short moral stories in Hindi हमारे जीवन में तथा बच्चों के जीवन में कितनी महत्वपूर्णभूमिका निभाती है और कहानी को जब हम पढ़ते हैं तो हमें आनंद मिलता है इसलिए कहानी को हमें पढ़ना चाहिए जैसा कि हम आप सभी लोगों को इस कहानी के माध्यम से जैसे छोटे बच्चे को जब कहानी सुनाओ तो उन्हें बहुत आनंद आता है इसलिए हम आप सभी लोगों को कुछ छोटे कहानियां बताने वाला हूं जिसे आप लोग उस कहानी को पढ़ें तो आप लोगों को आनंद मिले और बहुत सारी कहानियां ऐसी भी हैं जिन्हें पढ़ने से हमें कुछ ना कुछ ज्ञान तथा शिक्षा प्राप्त होता है I इसलिए कहानी को पढ़ना चाहिए क्योंकि कहानी से आप सभी लोगों को बहुत सारा ज्ञान प्राप्त हो सकता है और कहानी को पढ़ने से आप लोगों को बुद्धि का भी विस्तार हो सकता है I इसलिए आप लोग देखते होंगे या आप ही लोग बहुत से कहानी पढ़ते होंगे आप लोग पढ़ते हैं तो हम अपने इस पोस्ट में कहानी के बारे में बताने वाला हूं तो आप लोग हमारे इस पोस्ट को जरूर पढ़ें जिससे आप लोगों को अच्छी से अच्छी कहानियां पढ़ने को मिले तथा इन कहानियों को पढ़ने में आप सभी लोगों को आनंद प्राप्त हो सके तो हम आप सभी लोगों को कुछ छोटी-छोटी कहानियां बताने वाला हूं I

छोटी-छोटी कुछ महत्वपूर्ण कहानियां (short moral stories in Hindi)
हम आप सभी लोगों को छोटी-छोटी कुछ महत्वपूर्ण कहानियां बताने वाला हूं क्योंकि आप लोग जानते होंगे कि छोटी-छोटी कहानी पढ़ने में कितना आनंद मिलता है इसलिए आज हम आप सभी लोगों को छोटी-छोटी कहानी के बारे में बताएंगे जिससे आप लोग जल्द से पढ़ सकेंगे और पढ़ने में आप सभी लोगों को बहुत ही मजा और आनंद मिलेगा इसलिए आइए हम आप सभी लोगों को कुछ छोटी-छोटी महत्वपूर्ण कहानियां बताने वाला हूं जिससे आप लोग उस काम को पड़े तो आप सभी लोगों को पढ़ने में आनंद मिल सके I तथा आप जानते होंगे कि बहुत से बच्चे कहते रहते हैं कि हमें कहानी सुनाओ तो आप हमारी पोस्ट को पढ़कर और जानकारी आप बच्चों को कहानियां सुना सकते हैं I बहुत से लोग कहानियों को किताब लाकर पढ़ते हैं लेकिन अब आप लोगों को किताब लाने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमने आप सभी लोगों को इस पोस्ट में कहीं छोटी-छोटी महत्वपूर्ण कहानियो के बारे में बताने वाला हूं जिससे आप लोग इस कहानी को बिना किताब के ही पढ़ सकते हैं और जान सकते हैं I तो आइए हम कुछ महत्वपूर्ण कहानियो के बारे में बताते हैं या बताने की कोशिश करते हैं I
1. शेर का आसन / Lion seat short moral stories in Hindi
अब मैं आप सभी लोगों को छोटी-छोटी कहानियों के बारे में विस्तार से बताने वाला हूं तो आइए हम आप सभी लोगों को सबसे पहली कहानी का नाम है शेर का आसन तो आइए आप सभी लोगों को इसी के बारेे में विस्तार सेे बताने वाले हैं I
जैसा की आप सभी लोगों को पता होगा कि शेर जंगल का राजा होता है वह अपने जंगल में सब को डराता रहता है या डरा सकता है I शेर भयंकर और बहुत बलशाली होता है I 1 दिन शहर का राजा जंगल में घूमने गया I शेर ने देखा कि राजा हाथी पर आसन लगाकर बैठा है और जंगल की ओर आ रहा है I शेर के मन में भी हाथी पर आसन लगाकर बैठने का उपाय सूझा I शेर ने जंगल के सभी जानवरों को बताया और आदेश दिया कि हाथी पर एक आसन लगाया जाए I बस क्या था झट से आसन लग गया I शेर उछलकर हाथी पर लगे आसन पर जा बैठा I हाथी जैसे ही आगे की ओर चलता है आसन तो आसन हिलने लगता है और शेर नीचे धड़ाम से गिर जाता है I शेर की टांग टूट गई शेर खड़ा होकर कहने लगा I। पैदल चलना ही ठीक है I
जिसका काम उसी को साजे शेर ने आदमी की नकल करनी चाहिए और परिणाम गलत साबित हुआ I
तो इस कहानी से आप लोगों को यह समझ में आया होगा कि हमें दूसरों की नकल नहीं करनी चाहिए अगर हम दूसरों की नकल करेंगे तो उसका परिणाम गलत ही होगा इसलिए हमें जो भी करना चाहिए वह अपने मन से करना चाहिए और दूसरों की नकल करना नहीं चाहिए I इस कहानी से यही सुझाव मिलता है I
2. शरारती चूहा / Naughty rat short moral stories in Hindi
हम आप सभी लोगों को दूसरी कहानी के बारे में बताने वाला हूं दूसरी कहानी का नाम है शरारती चूहा इस कहानी में आप लोगों को चूहे से संबंधित जानकारी प्राप्त होगी I आप लोगों को इस कहानी में बहुत ही आने वाला है अगर आप इस कहानी को पढ़ेंगे तो शायद आप लोगों को आनंद का पता चल सकता है कि इस कहानी में कितना आनंद है I तो आइए हम आप सभी लोगों को शरारती चूहे की कहानी के बारे में बताने वाले हैं या बताते हैं I
विनोद के घर में एक शरारती चूहा आ गया या रहता था I वह बहुत छोटा सा था मगर सारे घर में भागा भागा चलता था I उसने विनोद की किताब को भी काट डाली है और कुछ कपड़े को भी काट डाला या कुतर डाला I विनोद की मम्मी खाना बनाती और खाना बिना ढके रख देती वह चूहा उसे भी चाट कर खा जाता था I चूहा खा पीकर बड़ा हो गया। 1 दिन विनोद की मम्मी ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखी I शरारती चूहे की नजर उस बोतल पर पड़ गई चूहा कई तरकीब लगा कर थक गया था लेकिन उसने शरबत का बोतल नहीं पाया अर्थात यह कि वह शरबत पीना चाहता था लेकिन उसे शरबत पीने को नहीं मिला I
