कारक किसे कहते है (karak kise kahate hain)
karak kise kahate hain टॉपिक पर बात करने वाले हैं कि कारक कितने प्रकार के होते हैं तथा उनके नाम क्या है तो आज आप सभी लोगों को इसी के बारे में बताना आज आए हैं क्योंकि बहुत से लोगों को नहीं पता होता है कि कारक कितने प्रकार के होते हैं तथा कारक का नाम क्या है तो घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि आज हम आप सभी लोगों को इसी के बारे में बताने वाले हैं जिससे कि आप सभी लोगों को पता हो सके कि कारक कितने प्रकार के होते हैं तथा उनका नाम क्या है I

रूप विज्ञान के संदर्भ में किसी वाक्य या मुहावरा में संज्ञा या सर्वनाम काकरिया के साथ उनके संबंध के अनुसार रूप बदलना ही कारक कहलाता है I व्याकरण में संज्ञा या सर्वनाम शब्द कि वह अवस्था जिसके द्वारा वाक्य में उसका क्रिया के साथ संबंध प्रकट होता हो उसे कारक कहते हैं I
अब आप लोगों को पता हो गया होगा कि कारक किसे कहते हैं और अब हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि कारक कितने प्रकार के होते हैं तो आइए हम आप सभी लोगों को पॉइंट के आधार पर बताते हैं या बताने की कोशिश करते हैं कि कारक कितने प्रकार के होते हैं I
कारक कितने प्रकार के होते हैं उनके नाम बताइए | karak kise kahate hain
कारक आठ प्रकार के होते हैं जो हम आप सभी लोगों को नीचे पॉइंट के आधार पर बताने वाले हैं या बताते हैं तो आइए हम आप सभी लोगों को आठ प्रकार के कारक के नाम बताते हैं I
अब हम आप सभी लोगों को कारक के क्या-क्या नाम हैं उन नामों को बताने वाले हैं तो हम उन नामों को पॉइंट के आधार पर बताते हैं कि वह 8 नाम क्या क्या है I
- 1. कर्ता प्रथमा – कार्य को करने वाला
- 2. कर्म द्वितीय – जिस पर कार्य का प्रभाव पड़े
- 3. करण – जिसके द्वारा कर्ता कार्य करता हो
- संप्रदान – जिसकेेे लिए कार्य किया जाए
- 5.अपादान- जिससे अलगाव हो
- 6. संबंध – अन्य पदों से संबंध
- 7. अधिकरण- कार्य का आधार
- 8. संबोधन- किसी को संबोधित करना
हिंदी में इसके अर्थ निकालने के लिए इस पद की रचना की गई है जिससे हम आप लोगों को नीचे बताने वाले हैं कि वह कौन सी रचना है I
कर्ता ने अरु कर्म को, करण रीति से जान I
संप्रदान को, के लिए, अपादान से मान I I
का,के,की, संबंध है, अधिकर्णदिक में मान I
रे, हे, हो, संबोधन! मित्र धरहु यह ध्यान I I
1. कर्ता कारक /Doer
वाक्य में जो शब्द कार्य करता है उसे कर्ता कारक कहा जाता है I इस प्रकार के कारक कर्ता द्वारा किए गए कार्य को दर्शाते हैं I इसका प्रयोग भूतकाल में होता है, एवं उसकी विभक्ति ने के द्वारा होती है I
ने द्वारा प्रदर्शित करता हमेशा संज्ञा या सर्वनाम होता है I
कर्ता कारक के उदाहरण/ Examples of factor
अब हम कर्ता कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण बताने वाले हैं जिसे हम पॉइंट के आधार पर नीचे बताने वाले हैं कि कर्ता कारक के कौन-कौन से उदाहरण है I
- राम ने खाना खा लिया
- धीरज ने अपना काम कर लिया
- माताजी ने कुत्ते पाले हैं
- तुम ने क्या किया
- ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली
- रमेश ने गाड़ी चलाई है
- रविंद्र ने चुप रहना सही समझा
- विनोद ने यह कहा था
- सोनू ने खाना खा लिया है I
कर्म कारक /Causative agent
इस प्रकार का कारक, क्रिया पर प्रभाव डालता है इस कारण इसे कर्म कारक कहा जाता है I को इसका चिन्ह माना जाता है I किंतु कहीं-कहीं पर को का लोप हो जाता है , एवं उसके बिना ही वाक्य को कर्म कारक से बनाया जा सकता है I कर्म कारक हमेशा द्वितीय विभक्ति में प्रयोग किया जाता है I
कर्म कारक के उदाहरण /Examples of causative agents
