पर्यावरण की परिभाषा तथा निबंध (paryavaran Ki Paribhasha In Hindi) » Rskg

पर्यावरण की परिभाषा तथा निबंध (paryavaran ki paribhasha in hindi)

paryavaran ki paribhasha: पर्यावरण का अर्थ है उस भौतिक परिवेश से है जो पृथ्वी से जीव जगत को आवृत किए हुए हैं तथा जिनके प्रभाव से जीवन स्पंदित होता है भौतिक एवं जैविक घटकों की परास पारीक अंता प्रक्रियाओं से पृथ्वी पर जीवन का विकास संभव हुआ है अतः समस्त जगत एवं प्रभावित करने वाली परिस्थितियों के योग को पर्यावरण कहते हैं

पर्यावरण का अर्थ एवं परिभाषा (paryavaran ki paribhasha)

paryavaran ki paribhasha
paryavaran ki paribhasha

पर्यावरण का अर्थ होता है किसी भौतिक तथा जीव को एकत्र करना तथा उस पर हम निवास करते हैं उसे हम पर्यावरण कहते हैं जीव के चारों ओर उपस्थित वह क्षेत्र जो उन्हें घेरे रहता है तथा उसकी जैविक क्रियाओं पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता है पर्यावरण कहलाता है

पर्यावरण के महत्व (importance of environment in hindi)

पर्यावरण के अनेकों महत्व हैं पर्यावरण में रहते हैं और उसमें सांस लेते हैं सांस लेने के लिए हमें कार्बन डाइऑक्साइड की जरूरत होती है और पेड़ पौधों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है इस प्रकार हम पौधों को ऑक्सीजन देते हैं और पौधे हमें कार्बन डाइऑक्साइड देते हैं यह सब हम प्रक्रिया पर्यावरण से ही होता है अर्थात पर्यावरण से हमें अनेकों लाभ मिलते हैं समय-समय पर पानी बरसना और धूप रहना यह सब पर्यावरण का ही देन है तथा इसमें बहुत से जीव जंतु निवास करते हैं तथा पर्यावरण के कारण ही हम लोगों का जीवन जीवित रहते हैं हम लोग एक दूसरे पर आश्रित रहते हैं यह पर्यावरण का ही महत्व है पर्यावरण से हमें आने को लाभ होते हैं इसलिए जब जब पर्यावरण में हस्ताक्षेप हुआ है तब तब हमारे लिए बहुत ही खतरनाक साबित हुआ है इसलिए हमें पर्यावरण से कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए

सामाजिक पर्यावरण का अर्थ (Meaning of Social Environment in hindi)

पर्यावरण का अर्थ उस भौतिक परिवेश से होता है जिसमें जीव जीव जीव जंतु आज निवास करते हैं यह पर्यावरण का ही महत्व है तथा हम जिस वातावरण में रहते हैं या पर्यावरण का ही 1 दिन है इसलिए हमें इसे सामाजिक पर्यावरण कर सकते हैं पर्यावरण से हमें स्वच्छ रखना चाहिए इससे हम स्वस्थ रहेंगे अगर हमारा पर्यावरण स्वस्थ नहीं रहेगा तो हम भी स्वस्थ नहीं रहेंगे इसलिए हमें पर्यावरण को अच्छे से साफ सुथरा रखना चाहिए हमें सामाजिक पर्यावरण के लिए अच्छे वृक्ष लगाना चाहिए हमें ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना चाहिए जिससे हमारा पर्यावरण का संतुलन बना रहे और हमें पर्यावरण में अधिक गंदगी नहीं करना चाहिए जिस प्रकार फैक्ट्री या आज के दो को निकालते हैं इस प्रकार हमें नहीं करना चाहिए हमें फैक्ट्री के धोनी को फिल्टर करके निकालना चाहिए जब याद में फिल्टर होकर निकलेगा तो हमारे पर्यावरण शुद्ध रहेंगे जिससे हमें शुद्ध हवा जल मिलेगी इससे हम स्वस्थ रहेंगे तो जिस प्रकार प्राकृतिक को आप व्यवहार करेंगे उसी प्रकार प्राकृत आपके प्रति व्यवहार करेगी तो इसलिए हम लोगों को पर्यावरण में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए हमें पर्यावरण को बचाने के लिए हमेशा प्रयत्न करना चाहिए

