subhadra kumari chauhan: सुभद्रा कुमारी का जन्म नाग पंचमी के दिन 1904 डी में हुआ था जो इलाहाबाद के निहालपुर गांव में हुआ था सुभद्रा कुमारी के पिता का नाम ठाकुर रामनाथ सिंह था इनकी पढ़ाई लिखाई प्रयागराज में हुई इनका जीवन बहुत स्वाभाव था और यह बहुत नरम दिल की थी यह हमेशा से कविता या उपन्यास पढ़ने की मन में लालसा रखते थे इसलिए हैं नव वर्ष की उम्र में एक कविता लिखिए और यहां पढ़ने लिखने के साथ-साथ कविता लिखती थी जो स्कूल से होमवर्क मिल जाता है उसे चुटकी में करके कविता में जुट जाती थी सुभद्रा कुमारी का विवाह बाल काले में हो गया था जो मध्य प्रदेश के खंडवा में हुआ था उनके पति का नाम ठाकुर लक्ष्मण सिंह था अपने पति के साथ रहते थे लेकिन यह आजादी के आंदोलन में भी शामिल थी महात्मा गांधी के साथ रहती थी और यह सत्य अहिंसा के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी जा चुकी थी लेकिन अपना हौसला नही, हरे सुभद्रा कुमारी यह अनेकों सौक सिंगार करने के लिए इनके लालसा था लेकिन यह अपना जीवन एकदम सादा व्यतीत करते थे 1 दिन की बात है महात्मा गांधी जी से पूछा कि इनका विवाह हो गया तो उन्होंने कहा हां तो महात्मा गांधी उन्हें फटकार ते हुए कहा कि तुम्हारे माथे का सिंदूर कहां है लेकिन सुभद्रा कुमारी बातों बातों में ही डाल दिया आजादी के लिए उन्होंने बहुत से युद्ध लड़े धीरे-धीरे समय अभी तक आ गया और इनके 4 बच्चे हो गए सुभद्रा कुमारी बहुत से कविताएं कहानियां लिखी लेकिन देश के हित में लड़ते लड़ते यह भी यह भी शहीद हो गई यह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन इनकी कहानियां उपन्यास जब हम आज पढ़ते हैं तो हमें ऐसा लगता है कि सुभद्रा कुमारी आज भी जिंदा है इनको हम मन से नमन करते हैं
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सुभद्रा कुमारी नारी के लिए हमेशा लड़ते रहे मैं नारी के हित में अनेकों कार्य किए सुभद्रा कुमारी और महादेवी वर्मा बचपन की सहेली थी मैं दोनों मिलकर नारी सम्मेलन चलाया जिसके तहत नारियों को किसी भी तरह की परेशानी हो तो यह लोग उसे सुलझा देते थे सुभद्रा कुमारी आजादी के लिए बाहर से युद्ध लड़े और इसमें क्रांतिकारियों के साथ ही हमेशा रहते थे लेकिन इन्होंने एक दिन ऐसा आया कि जब जलियांवाला कांड 1919 ईस्वी में हुआ था तो उनके मन में बहुत गहरा प्रभाव पड़ा और जलिया वाले बाग में अनेकों सैनिक मरे इन्होंने जलिया वाले बाग के लिए एक कविता लिखिए उस कविता में इन जो सैनिक मरे हुए थे उनके बारे में इन्होंने बताया वह बहुत प्रकाशित हुआ कविता इस तरह सुभद्रा कुमारी अपने पति के साथ रहते हुए आजादी के लिए लड़ी सुभद्रा कुमारी देश के हित के लिए कई बार जेल गए और उन्होंने जेल में बच्चों को जन्म दिया आज उनके 4 बच्चे हुए थे अब सुभद्रा कुमारी अपने पति के साथ एक सादा जीवन व्यतीत करते थे उनके माथे पर सिंदूर नाही बिंदी लगाती थी यह सफेद साड़ी पहनती थी
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सुभद्रा कुमारी चौहान का सारांश हम आज आप लोगों को बताने वाले हैं जिसके तहत आप लोग सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाओं के बारे में आप लोग विस्तृत से जान पाएंगे सुभद्रा कुमारी चौहान ने अनेक कविता न्यू कहानियां लिखी है जिससे हम कुछ आप लोगों को बताने वाले हो
चढ़ा दिमाग
