कुंती के कितने पुत्र थे /How many sons did Kunti have?
हम आप सभी लोगों को बताना चाहता हूं कि कुंती के कितने पुत्र थे इस प्रश्न को लेकर बहुत से लोग बहुत ही परेशान रहते हैं की कुंती के कितने पुत्र थे इसलिए आज हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि कुंती के कितने पुत्र थे I यह प्रश्न कहीं प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में भी पूछ लिया जाता है कि कुंती के कितने पुत्र थे अगर मालूम होता है तब तो उस प्रश्न का उत्तर दे देते हैं और अगर नहीं मालूम होता है तो प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाते हैं इसलिए आज हम आप सभी लोगों को बताएंगे की कुंती के कितने पुत्र थे बहुत से लोग जानते हैं कि कुंती के 5 पुत्र हैं बहुत से लोग जानते हैं कि कुंती के केवल 4 ही पुत्र इसलिए आप सभी लोगों को विस्तार से बताएंगे कि कुंती के कितने पुत्र थे तो आइए हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताते हैं की कुंती के कितने पुत्र थे I

कुंती के 4 पुत्र थे I हम आप सभी लोगों को कुंती के पुत्रों केे नाम पॉइंट के आधार पर बताएंगे जिससे आप सभी लोगोंं को पता चल सके कि कुंती के चार पुत्रों का क्या नाम था I
- कर्ण
- युधिष्ठिर
- अर्जुन
- भीम
कुंती जब छोटी थी तब उसके घर एक ऋषि गए जिनका नाम महर्षि दुर्वासा था जब घर में ऋषि को आते हुए देखा तो बहुत ही आदर सत्कार से ऋषि को घर में ले जाती है और उनको भोजन कराती है जिससे महर्षि दुर्वासा बहुत ही प्रसन्न होते हैं और कुंती को एक वरदान देते हैं I कहते है कि मैं तुम्हें एक ऐसा मंत्र बता रहा हूं जिसका प्रयोग करने से तुम जिस देवता का स्मरण करोगी वह सामने प्रकट हो जाएगा और तुम्हारी मनोकामना को पूर्ण करेगा I इतना कहकर महर्षि दुर्वासा चले जाते हैं I
एक दिन कुंती के मन में यह विचार आया कि क्यों ना इस मंत्र का प्रयोग किया जाए I और कुंती ने मंत्र का प्रयोग करते हुए सूर्य देव का स्मरण किया और सूर्य देव कुंती के सामने प्रकट हो गए I मंत्र के स्मरण से कुंती बहुत ही हैरान हो गई और उसके समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें I
जब सूर्यदेव प्रकट हुए तब कुंती ने पुत्र की कामना कर डाली जबकि कुंती अभी कुवारी हैं I उसे गर्भधारण करना लज्जा की बात थी इसलिए वह इस बात को किसी को नहीं बताई और छुपाकर ही रखी I और जब समय पूरा हुआ तो कुंती ने एक पुत्र को जन्म दिया कुंती लज्जा से बचने के लिए पुत्र को एक टोकरी में रखकर नदी में बहा दिया I
वह टोकरी बहते बहते एक जगह गंगा के किनारे जा पहुंचा I वही पर धृतराष्ट्र का सारथी अधिरथ अपने घोड़ों को पानी पिला रहा था I अधिरथ के कोई संतान नहीं था अधिरथ ने जब बच्चे को देखा तो उसने उठाकर अपने घर ले आया I दोनों सूत और दंपति ने बच्चे का पालन पोषण किया बच्चे का कान बहुत ही सुंदर था इसलिए उस बच्चे का नाम कर्ण रख दिया I कर्ण का पालन पोषण सूत और दंपति ने किया था इसलिए उनको सूत पुत्र भी कहा जाता है I
जब कुंती विवाह के योग्य हो गई तो एक स्वयंवर का आयोजन किया गया जिसमे कुंती ने पांडू को अपना बर स्वीकार किया I विवाह के बाद एक दिन पांडू बन में शिकार के दौरान हिरण समझ कर एक मैथुनरत ऋषि को मार दिया I ऋषि ने मरते समय पांडु को श्राप दिया तुम भी मेरी तरह मैथुनरत रहते हुए मरोगे I इस शराप के बाद पांडू अपने दोनों पत्नी कुंती और माद्री को लेकर जंगल चले जाते हैं I
पांडू के कोई संतान नहीं थे इसलिए कुंती ने पाण्डु के अनुमति से उन्होंने धर्मराज का आवाहन किया और उन्हें युधिष्ठिर नामक पुत्र की प्राप्ति हुई इसके बाद इंद्र से अर्जुन और पवन से भीम नामक पुत्र की प्राप्ति हुई I
इस प्रकार कुंती के चार पुत्रों की उत्पत्ति हुई I
अब आप लोगों को पता हो गया होगा कि कुंती के कितने पुत्र थे और उन पुत्रों का क्या नाम था क्योंकि हमने आप सभी लोगों को इसके बारे में विस्तार से बताया है कि कुंती के कितने पुत्र थे उन पुत्रों का क्या नाम था तथा उन पुत्रों का जन्म किस प्रकार हुआ I
पांडु के कितने पुत्र थे /How many sons did Pandu have?
हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि पांडु के कितने पुत्र थे क्योंकि बहुत से लोगों को नहीं पता होता है इसलिए हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताने की कोशिश करेंगे या बताएंगे कि पांडु के कितने पुत्र थे I आइए हम आप सभी लोगों को बताते हैं कि पांडु के कितने पुत्र थे तथा उनका क्या नाम था I
पांडु के 5 पुत्र थे तथा दो पत्नियां थी I पहली पत्नी का नाम था कुंती और दूसरी पत्नी का नाम माद्री था I इनके पांच पुत्रों को पांच पांडव कहा जाता है I कुंती के 3 पुत्र थे जिनका नाम युधिष्ठिर, अर्जुन, और भीम था तथा उनकी दूसरी पत्नी के 2 पुत्र थे जिनका नाम नकुल और सहदेव था जो की जुड़वा थे I
आप लोगों को पता हो गया होगा कि पांडु के कितने पुत्र थे क्योंकि हमने आप सभी लोगों को ऊपर बताया है कि पांडु क कितने पुत्र थे और उसके साथ में यह भी बताया हूं कि उनके कितनी पत्नियां थी I यह सवाल आपसे परीक्षाओं में भी पूछ लिया जाता है कि पांडू के कितनी पत्नी और कितने पुत्र थे अगर आप लोगों को इनके बारे में नहीं पता है तो आप हमारी पोस्ट को पढ़कर जान ले कि पांडु के कितने पुत्र और कितनी पत्नी थी तथा उन पुत्रों और पत्नियों का क्या नाम था क्योंकि हमने इस पोस्ट में उनके नाम भी बताए हैं आप सभी लोग आसानी से जान सके कि पांडु के पुत्रों का क्या नाम था तथा पत्नियों का क्या नाम था I
धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे /How many sons did Dhritarashtra have?