कर्म कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण बताने वाले हैंजो हम आप सभी लोगों को पॉइंट के आधार पर नीचे बताने वालेे है कि कर्म कारक के उदाहरण क्या क्या होते हैं I
- धीरज को मारो
- निखिल को यह दे दो
- राम ने सुग्रीव को राजगद्दी दिलाई
- को ने सोनू को गाड़ी दिलाई
- जामवंत, हनुमान को कुछ याद दिला रहे थे
- पवन ने रमेश को खाना दिया
- नीरज ने सूरज को किताब दी
- सतीश ने छोटू को मिठाई दे
- सुमन कानपुर जा रही है (यहां को का लोप देखा जा सकता है) I
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करण कारक /Causative factor
करण कारक, क्रिया करवाने के साधन को कहा जाता है I उदाहरण के तौर पर नीता खिलौने से खेल रही है को देखा जा सकता है I यहां पर नीता कर्ता है एवं खेलना क्रिया , लेकिन खिलौना क्रिया को क्रियान्वित करने वाला एक कारक है या एक वस्तु है I इसी तरह खिलौने ने से के माध्यम से क्रियान्वित किया इस कारण से या करण कारक है I
करण कारक के उदाहरण /Examples of causative factors
हम आप सभी लोगों को करण कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण के बारे में बताने वाले है जिससे आप सभी लोगों को पता हो सके कि यह करण कारक का ही उदाहरण है इसलिए हम आप सभी लोगों को नीचे पॉइंट के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण बताने वाले हैं I
- अनंत ट्रेन से जा रहा है
- तुम किससे मिलोगे
- कौन से देश विश्व कप खेलेंगे
- पाकिस्तान से क्रिकेट मैच जीतना है
- वेस्टइंडीज से क्रिकेट खेलना है
- राधा को कृष्णा से प्रेम है
- मैं यह कलम से लिख रहा हूं
- बाबा कुल्हड़ से चाय पीते हैं
संप्रदान कारक /Delivery factor
किसी भी वाक्य में क्रिया को क्रियान्वित करने वाला व्यक्ति वस्तु अथवा तत्व कर्ता कहलाता है लेकिन वह जिस व्यक्ति वस्तु अथवा तत्व के लिए ऐसा करता है उसे संप्रदान कारक कहा जाता है I संप्रदान कारक विभक्ति के लिए होती है I
संप्रदान कारक के उदाहरण /Example of delivery factor
मैं आप सभी लोगों को संप्रदान कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण को पॉइंट के आधार पर बताने वाले हैं जिससे आप सभी लोगों को समझ में आ सके कि यह संप्रदान कारक का ही उदाहरण है तो आप सभी लोगों को संप्रदान कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण को पॉइंट के आधार पर बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
- धीरज के लिए खाना लाओ I
- ट्रेन के लिए पटरी बन रही है I
- वह दुबई के लिए रवाना हो गए I
- विनोद के लिए पुस्तक लाइए I
- भूखों के लिए भोजन बनाओ I
- सर्दी से बचने के लिए रजाई ले आओ
- पढ़ाई करने के लिए किताब ले आओ
- पढ़ने के लिए स्कूल जाना चाहिए I
अपादान कारक /Elimination factor
अपादान कारक किसी वस्तु से किसी अन्य वस्तु के विभाजन का बोध कराता है I उदाहरण के लिए पेड़ से फल गिरा को देखा जा सकता है Iयहां पर देखा जा सकता है कि पेड़ एवं फल के अलग होने पर अपादान कारक का प्रयोग किया गया है I अपादान कारक का विभक्ति चिन्ह से होता है I और यह अलग होने वाली वस्तु के जुड़ाव को भी दर्शाता है I
अपादान कारक के उदाहरण /Examples of exclusion factors
हम आप सभी लोगों को अपादान कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण के बारे में बताने वाले हैं की अपादान कारक के उदाहरण क्या होते हैं तो हम आप सभी लोगों को इसके उदाहरण को नीचे पॉइंट के आधार पर आप सभी लोगों को बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
- नल से पानी गिर रहा है I
- मेरा घर वाहन वहां से दूर है I
- बादलों से बारिश हो रही है I
- टीना कुत्तों से डरती है I
