प्रोस्टेट की रामबाण दवा; प्रोस्टेट एक प्रकार की ग्रंथि हैजो केवल पुरुषों में पाई जाती है और यह एक अखरोट के प्रकार की होती है जो मूत्राशय के ग्रीवा नाल में पाई जाती है प्रोस्टेट एक दूधिया तरल पदार्थ बनाता है जो वीर्य का 1 अंश होता है और शुक्राणु के लिए भोजन का कार्य करता है जब कभी बढ़ जाता है तो मूत्र नली में दिक्कत आने लगती है और पेशाब याद करने में दिक्कत होती है इसके साथ साथइसके बहुत सारे इलाज हैं और इसके रामबाण इलाज के बारे में बात करें तो पतंजलि के क्षेत्र में बहुत सारी दवाइयां जैसे चंद्रप्रभा वटी लौकी का रस सात पत्ता तुलसी का पांच लवांग तथा पांच कालीमिर्च एक में मिलाकर उसका सेवन करने से ट्रस्टेड से आराम मिलता है प्रोस्टेट का सबसे अच्छा दवा यही होता है और योगासन याद करना भी इसके लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि जब आप योगासन जिसे कपालभाति अनुलोम विलोम इतिहास प्राणायाम करते हैं तो आपको ऐसी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है प्रोस्टेट से होने वाली बीमारियों तथा उसके इलाज के बारे में लिस्ट के माध्यम से कुछ दवाओं के नाम बताना चाहता हूं जो नीचे दिया गया है।

प्रोस्टेट की रामबाण दवा के प्रकार/Types of panacea for prostate | प्रोस्टेट की रामबाण दवा के नाम/Prostate panacea drug names |
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पतंजलि दवा प्रोस्टेट का | चंद्रप्रभा वटी |
आयुर्वेदिक दवा प्रोस्टेट का | गुक्षरादि गुगुल |
अंग्रेजी दवा प्रोस्टेट का | प्रोस्टेट आर्टिस्ट ड्रॉप |
होम्योपैथिक दवा प्रोस्टेट का | Baryta Carbonica |
घरेलू दवा प्रोस्टेट का | लौकी का रस सात पत्ता तुलसी का पांच कालीमिर्च को मिला कर दीजिए |
- प्रोस्टेट की होम्योपैथिक दवा बताएं
- प्रोस्टेट की एलोपैथिक दवा क्या है
- पतंजलि मेडिसिन फॉर प्रोस्टेट
- प्रोस्टेट इन्फेक्शन के लक्षण
- प्रोस्टेट का ऑपरेशन कैसे होता है
- प्रोस्टेट के लिए एक्यूप्रेशर
- प्रोस्टेट ग्रंथि की सर्जरी के साइड इफेक्ट
- बैद्यनाथ प्रोस्टेट मेडिसिन
प्रोस्टेट की होम्योपैथिक दवा बताएं/Prescribe homeopathic medicine for prostate
पोस्टेड कोई बहुत बड़ी गंभीर बीमारी नहीं होती है लेकिनलेकिन इसका इंफेक्शन बहुत खराब होता है अगर प्रोस्टेट इनफेक्टेड हो गया तो इससे बहुत सारा नुकसान होता है तथा इसके बहुत सारे तकलीफ का सामना करना पड़ता है लोगों को इसीलिए प्रोस्टेट के होम्योपैथिक क्षेत्र में सबसे अच्छा इलाज उपलब्ध होता है इसमें से मैं आप लोगों को बहुत सारी होम्योपैथिक दवाओं का नाम बताना चाहता हूं जो नीचे लिस्ट के माध्यम से दिए गए हैं और जिनके बारे में आप जानकर उनके उपयोग के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त कर पाएंगे जो नीचे दिए गए हैं।
- थुजा ओसिडेंटलिस
- स्टैफिसैग्रिया
- सबल सेरुलता
- लाइकोपोडियम क्लैवेटम
- डिजिटलिस परप्यूरिया
- कोनियम मैक्यूलेटम
- चिमाफिला अम्बेलाता
- बरयेटा कार्बोनिका
इन दवाओं का नाम बताते हुए मैं आप लोगों को यह भी बताना चाहता हूं किप्रोस्टेट के लिए होम्योपैथिक दवाएं सबसे महत्वपूर्ण तो होती है लेकिन साथ साथ मैं आप लोगों को जा भी बताना चाहता हूं कि बिना आप होम्योपैथ लोधी डॉक्टर के सलाह के ऐसी दवाओं का प्रयोग ना करें तथा इन के साइड इफेक्ट के बारे में भी आप जानकारी रखिए कि इसका क्या साइड इफेक्ट होता है आपको कितने उम्र में इसका प्रयोग करना चाहिए कितने में इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए यह भी आप लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी होगा जो नीचे दिया गया है।