चूहा बोतल पर चढ़ा किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो जाता है अर्थात कई तरह के तरकीब लगाकर चूहा बोतल के ढक्कन को खोल लेता है I अब चूहा उस बोतल में मुंह घुसा ना चाहता है अर्थात उस बोतल में मुंह घुसाने की कोशिश करता है I लेकिन बोतल का मुंह छोटा था इसलिए चूहे का मुंह उस बोतल के अंदर नहीं गुसा जिसके कारण हुआ शरबत नहीं पी पाया I लेकिन फिर बाद में चूहे को एक आइडिया आया उसने अपनी पूछ बोतल में डाल दी I जब चूहे ने अपनी पूछ बोतल में डाल दे तो उसकी पूंछ शरबत से गीली हो जाती है और फिर चूहे ने अपनी पूछ को चाट चाट कर शरबत पी लेता है और उसका पेट भर जाता है I अब वह विनोद के तकिए के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम करने लगता है I
और यह कहानी यहीं पर खत्म होती है आप लोगों को इस कहानी से यह सीख मिली होगी कि मेहनत करने से कोई भी काम असंभव नहीं है अर्थात जो काम आप करना चाहते हैं आप उसमें मेहनत करेंगे तो आपको सफलता प्राप्त होगी इसलिए दोस्तों कहा जाता है कि मेहनत करने से कोई भी कार्य संभव नहीं है I
3. मां की ममता / Mother’s love short moral stories in Hindi
हम अब आप लोगों को अगली कहानी के बारे में बताने वाले हैं उस कहानी का नाम है मां की ममता तो हम आप सभी लोगों को मां की ममता कहानी के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
एक आम के पेड़ पर एक सुरीली नाम की चिड़िया रहती थी I उसने बहुत सुंदर घोंसला बनाई हुआ थी जिसमें उसके छोटे-छोटे बच्चे उसके साथ में रहते थे I वह बच्चे अभी उड़ना नहीं जानते थे अर्थात वह बच्चे बहुत छोटे छोटे थे इसलिए उन्हें अभी उड़ना नहीं आता था I वह बच्चे अभी उड़ना नहीं जानते थे इसीलिए सुरीली चिड़िया उन सभी को खाना ला कर खिलाती थी I
एक दिन जब बरसात तेज हो रही थी I तभी सुरीली के बच्चों को जोर से भूख लगने लगी या लगी थी I बच्चे खूब जोर से रोने लगे इतना तेज की देखते-देखते सभी बच्चे रोने लगे I सुरीली के बच्चे जब रो रहे थे तो सुरीली को अच्छा नहीं लग रहा था वह उन्हें चुप कर रही थी किंतु बच्चे भूख से तड़प रहे थे इसलिए बच्चे चुप नहीं हो रहे थे I
सुरीली सोच में पड़ गई कि इतनी तेज बारिश में खाना कहां से लाऊं I अगर खाना नहीं लाया तो बच्चों की भूख कैसे शांत होगी और फिर काफी देर सोचने के बाद सुरीली में एक लंबी उड़ान भरी और पंडित जी के घर पहुंच गई I पंडित जी ने प्रसाद में मिले चावल दाल और फलों को आंगन में रखे हुए थे I चिड़िया ने देखा और बच्चों के लिए अपने मुंह में ढेर सारा चावल रख लिया और झटपट वहां से उड़ गई I
घोसले में पहुंचकर चिड़िया ने सभी बच्चों को चावल का दाना खिलाया जिससे बच्चों का पेट भर गया और वह सब चुप हो गए और आपस में खेलने लगे I
आप लोगों को इस कहानी से यह पता चला होगा कि संसार में मां की ममता का कोई जोड़ नहीं है क्योंकि अगर मां के बच्चे किसी तकलीफ में है तो उसकी मां उन तकलीफों को अपने सिर पर ले लेती है और बच्चों को तकलीफ से दूर कर देती है I संसार में मां की ममता का कोई जोड़ नहीं है अपनी जान विपत्ति में डालकर भी अपने बच्चों के हित के लिए काम करती हैं इसलिए संसार में मां का स्थान सबसे ऊंचा माना जाता है I
4. बलवान कछुए की मूर्खता / The foolishness of the mighty tortoise short moral stories in Hindi
हम आप सभी लोगों को अगली कहानी के बारे में बताने वाला हूं इस कहानी का नाम है बलवान कछुए की मूर्खता तो आप सभी लोगों को इस कहानी के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
एक सरोवर में विशाल नाम का एक कछुआ रहा करता था I उसके पास एक मजबूत कवच था जैसा कि आप लोग जानते होंगे कि कछुए के ऊपर एक कवच होता है वह कवच बहुत ही मजबूत होता है I यह कवच शत्रुओं स बचाता था अर्थात यह कि कोई व्यक्ति अगर कछुए को डंडे से या लाठी से मारना चाहे कि कछुआ मर जाए तो इतनी जल्दी वह नहीं मर सकता है क्योंकि उसके शरीर के ऊपर एक बहुत ही मजबूत कवच होता है इसलिए कछुआ इतनी जल्दी नहीं मर सकता है I आप लोग जानते होंगे कि कछुए की जान बहुत ही बार बच जाती है केवल उसके कवच के कारण अगर उसके ऊपर कवच ना हो तो वह मर जाता लेकिन उसके ऊपर कवच होने के कारण वह इतनी जल्दी नहीं मरता है I
एक बार भैंस तालाब में पानी पीने आई थी I भैंस का पैर विशाल नाम के कछुए पर पड़ गया था फिर भी विशाल को कुछ नहीं हुआ I उसकी जान कवच के कारण बच गई Iउसे काफी खुशी हुई क्योंकि बार-बार उसकी जान बच रही थी कवच के कारण I यह कवच विशाल को कुछ दिनों से भारी लगने लगा था उसने सोचा इस कवच से बाहर निकलकर जिंदगी को जीना चाहिए I अब मैं बलवान हो गया हूं मुझे कवच की जरूरत नहीं है I