- कलाई से घड़ी गिर गई I
- मैं अपने अध्यापक से डरता हूं I
- विनोद से किताबें ली I
- मैं अपने दोस्तों से डरता हूं I
संबंध कारक /Genitive case
संबंध कारक संज्ञा या सर्वनाम में संबंध दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है I संबंध कारक का प्रयोग किन्ही दो तत्व वस्तु अथवा व्यक्तियों के बीच के संबंध को दर्शाता है I इसके विभक्ति चिन्ह कई सारे है जैसे – वे, री, रा, की, के, का, रा है I संज्ञा, लिंग या बचन के द्वारा इसके विभक्ति को बदला जा सकता है I
संबंध कारक के उदाहरण /Examples of linkage factors
अब हम आप सभी लोगों को संबंध कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण के बारे में बताने वाले हैं I कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण को हम पॉइंट के आधार पर बताने वाले हैं जिससे आप सभी लोगों को अच्छे से समझ में आ सके I
- कानपुर शिवम का घर है I
- वह मेरा पुत्र है I
- उसके सर में दर्द है I
- ट्रेन की रफ्तार बहुत तेज है I
- मै हिंदी का कवि हूं I
- वह सुरेश की कलम है I
- वह माही का बल्ला है I
- खेत के मालिक आ रहे हैं I
अधिकरण कारक /Prepositions of place
वाक्य में जिस शब्द द्वारा कर्ता के आधार का बोध हो वह अधिकरण कारक कहलाता है I उदाहरण के लिए मैं घर में रहता हूं, को देखा जा सकता है I यहां पर मैं करता है रहना क्रिया है एवं घर में कर्ता का आधार है I इसी कारण इसे इस तरह प्रयोग किया गया है I अधिकरण कारक का विभक्ति चिन्ह में है I
अधिकरण कारक के उदाहरण /Examples of tribunals
अधिकरण कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण को पॉइंट के आधार पर बताने वाले से आप सभी लोगों को पता चल सके कि या अधिकरण कारक का ही उदाहरण है I
- नीरज ने कलम बैग में रखी है I
- वह शाम को नहर किनारे गया था I
- मंदिर में दिया जल रहा है I
- रजाई, बेड पर रखी है I
- टोकरी में सेब रखे है I
- पानीपत में अकबर का युद्ध हुआ था I
- पंकज ने किताब बैग में रखी है I
संबोधन कारक /Address factor
संबोधन कारक का प्रयोग किसी को संबोधित करने के लिए किया जाता है I यह अक्सर चेतावनी देने पुकारने, ध्यान हटाने के लिए प्रयोग किया जाता है I इसका विभक्ति चिन्ह (!) की मात्रा को माना जाता है I
संबोधन कारक के उदाहरण /Examples of addressing factors
अब मैं आप सभी लोगों को संबोधन कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण को बताने वाले हैं क्योंकि बहुत से लोगों को नहीं पता होता है इसलिए हम आप सभी लोगों को उसके उदाहरण के बारे में बताने वाले हैं जैसा कि हमने ऊपर आप सभी लोगों को कर्ता, कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, संबंध, अधिकरण के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण के बारे में ऊपर बता चुके हैं और अब हम आप सभी लोगों को संबोधन के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण के बारे में बताने वाले हैं तो आइए हम आप सभी लोगों को संबोधन के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण पर पॉइंट के आधार पर बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
- हे किसानों! लड़ो अपने हक के लिए I
- अरे सुनो! यहां चले आओ I
- श्रीमती जी! अखबार दीजिए I
- सुनिए भैया ! दो कप चाय दे दो I
- माताजी! आप वहां सो जाइए I
- पिता जी ! कहां जा रहे हैं I
- अजी! आप कहां रहेंगे अब I
- अरे सूरज ! पढ़ना शुरू करो I
- अरे सोनू! लिखना शुरू करो I