पारंपरिक चिकित्सा में, आमतौर पर बढ़े हुए प्रोस्टेट के गंभीर लक्षणों के लिए सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। हालांकि, ज्यादातर उम्रदराज लोग सर्जरी से बचना पसंद करते हैं ऐसे में वे होम्योपैथी जैसे वैकल्पिक उपचारों की ओर रुख करते हैं।
होम्योपैथिक उपचार न केवल प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षणों से राहत दे सकता है, बल्कि इसके अंतर्निहित कारणों का भी प्रबंधन कर सकता है। यह उपचार रोग से निपटने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करते हैं, जिससे व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार होता है।40 साल से ऊपर के 66 पुरुषों में बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया और ‘लोअर यूरीनरी ट्रैक्ट सिम्टम्स’ (एलयूटीएस) से जुड़े मामले पर स्टडी की गई, जिसमें पता चला कि होम्योपैथिक उपचार बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षणों से राहत देने के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार कर सकता है।
प्रोस्टेट की एलोपैथिक दवा क्या है/what is allopathic medicine for prostate
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि प्रोस्टेटनवयुवक लोगों को नहीं होता है तथा बच्चों को भी नहीं होता है और यह तो बिल्कुल क्लियर है कि या पुरुषों में ही ज्यादातर होता है महिलाओं में तो बिल्कुल नहीं होता है लेकिन यह क्यों होता है किस लिए होता है इसको भी जानना आप लोगों के लिए जरूरी होगा और मैं आप लोगों को यह बता दूं कि प्रोस्टेट ग्रंथि होती है जो मूत्राशय नाल के रीवा में पाई जाती है और इसके बड़े हो जाने पर मुद्रा से नाल में दिक्कत होने लगता है जैसे बार बार पेशाब लगना तथा चिल्कन होना पेशाब नली में दर्द होना बहुत सारी समस्याएं हैं उन के माध्यम से आप लोग प्रोस्टेट के बारे में जानकारी कर पाए तो प्रोटिस्टा ज्यादा उम्र वाले लोगों में ही होता है कम उम्र वाले लोगों को नहीं होता है ऐसे 40 साल तक प्रोस्टेट तो किसी को हो ही नहीं सकता बहुत कम ही देखने को मिलेगा आप लोगों को और उससे ज्यादा उम्र वालों को ही होता है इसके लिए बहुत सारी एलोपैथिक होम्योपैथिक तथा अन्य दवाएं तैयार की गई जिसमें मैं आपको एलोपैथिक दवा के बारे में बताना चाहता हूं जो नीचे दिए गए हैं।एनबीटी, लखनऊ : पचास की उम्र के बाद पुरुषों को होने वाली प्रोस्टेट की बीमारी से बचाने के लिए सीएसआईआर सीडीआरआई ने न्यूट्रास्यूटिक उत्पाद विकसित किया है। यह उत्पाद औषधीय पौधे के फल से तैयार किया गया है, जो पूरी तरह आयुर्वेदिक और सुरक्षित है।और इस प्रकार से दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है ज्यादा उम्र वाले लोगों का ऑपरेशन भी नहीं किया जा सकता क्योंकि जिस में ब्लड की कमी रहती है उनका ऑपरेशन करना स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है।
पतंजलि मेडिसिन फॉर प्रोस्टेट/Patanjali Medicine for Prostate
