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simon commission भारत कब आया तथा साइमन कमीशन का विरोध क्यों हुआ?

simon commission भारत कब आया तथा साइमन कमीशन का विरोध क्यों हुआ? – साइमन कमीशन हमारे भारत में हमारे संविधान को सुधारने के लाया गया था आपसे 3 फरवरी 1928 एचडी में लाया गया था जिसके विरूद्ध खराब है 7 साथ ब्रिटेन सरकार आई थी और उनका मुख्य उद्देश्य कि हमारे भारत में संविधान लिखी हुई उनका अध्ययन करना लेकिन आयोग का गठन करने के मुख्य रूप सेमानटेंगयु चेम्स्फ़ो्द सुधार की जांच करना था और साइमन आयोग और इनके अध्यक्ष सर जॉन साइमन के नाम पर रखा गय

simon commission भारत कब आया
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इसके आयोग से मुख्य सुझाव निम्नानुसार थे

  • भारत में एक लक्ष्य संविधान का निर्माण करना था
  • देश में एक संघ की स्थापना करना था जिसमें ब्रिटेन भारतीय राज्य और देसी सियासत शामिल हो सकते हैं
  • केंद्र के उत्तरदाई शासन की व्यवस्था करना
  • गवर्नर प्रांतीय आर वायर राय को विश्व शक्ति प्रदान करना

साइमन कमीशन के विरोधी पार्टी और समर्थक पार्टी पार्टियां काम कर रही थी

विरोधी पार्टीसमर्थक पार्टी
काँग्रेसपंजाब से यूनियनिस्ट पार्टी
लिबरल पार्टीमद्रास से जस्टिस पार्टी
हिन्दू महासभाभीमराव अम्बेडकर की पार्टी डिस्प्रेस्ड क्लास एसोसिएशन
मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग का एक गुटहरिजनों का संगठन
स्वराज पार्टीमुस्लिम लीग का एक गुट मुहम्मद शफी के नेतृत्व में
कम्यूनिस्ट पार्टी
किसान मजदूर पार्टी—-
साइमन कमीशन के विरोधी पार्टी

भारत में साइमन कमीशन का विरोध क्यों हुआ

1927 इसी में ब्रिटिश सरकार के द्वारा 1919 इस बी में किए गए सुधारों की जांच करने के लिए एक कमीशन का गठन किया गया यह कमीशन पूरी तरह अंग्रेज कमीशन था इसमें कोई भारतीय पब्लिक नहीं था फलता काग्रेस ने प्रस्ताव पारित कर इसके विरोध का निर्णय लिया 1928 ईस्वी में जब यह कमीशन भारत आया तो उसका घोर विरोध किया गया साइमन कमीशन का बहिष्कार साइमन कमीशन गो बैक के नारे से हुआ साइमन कमीशन के बहिष्कार का मुख्य कारण था की 1919 ईस्वी में किए गए सुधारों की जांच के लिए जो कमीशन गठित किया जाता है

उसमें एक भी भारतीय प्रतिनिधि नहीं था इसके लिए निष्पक्ष जांच संभव नहीं थी अतः भारतीय ने इसका विरोध किया साइमन कमीशन का विरोध भारत के लोगों ने 1919 ईस्वी में किए गए जांच के कमीशन को गठित किया वह कमीशन नहीं देना चाहते थे इसके लिए उन्होंने साइमन कमीशन का बहिष्कार साइमन कमीशन को बैंक के नारे से हुआ और उन्होंने साइमन कमीशन का विरोध किया 1927 ईस्वी में ब्रिटिश सरकार द्वारा 1979 में किए

गए सुधारों की जांच करने के लिए कमीशन का गठन किया गया कमीशन पूरी तरह अंग्रेज का था ब्रिटिश सरकार ने 1919 में किए गए जो भी कार्य बैठे सरकार के द्वारा किए गए गठन किया गया यह कविता पूरी तरह अंग्रेज का कमीशन था उसमें भारतीय संलित नहीं थे इसलिए सिटी सरकारी सम्मिलित थे अतः कांग्रेश

ने प्रस्ताव पारित करके इसके विरोध का निर्णय लिया 1928 में जब कमीशन भारत आया तो इसका घोर विरोध किया गया जैसा कि जानते हैं कि पहले बेटी सरकार का शासन हमारे देश नेता और बेटी सरकार के द्वारा बनाए गए शासन का पालन किया जाता था लेकिन साइमन कमीशन है एक ऐसा अधिनियम था जो 1919 में ब्रिटिश सरकार ने अपने द्वारा अपने लोगों के लिए गठित किया था जब यह कमीशन बेटे सरकार में था तो वहां के लोगों का पालन करते थे लेकिन जब साइमन कमीशन भारत आया तो यह भारत के लोगों ने इसका विरोध किया

