harivansh rai bachchan: हरिवंश राय बच्चन का नाम तो सुनते हैं परंतु उनके बारे में उन्हें पता नहीं होता है इसलिए आज हम आप सभी लोगों को हरिवंश राय बच्चन के बारे में बताएंगे जिससे सभी लोगों को पता हो सके कि हरिवंश राय की स्टोरी क्या हैै I अर्थात हम आप सभी लोगों को बताएंगे कि बच्चन का जन्म कब हुआ था तथा मृत्यु कब हुई थी I हरिवंश राय बच्चन के कितने पुत्र थे और उनकी पत्नी का क्या नाम था और यह भी बताएंगे कि उनके पुत्रों का क्या नाम था क्योंकि इन सभी चीजों के बारे में बहुत से लोगों को पता नहीं होता है इसलिए हम आप सभी लोगों को अपने इस पोस्ट में इसके बारे में विस्तार से बताएंगे जिससे आप सभी लोगों को जानने में तथा समझने में आसानी हो जिससे आप सभी लोग आसानी से समझ जाएं कि हरिवंशराय बच्चन का जन्म किस सन में हुआ था और उनकी मृत्यु किस सन में हुई I और भी आप सभी लोगों को हरिवंश राय बच्चन से संबंधित बहुत सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा अगर आप लोगों को हरिवंश राय बच्चन के बारे में विस्तार से जानना है तो हमारी इस पोस्ट को एक बार जरूर पढ़ें जिससे आप लोगों को हरिवंश राय बच्चन के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त हो सके क्योंकि हम अपने इस पोस्ट में हरिवंश राय बच्चन से संबंधित जानकारी विस्तार से बताएंगे I तो आइए हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताने वाले हैं या बताते हैं I
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हम आप सभी लोगों को हरिवंश राय बच्चन के कुछ कविताओं के बारे में बताने वाले हैं कि उनके कौन-कौन सी कविताएं हैं हरिवंश राय बच्चन ने बहुत सारी कविताएं लिखी है परंतु हम उनके कुछ ही कविताओं के बारे में बताएंगे और उन कविताओ को भी लिखेंगे जिससे आप सभी लोग अगर चाहे कि हरिवंश राय की कविता पढ़नी है तो हमारे इस पोस्ट को जरूर पढ़ें क्योंकि हमने अपने इस पोस्ट में हरिवंश राय की कविताओ को लिखूंगा जिससे आप लोग उनकी कविताओं को पढ़ सके I तो आइए हम वंश राय बच्चन की कुछ कविताओ को आप सभी लोगों के सामने प्रस्तुत करता हूं I
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1. अग्निपथ (Agneepath Poem by Harivansh Rai Bachchan)
वृक्ष हों भले खड़ेे,
हो घने हो बड़े,
एक पत्र छांह भी,
मांग मत, मांग मत, मांग मत,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ I I
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ II
यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु स्वेद रक्त से,
लथपथ, लथपथ, लथपथ ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ II
2. ओ गगन के जगमगाते दीप (Oh the sparkling lamp of the sky)
दीन जीवन के दुलारे,
खो गए जो सपने सारे,
ला सकोगे क्या उन्हें फिर खोज हृदय समीप?
ओ गगन के जगमगाते दीप!
यदि ना मेरे सपने पाते,
क्यों नहीं तुम खोज लाते,
वह घड़ी चिर शांति दे जो पहुंच प्राण समीप?
ओ गगन के जगमगाते दीप!
यदि न वह भी मिल रही है,
है कठिन पाना-सही है,
नींद को ही क्यों न लाते खींच पलक समीप?
ओ गगन के जगमगाते दीप!
3. मैंने गाकर दुख अपनाए (I hurt by singing)
कभी न मेरे मन को भाया,
जब दुख मेरे ऊपर आया,
मेरा दुख अपने ऊपर ले कोई मुझे बचाए!
मैंने गाकर दुख अपनाए!
कभी न मेरे मन को भाया,
जब-जब मुझको गया रुलाया,
कोई मेरी अश्रु धार में अपने अश्रु मिलाए!
मैंने गाकर दुख अपनाए!
पर न दबा यह इच्छा पाता,
मृत्यु-सेज पर कोई आता,
कहता सिर पर हाथ फिराता-
’ज्ञात मुझे है, दुख जीवन में तुमने बहुत उठाये!
मैंने गाकर दुख अपनाए!