दो प्रकार के पर्यावरण कौन से हैं (what are the two types of environment in hindi)

हमारा पर्यावरण तीन तत्वों से मिलकर बना है जैसे अस्थल जल और वायु इसी आधार पर इसे निम्नलिखित में बांटा गया है

वायुमंडल किस कहते हैं (what is the atmosphere called in hindi)

पृथ्वी के चारों ओर स्थित वायु के आवरण को वायुमंडल कहते हैं या समुद्र तल के ऊपर लगभग 320 किलोमीटर फैला होता है और पृथ्वी को कंबल की तरह ढके रहता है समुद्र से लगभग 160 किलोमीटर तक का भाग वायु और मौसम से प्रभावित होता है समुद्र की सतह से केवल 6 किलोमीटर की ऊंचाई तक वायु में अनेक प्रकार की जीव मिलते हैं मोबाइल ऊष्मा का कुचालक है अतः या पृथ्वी का औसत तापमान कोई स्थित रखता है वायुमंडल दिन में पृथ्वी के तापमान को एकदम बढ़ाने से रोकता है और रात को वालों की उस्मा को अंतरिक्ष में जाने की दर को कम करता है अतः जलवायु नियंत्रण में वायु का महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की कैसे हैं जैसे ऑक्सीजन नाइट्रोजन कार्बन डाइऑक्साइड जलवाष्प आदि पाई जाती है यह सभी जीवो के घटक जीवन दायक होते हैं

जीवमंडल किसे कहते हैं (what is the biosphere called in hindi)

मंडल का वह भाग जहां जीव या जीवन पाया जाता है जो मंडल कहलाता है समुद्र की सतह से लगभग 6 किलोमीटर की ऊंचाई तक तथा 8 किलोमीटर समुद्र की गहराई तक पौधे और जंतु पाए जाते हैं अतः जल स्थल व वायु का वह भाग जिसमें जीवधारी पाए जाते हैं जीव मंडल कहलाते हैं जो मंडल यह कैसी इकाई है जिससे तीनों मंडल जलमंडल थल मंडल वायु मंडल तथा उन में रहने वाले जीव सम्मिलित होते हैं मनुष्य भी जीव मंडल का एक अंश है और अपनी प्रतिदिन की जरूरत के लिए जीवमंडल के विभिन्न घटकों पर आश्रित होता है

जलमंडल किसे कहते हैं (what is the hydrosphere in hindi)

महासागर नदिया जिले तालाब पोखर जलवाष्प इत्यादि समूह कैसे जलमंडल बनाते हैं पृथ्वी का लगभग 75% भाग जल से ढका हुआ है इससे नीले ग्रह भी कहते हैं विश्व की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट 8848 मीटर से लेकर सबसे गहरे गर्त मेरियाना 10994 मीटर में जल पाया जाता है जीवन की सर्वप्रथम उत्पत्ति इसी से हुई थी अतः दाब ताप प्रकाश आदि के कारण की विविधता के कारण यही सर्वाधिक मात्रा में जैव विविधता पाई जाती है

पर्यावरण शिक्षा (learning environment in hindi)