विशाल ने अगले ही दिन कवच को तालाब में छोड़कर आसपास घूमने लगा I अचानक हिरण का झुंड तालाब में पानी पीने आई I ढेर सारी हिरण अपने बच्चों के साथ पानी पीने आई थी उन हिरण के पैरों से विशाल को चोट लगी वह रोने लगा Iआज उसने अपना कवच नहीं पहना था जिसके कारण काफी चोट जोर से लग गई थी I
विशाल रोता हुआ वापस तालाब में आया और कछुए ने सोचा कि अगर हम कवच को पहन ले तो कम से कम कवच हमारी जान को तो बचा सकता है इसलिए कछुए ने तालाब में आकर कवच को धारण कर लिया I
इस कहानी से आप लोगों को यह समझ में आ सकता है या आता होगा कि जो प्रकृति से मिली हुई चीज का सम्मान पूर्वक स्वीकार नहीं करते हैं तो आपकी जान खतरे में पड़ सकती है इसलिए जो चीज हमें प्रकृति से मिली है उन चीजों को हमें सम्मान पूर्वक ग्रहण कर लेना चाहिए जिससे हमारी जान बच सकती है कई भी गलतियों से इसलिए हमें प्रकृति के दिए हुए चीज को अस्वीकार नहीं करना चाहिए I
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5. सबसे बड़ा मूर्ख / The biggest fool short moral stories in Hindi
एक बहुत धनी व्यापारी था I उसने बहुत धन संपत्ति इकट्ठा कर रखी थी I उसका एक नौकर था जिसका नाम शंभू था I जो अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा गरीबों की मदद में खर्च कर देता था अर्थात जब वह वेतन पाता था सब वेतन में से एक बड़ा हिस्सा गरीबों के हित में खर्च कर देता था I व्यापारी रोज से धन बचाने की शिक्षा देता था लेकिन शंभू पर कोई असर नहीं होता था व्यापारी यह चाहता था कि आप धन को गरीबों में ना खर्च करो और इस धन को इकट्ठा करो जिससे तुम बड़े आदमी बन सको लेकिन इस शिक्षा का संभू पर कोई असर नहीं पड़ता था I
इससे तंग आकर एक दिन व्यापारी ने शंभू को एक डंडा दिया और कहा कि जब तुझे अपने से भी बड़ा कोई मूर्ख मिले तो इसे उसको दे देना I इसके बाद व्यापारी अक्सर उससे पूछता कि कोई तुझसे बड़ा मूर्ख मिला या नहीं I शंभू विनम्रता से इंकार कर देता अर्थात संभू कहता था कि दिया कि हमसे बड़ा मूर्ख अभी तक नहीं मिला है I 1 दिन व्यापारी बीमार हो गया रोग इतना बढ़ गया कि वह मरने के योग्य हो गया I
अंतिम समय उसने संभव को अपने पास बुलाया और कहा कि अब मैं इस संसार को छोड़कर जाने वाला हूं I शंभू ने कहा मालिक मुझे भी अपने साथ ले चलो व्यापारी ने प्यार से डांटते हुए कहा वहां कोई किसी के साथ नहीं जाता है वहां तो सब अकेले ही जाते हैं I
शंभू ने फिर कहा- फिर तो आप अपना धन दौलत सुख सुविधा के समान जरूर ले जाइए और आप वहां आराम से रहिएगा I व्यापारी ने कहा पगले वहां कुछ भी लेकर नहीं जाया जा सकता है अर्थात यह कि आप वहां कुछ नहीं ले जा सकते हो सबको अकेले और खाली हाथ ही जाना पड़ता है I
इस पर संभव बोला-मालिक तब तो यह डंडा आप ही रखिए I जब कुछ लेकर जाया नहीं जा सकता तो आपने बेकार ही पूरा जीवन धन दौलत और सुख सुविधाओं को इकट्ठा करने में समय नष्ट कर दिया I ना तो दान पुण्य किया ना ही भगवान का भजन किया इस डंडे के असली हकदार तो आप ही हो सकते हैं I
इस कहानी से आप लोगों को यह समझ में आया होगा कि जब आप पैदा होते हैं तो आप कुछ लेकर नहीं आते हैं और जब आप मरते हैं तो आप कुछ लेकर नहीं जाते हैं इसलिए जब आप पैदा होते हैं और जब बड़े होते हैं तो वे धन दौलत के चक्कर में बहुत पड़ते हैं कि हमारे पास ज्यादा से ज्यादा धन दौलत हो और अच्छी से अच्छी सुख सुविधाएं प्राप्त हो I इसलिए आप इस कहानी से जान सकते हैं कि हमें अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा धन इकट्ठा करने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि जब आप मरते हैं तो आप थोड़ा सा भी धन लेकर नहीं जाते हैं इसलिए जो आपके पास धन है वो आप सब यहीं पर गरीबो में दान कर दें या कोई भंडारे में खर्च कर दे या फिर कहीं पर दान दे दे I क्योंकि जब हम मरते हैं तो हम अपने साथ धन लेकर नहीं जाते हैं जो धन यहां पर रहता है वह धन यही पर रह जाता है I
6. अपनी गलती का पछतावा / Sorry for your mistake short moral stories in Hindi
अब हम आप सभी लोगों को अगली कहानी के बारे में बताने वाला हूं इस कहानी का नाम है अपनी गलती पर पछतावा तो आइए हम आप सभी लोगों को इस कहानी के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं तथा बताते हैं जैसा कि आप लोग जानते हैं कि कहानी पढ़ने में कितना आनंद आता है जैसा कि आप लोगों को बता दो कि बहुत से लोग कहानी को आनंद के लिए ही पढते हैं तो हमने आप सभी लोगों को कई सारी कहानी विस्तार से बता चुका हूं भी कुछ कहानी बताने वाला हूं तो आइए सबसे पहले हम आप सभी लोगों को अपनी गलती का पछतावा कहानी के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