साइमन कमीशन के समर्थक

साइमन कमीशन के समर्थक मुस्लिम लिंग के और मोहम्मद साहब ने किया था और मद्रास यूनिवर्सिटी के बीआर अंबेडकर ने भी किया था जैसा कि जानते हैं की साइमन कमीशन के समर्थक मुस्लिम लीग के और मद्रास यूनिवर्सिटी के अपडेट कर में भी समर्थक थे जैसा कि जानते हैं साइमन कमीशन साइमन कमीशन के एगो बैंक के नारे से हुआ साइमन कमीशन का बहुत से लोग विरोध भी करते थे इसका मुख्य कारण यही था

कि 1919 में किए गए सुधारों की चार्ट सोने के लिए जो गठित किया गया उसमें भारतीय प्रतिनिधित्व नहीं था निष्पक्ष संभव नहीं था अतः भारतीयों ने उसका विरोध किया 1927 ईस्वी में ब्रिटिश सरकार के द्वारा 1919 ईस्वी में किए गए सुधारों एक किए गए कार्यों की जांच करने के लिए एक कमेटी गठित किया गया पूरी तरह के लिए यह कमीशन

पूरी तरह से अंग्रेज के लिए एक था पर यह कमीशन जब भारत में आया तो भारत के लोगों ने बहुत ही इसका विरोध किया लेकिन साइमन कमीशन के बहुत से समर्थक भी थे जो साइमन कमीशन का समर्थक करते थे जैसे कि मोहम्मद मुस्लिम लीग के और मद्रास चेन्नई के भी लोग करते थे और प्यार अंबेडकर भी साइमन कमीशन का समर्थन करते थे साइमन कमीशन का बहिष्कार बहुत लोग करते थे

ब्रिटिश सरकार युद्ध काल के बाद आतंकवादी तत्वों पर नियंत्रण के नाम पर दबना तक शक्तियां और हाथ में बनाए रखना चाहते थे अतः भारत के सभी वर्गों के विरोध बावजूद रोलर कमेटी की रिपोर्ट के कानूनी देते हुए एक-एक बनाया जिसे रोनक एक कहते हैं जिसके अनुसार भी किसी व्यक्ति को गिरफ्तार न

किया जाए जल्दी बताइए कि ब्रिटिश सरकार के समर्थक ज्यादातर पेटी सरकार के ही लोग करते थे मुस्लिम लीग के मद्रास के कहीं-कहीं के भारत के लोकगीत साइमन कमीशन के समर्थक करते थे साइमन कमीशन का बहिष्कार बोलो करती थी जैसे कि जानते हैं कि साइमन कमीशन को बैंक के नारे से होगा एक नारा किया गया इसके सरकार के द्वारा जिसे साइमन कमीशन को बैंक के डारे सेवंथ कमीशन का बहिष्कार के मुख्य कारण ऐसे जैसे कि इस होली में जिसे कोई भी कार्य किया गया हो अंग्रेजो के द्वारा ब्रिटिश सरकार के

द्वारा जो अच्छे काम हो जा पूरे काम हो या जनता के हित में हो या अली तो उसमें एक कमीशन गठित किया गया था उसमें एक भारतीय प्रतिनिधित्व कर देते थे कि वह इस कमीशन को माने इसलिए कमीशन को गठित किया गया इसके लिए निष्पक्ष संभव नहीं था

अतः भारतीयों में इसका विरोध हुआ लेकिन कई लोग इसके समर्थक भी थे असहाय आंदोलन के राष्ट्रपिता गांधी जी ने चलाया 1927 ईस्वी में बेटी सरकार के द्वारा 1919 के लिए किए गए सुधारों की जांच करने के लिए कमीशन गठन किया गया क्या कमीशन अंग्रेजी कमीशन था कोई इसमें भारतीय सम्मिलित नहीं था फलता काग्रेस के प्रस्ताव को पारित उसके विरोध का निर्णय लिया है तो इसका घोर विरोध किया लेकिन कुछ पार्टियों के लोग थे जिन्होंने साइमन कमीशन का समर्थन किया