पर्यावरण को शिक्षा क्या स्थान में बहुत उच्च माना गया है इसलिए हमें अपने पर्यावरण को शुद्ध एवं उसे बचाना चाहिए पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हमें निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए हमें फैक्ट्रियों के धूप और निकलने से रोकने के लिए प्रतिबंध लगाना चाहिए और हमें पेड़ों को काटा उसे बचाना चाहिए और हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए जिससे हमारा पर्यावरण शुद्ध रहेगा पर्यावरण शुद्ध नहीं रहेगा तो हम भी स्वस्थ नहीं रहेंगे आता बीमार पड़ जाएंगे इसलिए हमें अपने पर्यावरण को शुद्ध रखना चाहिए

प्रकृति पर्यावरण के उदाहरण लिखिए (Give examples of nature environment in hindi)

प्राकृतिक पर्यावरण यह होता है कि प्राकृतिक कर देना है जिसे सूर्य समय से निकलेगा और समय से ही बैठेगा यह प्राकृतिक पर्यावरण है इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है ना कोई सूर्य को पूर्व से निकाल सकता है वह सदैव पूर्व से ही निकलेगा यह सब प्राकृतिक पर्यावरण है अर्थात समय समय पर हेजल का वर्षा बरसा होगा यह भी प्राकृतिक पर्यावरण का एक स्रोत है अतः जितने भी सूर्य चंद्रमा इत्यादि है या प्राकृतिक पर्यावरण के एक स्रोत हैं इनमें हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं ना ही इनमें कोई हम बदलाव ला सकते हैं यह अपने समय से ही कार्य करेंगे और समय पर यह डूब जाएंगे यह सब प्राकृतिक पर्यावरण का देन है इसलिए हमें कभी भी प्राकृतिक पर्यावरण में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए अगर हस्तक्षेप हम प्राकृतिक पर्यावरण में हस्तक्षेप करते हैं तो वह भी नुकसान देगा इसलिए हमें प्राकृतिक पर्यावरण जिस प्रकार हैं उसी प्रकार रहने देना चाहिए उसमें हमें कोई बदलाव लाने की कोशिश कभी नहीं करनी चाहिए

पर्यावरण से अनेक समस्याएं (many environmental problems in hindi)

ज्यादातर पर्यावरण समस्याएं जनसंख्या वृद्धि के कारण होता है इससे हमारा पर्यावरण भी ज्यादा प्रदूषण हो जाता है और वैसे देश में जहां भारत एक विकासशील देश है वहां पर्यावरण के अशुद्ध हो जाने पर हमारा जीवन पृथ्वी पर असंभव हो जाएगा इसलिए हमें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए उसे गंदगी से ना भरे हमें पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हम जो मोटर गाड़ी चलाते हैं उसके दोहे को हमें प्रदूषण जांच समय-समय पर करवाना चाहिए जिससे पर्यावरण शुद्ध रहे और हमें भट्ठे एवं चिमिनिया लगाने के लिए मुझे चिमनी का प्रयोग करना चाहिए जिससे दुआओं पर चला जाए इससे भी हमारा पर्यावरण कम प्रदूषण होगा ऐसे अनेक प्रकार हैं पर्यावरण के घटक

पर्यावरण प्रदूषण (environmental pollution in hindi)

पर्यावरण प्रदूषण हमारे जीवन में बहुत ही अहम भूमिका निभाती है अगर पर्यावरण स्वच्छ नहीं रहेगा तो हमारा जीवन असंभव रहेगा मानव जाति ही पर्यावरण को प्रदूषण करने में लगे हुए इसलिए मनुष्य को यह सोचना चाहिए कि यदि पर्यावरण प्रदूषण होगा तो हम नष्ट हो जाएंगे इसलिए हमें पर्यावरण को प्रदूषण नहीं करना चाहिए पर्यावरण के प्रदूषण मुख्य तीन रूप से होते हैं जल प्रदूषण वायु प्रदूषण मृदा प्रदूषण होते हैं जल प्रदूषण के स्रो

जल प्रदूषण (Water Pollution in hindi)

नदी के जल में घर कारखानों इत्यादि में व्यर्थ पदार्थ पाए जाते हैं इसका कारण जल के भौतिक और रासायनिक गुण बदल जाते हैं यह यह पानी जीव धारियों और मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं

जल प्रदूषण के (sources of water pollution in hindi)

1. घरेलू साबुन वाहित मल औद्योगिक अपशिष्ट खेतों में बह कर आने वाले अपशिष्ट पदार्थ इत्यादि जल प्रदूषण के मुख्य स्रोत है

2. यह सभी पदार्थ ना लो नदियों अथवा जलाशयों में बहा दिए जाते हैं हमारे देश की लगभग सभी नदियों प्रदूषण हो गई है इसका मुख्य उदाहरण गंगा नदी है जिसमें कारखानों के अपशिष्ट पदार्थ मल मूत्र घरों का कूड़ा और जलद जले मृत शरीर भी बहा दिए जाते हैं

3. कच्चे तेल व खनिज तेल के शिराओं में समुद्र का जल प्रदूषित हो जाता है

4. सागरों में आणविक विस्फोटों से इसका जल प्रदूषण हो जाता है

जल प्रदूषण के प्रभाव (effects of water pollution in hindi)

1, जल में वाहित मल मिल जाने के कारण इसमें अनेक प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया और अन्य रोग उत्पन्न करने वाले जीव पैदा होते हैं टाइफाइड पीलिया पेचिश जैसे रोग दूषित जल द्वारा ही फैलता है

2. खनिज पदार्थ पारा लेड फ्लोराइड इत्यादि पानी अथवा खाद्य श्रृंखला द्वारा मनुष्य के शरीर में पहुंचते हैं और धीरे-धीरे काफी मात्रा में एकत्र हो जाते हैं यह पदार्थ अत्यंत हानिकारक होते हैं

उदाहरण

हमारे शरीर में पारा एकत्रित होने से तंत्रिका तंत्र को हानिकारक पहुंचाती है और अंत में प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है

3. जल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण जलीय प्राणियों और पौधे की मृत्यु हो जाती है

4. प्रदूषित जल श्रुति योग भूमि को भी नष्ट कर देती हैं

5. वर्षा के जल में अनेक विषय कीटनाशक पदार्थ के खुलने से जल विषैला हो जाता है जिसके कारण जलीय जीव जंतु मर जाते हैं

जल प्रदूषण की रोकथाम (prevention of water pollution in hindi)

1. किसी भी प्रकार के हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों को जल स्रोतों में बहाना ना दिया जाए

2. घरों में से प्याजा वाहित मल को एकत्रित करके उसके शुद्धिकरण और संशोधन के बाद ही नदियों या तालाबों में बहाया जाना चाहिए

3. पिए जल के स्रोत जैसे तालाब नदी इत्यादि के चारों और दीवार बनाकर उसकी गंदगी को वह कर मिलने से रोका जाना चाहिए

4. जलाशयों में नदी बहाने नहाने कपड़े धोने इत्यादि को रोका जाना चाहिए

5. नदी तथा तालाबों में पशुओं को नहाने तथा वाहनों को धोना नहीं देना चाहिए

6. नदियों के किनारे उद्योगों को स्थापित नहीं करना चाहिए

7. कृषि कार्यों में रासायनिक उर्वरकों कीटनाशकों का उपयोग कम करना चाहिए

8. जल प्रदूषण के कारण दुष्प्रभाव तथा रोकथाम की विधिया के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ाने चाहिए

9. समय-समय पर प्रदूषित जलाशयों की सफाई कर आनी चाहिए

10. ऑक्सीकरण तालों और थानों के सहायता से जल का शुद्धिकरण करना चाहिए

वायु प्रदूषण किसे कहते हैं (what is air pollution in hindi)