गोपाल के घर 5 भैंस और एक गाय थी I वह सभी भैंसो की दिन भर देख भाल किया करता था I उनके लिए दूर-दूर से हरी हरी घास काट कर लाता था और उनको खिलाता था I गाय, भैस गोपाल की सेवा से खुशी थे I सुबह शाम इतना दूर हो जाता कि गोपाल का परिवार उस दूध को बेचने पर विवश हो जाते थे अर्थात यह कि सुबह शाम दोनो टाइम मिला कर गोपाल के पास इतना दूर हो जाता था कि वह खाकर नहीं खत्म कर पाता था इसलिए गोपाल को उन लोगों को बेचना पढ़ता था I
पूरे गांव में गोपाल के घर से दूध बिकने लगा I आप गोपाल को काम करने में और भी मजा आ रहा था क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी दूर हो रही थी अर्थात जब गोपाल दूध बेचता था तब उसे पैसा मिलता था इसलिए गोपाल की आर्थिक स्थिति और भी मजबूत होने लगी थी इसलिए गोपाल को काम करने में बहुत ही मजा आ रहा था I कुछ दिनों से गोपाल परेशान होने लगा,क्योंकि उसके रसोईघर में एक बड़ी सी बिल्ली ने आंखें जमा ली थी I गोपाल जब भी दूध को रसोई घर में रखकर निश्चिंत होता था तब बिल्ली दूध पी जाती थी और उन्हें झूठा भी कर जाती थी I गोपाल ने कई बार उस बिल्ली को भगाया और मारने के लिए दौड़ाया, किंतु दिल्ली झटपट दीवार पर चढ जाती थी और भाग जाती थी I 1 दिन गोपाल ने परेशान होकर बिल्ली को सबक सिखाने की सूची I जुट की बोरी का जाल बिछाया गया, जिसमें बिल्ली आसानी से फंस गई I अब क्या था गोपाल ने पहले डंडे से उसकी पिटाई करने की सोची I
बिल्ली इतनी जोर जोर से झपट रही थी कि गोपाल उसके नजदीक नहीं जा रहा था I किंतु आज सबक सिखाना था, गोपाल ने एक माचिस की तीली जलाई और उस बोरे पर फेंक दिया I देखते ही देखते बोरा जलने लगा दिल्ली अब पूरी शक्ति लगाकर भागने लगी I दिल्ली जिधर जिधर भागती हआ आग लगा बुरा उसके पीछे पीछे होता था देखते ही देखते दिल्ली पूरा गांव दौड़ गई I
पूरे गांव से या आवाज होने लगा कि आग लगी आग लगी, बुझाओ बुझाओ इस प्रकार की आवाज उठने लगी और बिल्ली ने पूरा गांव जला दिया I गोपाल का भी घर नहीं बच पाया अर्थात या कि गोपाल का भी घर जल गया I
इस कहानी से आप समझ सकते हैं कि अपनी स्वयं की गलती का फल खुद को तो भोगना पड़ता ही है लेकिन अपने साथ दूसरे लोग को भी उसकी सजा भोगनी पड़ सकती है I जैसा कि आप इस कहानी को पढ़कर समझ सकते हैं कि गोपाल ने केवल अकेले ही बिल्ली के पूंछ में आग लगाई थी लेकिन उससे पूरा गांव जल गया जिससे आप समझ सकते हैं कि इस आग से पूरे गांव को नुकसान हुआ क्योंकि पूरा गांव जल गया थाI
7.रेलगाड़ी / Train short moral stories in Hindi
सुनीता एक बहुत प्यारी लड़की है I सुनीता Class 4 में पढ़ती है I एक दिन उसने अपनी किताब में रेलगड़ी देखी I उसको अपनी रेलगाड़ी की यात्रा याद आ गई , जो कुछ दिन पहले सुनीता ने अपने पापा और मम्मी के साथ की थी I सुनीता ने चौक गई और चाक उठाई और दीवाल पर रेलगाड़ी का इंजन बना दिया I उसमें पहला डिब्बा जड़ गया, दूसरा डिब्बा भी जुड़ गया उस रेलगाड़ी के इंजन में सुनीता ने बहुत सारे डिब्बे जोड़ दिए I और जब सुनीता की चौक खत्म हुई तो ने देखा की कक्षा में आधी दीवाल पर रेलगाड़ी बन चुकी थी I फिर क्या हुआ रेलगड़ी मुंबई गई, दिल्ली गई, मामा के यहां गई, अमेरिका गई I
इस कहानी से मनोबल बढ़ते रहते हैं इसलिए हमें बच्चों को कहानियां सुनानी चाहिए जिससे बच्चे उस कहानी को सुनकर बहुत ही समझदार हो जाते हैं I
8. मुर्गा की अकल ठिकाने / Rooster’s whereabouts short moral stories in Hindi
एक बार की बात है एक गांव में बहुत सारे मुर्गे रहते थे I जिस गांव में मुर्गे रहते थे उस गांव के बच्चे बहुत शरारती थे I 1 दिन गांव के एक बच्चे ने एक मुर्गे को तंग कर दिया था I मुर्गा बहुत परेशान हो गया था उसने सोचा अगले दिन सुबह में आवाज नहीं करूंगा I और गांव के सभी लोग सोते रहेंगे तब उन सबको मेरी अहमियत समझ में आएगी और मुझे तंग नहीं करेंगे I मुर्गा अगले दिन सुबह कुछ नहीं बोला I सभी लोग हमें से उठ कर अपने अपने काम में लग गए इस पर मुर्गे को समझ में आ गया कि किसी के बिना कोई काम नहीं रुकता सबका काम चलता रहता है I
इस कहानी से आप सभी लोगों को यह समझ में आया होगा कि घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि आपको अपनी अहमियत बताएं बिना ही सभी लोगों को पता चल जाता है कि इनकी अहमियत क्या है जैसा कि आप लोग उदाहरण के तौर पर इस कहानी को ले सकते हैं जो हमने अभी ठीक हूं पर बताया है I
9. बिल्ली बच गई / The cat survived short moral stories in Hindi
अजय विजय दो भाई थेI दोनों खूब खेलते, पढ़ते और कभी-कभी खूब लड़ाई भी करते थे I एक दिन दोनों अपने घर के पीछे खेल रहे थे I वहां एक कमरे में बिल्ली के दो छोटे-छोटे बच्चे रहते थे I बच्चो की मां कहीं गई हुई थी दोनों बच्चे अकेले थे I उन्हें भूख लगी हुई थी इसलिए बहुत रो रहे थे I अजय विजय दोनों को बिल्ली के बच्चों के रोने की आवाज सुनाई दी और अजय विजय ने आकर देखा तो दोनों बच्चे रो रहे थे फिर अजय विजय ने अपने दादा जी को बुला कर लाए I