साइमन कमीशन upsc

ब्रिटिश सरकार के 1919 ईस्वी में बेटे सरकार के द्वारा किए गए कार्यों को व सुधारों को जानने के लिए साइमन कमीशन के संस्थापक श्री चार साइमन थे जिनको साइमन कमीशन के नाम से जाना जाता था रहमान का कमीशन पीटी सरकार ने ही लाया था ब्रिटिश सरकार के द्वारा किए गए कार्य व उनके सुधारों में 1919 एसपी के जरिए जो भी कार्य किए गए उस को मापने के लिए एक कमीशन गठित किया गया जिसे हम साइमन कमीशन के नाम से जानते हैं लेकिन ब्रिटिश सरकार में साइमन कमीशन का बहुत ही समर्थक थे लेकिन जब यह साइमन कमीशन भारत में आया तो इसका घोर विरोध किया गया गौर से गौर विरोध किया गया साइमन कमीशन का बहिष्कार साइमन गो

बैक के नारे से किया गया वह बैंक ना रे के नारे साइमन कमीशन का बहिष्कार का मुख्य कारण 1980 में किए गए सुधारों की जांच करने के लिए जो हमें संगठित किया गया उसमें एक भी भारतीय प्रतिनिधित्व नहीं था प्रतिनिधित्व का मतलब है कोई भी आदमी नहीं था कोई भी इसका समर्थन नहीं करता था इसलिए साइमन कमीशन को निष्पक्ष संभव नहीं था आता भारतीय ने इसका विरोध किया साइमन कमीशन का विरोध इसलिए किया क्योंकि वह एक कमी संगठित नहीं करना चाहते थे बल्कि बेटी सरकार के लोग साइमन कमीशन का समर्थन करते थे

अतः भारतीयों ने इसका विरोध किया गया 1927 में सरकार के द्वारा साइमन के द्वारा 1919 में ही किए गए सुधारों को जांच करने के लिए कमीशन किया गया था एक कमीशन पूरी तरह अंग्रेजी परेशान था अर्थात ब्रिटिश सरकार का था इसमें कोई भी भारतीय संलित नहीं था फलता प्रस्ताव पारित कर इसमें विरोध का निर्णय लिया 1988 में जग्या कमीशन भारत आया तो इसका बहुत ही विरोध किया गया और इसके बाद भी 4 समर्थक भी थे

साइमन कमीशन के सदस्यों के नाम

जैसा कि हम जानते हैं की ब्रिटिश सरकार के द्वारा चलाए गए नियम हमारी भारत में माना जाता था जैसे कि आप हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि बहुत से पहले हमारे देश गुलाम हो चुका था जिसमें बेटी सरकार मतलब अंग्रेज सरकार ने शाम दंड भेद कैसे भारत के टुकड़े की और भारत के टुकड़े करके मतभेद और अपना राज्य बना दिया तो उसी में वह जो न्याया कुछ भी करते थे तो एक साइमन कमीशन का स्थापना के लिए परमिशन का मतलब है

कि जो अंग्रेजों के या ब्रिटिश सरकार के द्वारा किए गए का गठन किया गया उनके द्वारा किए गए जो कार्य होते हैं तो ब्रिटिश सरकार उनका एक महीना लेना चाहते थे इस आधार पर लेना चाहती थी कि वह सरकार कितना कमीशन खा रहा है तो इसके लिए एक अधिनियम पारित किया गया जिसे हम साइमन कमीशन कहते हैं साइमन कमीशन जब भी अंग्रेजों में था तो वहां के लोग इस को मानते थे जिसे जो अंग्रेज लोग थे तो उनको मानना ही पड़ेगा क्योंकि वह अंग्रेज उनके ही तड़पते चलिए साइमन कमीशन हमारे भारत में आया तो यहां पर भारत में कई लोगों ने इसका घोर विरोध किया क्योंकि यह मान नहीं रहे थे तो इनमें कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे थे

जैसे कि सभी पार्टियां होती हैं तो कोई ना कोई समर्थन करता है या कोई ना कोई उसका बहिष्कार करता है लेकिन चिड़िया भारत में आया साइमन कमीशन तो इसका इसका बहिष्कार किया गया इसमें बहुत से समर्थक थे और आज हम आपको बताएंगे कि इस के कुल सदस्य कितने थे तो हम बताने वाले हैं कि कुलीन के सदस्य बहुत तेज बहुत एल्बो लोग इनका समर्थन नहीं करते थे साइमन कमीशन को बहुत लोग मानते थे बहुत लोग इनका पालन भी करते थे और भी थे

why was simon commission boycotted

जैसा कि हमें पता है भाई कि आज कि नहीं बहुत पहले से ही हमारे देश में ही अंग्रेजी शासन था या बेटी सरकार का साथ बेटी सरकार के जो भी अधिनियम चलाए जाते हैं वह हमें पालन करना पड़ता था अरे आज के बाद में बहुत पहले की बात है जैसे कि हम जानते हैं की ब्रिटिश सरकार के द्वारा के द्वारा जुगाड़ करवाए जाते थे या किए जाते थे उसे लोगों को मानना पड़ता था और करना पड़ता था 1928 में साइमन कमीशन को लाया गया साइमन कमीशन का मतलब था