जल तथा स्थल के ऊपर की वायु और सौर ऊर्जा के कारण गर्म होती है जल की उपेक्षा जल स्थल के ऊपर की वायु से गिरे गर्म हो जाती है ऊपर उठना प्रारंभ कर देती है इसमें वहां पर कम वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है और समुद्र के ऊपर वायु कम वायुदाब वाले क्षेत्र में प्रवाहित होने लगती है इसलिए एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में वायु पर वाहनों का निर्माण कर आती है दिन के समय वायु की दिशा समुद्र से स्थल की ओर होती है और रात के समय में अस्थल के ऊपर की वायु समुद्र की ऊपर की वायु की तुलना में शीघ्र ही ठंडी हो जाती है इसलिए और रात में वायु प्रवाह स्थल से समुद्र की ओर होती है

वायु प्रदूषण के स्रोत (sources of air pollution in hindi)

वायु प्रदूषण के प्रमुख प्राकृतिक स्त्रोत होती है ज्वालामुखी से निकली राख आंधी तूफान से उड़ती धूल वनों में लग जाती आग उत्पन्न दुआ कोहरा इत्यादि वायु प्रदूषण के मानवीय स्रोत मानव की गतिविधियों द्वारा वायु में छोड़ी गई विषैली गैस से जैसे कार्बन डाइऑक्साइड मोनोऑक्साइड नाइट्रोजन ऑक्साइड सल्फर डाइऑक्साइड एवं सीमा तथा एस ओ बेटा आदि पदार्थ हैं क्लोरोफ्लोरोकार्बन पदार्थ आकाश में ओजोन की परत को नष्ट करके तथा हानिकारक पराबैंगनी किरणों पृथ्वी तल तक पहुंचने से रोक करके जीवो को हानि पहुंचा रहे हैं अधिकतम वायु प्रदूषण और दोगी कारणों से होती है घरों में ईंधन जलाने और वाहनों में पेट्रोल तथा डीजल के जलाने से उत्पन्न हुए द्वारा वायु सर्वाधिक प्रदूषण होती है दिल्ली कानपुर मुंबई कोलकाता आदि बड़े शहरों में औद्योगिकरण तथा शहरीकरण के कारण वायु प्रदूषण की समस्या बहुत बढ़ गई है

वायु प्रदूषण के रोकथाम (air pollution prevention in hindi)

1. घरों में धुआं रहे थे दोनों जैसे रसोई गैस के उपयोगों को बढ़ावा देना चाहिए

2. पेट्रोल तथा डीजल वाहनों से उत्पन्न हुए को निर्यातक तथा पद से जलन द्वारा कम करना चाहिए

3. डीजल में कोई अन्य पदार्थ मिलाकर पेट्रोल से लेट जैसे विषैले पदार्थ निकालकर उपयोग करना चाहिए

मृदा प्रदूषण किसे कहते हैं (what is soil pollution in hindi)

ठोस कूड़ा करकट की उपस्थिति अम्लीय वर्षा तथा मृतक में उर्वरकों कीटनाशकों तथा तृण नास्को की आवश्यकता से अधिक और चांदनीय परिवर्तन अथवा हानिकारक पदार्थ का संग्रह मृदा प्रदूषण कहलाता है मृदा प्रदूषण के कारण मृदा की गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रभावित होती है

मृदा प्रदूषण के स्रोत (sources of soil pollution in hindi)

1. ठोस अपशिष्ट मृदा में ठोस अपशिष्ट पदार्थ के मिलने से मृदा प्रदूषण होता है यह अपशिष्ट घरों में पशुपालकों में खेतों में औद्योगिक कारखानों की तैयारी से निकालता है इसमें फलो तथा सब्जी के छिलके गोबर मानो राख रद्दी कागज पुराने कपड़े चमड़े एवं रबड़ की वस्तु प्लास्टिक निर्मित वस्तुएं कांच धात के टुकड़े इत्यादि हो सकते हैं मृदा में इनके मिल जाने से उसका प्रदूषण हो जाता है