4.आदर्श प्रेम (Ideal love)
प्यार किसी को करना लेकिन
कह कर उसे बताना क्या
अपने को अर्पण करना पर
और को अपनाना क्या
गुण का ग्राहक बनना लेकिन
गा कर उसे सुनाना क्या
मन के कल्पित भावों से
औरों को भ्रम में लाना क्या
ले लेना सुगंध सुमनों की
तोड़ उन्हें मुरझाना क्या
प्रेम हार पहनाना लेकिन
प्रेम पाश फैलाना क्या
त्याग अंक में पले प्रेम शिशु
उनमें स्वार्थ बताना क्या
दे कर हृदय हृदय पाने की
आशा व्यर्थ लगाना क्या I
5.चल मरदाने (Let’s go Desh bhakti poem in hindi by Harivansh Rai Bachchan)
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।
एक हमारा देश, हमारा
वेश, हमारी कौम, हमारी
मंज़िल, हम किससे भयभीत ।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।
हम भारत की अमर जवानी,
सागर की लहरें लासानी,
गंग-जमुन के निर्मल पानी,
हिमगिरि की ऊंची पेशानी
सबके प्रेरक, रक्षक, मीत ।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।
जग के पथ पर जो न रुकेगा,
जो न झुकेगा, जो न मुडेगा,
उसका जीवन, उसकी जीत ।
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढाते,
मन मुस्काते, गाते गीत I
harivansh rai bachchan famous poem
अब हम आप सभी लोगों को हरिवंश राय बच्चन के प्रसिद्ध (Famous) कविता के बारे में बताएंगे कि इनकी कौन कौन सी कविता प्रसिद्ध है जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि हरिवंश राय की कुछ कविताओं के बारे में लेकिन अब हम आप सभी लोगों को हरिवंश राय बच्चन की कुछ फेमस Famous कविताओं के बारे में बताएंगे I जिससे आप लोगों को यह पता हो सके कि हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता कौन सी है जैसा कि हरिवंश राय बच्चन की बहुत सारी कविताएं हैं लेकिन हम इस Heading में केवल प्रसिद्ध कविताओं के बारे में बताएंगे जैसा कि बहुत से लोगो को यह पता होगा कि हरिवंश राय बच्चन की कविता कौन-कौन सी है परंतु अगर उनसे पूछ लिया जाए कि हरिवंश राय बच्चन की कोई प्रसिद्ध कविता का नाम बताओ तो शायद बहुत लोग सोचने लगते हैं कि हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता कौन सी है इसलिए ही हम हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता को बताने वाले हैं जिससे आप सभी लोगों को पता हो सके कि राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता कौन-कौन सी है तो आइए हम हरिवंश राय बच्चन की कुछ प्रसिद्ध कविताएं को दर्शाते है I
1. साथी सब कुछ सहना होगा (Friend, we have to endure everything)
मानव पर जगती का शासन,
जगती पर संसृति का बंधन,
संसृति को भी और किसी के प्रतिबंधों में रहना होगा!
साथी, सब कुछ सहना होगा!
हम क्या हैं जगती के सर में!
जगती क्या, संसृति सागर में!
एक प्रबल धारा में हमको लघु तिनके-सा बहना होगा!
साथी, सब कुछ सहना होगा!
आओ, अपनी लघुता जानें,
अपनी निर्बलता पहचानें,
जैसे जग रहता आया है उसी तरह से रहना होगा!
साथी, सब कुछ सहना होगा!
2. आत्मपरिचय (Introduction)
मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ,
फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ
कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर
मैं सासों के दो तार लिए फिरता हूँ!
मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,
मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ,
जग पूछ रहा है उनको, जो जग की गाते,
मैं अपने मन का गान किया करता हूँ!
मैं निज उर के उद्गार लिए फिरता हूँ,
मैं निज उर के उपहार लिए फिरता हूँ
है यह अपूर्ण संसार ने मुझको भाता
मैं स्वप्नों का संसार लिए फिरता हूँ!
मैं जला हृदय में अग्नि, दहा करता हूँ,
सुख-दुख दोनों में मग्न रहा करता हूँ
जग भ्ाव-सागर तरने को नाव बनाए,
मैं भव मौजों पर मस्त बहा करता हूँ!
मैं यौवन का उन्माद लिए फिरता हूँ,
उन्मादों में अवसाद लए फिरता हूँ,
जो मुझको बाहर हँसा, रुलाती भीतर,
मैं, हाय, किसी की याद लिए फिरता हूँ!
कर यत्न मिटे सब, सत्य किसी ने जाना?