कर्ता किसे कहते हैं तथा उसके क्या उदाहरण है, कर्म किसे कहते हैं तथा उसके क्या उदाहरण है, करण किसे कहते हैं तथा उसके उदाहरण क्या है, संप्रदान किसे कहते हैं तथा उसके उदाहरण क्या है, अपादान किसे कहते हैं तथा उसके उदाहरण क्या है, संबंध किसे कहते हैं तथा उसके उदाहरण क्या है, अधिकरण किसे कहते हैं तथा उसके उदाहरण क्या है, संबोधन किसे कहते है तथा उसके उदाहरण क्या है इन सभी चीजों केेे बारे में हमनेेे ऊपर विस्तार से बता दिया है अगर आप लोगों को इसके बारे मेंं जानकारी रखनी हैै या इसके बारेे में जानना है तो हमारे इस पोस्ट को जरुर पढ़ें जिससे आप लोगों को अच्छे से जानकारी प्राप्त हो सके I
कारक के भेद /Difference of factors
कर्म | कारक | चिन्ह | अर्थ |
1 | कर्ता | ने | काम करने वाला |
2 | कर्म | को | जिस पर काम का प्रभाव पड़े |
3 | करण | से, द्वारा | जिसके द्वारा कर्ता काम करें |
4 | संप्रदान | को, के लिए | जिसके लिए क्रिया की जाए |
5 | अपादान | से अलग होना | जिससे अलगाव हो |
6 | संबंध | का, की, के, ना, नी, ने, रा, री, रे | अन्य पदों से संबंध |
7 | अधिकरण | में, पर | क्रिया का आधार |
8 | संबोधन | हे! अरे! अजी! | किसी को पुकारना, बुलाना |
कारक क्या होता है/What is the factor
अब हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि कारक क्या होता है इसलिए आज हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि कारक क्या होता है I
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसके संबंध का बोध होता है उसे ही कारक कहते हैं I हिंदी में कारक आठ प्रकार के होते हैं- कर्ता,कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, संबंध, अधिकरण और संबोधन I
तो आप सभी लोगों को पता हो गया होगा कि कारक किसे कहते हैं I
कारक की विभक्ति चिन्ह या परसर्ग/ Inflection
कारक विभक्ति संज्ञा तथा सर्वनाम दोनों के बाद ने,को,से,के,आदि जो चिन्ह लगते हैं वे कारक विभक्ति कहलाते हैं I अथवा व्याकरण में शब्द संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण के आगे लगा हुआ वह प्रत्यय या चिन्ह विभक्ति कहलाता है जिससे पता लगता है कि उस शब्द का प्रजापति से क्या संबंध है I
कारक के उदाहरण /Examples of factors
कारक के क्या-क्या उदाहरण होते हैं आगे मैं आप सभी लोगों को कारक के कुछ उदाहरण पॉइंट के आधार पर बताने की कोशिश करते हैं यह बताते हैं कि कारक के क्या उदाहरण तो आइए इन उदाहरण को हम पॉइंट के आधार पर बताने की कोशिश करते है या बताते है I
- राम ने रावण को बाण मारा I
- रोहन ने पत्र लिखा I
- सोनू ने पत्र लिखा I
- विनोद ने कुत्ते को डंडा मारा I
- पवन ने गाड़ी चलाई I
आप सभी लोगों के समझ में आ गया होगा कि कारक के क्या-क्या उदाहरण हैं क्योंकि हमने कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण पॉइंट के आधार पर बता दिया है जिससे आप सभी लोगों को अच्छे से समझ में आ सके कि कारक के उदाहरण क्या है I
कर्ता किसे कहते हैं /Who is the doer
कर्ता किसे कहते हैं आज हम आप सभी लोगों को इसी के बारे में बताएंगे कि कर्ता किसे कहते हैं जिससे आप सभी लोगों को इसके बारे में पता हो सके आप सभी लोगों को इसके बारे में ज्ञान होगा कि कर्ता किसे कहते हैं तब ही आप किसी को बता पाएंगे कि कर्ता किसे कहते हैं तो आप सभी लोगों को बताते हैं कि कर्ता किसे कहते है I
किसी भी कार्य को करने वाला जो व्यक्त होता है उसे कर्ता कहते है I जैसे राम विद्यालय जाता है तो राम एक कर्ता है क्योंकि विद्यालय जाने का कार्य राम ही करता है इसलिए राम ही कर्ता है I
कर्ता कारक किसे कहते हैं /What are the factors
अब हम आप सभी को बताने वाले हैं कि कर्ता कारक किसे कहते हैं तो हम आप सभी लोगों को सबसे पहले कर्ता कारक किसे कहते हैं क्योंकि बहुत से लोगों को नहीं पता होगा कि कर्ता कारक किसे कहते हैं इसलिए आज हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि कर्ता कारक किसे कहते हैं I