2. अम्लीय वर्षा यह प्रदूषण वायु में निर्गत अम्लीय गैस जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड सल्फर डाइऑक्साइड उपस्थित होते हैं वर्षा के जल में घुल करिए गैस हम लोग बनाते हैं जो मृदा में पहुंचकर उसे अम्लीय कर देते हैं हम लोगों की उपस्थिति से मृदा की उर्वरता को नष्ट हो जाती है

3. उर्वरता रासायनिक उर्वरक था जैसे यूरिया अमोनियम सल्फेट कैल्शियम फास्फेट इत्यादि मिर्जा में उसकी उर्वरता बढ़ाने हेतु मिलाए जाते हैं परंतु इनके अत्यधिक मात्रा में उपयोग करने से मृद्धा अम्लीय अथवा छारीय हो जाती है इससे मृदा की उर्वरता कम हो जाती है

4 कीटनाशक तथा घास नाशक कीटनाशक तथा घाट नाशक पदार्थ अत्यधिक विषैले पदार्थ होते हैं जिनका फसलों पर छिड़काव हानिकारक कीटों विषाणु एवं जीवाणु तथा को को को मारने तथा स्थानीय पौधों झाड़ियों खरपतवार आज को नष्ट करने के लिए किया जाता है यह पदार्थ मृदा में मिलकर उसे दूषित करते हैं जिससे मृदा की उर्वरता कम हो जाती है

मृदा प्रदूषण का प्रभाव (impact of soil pollution in hindi)

1. मृदा प्रदूषण के कारण भूमि की उर्वरता का हास्य होने से उत्पादन प्रभावित होता है

2. प्रदूषित मिर्धा से हानिकारक पदार्थ खाद्य श्रृंखला के माध्यम से मनुष्य में पहुंचकर हान पहुंचाते हैं

3. उर्वरता के प्रभावित होने से मृदा अपरदन होता है इससे भी से सूखे तथा बाढ़ की संभावना बनी रहती है

मृदा प्रदूषण नियंत्रण (soil pollution control in hindi)

मृदा की उर्वरता हान को रोकने के लिए मृदा प्रदूषण का नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है इसके लिए निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए

1 भूमि तथा जल में जल मूत्र विसर्जन पर रोक लगानी चाहिए

2. ठोस पदार्थ जैसे तीन तांबा लोहा कांच आदि को मृदा में नहीं दबाना चाहिए

3. ठोस पदार्थ को गला करा था वह पुन चक्रण का पर नवीन व्यवस्था बनानी चाहिए

4. उर्वरक को तथा कीटनाशकों का प्रयोग आवश्यकतानुसार सीमित मात्रा में ही करनी चाहिए

5. फसलों की सुरक्षा हेतु कीटनाशकों क्या स्थान पर जय नियंत्रण विविध नया अपनानी चाहिए

6. मानव तथा जंतुओं के मल का उपयोग जैव गैस बनाने में करना चाहिए

7. नगरों में साफ सुथरे कूड़ेदान बनाने चाहिए अपशिष्ट पदार्थों को एकत्र करने एवं विसर्जित करने के लिए बंद पाइपों का प्रयोग करना चाहिए

8. मृदा अपरदन रोकने के लिए घास तथा मोटे पौधे उगाने चाहिए

जैव रासायनिक चक्र (biochemical cycle in hindi)

संपूर्ण जीव मंडल में पदार्थ भी सीमित मात्रा में उपलब्ध है इसलिए प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए प्राकृतिक ने ऐसे नियम बनाए हैं जिनके अनुसार पदार्थ अजीब यह घटकों से जीबीए घटकों में और फिर जीबीएसए अजैविक घटकों में परिवर्तन हो जाते हैं इसे हम पदार्थों का चक्कर कहते हैं इन चक्रों को हम दो भागों में बांट

1 गैसीय चक्र जब पदार्थ गैस रूप में चक्कर आना करें उदाहरण ऑक्सीजन नाइट्रोजन हाइड्रोजन आदि