नादन वहीं है, हाय, जहाँ पर दाना
फिर मूढ़ न क्या जग, जो इस पर भी सीखे?
मैं सीख रहा हूँ, सीखा ज्ञान भूलना!
मैं और, और जग और, कहाँ का नाता,
मैं बना-बना कितने जग रोज़ मिटाता
जग जिस पृथ्वी पर जोड़ा करता वैभव,
मैं प्रति पग से उस पृथ्वी को ठुकराता!
3.संवेदना (Sympathy)
क्या करूँ संवेदना ले कर तुम्हारी ?
क्या करूँ ?
मैं दुःखी जब-जब हुआ
संवेदना तुमने दिखाई,
मैं कृतज्ञ हुआ हमेशा
रीति दोनों ने निभाई,
किंतु इस आभार का अब
हो उठा है बोझ भारी
क्या करूँ संवेदना ले कर तुम्हारी ?
क्या करूँ ?
एक भी उच्छ्वास मेरा
हो सका किस दिन तुम्हारा?
उस नयन से बह सकी कब
इस नयन की अश्रु-धारा?
सत्य को मूँदे रहेगी
शब्द की कब तक पिटारी?
क्या करूँ संवेदना ले कर तुम्हारी?
क्या करूँ?
कौन है जो दूसरे को
दुःख अपना दे सकेगा?
कौन है जो दूसरे से
दुःख उसका ले सकेगा?
क्यों हमारे बीच धोखे
का रहे व्यापार जारी?
क्या करूँ संवेदना ले कर तुम्हारी?
क्या करूँ?
4. था तुम्हे मैंने रुलाया (Tha i made you cry)
हा, तुम्हारी मृदुल इच्छा!
हाय, मेरी कटु अनिच्छा!
था बहुत माँगा ना तुमने किन्तु वह भी दे ना पाया!
था तुम्हें मैंने रुलाया!
स्नेह का वह कण तरल था,
मधु न था, न सुधा-गरल था,
एक क्षण को भी, सरलते, क्यों समझ तुमको न पाया!
था तुम्हें मैंने रुलाया!
बूँद कल की आज सागर,
सोचता हूँ बैठ तट पर –
क्यों अभी तक डूब इसमें कर न अपना अंत पाया!
था तुम्हें मैंने रुलाया!
5. क्षण भर को क्यों प्यार किया था (Why did you love me for a moment)
अर्द्ध रात्रि में सहसा उठकर,
पलक संपुटों में मदिरा भर,
तुमने क्यों मेरे चरणों में अपना तन-मन वार दिया था?
क्षण भर को क्यों प्यार किया था ?
‘यह अधिकार कहाँ से लाया’
और न कुछ मैं कहने पाया –
मेरे अधरों पर निज अधरों का तुमने रख भार दिया था!
क्षण भर को क्यों प्यार किया था ?
वह क्षण अमर हुआ जीवन में,
आज राग जो उठता मन में –
यह प्रतिध्वनि उसकी जो उर में तुमने भर उद्गार दिया था!
क्षण भर को क्यों प्यार किया था ?
6. आ रही रवि की सवारी (Ravi’s ride is coming)
आ रही रवि की सवारी।
नव-किरण का रथ सजा है,
कलि-कुसुम से पथ सजा है,
बादलों-से अनुचरों ने स्वर्ण की पोशाक धारी।
आ रही रवि की सवारी।
विहग, बंदी और चारण,
गा रही है कीर्ति-गायन,
छोड़कर मैदान भागी, तारकों की फ़ौज सारी।
आ रही रवि की सवारी।
चाहता, उछलूँ विजय कह,
पर ठिठकता देखकर यह-
रात का राजा खड़ा है, राह में बनकर भिखारी।
आ रही रवि की सवारी।
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हम आप सभी लोगों को हरिवंश राय बच्चन की उम्र के बारे में बताने वाले हैं जैसा कि बहुत से लोगों को पता नहीं होता है कि हरिवंश राय बच्चन की उम्र कितनी थी अर्थात हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु कितने उम्र में हुई थी इसलिए आज हम आप सभी लोगों को उनके उम्र के बारे में बताएंगे कि हरिवंश राय बच्चन की कितनी उम्र में मृत्यु हुई थी अर्थात उनकी उम्र कितनी थी I जैसा कि आप लोग जानते होंगे कि हरिवंश राय बच्चन एक प्रसिद्ध लेखक उन्होंने बहुत सारी कविताएं लिखी है जिसको पढ़ने में बहुत ही आनंद मिलता है इसलिए लोग इनकी कविताओं को पढ़ते हैं I तो आइए हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताते हैं कि हरिवंश राय बच्चन की उम्र कितनी थी अर्थात हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु कितनी उम्र में हुई थी इसे हम आप सभी लोगों को विस्तार से बताएंगे जिससे आप लोग आसानी से समझ जाएं अर्थात जान जाएं की हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु कितनी उम्र में हुई थी I