कोई भी वाक्य हो जिसमें कार्य करने का पता लगता हो या कार्य करने का पता चल जाता हो उसे ही कर्ता कारक कहते हैं I कर्ता कारक मे विभक्ति चिन्ह के रूप में ने का प्रयोग होता है I
जैसे – राम ने केला खाया तथा प्रियंका ने गाड़ी चलाई I जैसा की आप सभी लोगों को इसमें पता चल गया होगा कि यह कार्य कौन कर रहा है अर्थात केला कौन खा रहा है तो आप सभी लोगों को पता है कि अकेला राम ने खाया है इसलिए यहां पर आप सभी लोगों को काम करने का पता चल गया कि यह काम कौन कर रहा है तो इसे ही हम कर्ता कारक कहते है I
कर्ता कारक के भेद /Difference of factor
हम आप सभी लोगो को बता दूं कि कर्ता कारक के दो भेद होते हैं तो मैं सभी लोगों को बताते हैं कि कर्ता कारक के कौन दो भेद हैं क्योंकि बहुत से लोगों को पता नहीं होता है कि कर्ता कारक के कितने भेद होते हैं इसलिए आज हम आप सभी लोगों को इसी के बारे में बताने की कोशिश करते हैं कि कर्ता कारक के कितने भेद होते हैं I
कर्ता कारक के दो भेद होते हैं और हम इन भेदों को आप सभी लोगों को बताने वाले है I
परसर्ग सहित
परसर्ग रहित
परसर्ग सहित
जो वाक्य भूतकाल के लिए प्रयोग होते हैं और उन वाक्यों में ने परसर्ग का प्रयोग होता है उन्हें हम परसर्ग सहित कर्ता कारक कहते हैं I उदाहरण-
- मेरे मित्र ने आज यह खाया
- रामू ने यह गाड़ी चलाई
- रमेश ने खाना खाया
- राजू ने आज केला खाया
- विनोद ने आज गाड़ी चलाई
- पवन ने आज बादाम खाया
- सोनू ने आज संतरा खाया
परसर्ग रहित /Without preposition
जो वाक्य वर्तमान तथा भविष्य काल के लिए प्रयोग होते हैं तथा उन वाक्यों में ने परसर्ग का प्रयोग नहीं होता है I उन वाक्यों को परसर्ग रहित कर्ता कारक कहते हैं I उदाहरण-
- कल मैच भारत में होगा
- विनोद स्कूल जा रहा हूं
- पवन खाना खाता है
- सोनू सो रहा है
- सुरेश किताब पढ़ रहा है
- मोहन किताब पढ़ता है
कर्म कारक किसे कहते हैं /Who is called the karmic factor
किसी भी वस्तु या व्यक्ति द्वारा वाक्य में की गई क्रिया का प्रभाव पड़ता है उसे ही कर्म कारक कहते हैं I कर्म कारक में को विभक्ति चिन्ह का प्रयोग होता है I
हमने आप सभी लोगों को बता चुके है कि कर्म कारक किसे कहते हैं और अब हम आप सभी लोगों को कर्म कारक की परिभाषा बताने वाले हैं कि कर्म कारक की क्या परिभाषा है तो हम आप लोगों को कर्म कारक की परिभाषा बताते हैं कि उसकी परिभाषा क्या है I
कर्म कारक की परिभाषा /Definition of causative
- वह वस्तु या व्यक्ति जिस पर वाक्य में की गई क्रिया का प्रभाव पड़ता है उसे ही कर्म कारक कहा जाता है I
- कर्म कारक का विभक्ति चिन्ह को होता है I
कर्म कारक के उदाहरण /Examples of causative agents
कर्म कारक के उदाहरण के बारे में बताने वाले हैं कि कर्म कारक के क्या-क्या उदाहरण होते हैं उनमें से कुछ उदाहरण को नीचे बताने वाले हैं I
- मम्मी ने बालक को समझाया I
जैसा कि आप दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि को विभक्ति चिन्ह का इस उदाहरण में प्रयोग किया जा रहा है I
इससे हमें कर्म का अर्थात वह व्यक्ति जिस पर क्रिया का प्रभाव का पता चल रहा है यहां पर बालक कर्म कहलाएगा अता यह उदाहरण कर्म कारक के अंतर्गत आएगा I
- राम ने रावण को मारा I
जैसा कि दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि माननीय की प्रक्रिया की जा रही है I
इस क्रिया का असर रावण पर पड़ रहा है I अतः रावण कर्म कहलाएगा I इस वक्त में को विभक्ति चीन का भी प्रयोग किया गया है अतः यह उदाहरण कर्म कारक का उदाहरण कहलाएगा I
