तुम 9 लोगों को यह लकड़ी की नाव चढ़े देते जाता हूं जो कि दोनों तथा नौ बरोबर है इनकी लंबाई बराबर है लेकिन मैं आप लोगों से यह भी बताना चाहता हूं

कि जो भी चोरी किया होगा उसके छड़ की लंबाई दो मीटर बढ़ जाएगी तो था दो अंगूर बढ़ जाएगी इस बात को सुनते ही सभी के कान खड़े हो गए और वह बोले मैं आप लोगों को रात का मौका देता हूं रात में इसकी बढ़ोतरी हो जाएगी तो मैं आप लोगों से सुबह बात करूंगा इतना सुनते ही रात में ही जिसने चोरी की थी उसने अपनी छड़ी को दो अंगूर तथा 2 मीटर तोड़ दिया और जब सुबह बीरबल आए तो देखा कि सब की छड़ी तो बराबर है लेकिन एक व्यक्ति की छड़ी 2 मीटर छोटी है और तब उन्होंने यह पता लगा लिया कि जिस व्यक्ति को इससे डर था कि कहीं हमारी डंडी बड़ी ना हो जाए उसी ने ही अपने डंडी को छोटी कर ली है और इस प्रकार से उन्होंने उस व्यक्ति को ही पकड़ लिया और उससे अपना जुर्म कबूल किया और इस प्रकार से आप पता चलता है कि किसी भी व्यक्ति को अपने बुद्धि तथा व्यक्तित्व का सफलतापूर्वक उपयोग करने से उसके किसी भी प्रश्नों का हल मिल सकता है धन्यवाद

अकबर तथा लकड़हारा की कहानी (Story of Akbar and the Woodcutter in hindi)

जब अकबर तथा बीरबल दोनों लोग जंगल में शिकार करने जा रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक लकड़हारा लकड़ी काट कर ला रहा है तो अकबर ने कहा मैं यही छिप जाता हूं और तुम जाओ पूछो कि इस लकड़हारे के मन में हमारे बारे में क्या चल रहा है इसमें हमारी जंगल की लकड़ियों को काट काट कर उसके पर्यावरण को नष्ट करने का कोशिश कर रहा है एवं यह हमारे बारे में किस प्रकार सोच रहा है उसकी जानकारी आप हमें सुनवाई और इस प्रकार से अकबर ने अपने देश को बदल लिया और बीरबल ने भी अपने देश को बदल लिया और बीरबल गए और लकड़हारे से या कहा कि मित्र तुमने सुना नहीं लकड़हारे ने कहा क्या हुआ भाई मित्र आज हमारे राज्य के राजा महाराजा अकबर जी की मृत्यु हो गई

इतना सुनते ही लकड़हारा तुरंत खुशी के मारे नाचने गाने लगा या देखकरअकबर को बड़ा गुस्सा आया और मैं कहने लगे इस लकड़हारे के देखो हमारी ही लकड़ी को भेजता है हमारे ही लकड़ी को चलाता है तथा हमारी ही लकड़ी से खाता है लेकिन हमारे ही मृत्यु हो जाने पर हमारे बारे में कैसा सोच रहा है ऐसा कहनेेेेेे पर लकड़हारे ने कहा कि कहा नेे

आज मैं अपने आसपास में मिठाई बांट लूंगा लोगों को दावत दूंगा और ऐसी बातें करने लगा इस प्रकार से बीरबल ने अकबर को इस व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में पहचान करने का या दायित्व निभाया और कहा किहम जैसा किसी व्यक्ति के बारे में सोचते हैं ठीक उसी प्रकार वह व्यक्ति भी हमारे बारे में सोचता है अगर हम किसी व्यक्ति के बारे में बुरा सोचेंगे तो वह भी हमारे बारे में बुरा ही सोचेगा इस प्रकार सेबीरबल ने अकबर को उसके बारे में जनता के राय को प्रस्तुत किया और हमें क्या सीख मिलती है कि अगर हम किसी के बारे में अच्छा सोचेंगे तो वह भी हमारे बारे में अच्छा ही सोचेगा निसंदेह ही लेकिन अगर हम किसी के बारे में बुरा सोचेंगे तो वह हमारे बारे में बुरा ही सोचेगा या निसंदेह है इस प्रकार से हमें या पता लगता है कि हमें किसी के बारे में बुरा नहीं करना चाहिए इससे हमारा ही बुरा होता है धन्यवाद

Akbar Birbal Stories in Hindi in video

Akbar Birbal Stories in Hindi

अकबर कौन था

अकबर मुगल सम्राट का सबसे महान शासक एवं एक अच्छा समाज सुधारक था

बीरबल कौन थे

बीरबल अकबर के मंत्री परिषद में बहुत महान मंत्री थे

अकबर के पिता कौन थे

अकबर के पिता जी का नाम था हुमायूं

बीरबल किस समाज के थे

बीरबल जी भट्ट परिवार से एक ब्राह्मण समाज से माने जाते थे

अकबर एवं बीरबल में संबंध क्या था

अकबर एवं बीरबल का संबंध एक राजा एवं मंत्री का था वह एक दूसरे को बहुत ही विद्यमान मानते थे

अकबर किस वंश से आता था

अकबर मुगल वंश से आता था

अकबर की औरत का क्या नाम था

अकबर की औरत का नाम जोधा बाई था

अकबर ने किस धर्म की स्थापना की थी

मुगल सम्राट अकबर ने हिंदू तथा मुस्लिम एकता के लिए दीन ए इलाही धर्म की स्थापना की

मुगल वंश का सबसे प्रिय शासक कौन था एवं महान सम्राट

मुगल वंश का सबसे प्रिय शासक एवं सबसे महान सम्राट अकबर ही था

अकबर के नवरत्नों के नाम

अकबर के नवरत्नों के नाम निम्नलिखित हैं
अबुल फजल
फैजी
राजा बीरबल
राजा टोरेडमल
राजा मानसिंह
तानसेन
मुला दो प्याजा
अब्दुल रहीम khan-e-khana
फकीर अजीमुद्दीन

अकबर बीरबल की कहानी किस रस को संबोधित करते

अकबर बीरबल की कहानी ज्यादातर हास्य रस में लिखी गई है

अकबर के माता का नाम क्या था

हमीदा बानो अकबर के माता का नाम था

अकबर का जन्म एवं मृत्यु कब हुआ था

अकबर का जन्म 1542 ईसवी में हुआ था तथा उसका निधन 1605 ईस्वी में हुआ

अकबर का शासन काल कब से कब तक माना जाता है

अकबर का शासन काल 1556 ईस्वी से 1605 ईस्वी तक माना जाता है

प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद किस शासक ने रखा था

प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद रखने वाले शासक का नाम था अकबर

मुगल साम्राज्य का ध्वज किस प्रकार का था

मुगल साम्राज्य का ध्वज पीले रंग में था उसमें सूर्य के सामने शेर का चित्र था तथा उसके किनारे हरी पट्टी थी

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