हरिवंश राय बच्चन एक भारतीय कवि थे जो 20 वी सदी में भारत के सबसे प्रसिद्ध हिंदी भाषा के कवियों में से एक थे अर्थात बीसवीं शताब्दी में भारत में हिंदी भाषा के सबसे प्रसिद्ध कवि थे I
मैं आप लोगों को बता दू कि हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर 1907को गांव बाबूपट्टी जिला प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में हुआ था I हरिवंशराय बच्चन के पिता का नाम था प्रताप नारायण श्रीवास्तव और इनकी माता का नाम था सरस्वती देवी I बचपन में इनके माता-पिता इनकोो बच्चन कह कर पुकारते थे इसलिए इनका नाम हरिवंश राय बच्चन पड़ गया था I हरिवंश राय की मृत्यु 18 जनवरी सन 2003 में हो गई I
तो मैं बता दूं कि हरिवंश राय बच्चन की उम्र 96 वर्ष की थी तब उनकी मृत्यु हुई I जैसा कि हमने आप सभी लोगों को बताया कि हरिवंश राय बच्चन का कब हुआ था तथा किस गांव में हुआ था तथा जिला कौन सा था तथा उनके माता-पिता का क्या नाम था और उनकी मृत्यु कब हुई थी इन सभी के बारे में हमने बताया है अगर आप लोगों को इसके बारे में नहीं पता तो हमारे इस पोस्ट में आप सभी लोगों को इन सभी चीजों के बारे में पता हो जाएगा क्योंकि हमने इन चीजों के बारे में विस्तार से बताया है जिससे आप सभी लोगों को समझने में तथा जानने में बहुत ही आसानी होगी कि हरिवंश राय बच्चन की उम्र कितनी थी अर्थात हरिवंश राय बच्चन की कितनी उम्र में मृत्यु हुई इन सभी के चीजों के बारे में आप सभी लोगों को जानकारी प्राप्त हो जाएगी अगर हमारे इस पोस्ट को पड़गे तो I
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अब मैं आप सभी लोगों को बताने वाला हूं कि हरिवंश राय बच्चन की हाइट कितनी थी जैसा कि बहुत से लोगों को पता होता है कि हरिवंश राय बच्चन का जन्म कब हुआ था मृत्यु कब हुई कितने बच्चे थे इन सभी चीजों के बारे में तो पता होता है परंतु बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता है कि हरिवंश राय बच्चन की हाइट कितनी फुट की थी इसलिए आज हम लोगों को बताएंगे कि हरिवंश राय बच्चन की हाइट कितनी फिट की थी जैसा कि हमने इस पोस्ट में आप सभी लोगों को हरिवंश राय बच्चन से संबंधित Releted बहुत सारी जानकारियां दी है जिसे आप लोग इस पोस्ट को पढ़कर जान सकते हैं कि इस पोस्ट में हरिवंश राय बच्चन से संबंधित Releted कौन-कौन सी जानकारियां और अब हम आप सभी लोगों को बताते हैं कि हरिवंश राय बच्चन की हाइट कितनी थी तो आइए हम बताते हैं I
हरिवंश राय बच्चन की हाइट Height 6 feet 2 inchकी थी I आप लोग तो जानते होंगे कि 6 फीट 2 इंच का व्यक्ति कितना लंबा हो सकता हैै I
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अब हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताने वाले हैं कि हरिवंश राय बच्चन के कितने पुत्र थे I इस बात को लेकर बहुत से लोग परेशान रहते हैं कि हरिवंश राय बच्चन के कितने पुत्र हैं I इसलिए आज हम आप सभी लोगों को इसी के बारे में बताएंगे कि बच्चन के कितने पुत्र थे जैसा हमने आप सभी लोगों को ऊपर बताया है I हरिवंश राय बच्चन का जन्म कब हुआ तथा किस गांव में हुआ और उनकी मृत्यु कब हुई इन सभी चीजों के बारे में बताया है और यह भी बताया है कि हरिवंश राय की फेमस Famous कविता कौन कौन सी है उन कविताओं में से कुछ कविताएं हमने लिखी भी है और भी कई कविताएं लिखी है I तो आइए हम आप सभी लोगों को बताते हैं कि हरिवंश राय बच्चन के कितने पुत्र थे उनका क्या नाम था I