कि 1928 में अंग्रेजों द्वारा किए गठन किया गया इसलिए गठन किया गया कि 1928 में किए गए कार्यों को गठन किया गया कि जो भी कमीशन लेता हूं एक कमीशन गठित किया गया वह भी अंग्रेजों के लिए तो जब यह कमीशन अंग्रेजों ने या बेटी सरकार में था तो इसका वहां पर पालन किया गया लेकिन जब ब्रिटिश सरकार ने

साइमन कमीशन को भारत में लागू किया तो इसका घोर बहुत ही विरोध किया गया यहां के लोग साइमन कमीशन को नहीं मानते थे लेकिन ब्रिटिश सरकार के लोग साइमन कमीशन को मानते थे साइमन कमीशन का विरोध इसलिए किया गया क्योंकि भारत के लोग यहां नहीं इस कमीशन को नहीं मानना चाहते थे इसलिए भारत में साइमन कमीशन का विरोध किया गया जिसे कि हम जानते हैं इधर बेटी सरकार के द्वारा कोई भी साधन चलाया जाएगा तो उसमें कोई ना कोई राज होगा इसलिए भारत में साइमन कमीशन का बहुत विरोध किया गया यहां के लोग साइमन कमीशन को नहीं मानते थे और उनका कहना था कि साइमन कमीशन भारत में नहीं पारित किया जाए

1928 में साइमन कमीशन के विरोध का ब्रिटिश सरकार पर क्या प्रभाव पड़ा

जैसा कि हमें पता है भाइयों की पहले अंग्रेजों का शासन था ब्रिटिश सरकार को 1928 में भारत सरकार ने 1919 में किए गए कार्यों का मूल्यांकन करने के लिए या उसकी समीक्षा करने के लिए साइमन कमीशन को भेजा गया लेकिन वहां पर कोई भी भारतीय भारतीय को नहीं लाया गया इसलिए इसका भारतीय कांग्रेस का विरोध किया जिसे बेटी सरकार का बहुत प्रभाव पड़ा क्योंकि किए गए कार्यों का मुलांच्या नहीं है इसलिए साइमन कमीशन का 1919 में की गई पूरी जांच के लिए भेजा गया था लेकिन वहां पर कोई भारतीयों को शामिल नहीं

किया गया इसलिए भारतीय कांग्रेस पार्टी ने इसका बहिष्कार कर दिया चित्र ब्रिटिश सरकार पर बहुत ही प्रभाव पड़ा जैसा कि हमें पता है कि बेटी सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री स्टैंडली बाल्डविन के द्वारा साइमन कमीशन कमीशन को कमीशन को कमीशन को 1928 इस बीच में 1919 में किए गए कार्यों को समीक्षा करने के लिए भेजा गया जैसे भी जानते हैं कि लंदन के मुंबई के व्यक्ति आते थे तो उनकी रिपोर्ट लेने के लिए या उनकी जो भी क्या करते थे उनकी एक कमीशन गठित किया गया तो कोई भी भारतीय को शामिल नहीं किया गया इसलिए साइमन कमीशन का बहिष्कार किया गया जिससे बहुत ही दुष्प्रभाव पड़ा ब्रिटिश सरकार को बहुत प्रभाव पड़ा

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जैसा कि हम जानते हैं कि पहले ब्रिटिश सरकार का शासन था और जब ब्रिटिश सरकार के द्वारा किए गए कार्य चलाए गए कानूनों को सभी लोगों को मानना पड़ता था इसी प्रकार जब लंदन या मुस्लिम लीग के लोग यहां आ रहे थे तो उनका मुंह आना कर ले के लिए भारतीय प्रधानमंत्री स्माइली डायल विद ने भारत में एक कमीशन को पारित किया 1928 में इन्होंने 1919 में किए गए कार्यों की समीक्षा करने के लिए एक अधिनियम पारित किया जिसे साइमन कमीशन कहते हैं साइमन कमीशन को ब्रिटिश सरकार के लोग बहुत मानते थे