दाजी ने देखा कि लेके दोनों बच्चे भूख से रो रहे थे I दादाजी ने उन दोनों बिल्ली के बच्चों को खाना खिलाया और एक एक कटोरी भरकर दूध भी पिलाई I अब बिल्ली के बच्चों की भूख शांत हो गई वह दोनों आपस में खेलने लगे इसे देखकर अजय विजय बोले बिल्ली बच गई दादा जी ने अजय विजय को शाबाशी दी कि तुमने हमें वक्त पर बुला लिया नहीं तो शायद भूख के मारे बिल्ली के दोनों बच्चे मर सकते थे I
इस कहानी से यह सीख मिलता है कि दूसरों की भलाई करने से सुखी मिलती है जैसा कि हमने ऊपर कहानी में बताया है I
10. दोस्त का महत्व / Importance of friend short moral stories in Hindi
मोनू गर्मी की छुट्टी में अपने मामा के घर जाता हूं I मोनू को खूब आनंद आता है, क्योंकि मामा के यहां आम का बगीचा है I वहां मोनू बहुत सारे आम खाता है और खेलता है और मोनू के पांच दोस्त भी हैं पर उन्हें मोनू आम नहीं खिलाता है I
एक दिन की बात है, मोनू को खेलते खेलते चोट लग जाती है I मोनू के दोस्तो ने मोनू को उठाकर घर पहुंचाया और उसकी मम्मी से उसके चोट लगने की बात बताई, इस पर मोनू को जहां चोट लगी थी उस पर दवाई का मालिश किया गया I
मोनू की मम्मी ने मोनू के दोस्तों को धन्यवाद बोला और उन्हें बहुत सारे आम खिलाएं I मोनू जब ठीक हुआ तो उसे दोस्त का महत्व समझ में आ गया था अब वह उनके साथ खेलता और उन दोस्तों को खूब आम भी खिलाता था I
इस कहानी से आप सभी लोगों को यह समझ में आ जाएगा कि दोस्ती का महत्व क्या होता है हम आप लोगों को बता दूं कि जो सच्ची दोस्ती करता है वह अपने दोस्त के दुख दोनों में काम आता है वही सच्ची दोस्ती मानी जाती है I दोस्त सुख दुख के साथी होते हैं से प्यार करना चाहिए और अपने दोस्त से कोई बात छुपाना नहीं चाहिए यही सच्ची दोस्ती होती है I
11. मोनू सोनू की शरारत / Prank of monu sonu short moral stories in Hindi
मोनू सोनू दोनों भाई थे I दोनों की उम्र लगभग 4 साल की होगी I दोनों खूब शरारत करते थे I मोनू ज्यादा शरारती था I वह सोनू के हाथ को अपने कमर में लपेटकर खींचता और कभी धक्का देकर गिरा देता था I 1 दिन की बात है दोनों खेल में लड़ते झगड़ते दौड़ रहे थे I मोनू का पैर फिसल जाता है वह एक गड्डे में गिर जाता है I मोनू बहुत प्रयास करता है फिर भी वह बाहर नहीं निकल पाता है I सोनू उसे खींचने की कोशिश करता है मगर उसकी कोशिश नाकाम रहती हैं I
सोनू दौड़ कर अपनी मां को बुला कर लाता है I उसकी मां उसे गड्डे से निकालती हैै I मोनू काफी शरारती था इसलिए वह शरारत आज उस पर भारी पड़ गई थी I
उसने रोते हुए कहा_ आगे ऐसी शरारत नहीं करूंगा I दोनों भाई चलने लगे इसको देख कर उसकी मां बहुत खुश हुई I
इस कहानी से आप सभी लोगों को यह समझ में आया होगा कि अधिक शरारत और दूसरों को तंग करने की आदत हमेशा आफत बन जाती है इसलिए ज्यादा शरारती नहीं करना चाहिए I
12. साहस का परिचय / Display of courage short moral stories in Hindi
एक जंगल में बहुत सुंदर सुंदर हिरण रहा करते थे I उसमें एक सुरीली नाम की हिरनी थी I उसकी बेटी मृगनैनी अभी 3 महीनेे की थी I 1 दिन मृगनैनी अपनी मां के साथ घूम रही थी तभी दो गीदड़ आ गए I
वह मृगनैनी को मारकर खाना चाहते थे I सुरीली दोनों गीदड़ को अपने सिंघ से मार-मार कर रोक रही थी I मगर गीदड़ मानने को तैयार नहीं थे I वहा पर अचानक ढेर सारी हिरणों की झुंड आ गई I
हिरनी गीदड़ के पीछे दौड़ने लगी I गीदड़ अपने प्राण बचाकर वहां से भाग गया I सुरीली और मृगनैनी की जान आज उसके परिवार ने बचा लिया I
इस कहानी से यह समझ आता है कि एक साथ रहने से आप बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं I
13. स्वयं का नुकसान / Self harm short moral stories in Hindi
एक शहर में एक छोटी सी दुकान थी जिसमें कुछ चिप्स, पापड़,टॉफी, बिस्किट, नमकीन आदि की बिक्री होती थी I यह दुकान राजू की थी I इनकी हालत सभी लोगों को मालूम थी इसलिए ना चाहते हुए भी आस पड़ोस के लोग कुछ ऐसा सामान ले लिया करते थे जिससे राजू की कुछ कमाई हो जाए I
चूहों ने भी अपना डेरा जमा लिया था अर्थात राजू की दुकान में कई सारे चूहे रहते थे I एक से बढ़कर एक शरारती चूहे आ गए थे I चूहों ने टॉफ और बिस्किट को बहुत नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया अर्थात चूहे बिस्किट और टॉफी को काट काट कर खाने लगे और खराब करने लगे I
राजू काफी परेशान हो गया था, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस शरारती चूहे से कैसे बचे I दिन की बात है राजू बैठा हुआ था और तीन चार चूहे आपस में लड़ रहे थे I राजू को बहुत गुस्सा आया और उसने एक डंडा उन चूहों की ओर जोर से चलाया I चूहे उछल कर भाग गए, वह डंडा इतना तेज चलाया गया था कि काफी रखने वाली शीशे की टार टूट गई I ऐसा करने से राजू का और बड़ा नुकसान हो गया I