हरिवंश राय बच्चन के 2 पुत्र थे पहले पुत्र का नाम था अमिताभ बच्चन और दूसरे पुत्र का नाम था अभिताभ बच्चन I
अब आप लोगों को पता हो गया होगा कि हरिवंश राय बच्चन के कितने पुत्र थे और उनका क्या नाम था क्योंकि हमने बताया कि हरिवंश राय बच्चन के 2 पुत्र थे जिनका नाम अजिताभ बच्चन और अभिताभ बच्चन था (education) अभिताभ बच्चन अपने पिता के जैसा महान कवि बनना चाहता था परंतु उसके तमाम कोशिशों के बाद भी वह अपने पिता के जैसा महान कभी नहीं बन पाया ऐसा नहीं कि वह कभी नहीं था परंतु वह अपने पिता के जैसा महान कवि नहीं बन पाया I
आप लोगों को पता हो गया होगा कि हरिवंश राय बच्चन के कितने पुत्र थे तथा उनके पुत्रों का क्या नाम था अगर नहीं पता तो हमारे इस पोस्ट को एक बार जरूर पढ़ें जिससे आप सभी लोगों को उसके बारे में पता हो सके क्योंकि हमने इसके बारे में बहुत ही विस्तार से बताया है कि हरिवंश राय बच्चन के कितने पुत्र थे तथा उन पुत्रों का क्या नाम था I
harivansh rai bachchan first wife
आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि हरिवंश राय बच्चन के पहली पत्नी का क्या नाम था क्योंकि बहुत से लोगों को नहीं पता है इसलिए आज हम आप सभी लोगों को इसे विस्तार में बताएंगे हरिवंश राय बच्चन के पहली पत्नी का क्या नाम था तो आइए हम आप सभी लोगों को हरिवंश राय बच्चन के पहली पत्नी का क्या नाम था बताते हैं I
आप लोगों को बता दूं कि हरिवंश राय बच्चन के पहली पत्नी का नाम था श्यामा देवी जब हरिवंश राय बच्चन b.a. प्रथम वर्ष में पढ़ते थे तभी इनकी शादी श्यामा देवी से हुई थी इसलिए इनकी पहली पत्नी बनी थी इसलिए हरिवंश राय बच्चन के पहली पत्नी का नाम था श्यामा देवी I
मैं आप लोगों को बता दूं कि श्यामा देवी के मरने के बाद हरिवंश राय बच्चन बहुत ही दुखी रहने लगे I इसलिए उन्होंने अकेलेपन से दूर रहने के लिए अपने दोस्त के यहां गए उनके दोस्त का नाम था प्रकाश I और उनकी वहीं पर मिस तेजी सूरी से मुलाकात हुई और वही से हरिवंश राय बच्चन की लव स्टोरी शुरू हो गई I
हरिवंश राय बच्चन का पूरा नाम क्या था ?
हरिवंश राय श्रीवास्तव उर्फ बच्चन I
हरिवंश राय बच्चन का जन्म कब हुआ ?
हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर सन 1907 में हुआ था I
हरिवंश राय बच्चन के कितने पुत्र थे तथा उनका क्या नाम था?
हरिवंश राय बच्चन के 2 पुत्र थे पहले पुत्र का नाम अमिताभ बच्चन था और दूसरे पुत्र का नाम अभिताभ बच्चन था I
हरिवंश राय के पहली पत्नी का क्या नाम था ?
श्यामा देवी था I
हरि वंश राय बच्चन के पिता का क्या नाम था ?
हरिवंश राय के पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव था I
हरिवंश राय बच्चन के माता का क्या नाम था ?
हरि वंश राय बच्चन के माता का नाम सरस्वती देवी था I
हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु कब हुई ?
हरि वंश राय बच्चन की मृत्यु 18 जनवरी सन 2003 में हुई I
हरिवंश राय बच्चन के दूसरी पत्नी का क्या नाम था ?
हरि वंश राय बच्चन के दूसरी पत्नी का नाम तेजी बच्चन था I
हरिवंश राय बच्चन को कौन कौन से अवार्ड मिला था ?
हरि वंश राय बच्चन को पद्मभूषण, साहित्य अकादमी आदि अवार्ड मिला था I
हरि वंश राय बच्चन की मृत्यु कहा हुई थी ?
हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु मुंबई में हुई थी I