2. अवसादी चक्र जब पदार्थों का चक्र होश के रूप में हो उदाहरण कैल्शियम फास्फोरस सल्फर आदि

सभी जीवो को मुख्यता चार तत्वों की आवश्यकता होती है यह तो तय है कार्बन ऑक्सीजन नाइट्रोजन तथा हाइड्रोजन यह तत्व वातावरण से जियो में और जियो से वातावरण में स्थानांतरित होते रहते हैं जीव मंडल में विद्यमान यह चक्र जब उम्र भर भी रासायनिक चक्र या पोषक चक्र कहलाते हैं जैसे चक्र सदैव परिपूर्ण होते हैं क्योंकि इनमें ऋण आत्मक फोन निर्देश नियंत्रण होता है उदाहरण आज किसी सीमित स्थान पर आखिरी करा लिया जागरण के कारण कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है तो वायु प्रवक्ता पौधों में तीव्रता प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा इसकी मात्रा कम कर दी जाती है अपूर्ण चक्र के अंतर्गत लोहे तथा फास्फोरस आदि आते हैं क्योंकि यह स्थानीय कारकों से बिगड़ जाते हैं कि नहीं को अवसादी चक्र कहते हैं पोषक तत्वों के प्रमुख चार चक्र निर्मित है जल चक्र नाइट्रोजन चक्र कार्बन चक्र ऑक्सीजन चक्र

जल चक्र (the water cycle in hindi)

जल जीव धारियों के लिए अनिवार्य पदार्थ है जीव धारियों के शरीर का सबसे बड़ा अंग से लगभग अस्सी से नब्बे प्रतिशत जल होता है जीवधारी जल को वायुमंडल वर्षा द्वारा या भूमि से प्राप्त करते हैं और सौर ऊर्जा के कारण झीलों तालाबों नदियों समुंदर वादियों जल वाष्प बनकर वायुमंडल में एकत्र हो जाता है वापस आ जाता है और मृदा जल को अवशोषित कर पौधे प्रकाश संश्लेषण क्रिया करते हैं तथा शेष जल पति और खुले भागो द्वारा वाष्पोत्सर्जन होकर पुनः वातावरण में पहुंच जाता है जन तो जल का उपयोग भोजन में तथा पीने में करते हैं तथा मूत्र के रूप में उत्सर्जित करके वापस वातावरण में पहुंचाते हैं जीव धारियों के सत्संग से भी जल वातावरण का लौटता है जीव धारियों के मृत्यु के पश्चात अपघटक ओ द्वारा जल वापस वातावरण में पहुंच जाता है इस प्रकार जीवधारी जितना जल वातावरण से प्राप्त करते हैं किसी ना किसी क्रिया द्वारा वापस वातावरण में पहुंच जाते हैं

नाइट्रोजन चक्र (nitrogen cycle in hindi)

वायुमंडल का लगभग 78% भाग नाइट्रोजन गैस है परंतु सभी जीव धारियों जीव एंड वेक्टर आदि को छोड़कर इसका सीधा उपयोग नहीं कर सकते हैं इसके लिए नाइट्रोजन करना ट्रेड लाउड़ों के रूप में परिवर्तन आवश्यक होता है वायुमंडल की मुक्त नाइट्रोजन की जियो उपयोगी नाइट्रोजन योगिक में परिवर्तन की क्रिया को नाइट्रोजन स्थिति खराब कहते हैं प्राकृतिक में वह वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण तीन प्रकार से होता है

1 विद्युत ताड़ित से नाइट्रोजन स्थिरीकरण आकाश में बिजली चमकने के समय वातावरण में नाइट्रोजन की वायु ऑक्सीजन के साथ मेट्रो जनक साइड बनती है यह वर्षा के जल के साथ मिलकर नाइट्रिक अम्ल बनता है और जल द्वारा जिओ के शरीर व मिर्धा में पहुंच जाता है मेरे दा के छारीय तत्व लाइम स्टोन से क्रिया करके नाइट्रोजन बनता है और भूमि स्थित हो जाता है