इस कहानी से यह समझ में आया होगा कि क्रोध में किसी प्रकार का कार्य नहीं करना चाहिए नहीं तो स्वयं के लिए नुकसानदेह हो सकता है I
14. महात्मा बना विषधर / Mahatma turned poisoner short moral stories in Hindi
एक गांव के बाहर पीपल का एक बड़ा वृक्ष था I यह वृक्ष 100 साल से अधिक पुराना था I गांव के लोग उस वृक्ष के नीचे नहीं जाते थे I वहा एक भयंकर विषधर सांप रहा करता था कई बार उसने चारा खा रही बकरियों को काट लिया था I
गांव के लोग उससे बहुत डरते थे I गांव में रामकृष्ण परमहंस आए हुए थे I लोगों ने उस विषधर का इलाज करने को कहा I रामकृष्ण परमहंस उस वृक्ष के नीचे गए और विषधर को बुलाया वृद्धा क्रोध में परमहंस जी के सामने आंख निकाल कर खड़ा हुआ I विषधार को जीवन का ज्ञान देकर परमहंस वहां से चले गए I
विषधर अब शांत स्वभाव का हो गया वह अब किसी को काटता नहीं था I गांव के लोग भी बिना डरे उस वृक्ष के नीचे जाने लगे I एक दिन जब रामकृष्ण परमहंस गांव लौट कर आए उन्होंने देखा बच्चे पीपल के पेड़ के नीचे खेल रहे थे वह विषधर को परेशान कर रहे थे I विषधर कुछ नहीं कर रहा था I
ऐसा करते हुए उन्होंने बच्चों को देखा और बच्चों को वहां से डांट कर भगा दिया और विषधर को अपने साथ ले आए I
15. बिच्छू और संत / Scorpion and saint short moral stories in Hindi
बिच्छू स्वभाव का बहुत बड़ा था I वह सदैव दूसरों को नुकसान पहुंचाता था I गांव स्वभाव से शांत था I वह दूसरों का कल्याण करता था I बरसात का दिन था एक बिच्छू नाले में तेजी से बहता हुआ जा रहा था I तने बिच्छू को नाली में बहता हुआ देखा I संत ने अपने हाथ से पकड़ कर बाहर निकाला I बिच्छू ने अपने स्वभाव के कारण संत को डंक मारकर नाले में गिर गया I संत ने बिच्छू को फिर अपने हाथ से निकाला बिच्छू ने संत को फिर से डंक मारा I ऐसा दो-तीन बार हुआ I पास ही वैद्यराज का घर था वह संत को देख रहे थे I बैद्यराज दौड़ते हुए आए उन्होंने बिच्छू को एक डंडे के सहारे दूर होता है I
संत ने कहा आप जानते हैं बिच्छू का स्वभाव नुकसान पहुंचाने का होता है I फिर भी आपने उसको अपने हाथ से बचाया आप ऐसा क्यों कर रहे थे I संत ने कहा वह अपना स्वभाव नहीं बदल रहा था तो मैं अपना स्वभाव कैसे बदल लूं I
इस कहानी से यह समझ आता है कि बहुत से लोग विषम परिस्थितियों में भी अपना स्वभाव नहीं बदलते हैं I
16. सच्ची मित्रता / True friendship short moral stories in Hindi
एक जंगल में दो बलशाली से रहते थे एक का नाम सूर सिंह और दूसरे का नाम सिंह राज था I सूर सिंह बूढ़ा हो चुका था अब वह ज्यादा शिकार नहीं कर पाता था I सिंह राज शिकार करते थे और उनके लिए भोजन लाकर देते थे I सिंह राज जब शिकार पर चले जाते थे तब सूर सिंह अकेले हो जाते थे I
डर के मारे कोई पशु उसके पास नहीं जाता था I आज सुर सिंह को अकेला देख सियार का झुंड उन पर टूट पड़ा आज सियार को बड़ा शिकार मिल गया था I वह बेहोश की हालत में हो गया I
सिंह राज को वहां आता देख, सियारो से प्राण निकल गए सिंह राज ने देखते ही देखते सभी सियारो को भगा दिया I जिसके कारण उसके मित्र सूर सिंह की जान बच गई I
इस कहानी से यह समझ में आता है सच्ची मित्रता हमेशा काम आती है जीवन में सच्चे मित्र का होना बहुत ही आवश्यक होता है क्योंकि बुरे वक्त में केवल मित्र ही काम आता है I
17. चुनमुन के बच्चे / Chunmun’s children short moral stories in Hindi
बच्चो की चिड़िया गौरैया I यह सबके घर में प्यार से रहती है I जो दाना पानी देता है उसके घर तो मस्ती से रहती हैं I एक लोग के घर में एक कूलर रखा हुआ है और उसके पीछे चुनमुन का घोंसला है I उसके तीन बच्चे हैं जो अभी उड़ना नहीं जानते हैं I
चुनमुन के बच्चों उड़ने के लिए अपनी मां को तंग कर रहे हैं बच्चों की मां कहती है अभी थोड़ी और बड़ी हो जाओ तब उड़ने के लिए सिखाएंगे I बच्चे दिनभर ची ची ची चुनमुन को परेशान करते रहते हैं अर्थात अपनी मां को I
चुनमुन में बच्चों को उड़ना सिखाने के लिए कहा कि अपने दोनों हाथों को उठाकर आसमान में ले गई छोड़ दिया वह बच्चे धीरे-धीरे उड़ रही थे I जब बच्चे गिरने लगते थे तब चुनमुन में अपने पेट पर बैठा लेती थी और फिर उड़ने के लिए कहती थी I
ऐसा करते-करते चुनमुन के बच्चे आसमान में उड़ने लगे थे I सभी को घर चलने के लिए कहा और फिर बच्चे अपनी मां के पीछे पीछे घर लौट आए I
इस कहानी से यह समझ आता है कि अभ्यास किसी भी कार्य की सफलता की पहली सीढ़ी होती है I अर्थात यह कि अभ्यास करते रहो सफलता जरूर मिलेगी I
18. राम का मित्र / Ram’s friend short moral stories in Hindi
राम दूसरी Class में पढ़ता है I स्कूल जाते समय अपने साथ रोटी लेकर जाता है I रास्ते में मंदिर के बाहर एक छोटी सी गाय बांधी रहती है I वह अपना रोटी गाय को खिला देता है I