मैं आप सभी लोगों को इसके बारे में बताना चाहता हूं कि धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे क्योंकि बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे इसलिए आज हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताएंगे कि धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे तथा धृतराष्ट्र कौन थे I आइए इसके बारे में विस्तार से बताते हैं कि धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे I
मैं आप लोगों को बता दूं कि धृतराष्ट्र हस्तिनापुर के महाराज थे I धृत्तराष्ट्र जन्म से ही नेत्रहीन थे I इनकी पत्नी का नाम गांधारी था I
महाराज धृतराष्ट्र के सौ (100)पुत्र थे I बाद में ये सौ पुत्र कौरव कहलाए I इनके पहिले चार पुत्र थे दुर्योधन, दुशासन, विकर्ण और कर्ण आदि I
इन चार पुत्रों में से सबसे बड़ा दुर्योधन था I आइए हम धृतराष्ट्र के सौ (100) पुत्रों में से कुछ पुत्र के नाम को बताने वाले हैं जिससे आप सभी लोगों को धृतराष्ट्र के कितने पुत्र हैं उसके साथ साथ उन पुत्रों के नाम भी पता हो जाए इसलिए हम आप सभी लोगों को उन सौ पुत्रों में से कुछ पुत्रों के नाम बताने वाले हैं तो आइए हम उन पुत्रों के नाम बताते हैं I
1. दुर्योधन, 2.दुशासन, 3 कर्ण, 4.जलसंघ, 5. सम, 6.दु:सह, 7. सह, 8. बिंद, 9.अनुबिंद, 10. अनुदर, 11. सुबाहु, 12. अपराजित,13. उग्रसेन, 14. महाबाहु, 15.नंद, 16. उपनंद, 17. भीमवेग, 18. भीमबल, 19. बलाकि, 20. बलवर्धन, 21.महोदर, 22.पाशी , 23.अपराजित, 24.सेनानी, 25. सुजात, 26. विरज, 27. सुलोचन, 28.चित्र, 29.उपचित्र, 30. अयोबाहु, 31. महाबाहू, 32. शरासन, 33. सल ,34. सत्वन, 35.वातवेग, 36. सुनाभ, 37.चित्रबाण, 38.सोमकिरती, 39.सुषेण, 40. अलोलुप , 41.अभय I और एक पुत्री भी थी जिसका नाम दुस्साला था I
हमने आप सभी लोगों को बताया कि धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे और हमने उनमें से कुछ पुत्रों के नाम को भी बताया I आप लोग जान गए होंगे कि धृतराष्ट्र के कितने पुत्र और पुत्री थी I हमने ऊपर बताया है कि धृतराष्ट्र के 100 पुत्र थे और एक पुत्री थी I
गांधारी के कितने पुत्र थे /How many sons did Gandhari have?
आज हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि गांधारी के कितने पुत्र थे तथा उन पुत्रों का जन्म कैसे हुआ I क्योंकि इसके बारे में बहुत से लोगों को पता नहीं होता है इसलिए आज हम आप सभी लोगों को इसके बारे में विस्तार से बताएंगे कि गांधारी के कितने पुत्र थे तथा उन पुत्र का जन्म कैसे हुआ था तो आइए हम आप सभी लोगों को सबसे पहले यह बताते हैं कि गांधारी के कितने पुत्र थे उसके बाद में बताएंगे कि उनको का जन्म कैसे हुआ था I
आप लोगों को पता होगा कि गांधारी हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र की पत्नी थी I
मैं आप सभी लोगों को बता दूं कि गांधारी के 100 सौ पुत्र थे और एक पुत्री थी I
आप लोगों को बताने वाले हैं कि इन पुत्रों का जन्म कैसे हुआ I
एक बार की बात है महर्षि वेदव्यास जी हस्तिनापुर में आए हुए थे तब गांधारी ने इनका बहुत ही आदर सत्कार किया तब महर्षि वेदव्यास जी इनके आदर सत्कार से बहुत ही प्रसन्न हुए और कहा कि आप मुझसे कोई वरदान मांग लो I गांधारी ने यह वरदान मांगा कि हमारे पति के जैसे बलवान हमारे 100 पुत्र प्राप्त हो I और समय आने पर गांधारी गर्भ ठहरा और 2 साल तक वह पेट में ही रहा इससे गांधारी बहुत घबरा गई और उसने अपना गर्भ गिराा दिया उनके पेट से लोहे के सामान एक मांस पिंड निकला I
