एक और एक ग्यारह मुहावरे का अर्थ (ek Aur Ek Gyarah Muhaware Ka Arth) - Rskg » Rskg

एक और एक ग्यारह मुहावरे का अर्थ (ek aur ek gyarah muhaware ka arth) – rskg

एक और एक ग्यारह मुहावरे का अर्थ एक और एक ग्यारह होना आज हम आप लोगों को बताने वाले है और आज हम आप लोगों को हम बताने वाले हैं और हम एक और एक ग्यारह मिलने का मतलब होता है शक्ति बढ़ना मतलब मेल हो जाना किसी का मेल हो जाना इसे हम एक और एक ग्यारह होने को कहते हैं जैसे मोहन विद्यार्थी है और मोहन का एक बच्चे से लड़ाई हो जाती है वह मोहन अकेला रहता है और वह बच्चा उसे मारने के लिए तैयार हो जाता है जबकि वह बच्चा बहुत ही तंदुरुस्त और मोटा ताजा होता है मोहन काफी दुर्बल होता है इस कारण वह मोहन को मारने के लिए धमकी देता है तब मोहन के दोस्त सोहन ने उसके साथ मिलकर उस लड़के को डराते धमकाते हैं और मारने के लिए भी कहते हैं इससे वह लड़का डर जाता है और पीछे की तरफ भाग आता है तो इस कहानी से आप लोगों को क्या अभिप्राय मिला यह कहानी कथा अधिकार है कि मोहन और सोहन यदि ना मिलते तो वह लड़का मोहन को शायद मारता इसलिए कहा गया है कि एक से भले भले दो इसलिए इस मुहावरे का अर्थ होता है कि मेल होना एक और एक ग्यारह होना इसका मतलब होता है मैं हूं ना मेल में शक्ति होती है तो चले हम आप लोगों को इस मुहावरे का वाक्य प्रयोग करके आप लोगों के समक्ष बताते हैं इस मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग इस प्रकार है

एक और एक ग्यारह मुहावरे का अर्थ

एक और एक ग्यारह मुहावरे का अर्थ
एक और एक ग्यारह मुहावरे का अर्थ

एक और एक ग्यारह होना(एकता में शक्ति होना)

मोहन और सोहन दोस्त था और उनकी तरफ कोई निगाह नहीं उठाता है क्योंकि वह एक दूसरे से बहुत प्रेम करते हैं इसका मतलब यही होता है कि 11 11 अगर मोहन और सोहन अलग होते तो इनको हर कोई तोड़ सकता था लेकिन इन दोनों में एकता है इसलिए कहा गया है कि एक और एक ग्यारह होता है

एक और एक ग्यारह कहावत का वाक्य

एक और एक ग्यारह का कहावत वाक्य प्रयोग आज हम आप लोगों को बताएंगे कि एक और एक ग्यारह का मतलब क्या होता है एक और एक ग्यारह का मतलब होता है कि सकते हो ना मेल होना मजबूत होना पुराने जमाने की कहावत होती है कि 10 की लाठी एक ही की मौज होती है इसलिए कहा गया है अगर लाठी 11 लोग 10 लोग ले ले तो उसे लाठी कहते हैं और अगर उसे 10 लाठी को एक आदमी ले ले तो उसे हम बाहर कहते हैं तो इसलिए कहा गया है कि मेल में बहुत ही सख्त होता है और इस कहावत का यही अभिप्राय है कि मेल होना

1 दिन की बात है अजय और संजय में गहरी मित्रता थी और वह दोनों आपस में बहुत प्रेम करते थे और मैं साथ साथ उठा बैठा करते थे और साथ-साथ विद्यालय जाते थे लेकिन एक दिन ऐसा हुआ कि अजय और संजय के बीच कुछ आपसे मामलों के कारण मैं दोनों अलग हो गए दोनों अलग हो जाने के कारण वह दोनों का मन नहीं लगने लगा और वह 1 दिन फिर से आपस में मिल जाते हैं तो वही बात हुई ना कि एक एक ग्यारह होना अजय संजय का फिर मेल हो गया

एक और एक ग्यारह होना। (मिल जाना)

वाक्य प्रयोग

एक दिन की बात है रवि और श्याम एक गांव में रहते थे मैं एक घनिष्ठ मित्र थे और वह दोनों साथ साथ रहते थे 1 दिन रवि शामय में कुछ बात ना बनने की वजह से उन दोनों का मेल टूट गया था लेकिन दूसरे दिन मैं दोनों ने फिर मिलकर रहने लगे तो इसका मतलब हुआ कि एक और एक ग्यारह होना

मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

आज हम आप लोगों को मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग दोनों ही करके बताएंगे अगर आप स्टडी कर रहे हैं या पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण आर्टिकल है जो आज हम आप लोगों को मुहावरे का वाक्य प्रयोग करके आप लोगों को हम बताएंगे और याद हमारे मुहावरे का वाक्य प्रयोग या हमें अर्थ बनाने के समय कोई भी गलती हो जाए तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर अवगत कराएं इस पर हम तुरंत सुधार करने की कार्यरत पर लग जाएंगे

आँख दिखाना – (क्रोध से देखना,रोकना, धमकाना)

  • गलती भी करते हो और ऊपर से ऑखें भी दिखाते हो

आँखों में धूल झोंकना – (सरे आम धोखा देना ) परीक्षक की आँखों में धूल झोंककर कुछ विद्यार्थी अच्छे अंक तो पा जाते हैं परंतु इससे उन्हें जीवन में सफलता नहीं मिलती

आँखों पर चढ़ना – ( पसंद आ जाना) किसी चीज के लिए लोभ होना – तुम्हारी घड़ी चोर की आँखों पर चढ़ गयी थी, इसलिए मौका पाते ही उसने चुरा ली

आखें फेर लेना – (पहले जैसा व्यवहार न रखना )- जब से उसे अफसरी मिली है, उसने माँ बाप, यार दोस्त सबसे आँखें फेर ली है

ऑखें बिछाना – (प्रेम से स्वागत करना, बाट जोहना) – तुम्हारी राह में आँखें बिछाये कय से बैठा हूँ तुम जल्द आ जाओ

आँख में पानी न होना – (बेहया, बेशर्म होना )– बेईमान लोगों की आँखों में पानी नहीं होता

आँखों में गड़ना (या चुभना, बुरा लगना, पसंद आना) – तुम्हारी कलम मेरी आँखों में गड़ गयी है, इसे तुम मुझे दे दी

आँखों में चरबी छाना – (घमंड होना )– दौलत हाथ में आते ही उसकी आँखों में चरबी छा गयी और वह अपने रिश्तेदारों से बुरा व्यवहार करने लगा

आँखे लाल करना – (क्रोध से देखना) – आँखें लाल मत करो, इससे मैं डरनेवाला नहीं

आँखे सेंकना – (दर्शन का सुख उठाना) – बहुत से नवयुवक तो मेले ठेले में सिर्फ आँखे सेंकने ही आते हैं2

आँच न आने देना – (थोड़ा भी आघात न होने देना) – इस झमेले में मेरे दोस्त रवि ने मुझ पर जरा सी भी आँच न आने दी

आटे दाल का भाव मालूम होना – (कठिनाइयों का ज्ञान होना )- तुम्हारे ऊपर जब जिम्मेवारियाँ आयेंगी तभी तुम्हें ऑटे दाल का भाव मालूम होगा

आँसू पीकर रह जाना – (दु:ख अपमान को बर्दास्त कर लेना )– सबके सामने जली कटी सुनकर भी वह आँसू पीकर रह गया

आकाश के तारे तोड़ लाना – (असंभव काम करना) – तुम्हें नौकरी क्या मिली, लगता है आकाश के तारे तोड़ लाये हो

आकाश पाताल एक करना -( खूब परिश्रम करना) – तुम्हें नौकरी दिलाने के लिए विकास ने आकाश पाताल एक कर दिया था

आग में घी डालना – (झगड़ा बढ़ाना) – रमेश, तुम गोवर्धन की बातों में मत आना, उसका तो काम ही है आग में घी डालना

आग में कूदना – (जानबूझकर मुसीबत में पड़ना) – साहसी व्यक्ति खतरों से डरते नहीं, वे आग में भी कूद पड़ते हैं

आग बबूला होना – (बहुत क्रुध होना) – राम की अनाप शनाप बातें सुनकर मोहन आग बबूला हो गया

आग लगने पर कुआँ खोदना – (विपत्ति आ जाने पर प्रतिकार का उपाय खोजना )- बीमारी की इस अंतिम अवस्था में दूर शहर से डॉक्टर बुलाने की बात सोचना आग लगने पर कुआँ खोदने जैसा है