प्रोस्टेट की पतंजलि मेडिसिन भी उपलब्ध है इसके लिए आप लोगों को पतंजलि संस्थान से उसकी दवा मंगानी पड़ेगी जो कि बाबा रामदेव जी द्वारा चलाई जाती है और यह अपने दवाओं से ज्यादा योगासनों तथा प्राणायाम पर जोर देते हैं उनके द्वारा बताए गए प्राणायाम तथा योगा आसन को अगर आप नियमित रूप से करते रहे तो हमें यह आशा है कि आपका प्रोस्टेट कंट्रोल में आ जाएगा क्योंकि यह बहुत ही अच्छे ढंग से उन युवाओं को बताने का काम करते हैं दिल से आपका स्वास्थ्य बेहतर हो सके उसके साथ-साथ यह बहुत सारे पतंजलि दवाओं का भी नाम बताते हैं जैसे चंद्रप्रभा वटी गोक्षुरादि गुग्गुल और अन्य बहुत सारी दवाइयां हैं इन के माध्यम से यह प्रोस्टेट को कम कर सकते हैं तथा उससे निजात दिला सकते हैं पतंजलि एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर आपको सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी बाकी सारी सुविधाएं उपलब्ध की जाती हैं जिससे कि आप सुरक्षित रह सकें तो नीचे कुछ पतंजलि दवाओं के नाम तथा उनके प्राइस दिए गए हैं उन के माध्यम से आप प्रोस्टेट रोग से निजात पा सकते हैं।
प्रोस्टेट की पतंजलि दवा/Patanjali medicine for prostate | प्रोस्टेट की पतंजलि दवा का मूल्य/cost of patanjali medicine for prostate |
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गोक्षुरादि गुग्गुल टेबलेट | ₹400/60 टेबलेट |
चंद्रप्रभा वटी टेबलेट | ₹277 सर 60टेबलेट |
विषतिंदुक वटी टेबलेट | ₹350/ 60 टेबलेट |
गिलोय क्वाथ | ₹250 |
लौकी का जूस पतंजलि वाला | ₹60 एक डिब्बा |
प्रोस्टेट इन्फेक्शन के लक्षण/Symptoms of prostate infection
प्रोस्टेट में यह होता है कि इसमें कोई रोग नहीं है या यह तो सिर्फ एक प्रोस्टेट ग्रंथि है जो कि बढ़ जाती है तो उससे बहुत सारी परेशानी आने लगती है हमारे शरीर में इसका वजन 20 ग्राम होना चाहिए जो कि 20 ग्राम से अगर अधिक होती है थोड़ा बहुत तो भी कोई परेशानी नहीं होता है लेकिन जब या डेढ़ गुना अथवा 2 गुना बढ़ जाता है तो इससे बहुत सारी परेशानियां हमारे सामने आने लगती है जैसे कि हमारे पेशाब को रोकने लगती है बार-बार पेशाब आने लगता है शरीर में चिलकन होने लगता है पेशाब नली में चिलकन होने लगता है इसके साथ-साथ बहुत सारी दिक्कतें होती हैं इसके बहुत सारे इसके लक्षण हैं जो नीचे लिस्ट के माध्यम से दिए जाएंगे।
- पेडू में दर्द
- अंडकोष में दर्द
- पेशाब करते समय दर्द होना(यह असमान्य है और मूत्रमार्ग के संक्रमण के साथ ज्यादा होता है)।
- वीर्यस्खलन होने पर दर्द
- पेरिनेम (अंडकोष की थैली और एनस या गुदा के बीच का क्षेत्र) में दर्द , जो अक्सर सख्त कुर्सियों या साइकिल की सीट पर बैठने से, और बदतर हो जाता है।
- ये आपके पेशाब करने की शुरुआत को काफी मुश्किल भरा बना सकती है
- ये आपके पेशाब करने के प्रवाह को कमजोर कर सकती है और शुरू करने और रोकने की स्थिति भी कर सकती है
- पेशाब करने में आपको ज़्यादा ज़ोर लगाने का कारण बन सकती है
- बार-बार पेशाब करना पड़ सकता है
- रात में पेशाब करने के लिए आप बार बार उठ सकते हैं
इस प्रकार से इतने लक्षण होते हैं प्रोस्टेट बढ़ने का और इसके इलाज भी सभी प्रकार के क्षेत्र में उपलब्ध है चाहे वह पतंजलि का क्षेत्र हो चाहे वह एलोपैथिक का क्षेत्र हो चाहे होम्योपैथिक का चाहे आयुर्वेदिक हो चाहे घरेलू दबाव के क्षेत्र में हो सभी प्रकार के क्षेत्रों में इसका इलाज उपलब्ध है धन्यवाद।
प्रोस्टेट का ऑपरेशन कैसे होता है/How is prostate surgery done?