महर्षि वेदव्यास जी ने अपनी योग दृष्टि से यह सब देख लिया और वह तुरंत गांधारी के पास गए जब वेदव्यास गांधारी के पास पहुंचे तब गांधारी ने वह लोहे के समान मास पिंड को दिखाया I तब महर्षि वेदव्यास जी ने गांधारी से कहा कि जल्दी से तुम 100 कुंड बनवा कर उन्हें भी से भर दो तथा उन्हें सुरक्षित जगह पर उनकी रक्षा का प्रबंध करो I और इस मांस पिंड पर जल छिड़को और छिड़कने से ही उसके 101 टुकड़े हो गए I
वेदव्यास जी ने गांधारी से कहा मांस पिंड के इन 101 टुकड़े को जी से भरे कुंड में डाल दो और 2 साल के बाद ही इसको खोलना इतना कह कर महर्षि बाल्मीकि अपनी तपस्या करने हिमालय पर चले गए I समय आने पर उन्हीं मास पिंडो से पहले दुर्योधन और बाद में 99 पुत्र और एक पुत्री की उत्पत्ति हुई I
ऐसे ही गांधारी के सौ 100 पुत्र एक पुत्री का जन्म हुआ I
तो आप सभी लोगों को बहुत ही अच्छे से समझ में आ गया होगा कि गांधारी के कितने पुत्र थे तथा उन पुत्र की उत्पत्ति कैसे हुई क्योंकि हमने बहुत ही विस्तार से इसके बारे में बताया है जिससे आप सभी लोगों को अच्छे से पता हो सके की गांधारी के कितने पुत्र थे तथा उन पुत्रों की उत्पत्ति कैसे हुई I
माद्री के कितने पुत्र थे /How many sons did madri have
आज हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि माद्री कितने पुत्र थे क्योंकि इनके बारे में बहुत से लोगों को पता नहीं होगा कि माद्री कितने पुत्र थे तो आइए हम आप सभी लोगों को बताते हैं या बताने वाले हैं कि माद्री के कितने पुत्र थे I
आप लोगो को बता दूं कि माद्री राजा पांडु की दूसरी पत्नी थी I माद्री के 2 पुत्र थे I जिनका नाम नकुल और सहदेव था I इनको इनकी सौतन कुंती ने इन्हे एक मंत्र बताया था जिसके स्मरण करने से इनको दो पुत्र की प्राप्ति हुई थी I इनके चार सौतेले पुत्र थे इनका नाम कर्ण, युधिष्ठिर ,अर्जुन और भीम था ये सब कुंती के पुत्र थे I माद्री मद्र राज्य की कुमाारी और राजा सल्य की बहन थी
एक बार मद्र राज्य ने संकट के समय राजा पांडु से सहायता मांगी और राजा पांडु ने युद्ध में उनकी सहायता की I उनकी वजह से मद्र राज्य युद्ध में विजई हुआ और मद्र के राजा शल्य ने बहन के विवाह का प्रस्ताव राजा पांडु को दिया और राजा पांडु ने माद्री को अपनी पत्नी स्वीकार किया I उसके बाद मद्र नरेश ने अपनी पुत्री का विवाह भी पांडु से कर दिया I राजा पांडु जब विश्व विजई होकर हस्तिनापुर लौटे तो अपना पूरा राज पाठ अपने बड़े भाई धृतराष्ट्र को सौंप दिया और अपनी दोनों पत्नियों के साथ जंगल में तपस्या करने के लिए चले गए I
तो आप लोगों को समझ में आ गया होगा कि माद्री के कितने पुत्र थे I और माद्री कहां की रहने वाली थी और उसके भाई का क्या नाम था इसके बारे में हम इस टिप्पणी में बता दिए हैं जो आप लोग इस टिप्पणी को पढ़कर जान जाएंगे कि माद्री के कितने पुत्र थे तथा कहां की रहने वाली थी I
कुंती और माद्री के बीच के रिश्ते /Relationship between Kunti and Madri
अब हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि कुंती और माद्री के बीच कौन सा रिश्ता था I तो आइए हम आप सभी लोगों को इस रिश्ते के बारे में विस्तार से आने की कोशिश करते हैं या बताते हैं कि कुंती और माद्री के बीच कौन सा रिश्ता था I क्योंकि बहुत से लोगों को इस रिश्ते के बारे में पता नहीं होगा इसलिए हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताने वाले है I
आप लोगों को पता होगा कि कुंती और माद्री दोनो राजा पांडु की पत्नी थी I कुंती कृष्ण की बुआ थी और माद्री मद्र राज्य के राजा शल्य की बहन थी I एक बार की बात है जब मद्र राज्य संकट में फंसा हुआ था तब राजा शल्य ने पांडु से सहायता मांगी और राजा पांडु ने सहायता के लिए तैयार हो गए जब राजा शल्य युद्ध में विजई होते है उसी समय अपनी बहन का विवाह राजा पांडुु साथ कर दिया ।