आटा गीला करना – (घाटा लगाना) – औने पौने दामों में इन्हें बेचकर क्यों अपना आटा गीला कर रहे हो

आधा तीतर आधा बटेर – (बेमेल, बेढंगा) – पश्चिमी सभ्यता ने भारतीय सभ्यता संस्कृति को आधा तीतर आधा बटेर बना दिया है

आपे से बाहर होना – (क्रोधित होना) – इतनी सी बात प ही मास्टर साहब आपे से बाहर35 – आबरू पर पानी फिरना – प्रतिष्ठा नष्ट होना – तुम्हारी बेवकूफी के कारण ही मेरी आबरू पर पानी फिर गया

आवाज उठाना – (विरोध करना) – सरकार के खिलाफ आवाज उठाना एक साधारण बात हो गयी है

आसमान सिर पर उठाना – (उपद्रव करना )- इतनी छोटी सी बात पर उसने आसमान सिर पर उठा लिया था

आसमान से बातें करना -( बहुत ऊँचा होना) – देवघर के मंदिर का शिखर आसमान से बातें कर रहा है

आस्तीन का साँप – (मित्र के रूप में शत्रु )- उस पर कभी भरोसा मत करना, वह तो आस्तीन का साँप है

इधर उधर करना – (टालमटोल करना) – अब ज्यादा इधर उधर करना बंद करो, चुपचाप मेरी पुस्तक मुझे लौटा दो

इधर की दुनिया उधर होना – (अनहोनी बात होना )- चाहे इधर की दुनिया उधर हो जाय, मैं तुम्हारे यहाँ नहीं जानेवाला हूँ

इधर की उधर करना – (चुगली करना )- उसके सामने यह सब क्यों कहते हो ? उसकी तो आदत ही है इधर की उधर करने की

ईट से ईट बजान – (अंतिम दम तक लड़ना, बर्बाद करना )- मैं उसकी ईंट से ईट बजा ट्रॅगा, पर हार नहीं मानूगा

ईंट का जवाब पत्थर से देना – (दुष्टों के साथ दुष्टता का व्यवहार करना) – वे लोग हमारे आदमियों को पीटकर तीसमार खाँ बने घूमते हैं, पर यह नहीं जानते कि हमें भी ईंट का जवाब पत्थर से देना आता है

ईद (दूज) का चाँद होना – (मुश्किल से दिखाई देना) – बहुत दिनों से मिले नहीं मोहन, तुम तो आजकल ईद का चाँद हो गये हो

उड़ती खबर -( अफवाह) – यह उड़ती खबर है, इस पर विश्वास पत करना

उल्लू का पट्ठा – (निरा बेवकूफ )- उस जैसा उल्लू का पट्ठा भी कहीं अक्ल से काम लती हैं |

उल्लू बनाना -( बेवकूफ बनाना) – उसे तुम उल्लू नहीं बना सकते, वह बड़ा चतुर है

उल्लू सीधा करना – (काम निकालना) – नेताजी की खुशामद करके आखिर उसने अपना उल्लू सीधा कर ही लिया

उधेड़बुन में पड़ना – (सोच विचार में पड़ना) – अचानक किसी समस्या के आ जाने पर कोई भी व्यक्ति उधेड़ बन में पड़ जाता है

उल्टी गंगा बहाना – (असंभव काम करना )- इस गदहे को पढ़ाना उल्टी गंगा बहाने के समान है

उल्टे अस्तुरे से मूड़ना – (मूर्ख बनाकर ठगना) – उस ठग ने आज मुझे उल्टे अस्तुरे से मूड़ लिया

उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना – (थोड़ा सा लेकर पूरा लेने की इच्छा करना) – ‘मोहनलाल से सावधान रहना ही अच्छा है, वह उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़नेवाला आदमी है

उँगली पर नचाना – (वश में करना) – आपके अधीन हूँ इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर समय मुझे ऊँगली पर नचाते रहें