राम कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता है I कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती हैं तब भी वह बिना रोटी खिलाए स्कूल नहीं जाता है I स्कूल में लेट होने के कारण मास्टर राम को डांटते भी हैं I वह गाय इतनी प्यारी थी कि वह राम को देखकर बहुत खुश हो जाती थी I
राम भी उसको अपने हाथों से रोटी खिलाता था I गाय और राम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे I 1 दिन की बात है राम बाजार से सामान लेकर लौट रहा था I मंदिर के बाहर कुछ लड़कों ने राम को पकड़ लिया I राम के सामान छोड़ने लगे भाई ने राम को संकट में देखकर उसको बचाने के लिए दौड़ी I
गाय को अपनी ओर आता देख सभी लड़के भाग गए I राम ने गाय को गले लगा लिया और कहा बचाने के लिए धन्यवाद I
इस कहानी से यह समझ में आता है कि गहरी मित्रता हमेशा सुखदाई होती है I स्वार्थ भाव से व्यक्ति को मित्रता करनी चाहिए क्योंकि अगर कहीं आप संकट में पड़ गए हैं तो आपको उस समय आपका मित्र ही काम आ सकता है I
19. चींटी और कबूतर की कहानी / Story of ant and pigeon short moral stories in Hindi
एक बार बहुत गर्मी पड़ रही थी गर्मी में एक चींटी को बहुत प्यास लगी हुई थी वह पानी की तलाश में एक नदी के किनारे पहुंच गई I नदी में पानी पीने के लिए वह एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ गई और वहां से वह फिसल गई और फिसलते हुए नदी में जाकर गिरी I पानी बहुत तेजी से बहता था जिसके कारण वह नदी में बहने लगी I
नदी के पास ही एक पेड़ पर कबूतर बैठा हुआ था I उसने चींटी को नदी में गिरते हुए देख लिया था I कबूतर ने जल्दी से एक पेड़ का पत्ता तोड़ा और वह पत्ता नदी में चींटी के पास फेंक दिया और चीटी उस पर चढ़ गई कुछ देर बाद चीटी किनारे पहुंच गई और वह पत्ते से उतरकर सूखी जमीन पर आ गई I पेड़ की तरफ देखा और जान बचाने के लिए कबूतर को धन्यवाद बोला I
शाम को उसी दिन एक शिकारी ने जाल लेकर कबूतर को पकड़ने का आया I कबूतर पेड़ पर आराम से बैठा था और उसको शिकारी के आने का कोई पता नहीं था चींटी ने शिकारी को देख लिया और जल्दी से चीटी शिकारी के पास जाकर उसके पैरों में जोर से काट लिया I चीटी के काटने परशिकारी जोर से चिल्लाया और कबूतर जाग गया और वहां से उड़ गया I
इस कहानी से यह पता चलता है कि अगर आप अच्छा करोगे तो आपके साथ भी अच्छा ही होगा I इसलिए जीवन में अच्छा करना सीखो I
20. किसान और सांप की कहानी / The story of the farmer and the snake short moral stories in Hindi
एक बार एक किसान गर्मी के दिनों में अपने खेतों से गुजर रहा था तभी उसकी नजर एक ठंड में सिकुड़ते हुए सांप पर पड़ी I किसान को पता था कि सांप बहुत ही खतरनाक जीव होता है लेकिन फिर भी उसने उसे उठाया और अपनी टोकरी में रख लिया I
फिर उसके ऊपर अपने घास और पत्ते डाल दिए जिससे उसे कुछ गर्मी मिल जाए और वो ठंड की वजह से मरने से बच जाए I जल्द ही सांप की ठंडी दूर हुई और उसने टोकरी से निकलकर उस किसान को काट लिया जिसने उसकी इतनी मदद की थी I
उसके जहर से तुरंत ही किसान की मौत हो गई और मरते मरते उसने अपनी आखिरी सांस में यही कहा कि मुझसे यह सीख लो कभी भी किसी दुष्ट पर दया ना करो I
बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने स्वभाव को कभी नहीं बदलते हैं फिर चाहे हम उनके साथ कितना भी अच्छा व्यवहार करें I हमेशा उन लोगों से सावधान रहें और उनसे दूरी बनाए रखें जो केवल अपने फायदे के लिए ही सोचते हैं I
21. भेड़िया और सारस की कहानी / Story of wolf and stork short moral stories in Hindi
एक बार एक भेड़िया किसी जानवर को खा रहा था I और जल्दबाजी में खाते हुए उसके गले में हड्डी फंस जाती है वह काफी कोशिश करता है फिर भी वह हड्डी उसके गले से नहीं निकलती है I तभी उसको एक सारस दिखाई देता है और उसकी लंबी चोच दिखाई देती है I उसको देखते एक सुझाव आया कि सारस उसकी मदद कर सकता है I वह मदद के लिए सारस के पास गया I
उसने सारस से कहा कि वह उसकी मदद करें बदले में उसे उसका इनाम मिल जाएगा I पहले तो सारस घबराया कि भेड़िए के मुंह में अपनी सोच डाल के निकलने से उसको कोई नुकसान ना हो पर भेड़िए के इनाम देने के लालच में उसने हां कर दी I
सारस ने जल्द से ही वह हड्डी भेड़िए के मुंह से निकाल दी I हड्डी निकलते ही भेड़िया चल दिया तब सारस ने कहा कि मेरा इनाम तो भेड़िए ने कहा कि क्या यह काफी नहीं है कि मैंने तुम्हारे सिर को बिना काटे ही अपने मुंह से बाहर निकाल दिया यही तुम्हारी इनाम है I
इस कहानी से यह समझ आता है कि जिसका कोई आत्मसम्मान नहीं है उसकी सहायता करने के लिए किसी पुरस्कार की अपेक्षा ना करें I अच्छे लोगों के साथ रहने से आपको किसी प्रकार की मदद नहीं करनी चाहिए क्योंकि वे लोग केवल अपना स्वार्थ ही जानते हैं I