आप लोगो को बता दूं कि कुंती और माद्री के बीच एक सौतन का रिश्ता था क्योंकि कुंती और माद्री दोनो राजा पांडु की पत्नी थी इसलिए इनका रिश्ता एक सौतन का था I
हमने आप लोगों को बताया कि कुंती और माद्री के बीच एक सौतन का रिश्ता था I अब आप लोग जान गए होंगे कि कुंती और माद्री के बीच कौन सा रिश्ता था I
कुंती की मृत्यु /Kunti’s death
आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि कुंती की मृत्यु कब हुई थी तथा कैसे हुई थी क्योंकि इन सभी चीजों के बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता है कि कुंती की मृत्यु कब हुई तथा कैसे हुई थी इसलिए आज हम आप सभी लोगों को इसी के बारे में बताएंगे जिससे आप सभी लोगों को जानकारी हो सके की कुंती की मृत्यु कब हुई तथा कैसे हुई तो आइए हम आप सभी लोगों को बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं कि कुंती की मृत्यु कब हुई या कैसे हुई I
आप लोगों को बता दूं कि महाभारत युद्ध के 15 साल बाद मित्र धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती तीनो लोग वन की ओर प्रस्थान करते हैं और संजय भी उनके साथ रहते हैं I जंगल में एक जगह गंगा के किनारे गाने बन में एक छोटी सी कुटिया में 3 साल तक रहते हैं I
एक दिन की बात है धृतराष्ट्र गंगा में स्नान करने के लिए जाते हैं और उनके जाने के बाद जंगल में आग लग जाती हैं इसकी वजह से गांधारी, कुंती और संजय को कुटिया छोड़कर धृतराष्ट्र के पास आते हैं कि उन्हें कोई नुकसान तो नहीं हुआ है I संजय सभी लोगों को कहते हैं कि जंगल छोड़कर कहीं दूसरे जगह चले जिससे हमारी जान बच सके क्योंकि पूरे जंंगल में आग लगा हुआ था I तब धृतराष्ट्र कहते हैंं कि यही वह समय है जिससे हम लोगों को की प्राप्ति हो सकती है इसलिए धृतराष्ट्र ,गांधारी और कुंती जंगल से नहीं जाते हैं और उसी आग में जलकर उनकी मृत्यु हो जाती है और संजय जंगल से निकलकर हिमालय की ओर चला जाता है I
आप लोगों को पता हो गया होगा कि कुंती मृत्यु कैसे हुई थी क्योंकि हमने बहुत ही विस्तार से इसके बारे में बताया है अगर आप हमारी इस पोस्ट को पढ़ेंगे तो आप लोगों को इसमें बहुत अच्छी अच्छी बातें पता चलेगी इसलिए अगर इन बातों को जानना है तो हमारे पोस्ट को जरुर पढ़ें I
महाभारत में कुंती की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री /The actress who played the role of Kunti in Mahabharata
आइए हम आप सभी लोगों को बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं कि महाभारत में कुंती की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री का क्या नाम है I बहुत से लोगों को इसके बारे में नहीं पता होगा कि महाभारत में कुंती के भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री का क्या नाम है इसलिए आज हम आप सभी लोगों को इसी के बारे में बताने वाले हैं जिससे कि आप लोग जान सके की महाभारत में कुंती की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री का क्या नाम है ड्राइवर हम आप सभी लोगों को उसके बारे में बताते हैं कि उसका क्या नाम था I
आप लोगो को बता दूंगी कि महाभारत में कुंती की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री का नाम नाज़नीन था I वह एक मुस्लिम अभिनेत्री थी I