प्रोस्टेट मेंकोई ऐसा कार्य नहीं किया जाता है जिससे कि कोई घाव स्टार उत्पन्न हो इसमें चीरा तथा टाटा का प्रयोग नहीं होता है इसमें मूत्र नलिका में दूरबीन डालकर उसके कुछ प्रोस्टेट के कुछ भाग को खुश कर निकाल दिया जाता है जिससे कि नाली साफ हो जाती है और पेशाब भरपूर मात्रा में होने लगता है इस प्रकार से प्रोस्टेट का इलाज सेल चिकित्सा के माध्यम से किया जाता है और मैं आप लोगों को इसके ऑपरेशन कैसे होते हैं उसका स्टेप बाय स्टेप लिस्ट के माध्यम से बताने जा रहा हूं जो नीचे दिए गए हैं।
- इस पध्दति में ऑपरेशन, चीरा लगाने या टांका लगाने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है।
- यह उपचार मरीज को सामान्यतः बिना बेहोश किये, रीढ़ में इंजेक्शन देकर कमर के नीचे का भाग सुन्न करके किया जाता है।
- इस क्रिया में पेशाब के रस्ते (मूत्रनलिका) से दूरबीन डालकर प्रोस्टेट की गाँठ का अवरोध उत्पन्न करनेवाला भाग खुरचकर निकाल दिया जाता है।
- यह प्रक्रिया दूरबीन अथवा विडियो एन्डोस्कोपी द्वारा लगातार देखते हुई की जाती है ताकि प्रोस्टेट का अवरोध उत्पन्न करने वाला भाग उचित मात्रा में निकाला जा सके तथा इस दौरान निकलने वाले खून पर सावधानीपूर्वक नियंत्रण किया जा सके।
- इस ऑपरेशन के बाद मरीज को साधारणतौर पर तीन से चार दिन अस्पताल में रहना पड़ता है।
जब प्रोस्टेट की गाँठ बहुत बड़ी हो गई या साथ ही मूत्राशय की पथरी का ऑपरेशन करना भी जरुरी हो, तब यूरोलोजिस्ट के अनुभव के अनुसार यह उपचार दूरबीन की मदद से असरकारक रूप से नहीं हो सकता हैं।
बी. पी. एच. में दवा असफल होने पर टी. यू. आर. पी. उपचार की कारगर और सबसे अधिक प्रचलित पध्दति है।
ऐसे कुछ मरीजों में ऑपरेशन की पध्दति का उपयोग किया जाता है। इस ऑपरेशन में सामान्यतः पेडू के भाग और मूत्राशय को चीरकर प्रोस्टेट की गाँठ बाहर निकाल दी जाती है।
प्रोस्टेट के लिए एक्यूप्रेशर/acupressure for prostate
प्रोस्टेड ग्रंथि (पौरुष ग्रंथि ) पुरुषों में पेशाब की थैली के पासपाई जाने वाली एक अखरोट के आकार की ग्रंथि होती है जोवीर्य (सेमिनल फ्लूइड) का निर्माण करती है।५० वर्ष से ऊपर की आयु में अंदरूनी शरीरिक प्रकियाओं एवंहार्मोनल परिवर्तन के कारण प्रायः प्रोस्टेड ग्रंथि काआकार बढ़ जाता है,जिससे कि पेशाब की नली पर दबाबपड़ता है और रुकावट उत्पन्न होने लगती है। इस समस्या कोप्रोस्टेट वृद्धि(बी.पी.एच.) कहा जाता है।प्रोस्टेट बढ़ जाने पर व्यक्ति को पेशाब करने में तकलीफ होतीहै,बार बार पेशाब जाना,पेशाब न रोक पाना ,बूँद बूँद पेशाबहोना ,पेशाब के रास्ते में इन्फेक्शन इत्यादि लक्षण उत्पन्नहोते हैं।
इसके लिए बहुत सारे योगासन तथा प्राणायाम बताए गए हैं जिसके माध्यम से आप इससे कम कर सकते हैं और इससे निजात पा सकते हैं इसमें रामदेव जी द्वारा बताए गए कपालभाति अनुलोम विलोम उसके साथ साथ वक्रासन भुजंगासन तथा जितने भी आसान है उनको मैं लिस्ट के माध्यम से नीचे बताना चाहता हूं।