एक और एक ग्यारह के कलाकार

हम आज आप लोगों को कलाकारों के माध्यम से एक और एक ग्यारह होने के कलाकार के बारे में बताइए एक गांव में एक राजू नाम का लड़का रहता था और दूसरे गांव में रोहित नाम का लड़का रहता था उन दोनों में बहुत गहरी मित्रता थी और मैं दोनों एक साथ रहते थे और साथ-साथ उन्होंने विद्यालय जाना शुरू किया और वह विद्यालय से आकर दोनों इतने प्यार आप आपस में प्यार करते थे कि वह एक दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे लेकिन एक दिन राजू और रोहित दोनों विद्यालय जा रहे थे और वह दोनों लोग विद्यालय में वहां जाकर पढ़ाई की पढ़ाई करने के बाद राजू और रोहित दोनों घर वापस लौट रहे हैं अब वह दोनों अपने अपने गांव चले जाते हैं राजू को रात भर नींद नहीं आती है दोस्त की याद सताती है और इधर रोहित भी उसे नींद नहीं आती है और वह राजू के ख्यालों में डूबा रहता है वह सोचता है कि कब सुबह हो जाए और मैं राजू से मुलाकात करके आओ ऐसे में वह दोनों की बहुत ही घनिष्ट मित्रता हो जाती है उनकी मित्रता इस प्रकार बड़ी कि वह दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे और एक दिन उन्होंने आपस में समझौता किया कि अब हम दोनों एक दूसरे से अलग रहकर जिंदगी अपन नहीं कर सकते हैं इसलिए मैं कहता हूं कि जिस विद्यालय में हम लोग पढ़ते हैं उसी विद्यालय में हम हॉस्टल लेकर रहेंगे जिससे कि हम दोनों का बिछड़ना नामुमकिन होगा और हम दोनों एक साथ रहकर पढ़ाई भी करेंगे और हम एक दूसरे की दोस्ती भी और मजबूत होती रहेगी तब राजू ने कहा कि हां ठीक है चलो मैं भी चलता हूं अब वह दोनों हॉस्टल में जाकर रहने लगे धीरे-धीरे समय बीता जाता रहता है और राजू और रोहित का मोहब्बत और बढ़ती जाती है 1 दिन की बात है जरा जरा सी बात के कारण राजीव और रोहित में थोड़ी सी बिगड़ पैदा हो जाती है बिगड़ पैदा हो जाने के कारण से मुझे एक दूसरे से अलग रहने लगते हैं और वह एक दूसरे के बगैर इस जिस प्रकार तड़पते हैं जिस प्रकार की मछली को अगर पानी में से निकाल दो तो वह तड़पती रहती है उसी प्रकार राजू और रोहित भी एक दूसरे से मिलने के लिए बेकरार रहते हैं और एक दिन उन्होंने फिर से अपनी वही दोस्ती अपना ली तो इस कहानी का अभिप्राय है कि एक से भले दो इसका मतलब होता है एक और एक ग्यारह

एक और एक ग्यारह के कलाकार का नाम पहले का नाम राजू है और दूसरे का नाम रोहित है और यह कलाकार बहुत ही अच्छे से अपनी अपनी भूमिका निभाते हैं

चांदी काटना मुहावरे का अर्थ

आज हम बात करेंगे चांदनी काटने के मुहावरे का अर्थ के बारे में हम लोग जानते हैं कि हम शहरों बाजारों में जाते हैं और हम वहां से चांदी या सोने के कोई भी वस्तु खरीद कर लाते हैं और उसको हम अपने शरीर में पहनते हैं और पहनने के साथ-साथ हम उसको शोभा बढ़ाने हमारे शरीर की शोभा बढ़ाने में वह कार्य करता है और जब वह कुछ दिन के बाद महिला हो जाता है तो हम सुनार के पास जाते हैं तो वह चांदी या सोने को ko Katkar वह उसको ढलता है और धोने के बाद वह अपनी पहले जैसी अवस्था में हो जाती है और सोना और चांदी या सोने की ऊपर की परत को उतार लेता है इसी को हम कहते हैं चांदी काटना और उसका मैन को शांत कर बाहर रख लेता है और उसका कोई दूसरा आभूषण बना देता है तो वह हुआ ना मालामाल तो इस कहां मुहावरे का मतलब यह होता है कि चांदनी काटने का मतलब होता है धनवान हो ना

चांदी काटना= (धनवान हो ना) अचानक से सर्द बढ़ जाने के कारण राजू स्वेटर को अधिक दाम पर बेचकर खूब मुनाफा कमाया इसका मतलब यही हुआ कि चांदी काटना

कदम बढ़ाना मुहावरे का अर्थ

आज हम आप लोगों को बताएंगे कि कदम बढ़ाने मुहावरे का अर्थ क्या होता है नगर इसके साथ साथ हम आप लोगों को कदम बढ़ाना कि मुहावरे का वाक्य प्रयोग करके भी हम आपके समक्ष रखेंगे और आप लोगों को बड़ी आसानी से यह समझ में आ जाएगा और हम आप लोगों को अजीबोगरीब तरह से हम आपके सामने इसका वाक्य प्रयोग करेंगे तो चलिए हम आप लोगों को निम्नलिखित बताते हैं