नाजनीन 70वे दशक की एक बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री थी I नाज़नीन का जन्म 30 फरवरी 1950 को कोलकाता में हुआ था I इनकी पहली फिल्म सारे, गा, मा, पा थी जो 1972 में Release हुई थी I नाजनीन ने बहुत ज्यादा फिल्म मेंं उन्होंने केवल 22 /23 फिल्मों में ही काम किया था लेकिन उनको फिल्मों में सबसे ज्यादा एक्टर्स की बहन का ही किरदार करने को मिलता था इसलिए उनका फिल्मों में काम करने में ज्यादा मन नहीं लगा क्योंकि उनको फिल्मों में सफलता नहीं मिली इसलिए वेे टीवी सीरियल(Tv Serial) की तरफ मन किया I
सन 1998 में प्रसारित होने वाले महाभारत सीरियल में नाज़नीन ने माता कुंती का किरदार निभाया जिससे उन्हें यह महाभारत सीरियल में सफलता प्राप्त हुई I महाभारत सीरियल बहुत ही अच्छा रोल निभाया जिससे वे बहुत ही प्रचलित एवं Famous हो गई और आज उन्हें महाभारत में कुंती के नाम से जाना जाता है क्यों कि उन्होंने महाभारत में कुंती का रोल निभाया था I
आप सभी लोगों को पता हो गया होगा कि भारत में कुंती का रोल निभाने वाली अभिनेत्री का क्या नाम है क्योंकि हमने इस पोस्ट में उनका नाम तथा उनका जन्म कब हुआ था तथा कहां की रहने वाली थी इन सभी चीजों के बारे में बताया हूं जिससे आप सभी लोगों को संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके I rskg
निष्कर्ष / Conclusion
आप लोगों को पोस्ट से बहुत ही अच्छी अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी क्योंकि हमने इस पोस्ट में बताया है कि पांडु क कितने पुत्र थे और माता कुंती की मृत्यु कैसे हुई और कुंती का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री का क्या नाम है क्योंकि हमने इन सभी चीजों के बारे में बहुत ही विस्तार से बताया है जिससे आप सभी लोगों को बहुत ही अच्छे से समझ में आएगा अगर आप लोग इस पोस्ट को पडगे तो इसलिए इस पोस्ट को पढ़ना ना भूलें और अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित कोई सवाल पूछना है तो आपने कमेंट (Comment) में जरूर बताएं जिससे हम आप लोगों के सवालों का जवाब दे सके I
कुंती के कितने पुत्र थे तथा उनका क्या नाम था ?
कुंती के 4 पुत्र थे जिनका नाम कर्ण, युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम था I
कुंती के पति का क्या नाम था ?
कुंती के पति का नाम पांडु था I
कुंती भगवान कृष्ण की क्या लगती थी ?
कुंती भगवान कृष्ण की बुआ लगती थी I
कुंती की मृत्यु कैसे हुई थी ?
कुंती की मृत्यु जंगल में आग लगने के कारण हुई थी I
धृतराष्ट्र कौन थे ?
धृतराष्ट्र हस्तिनापुर के राजा थे I
धृतराष्ट्र के कितने पुत्र थे ?
धृतराष्ट्र के 100 पुत्र थे जिन्हे कौरव कहा जाता हैं I
धृतराष्ट्र की पत्नी का क्या नाम था ?
धृतराष्ट्र के पत्नी का नाम 1.गांधारी I
माद्री के कितने पुत्र थे तथा उनका क्या नाम है ?
माद्री के 2 पुत्र थे जिनका नाम 1. नकुल, 2.सहदेव था I
कुंती के बड़े पुत्र का क्या नाम था ?
कुंती के बड़े पुत्र का नाम युधिष्ठिर था I
दुर्योधन की पत्नी का क्या नाम था ?
दुर्योधन की पत्नी का नाम भानुमती था I
दुर्योधन के पुत्र का क्या नाम था ?
दुर्योधन के पुत्र का नाम लक्ष्मण कुमार था I
कौरव और पांडव में क्या रिश्ता था ?
कौरव महाभारत में हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र और गांधारी के पुत्र थे I इनकी संख्या 100 थी I
पांडव भी हस्तिनापुर के पूर्व राजा पांडु के पुत्र थे I जो धृतराष्ट्र के बड़े भाई थे I
दुर्योधन की उम्र कितनी थी ?
कुछ विद्वान मानते हैं कि दुर्योधन की उम्र 83 वर्ष की थी I महाभारत के 36 साल बाद उनकी मृत्यु हुई I अर्थात 119 वर्ष की आयु में इनकी मृत्यु हुई I
दुर्योधन का वध किसने किया था ?
दुर्योधन का वध भीम ने किया था I
पांडवों के कितनी पत्नी थी ?
पांडवों के 2 पत्नी थी I 1. द्रोपदी, 2. देविका I