- बड़े लोगों को सम्मान देना चाहिए I
जैसा कि इस उदाहरण में आप देख सकते हैं कि को विभक्ति चिन्ह का प्रयोग इस उदाहरण में किया गया है I
यह चिह्न में बताता है कि वाक्य में की गई क्रिया का असर किस व्यक्ति या वस्तु पर पड़ रहा है यहां कर्म का असर बड़े लोगों पर पड़ रहा है इसलिए यह उदाहरण कर्म कारक के अंतर्गत आएगा I
- सीता ने गीता को बुलाया I
इस उदाहरण में जैसा कि आपने देखा को शब्द का प्रयोग हो रहा है इसलिए यह कर्म कारक का विभक्ति चिन्ह है I
इससे हमें यह पता चलता है कि वाक्य में की गई क्रिया का असर गीता पर पड़ रहा है I अतः गीता कर्म कहलाएगी अतः यह उदाहरण कर्म कारक के अंतर्गत आएगा I
संबंध कारक किसे कहते हैं /What are the relational factors
वाक्य में जिस पद से किसी वस्तु, व्यक्ति या पदार्थ का दूसरे व्यक्ति, वस्तु या पदार्थ से संबंध प्रकट हो उसे ही संबंध कारक कहते हैं I
जैसा कि हम आप लोगों को बता चुके कि किसी वस्तु या व्यक्ति से संबंध प्रकट उसे ही संबंध कारक कहते हैं तो आप सभी लोगों को समझ में आ गया होगा कि संबंध कारक किसे कहते हैं I
संबंध कारक की परिभाषा /Definition of linkage
- जैसा कि हमें कार के नाम से ही पता चल जाता है या पता चल रहा है कि यह किसी वस्तुओं से संबंध बताता है I संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जो हमें फिल्म दो वस्तुओं के बीच संबंध का बोध कराता है उसे ही संबंध कारक कहते हैं I
- संबंध कारक विभक्ति चिन्ह का, के,की,ना,ने, नो,रा, रे,री,आदि है I
संबंध कारक के उदाहरण /Examples of linkage factors
अब मैं आप सभी लोगों को संबंध कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण बताने वाले हैं I
- यह मानव का घर है I
ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं का विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है I
यह विभक्ति चिन्ह संबंध कारक का होता है क्योंकि हमें दो वस्तुओं के बीच के संबंध के बारे में बताता है I इस वाक्य में हमें मानव एवं घर के बीच के संबंध के बारे में बताता है इसलिए यह उदाहरण संबंध कारक के अंतर्गत आएगा I
- राजा दशरथ के चार बेटे थे I
जैसा कि आप देख सकते हैं की दिए गए उदाहरण में के विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया है यह चिह्न में राजा दशरथ और रावण के बीच का संबंध के बारे में बताता है इसलिए या उदाहरण संबंध कारक के अंतर्गत आएगा I
- यह दिनोद का स्कूटर है I
जैसा कि आप इस उदाहरण में देख सकते हैं कि का विभक्ति चिन्ह का इस्तेमाल या प्रयोग किया गया है I या हमें स्कूटर यो विनोद के बीच के संबंध के बारे में बताता है I
जैसा कि हम जान सकते हैं कि का मुई चिन्ह संबंध कारक का होता है I या हमें दो वस्तुओं के बीच संबंधों को बताता है इस वाक्य में भी यही विभक्ति का चिन्ह है क्योंकि इस उदाहरण में स्कूटर और विनोद के बीच संबंधों के बारे में हमें बताता है इसलिए यह उदाहरण संबंध कारक के अंतर्गत आएगा I
सभी लोगों को संबंध कारक के उदाहरण के बारे में पता हो गया होगा कि संबंध कारक के उदाहरण क्या-क्या हो सकते हैं दोस्तों आप लोग इतना जाने की किसी वस्तु या व्यक्ति के बीच का संबंध बताता है तो अब जान जाएंगे कि यह संबंध कारक ही है क्योंकि यह दो व्यक्तियों के बीच के संबंध के बारे में बताता है जैसे रामू और श्यामू दो व्यक्ति हैं और इनके बीच के संबंध के बारे में हमें संबंध कारक ही बता सकता है इसलिए ही हम इसे संबंध कारक कहते हैं I
कारक किसे कहते है in english /What is the factor