2 जीवाणु द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण पौधे जैसे सेम चना और दलहनी पौधे की जड़ों की गांठ में राइजोबियम जीवाणु का वास होता है जो नाइट्रोजन को उसके यौगिक में और परिवर्तित करके पौधों के लिए उपयोगी बना देते हैं कुछ आदरणीय पौधे जैसे जिनको और अलायंस बे नाइट्रोजन स्थिरीकरण करते हैं

3 नील हरित शैवाल द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण नीले हरे शैवाल धान के खेतों में पाई जाती है यह सवाल नाइट्रोजन को उसके उपयोगी में परिवर्तन कर देते हैं

4 नाइट्रोजन का औद्योगिक स्थिति कर्ण औद्योगिक क्षेत्र में नाइट्रोजन स्थिरीकरण को कृतिम स्थिति कर्ण कहते हैं कारखानों में वायुमंडलीय गैस से अमोनियम बनाती हैं ऑक्सी कृत्य होकर नाइट्रोजन का निर्माण करती है या अम्ल से क्रिया करके अमोनियम लवण का निर्माण करती है यह कीर्ति पूर्व उर्वरकों के रूप में उपयुक्त होते हैं अमोनिया सल्फेट अमोनिया फास्फोरस अमोनिया नाइट्रेट आदि उपयुक्त विधियों से वायुमंडलीय नाइट्रोजन मिर्धा में नाइट्रोजन के रूप में पहुंच जाती है पौधा अपनी जड़ों के द्वारा अवशोषित करके इन्हें अमीनो अम्ल में परिवर्तित करते हैं तथा एमिनो अम्ल बहू करिए की क्रिया से प्रोटीन ओं की परिवर्तित हो जाती है इस प्रकार नाइट्रोजन आहार श्रृंखला में प्रवेश करती है तथा शाकाहारी उपभोक्ताओं एवं अनंतता मांसाहारी उपभोक्ताओं में पहुंचता है

मृदा अपरदन क्या है

मृदा अपरदन वायु के द्वारा जल उड़ना अथवा दूसरे स्थान पर पहुंचना ही विद्या का वरदान है मृदा के कारण बहते हुए जल के साथ चले जाते हैं तेज वह भी मृतक रुकवा कर ले जाती है

जल के स्रोत कौन-कौन से हैं

कृषि में मैं उपयोगी कीटनाशक तथा उर्वरक उद्योगों में निकलना कचरा नदियों तथा जिलों में जमा हो जाता है जलाशयों में अनुच्छेद पदार्थों का मिलना निश्चित पदार्थों को जल से हटाना

पर्यावरण में हानिकारक प्रभाव से ओजोन परत किस प्रकार हमें सुरक्षा प्रदान करता है

यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती है जो मनुष्य के लिए हानिकारक होती है

वायुमंडल में ऑक्सीजन किन रूपों में पाए जाते हैं

वायुमंडल जैसे ऑक्सीजन गैस और ओजोन गैस पाई जाती हैं

वायुमंडल का विस्तार क्या है

वायुमंडल पृथ्वी तल से 60 किमी तक पाया जाता है

जय मंडल में गैसीय घटक का नाम लिखिए

वायु कार्बन डाइऑक्साइड ऑक्सीजन आदि

पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की प्रतिशत तथा क्या है

पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की प्रतिशत 0.03प्रतिशत है

प्रदूषक किसे कहते हैं

वह पदार्थ अथवा कारक जिनके द्वारा वायु जल भूमि को भौतिक रासायनिक एवं जैविक लक्षणों में अवांछित परिवर्तन उत्पन्न होते हैं प्रदूषण कहलाते हैं

paryavaran ki paribhasha in hindi

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