22. लोमड़ी और बकरी की कहानी / Fox and goat story short moral stories in Hindi
एक दिन एक लोमड़ी रात को जंगल में घूम रही थी कि अचानक वह एक कुएं में गिर गई I उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें जिससे वह कुएं से बाहर निकल जाए I इस लिए उसनेे तक का इंतजार करने के लिए सोचा I सुबह होते ही एक बकरी कुएं के पास से गुजरी और उसने लोमड़ी को देखा और कहा तुम कुएं में क्या कर रही हो I तो बकरी ने कहा कि मैं यहां पानी पीने आई हूं और यह पानी आज तक का सबसे स्वादिष्ट पानी माना जाता है आओ तुम भी पी के देख लो I बकरी ने बिना सोचे ही कुएं में कूद गई I
थोड़ी देर पानी पीने के बाद बकरी ने बाहर जाने को सोचा तो देखा कि वह वहां फंस चुकी है I आप लोमड़ी ने कहा कि मैं तुम्हारे ऊपर चढ़कर बाहर निकल जाता हूं और किसी को मदद के लिए ले आऊंगा I
लोमड़ी बहुत चालाक थी उसकी चाल बकरी के समझ में नहीं आई और बकरी ने हां कर दी अर्थात कहा कि तुम निकल जाओ I लोमड़ी बाहर निकलते ही बकरी को बोलने लगी कि अगर तुम इतनी भी समझदार होती तो कभी बिना समझे कुएं में नहीं जाती और ऐसे नहीं फंसती और लोमड़ी यह बोल कर वहां से चली गई I
इस कहानी से या समझ में आता है कि अगर कोई भी निर्णय लेना है तो पहले सोच समझ ले फिर फैसला करें नहीं तो आप कहीं ना कहीं फस सकते हो इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले एक बार जरूर सोच ले यह सही है कि गलत I
23. गर्म पानी में मेंढक की कहानी / The story of a frog in hot water short moral stories in Hindi
एक दिन एक मेंढक गर्म पानी के बर्तन में गिर जाता है I वह बर्तन आग पर रखे होने की वजह से और भी गर्म होने लगता है I मेंढक तब बाहर निकलने की जगह अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करके उसमे बैठा रहता है कि वह बाद में निकल जाएगा I
पर बर्तन का पानी उबलने लगता है और मेंढक से उसका तापमान सहन नहीं होता है और वह निकलने की बहुत कोशिश करता है लेकिन वह बाहर नहीं निकल पाता है जिसके कारण वह अंदर ही मर जाता है I
इस कहानी से यह पता चलता है कि सबको परिस्थितियों के अनुसार डलना चाहिए परंतु कई बार जिन परिस्थितियों में ज्यादा उलझने लगे तो उनसे सही समय पर बाहर निकलने में ही भलाई होती है नहीं तो आप बहुत ही परेशान हो जाएंगे I
24. शेर और चूहे की कहानी / The story of the lion and the mouse short moral stories in Hindi
एक बार एक शेर सो रहा था उसके ऊपर एक चूहा चढ़ जाता है उसकी नींद को खराब कर देता है I शेर उसे गुस्से में पकड़ लेता है और उसे खाने लगता है पर चूहा उससे कहता है कि आप अगर मुझे छोड़ दोगे तो मैं आपके किसी दिन मदद जरूर करूंगा I
यह सुनकर शेर हंसता है और उसे छोड़ देता है I कुछ दिन बाद कुछ शिकारी शेर को जाल में फंसा लेते हैं और शेर जोर जोर से चिल्लाने लगता है उसकी आवाज चूहा पहचान लेता है और भागता हुआ उसके पास आता है और शेर के जाल को काट के शेर को आजाद कर देता है I
इस कहानी से यह पता चलता है कि दया अपना इनाम जरूर लगता है कोई इतना छोटा नहीं है कि पिया वह मदद नहीं कर सकता I अर्थात यह कि अगर आप किसी पर दया दिखाएंगे तो वह आपके किसी न किसी दिन काम आ सकता है I
25. एक बूढ़े आदमी और छोटी बिल्ली की कहानी / The story of an old man and a little cat short moral stories in Hindi
1 दिन एक बूढ़ा आदमी मैं घूम रहा था कि तभी उसकी नजर एक छोटी सी बिल्ली पर पड़ी जो कि एक सुराख में फंसी हुई थी I तब उस बूढ़े आदमी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और बिल्ली को निकालने की बहुत कोशिश की परंतु बिल्ली ने उसे पंजा मारा और उसे पास नहीं आने दिया I आदमी ने फिर से वैसा ही किया और बिल्ली ने फिर उसे पास नहीं आने दिया I अब आदमी बार-बार यह करने लगा बिल्ली भी उसे बार-बार हटा रही थी I पास खड़ा एक लड़का काफी देर से यह देख रहा था और वह चिल्ला पड़ा कि आप बिल्ली को वही रहने दो यह खुद ही निकल जाएगी I
पर उस आदमी ने कोई ध्यान नहीं दिया और वह कोशिश करता रहा और बिल्ली बाहर आ ही गई I अब बूढ़ा आदमी उस आदमी की ओर गया और बोला यह इस बिल्ली की काम है कि यह कटेगी, पंजा मारेगी, जैसा कि इसे भगवान ने बनाया है I हमारा यह फर्ज है कि इनको प्यार देना और उनकी देखभाल करना I
इस कहानी से यह सीख मिलता है कि अपने आसपास सभी के साथ नैतिकता के साथ व्यवहार करें आप सब से ऐसा व्यवहार करें जैसा कि आप दूसरों से खुद के लिए चाहते हो अर्थात यह की आप ऐसा व्यवहार करें जैसा आप दूसरे के प्रति चाहते हैं I
निष्कर्ष / Conclusion
हमने इस टिप्पणी में आप सभी लोगों को बहुत अच्छी _ अच्छी कहानियों के बारे में विस्तार से बताया है आप लोग जानते होंगे कि कहानी को पढ़ने से कितना आनंद मिलता है इसलिए हमने इस टिप्पणी में बहुत ही अच्छी _ अच्छी कहानियों के बारे में बताया हू I