- हाथों की हथेली और पैरों के तलवों के बीचो-बीच के प्लाइंट को दबाएं।
- हाथ और पैर की सबसे छोटी अंगुली के ऊपर भाग में 5 मिनट के लिए दबाएं।
- दोनों हाथों की कलाई दोनों ओर हड्डियों को दबाएं। इससे लाभ मिलेगा।
- अनुलोम विलोम।
- वक्रासन।
- भुजंगासन।
- कपालभाति।
- भस्त्रिका।
- गोमुखासन।
- पश्चिमोत्तानासन।
- इस आसन को 2-3 मिनट करें। जिससे आपका प्रोस्टेट हमेशा हेल्दी रहेगा। जिससे आप ब्लैडर या प्रोस्टेट कैंसर जैसी बीमारियों से आसानी से बच जाएंगे।
- वजन कम करने में मदद करें।
- पेट से जुड़ी हर समस्या से छुटकारा दिलाता है।
- अर्धमत्येंद्रासन
- उतने पद आसन।
- स्थिति कोणासन।
- चक्की आसन।
- उत्थित पद्मासन
प्रोस्टेट ग्रंथि की सर्जरी के साइड इफेक्ट/Prostate gland surgery side effects
प्रोस्टेट ग्रंथि की सर्जरीके साइड इफेक्ट के बारे में बताना चाहते हैं कि उसके ऑपरेशन कराने से आपको क्या फायदा हो सकता है क्या नुकसान हो सकता है इसी को साइड इफेक्ट मतलब नुकसान ही होता है लगभग कि इसके ऑपरेशन करवाने से आपको नुकसान होता है क्या क्या नुकसान होता है इसके बारे में जानकारी देना चाहते हैं।
रोगी को परंपरागत सर्जरी की तुलना में सर्जरी से सबधित कई जटिलताओं से छुटकारा मिल जाता है।
-पारंपरिक सर्जरी में कई बार खामिया भी रह जाती हैं, जो गाहे-बगाहे पीड़ित व्यक्ति को परेशान करती रहती हैं।
-इस तकनीक से इलाज में पीड़ित व्यक्ति के ठीक होने की लगभग 100 फीसदी सभावनाएं होती हैं।
इस सर्जरी का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
कैसे होता है इलाज
इस विधि से इलाज के लिए सबसे पहले रोगी का अल्ट्रा सोनोग्राफी परीक्षण कराया जाता है। फिर लेजर तरगों से बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि को गर्म करके खत्म कर दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ एक घटे का वक्त लगता है।
बैद्यनाथ प्रोस्टेट मेडिसिन/Baidyanath Prostate Medicine
जिस प्रकार से पतंजलि एक प्रकार की संस्था है जिसमें सभी प्रकार के रोगों का इलाज किया जाता है तथा उनकी दवाएं उपलब्ध है तथा योगासन बताए जाते हैं ठीक उसी प्रकार से वैद्यनाथ भी एक प्रकार की संस्था है जिसमें सभी प्रकार के रोगों का इलाज आयुर्वेदिक तरीके से दिया जाता है और इसमें साइड इफेक्ट कुछ भी नहीं पड़ता है क्योंकि यह पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक दवा होती है जो कि जंगली जड़ी बूटियों तथा आयुर्वेदिक घरेलू चीजों से बनी होती हैं वेदनाथ के प्रोस्टेट को कम करने की बहुत सारी दवाइयां है जिसमें से मैं आप लोगों को कुछ दवाओं के नाम बताना चाहता हूं।