कदम बढ़ाना (तेज चलना) बॉर्डर पर लड़ाई छिड़ी हुई है ए देश के सिपाही तुम कदम बढ़ा कर चलना

मैं आप लोगों को कदम बढ़ाने के मुहावरे का अर्थ सहित हमने आप लोगों को बताया मैं आशा करता हूं कि आप लोगों को कदम बढ़ाना मुहावरे में किसी भी प्रकार का संदेह नहीं होगा और आप लोगों को बड़ी आसानी से यह समझ में आ गया होगा

चार चाँद लगाना मुहावरे का अर्थ

चार चांद लगाना मुहावरे का अर्थ होता है कि कामयाबी हासिल पाना सोहन अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था और वह पढ़ाई में बहुत व्यस्त था वह पढ़ाई बहुत दिनों से कर रहा था और वह आज आर्मी की नौकरी पा ली है आज उसके मां-बाप के लिए उसने उनके जिंदगी में चार चांद लगा दिया है

चार चांद लगाना (खूबसूरती बढ़ना) मोनालिसा तो पहले अच्छी नहीं दिख रही थी लेकिन वह कुछ दिनों के बाद उसके चेहरे पर तो मानो जैसे चार चांद लग गए हैं

नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ

नौ दो ग्यारह होना बराबर फरार हो जाना चोर चोर चोरी कर कर वहां पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर भाग गया और पुलिस उसे देखते रह गई और पुलिस उसे दोबारा नहीं पकड़ पाएगी इसका मतलब यही होता है कि नौ दो ग्यारह हो जाना यानी भाग जाना

नौ दो ग्यारह होना (भाग जाना) आज पुलिस चोर को लेकर अदालत में आ रही थी तभी चोर ने पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर रास्ते से फरार हो गया

अंगार बरसना (कड़ी धूप होना)– गर्मियों के मौसम में अंगार बरसते हैं

आगे का पैर पीछे पड़ना (विपरीत गति या दशा में पड़ना )सारिका के दिन अच्छे नहीं हैंआजकल उसके आगे का पैर पीछे पड़ रहा है

आटे दाल की फ़िक्र होना (जीविका की चिन्ता होना)तुम कोई नौकरी नहीं करते क्या तुम्हें आटे दाल की फ़िक्र नहीं है

अक्ल का दुश्मन होना ( मूर्ख होना) शालिनी को अक्ल का दुश्मन कहना गलत नहीं है,क्यूंकि वह काम ही ऐसे करती है

आकाश से बातें करना (काफी ऊँचा होना) दुबई की इमारतें आकाश से बातें करती हैं

धब्बा लगना (कलंकित करना) राजू ने चोरी करके अपने दमन पर धब्बा लगा लिया।

चिराग तले अंधेरा मुहावरे का अर्थ

चिराग तले अंधेरा होने मुहावरे का अर्थ होता है कि अपनी बुराई ना देखना और दूसरे की बुराई अध्ययन करना राम एक अच्छा लड़का है और वह उसको मैं पढ़ता है और वह स्कूल में पढ़ने के बाद वह दुकान पर जाकर बैठता है और वहां पर बड़ी-बड़ी फेंकता है लेकिन उसको खुद पता नहीं है कि मुझे क्या कहना चाहिए और वह पढ़ाई में इतना कमजोर है कि वह मास्टर उन्हें बहुत मारते पीटते हैं लेकिन उसके अक्ल को लगता है दिमाग खा गई है लेकिन वह दुकान पर बैठकर दूसरे को उपदेश देने में लग जाता है और वह अपनी बुराई नहीं समझ पाता है कि मुझे इस ज्ञान का पता नहीं है और मैं इस ज्ञान को दूसरे के बीच बांट रहा हूं इसका मतलब यही होता है कि चिराग के तले अंधेरा हो ना मतलब जानबूझकर बेवकूफी करना या अपनी गलती स्वयं अपना देखना

चिराग तले अंधेरा होना (अपनी बुराई ना देखना) पाकिस्तान में लाख बुराइयां है लेकिन वह अपनी बुराइयों को नहीं देखता है वह भारत को हमेशा नीचे दिखाने को सोचता रहता है

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