कारक ऐसे शब्दों को कहते हैं जो क्रिया के करने से होते हैं I उदाहरण के लिए राम को वनवास जाना था को देखा जाता है I इस वाक्य में यह देखा जा सकता है कि राम कर्ता है और जाना क्रिया लेकिन क्रिया एवं कर्ता को मिलाने वाला को है I इसलिए इस वाक्य में को कारक है I
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसके संबंध का बोध होता है उसे कारक कहते हैं I हिंदी में आठ कारक होते हैं- कर्ता,कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, संबंध, अधिकरण और संबोधन I विभक्ति या परसर्ग जिन प्रत्यय के कारकों की स्थिति का बोध होता है उन्हें विभक्ति या परसर्ग कहते हैं I
संस्कृत में कारक कितने होते हैं /How many factors are there in sanskrit
संस्कृत में कारक कितने होते हैं क्योंकि बहुत से लोगों को नहीं पता होता है कि संस्कृत में कितने कारक होते हैं इसलिए आज हम आप सभी लोगों को इसी के बारे में बताएंगे कि संस्कृत में कितने कारक होते हैं तो I
संस्कृत में छह प्रकार के कारक होते हैं I अगर जिनको नहीं पता है कि संस्कृत में कितने प्रकार के कारक होते हैं तो वो लोग जानले कि संस्कृत में 6 प्रकार के कारक होते हैं हम उन कारक के नाम को बताते हैं कि उन कारक का क्या नाम है I हम उन कारक के नाम को बिंदुुु के आधार पर बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
- 1. कर्ता प्रथमा – कार्य को करने वाला
- 2. कर्म द्वितीय – कार्य जिस पर हो
- 3. करण – जिसका जिससे माध्यम से
- 4. संप्रदान – जिसको, जिसके लिए
- 5. अपादान – जिस स्थान पर
- 6. अधिकरण – स्थान सूचक
निष्कर्ष / Conclusion
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद यह निष्कर्ष निकलता है कि हमें इस पोस्ट से बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हुई है जैसे की कारक किसे कहते हैं कारक के कितने भेद होते हैं तथा परसर्ग किसे कहते हैं और संस्कृत में कारक कितने प्रकार के होते हैं इन सभी के बारे में हमें इस पोस्ट से अच्छी जानकारी प्राप्त हुई है I
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद यह पता चल जाता है कि कारक किसे कहते हैं तथा कारक के कितने भेद होते हैं अर्थात आप इस पोस्ट में कारक से संबंधित कई सवालों के जवाब पा सकते हैं I
कारक किसे कहते हैं कारक के कितने भेद होते हैं?
संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जिससे उसका संबंध क्रिया के साथ जाना जाता है उसे कारक कहते हैं I अथवा जो शब्द क्रिया के साथ संबंध प्रकट करते हैं उन्हें कारक कहते हैं I अर्थात जो शब्द क्रिया संपादन करने में उपयोगी सिद्ध होते हैं वे कारक कहलाते हैं I कारक के आठ भेद होते हैं I
अपादान कारक की विभक्ति क्या है?
अपादान कारक की विभक्ति पंचमी से (अलग) है I
क्रिया का साधन कौन सा कारक है ?
क्रिया का साधन कर्म कारक है I
परसर्ग किसे कहते हैं ?
कारकों में प्रयुक्त विभक्ति चिन्हों को ही परसर्ग कहा जाता है I
संस्कृत में कारक कितने प्रकार के होते हैं?
संस्कृत में कारक 6 प्रकार के होते हैं I
कर्ता कारक किसे कहते हैं?
किसी वाक्य में जो शब्द कार्य करता है उसे ही कर्ता कहा जाता है I
संप्रदान कारक किसे कहते हैं?
किसी भी वाक्य में क्रिया को क्रियान्वित करने वाला व्यक्ति, वस्तु वह संप्रदान कारक कहते हैं I
अपादान कारक किसे कहते हैं ?
अपादान कारक किसी वस्तु से किसी अन्य वस्तु के विभाजन का बोध कराता है उसे अपादान कारक कहते हैं
संबंध कारक किसे कहते हैं ?
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसके संबंध का बोध होता हो उसे संबंध कारक कहते है I
कर्म कारक किसे कहते हैं?
किसी भी वस्तु या व्यक्ति द्वारा वाक्य में की गई क्रिया का प्रभाव पड़ता है उसे ही कर्म कारक कहते हैं I