लेकिन जब भारत में भारत में साइमन कमीशन को लाया गया तो भारतीय को निर्णय का विरोध किया क्योंकि जब 1919 में किए गए कार्यों को साइमन को लाया गया तो वहां पर किसी भी भारतीयों को नहीं बुलाया गए इसीलिए भारतीय काग्रेस पार्टी उन्हें साइमन कमीशन का बहिष्कार किया क्योंकि वहां के लोग इसे नहीं मानते थे उसे हानि होती थी इसलिए साइमन कमीशन का उन्होंने जमकर विरोध किया साइमन कमीशन का मतलब है

जो कि 1919 में किए गए ब्रिटिश सरकार के द्वारा जो कमीशन होते थे उनके लिए एक अधिनियम चलाया गया इसलिए याद नियम को ब्रिटिश सरकार ने 1919 में किए गए कार्यों को मापने के लिए साइमन कमीशन को पारित किया जब यह साइमन कमीशन भारत में आया तो भारतीय में किसी को बुलाया नहीं गया इसीलिए इसका विरोध किया गया

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जैसा कि हम जानते हैं कि साइमन कमीशन को ब्रिटिश सरकार के स्माइली दाल भी प्रधानमंत्री ने पारित किया क्यों पारित किया क्योंकि वह जो ब्रिटिश सरकार में हो रहे कार्यों को मूवी आईना करने के लिए एक अधिनियम पारित किया जिसे साइमन कमीशन किया गया लेकिन जब यह 1928 ईस्वी में पारित किया गया और इसे जब पारित किया गया 1919 ईस्वी में स्माइली डार्विन ने पारित किया बेटी सरकार में किए गए कार्यों का मापन करने के लिए किया गया लेकिन वहां पर किसी को भारतीयों को नहीं बुलाएंगे क्योंकि बिल्कुल सरकारी अकेला करनी चाहती थी बेटी सरकार ने इसलिए इस नियम को पारित किया कि 1919 में किए गए सभी कार्यों को गठन कर सकें

जिसने एक कमिशन लागू किया जिसे साइमन कमीशन कहते हैं पर इस कमीशन को जब पारित किया गया तो किसी भी भारतीयों को बुलाया नहीं गया इसलिए भारतीयों ने इसका बहुत बुरा विरोध किया कुछ लोग इसके समर्थन में कुछ लोग उनका समर्थन भी करते थे मुस्लिम लीग के लोग इसका समर्थन करते थे कुछ मद्रास के लोग भी इसका समर्थन करते थे लेकिन जब यह भारत में लाया गया तो भारत के लोगों ने इसका विरोध किया क्योंकि वह क्योंकि वह मानने के लिए तैयार नहीं थे इसलिए साइमन कमीशन का भारत में बहुत ही प्रयोग किया गया साइमन कमीशन को भारत में इसलिए भेजा गया कि ब्रिटिश सरकार के द्वारा 1919 ईस्वी में किए गए कार्यों का गठन किया

जा सके इसलिए साइमन कमीशन को भारत में भेजा गया लेकिन भारत के लोगों ने इसका बहिष्कार किया इसका बहुत ही विरोध किया क्योंकि बात यह थी कि उनको किसी भी भारतीयों को बुलाया नहीं गया इसलिए इसका जमकर विरोध भारतीयों ने किया साइमन कमीशन को भारत में इसलिए भेजा गया क्योंकि बेटी सरकार के द्वारा 1919 में किए गए कार्यों का गठन किया जा सके

साइमन कमीशन भारत कब आया

साइमन कमीशन भारत में 3 फरवरी 1928 में आया

साइमन कमीशन के मुख्य सदस्य

साइमन कमीशन के मुख्य सदस्य मोहम्मद अली जिन्ना आप अन्य लोग थ

साइमन कमीशन के तहत हर जनों के सदस्य कौन थे

साइमन कमीशन के तहत हर जनों का सदस्य मोहम्मद अली जिन्ना है

मोहम्मद अली जिन्ना का मृत्यु कब हुआ

मोहम्मद अली जिन्ना की मृत 11 सितंबर 1948 ईस्वी में हुआ

साइमन कमीशन भारत से कब गया

साइमन कमीशन भारत में 3 फरवरी 1928 में आया जबकि लखनऊ और अन्य राज्यों से उसको भगाने के लिए इधर-उधर नारे लग रहे थे इसलिए साइमन कमीशन भारत से चला जाए

चोरा चोरी कांड कब हुआ

चोरा चोरी कांड 1919 एचड में हुआ

महात्मा गांधी का समाधि स्थल कहां है

महात्मा गांधी का समाधि स्थल राजघाट में है


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