प्रोस्टेट रोगियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुएबैद्यनाथ में प्रोस्टेड टेबलेट का निर्माण किया हैइस औषधिमें संयोजन द्रव्य शिलाजीत,गोखुरू,करंजुवरुण छाल हैं, एवं कुल्थी और एलोवेरा के रस की भावना दी गई हैये सभी आयुर्वेदिक जड़ी बूटिया समग्र रूप से कार्य करकेप्रोस्टेट के लक्षणों लाभ देती हैयह दवा प्रोस्टेट की सूजन व दर्द को कम करतीहैएंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट हैं। इसके सेवन सेपेशाब खुलकर आती है।प्रोस्टेड टेबलेट के साथ बैद्यनाथ वृद्धिवाधिका बटी एवंकांचनार गुग्गुलु का सेवन करने से प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार मेंभी कमी होती है।
निष्कर्ष conclusions
इस पोस्ट को लिखने के बाद तथा उसकी समीक्षा करने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि इस पूरे कंटेंट में प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने सेक्या नुकसान होता है तथा इसके इलाज के लिए आप लोगों को क्या करना चाहिए आयुर्वेदिक क्षेत्र में कौन-कौन सी दवाइयां हैं होम्योपैथिक क्षेत्र में कौन-कौन सी दवाइयां हैं एलोपैथी क्षेत्र में कौन-कौन सी दवाइयां है तथा पतंजलि क्षेत्र में कौन-कौन सी दवाइयां हैं जिनसे प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से रोका जा सकता है तथा उसके ऑपरेशन के लिए किस प्रकार की सुविधाएं हैं क्या साइड इफेक्ट होता है इन सारी चीजों पर चर्चा किया गया है तथा चीजों के बारे में बताया गया है आप लोगों के माध्यम से पढ़ा गया धन्यवाद।
प्रोस्टेट की रामबाण दवा video
प्रोस्टेट के लक्षण क्या-क्या है?
पेडू में दर्द
अंडकोष में दर्द
पेशाब करते समय दर्द होना(यह असमान्य है और मूत्रमार्ग के संक्रमण के साथ ज्यादा होता है)।
वीर्यस्खलन होने पर दर्द
पेरिनेम (अंडकोष की थैली और एनस या गुदा के बीच का क्षेत्र) में दर्द , जो अक्सर सख्त कुर्सियों या साइकिल की सीट पर बैठने से, और बदतर हो जाता है।
ये आपके पेशाब करने की शुरुआत को काफी मुश्किल भरा बना सकती है
प्रोस्टेट की पतंजलि दवा क्या?
प्रोस्टेट की पतंजलि दवा में चंद्रप्रभा वटी गुजरात गूगल यह बहुत प्रमुख दवाएं हैं।
प्रोस्टेट के पतंजलि तथा घरेलू नुस्खे क्या है?
पतंजलि के घरेलू नुस्खे के बारे में बात किया जाए तो प्रोस्टेट के लिएलौकी का जूस उसमें तुलसी का पत्ता तथा काली मिर्च मिलाकर पीने से बहुत आराम मिलता है तथा पूरी तरह से प्रोस्टेट कैंसर भी खत्म हो जाता है।
प्रोस्टेट नार्मल कितना होना चाहिए?
प्रोस्टेट का वजन निर्मली 83 अट्ठारह से 20 ग्राम होना चाहिए
प्रोस्टेट के कितना वजन बढ़ने पर किडनी पर असर पड़ता है?
प्रोस्टेट ग्रंथि का वजन 18 से 20 ग्राम होता है जिसका24 ग्राम बढ़ने पर कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन अगर यह 100 ग्राम के आसपास चला जाता है तो इससे किडनी पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है तथा खराब होने की भी समस्या हो जाती है।
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