शीला स्वभावत कवि थी वह कभी-कभी कहानियां भी लिखा करती थी उसकी रचनाएं अनेक पत्रों में छपी और उनकी खूब प्रशंसा हुई साहित्य संसार ने उसे बहुत सम्मान दिया, और अंत में उसको सर्वश्रेष्ठ लेखिका होने के उपलक्ष्य में साहित्य-मंडल द्वारा सरस्वती-पारितोषिक दिया गया अब क्या था, प्रत्येक समाचार-पत्र और मासिक पत्र में उसके सचित्र जीवन-चरित्र छपे और उसकी रचनाओं, पर आलोचनात्मक लेख लिखे जाने लगे, जिनके कारण उसकी ख्याति और भी बढ़ गई वह एक साधारण महिला से बहुत ऊपर पहुंच ग उसको स्थान स्थान से, कवि-समाजों से निमंत्रण आने लगे, वह अनेक साहित्यिक संस्थाओं की अध्यक्षा भी चुनी गई मासिक-पत्र-पत्रिकाओं के कृपालु सम्पादकों ने उसकी रचनाओं के लिए तकाजे-पर-तकाजे आरम्भ कर दिए अनेक सहृदय पाठकों ने परिचय प्राप्त करने के लिए उसको पत्र लिखे परिणाम यह हुआ कि शीला के पास आनेवाली डाक का परिमाण बहुत बढ़ गया उसका छोटा सा घर ऐसा मालूम होता, जैसे किसी समाचार-पत्र का आफिस हो वह बेचारी इस असीम सहानुभूति के भार से दब-सी गई पत्र-प्रेषक उससे उत्तर की आशा करते थे, और यह आशा स्वाभाधिक भी थी परन्तु वह उत्तर किस-किस को देती आखिर पत्र भेजने में भी तो खर्च लगता ही है, और वह तो निर्धन थी
सुभद्रा चौहान के महत्वपूर्ण जानकारी
नाम | सुभद्रा कुमारी चौहान |
पिता का नाम | ठाकुर रामनाथ सिंह |
पति का नाम | ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान |
बच्चे | 4 बच्चे |
जन्म | 16 अगस्त 1904 |
मृत्यु | 15 फरवरी 1948 |
सहेली | महादेवी बर्मा |
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सुभद्रा कुमारी चौहान का अगर पोयम या नाटक आप पीडीएफ या अन्य किसी तरह पढ़ना चाहते हैं तो आप लोगों को हम सुभद्रा चौहान का हाथों से लिखी हम कुछ उनके पोयम और उनकी कहानियां तथा उपन्यास को हम पीडीएफ के माध्यम से आप लोगों तक देंगे जिससे आप लोग पढ़ कर बहुत ही आनंदित हो जाएंगे और आप लोगों को अच्छे से अच्छी जानकारी मिलेगी
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सुभद्रा चौहान का अगर आप लोगों को हम वीडियो के माध्यम से आप लोगों को समझाना चाहते हैं इसलिए वीडियो के माध्यम से समझा जा सकता है कि जो लोग पढ़े लिखे नहीं होते हैं उनको भी या जानकारी अच्छे से अच्छे मिल सके इसलिए हम हम लोगों को सुभद्रा चौहान के जीवन का परिचय से लेकर उनके कुछ पोयम उपन्यास जो उन्होंने लिखा है उनके बारे में जो वीडियो में बताया गया है इससे आप लोगों को आसानी से समझ में आ जाएगा और आप लोगों को अच्छे से अच्छे और सरल भाषा में यह देखने और सुनने को मिलेगा
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यहा कोकिला नहीं काग हैं शोर मचाते,काले काले कीट भ्रमर का भ्रम उपजातेकलिया
भी अधखिली मिली हैं कंटक कुल से वे पौधे व पुष्प शुष्क हैं अथवा झुलसे
वह देखो माँ आजखिलौनेवाला फिर से आया है कई तरह के सुंदर सुंदर नए खिलौने लाया है
हरा हरा तोता पिंजड़े मेंगेंद एक पैसे वालीछोटी सी मोटर गाड़ी है सर सर सर चलने वाली
भैया कृष्ण भेजती हूँ मैं राखी अपनी यह लो आज
कई बार जिसको भेजा हैसजा-सजाकर नूतन साज
लो आओ भुजदण्ड उठाओइस राखी में बँध जाओ
भरत भूमि की रजभूमि कोएक बार फिर दिखलाओ
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सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपने जीवन में अनेक काव्य की रचना की उनमें से एक रानी लक्ष्मीबाई हनी झांसी की रानी के बारे में लिखा उन्होंने इसमें रानी लक्ष्मीबाई के ब्रिटिश काल में जो हुआ उसके बारे में वर्णन किया गया और उन्होंने यह भी लिखी खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी उन्होंने अपने जीवन में भावनात्मक से लिखा और यह भारत के विद्यालय में भी पढ़ाया जाता है इसलिए सुभद्रा कुमारी ने आने को कहानियां लिखी हैं लेकिन रानी लक्ष्मी बाई के जीवन के बारे में सारा वर्णन किया और उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई की एक-एक कहानियों के बारे में वह कैसे लड़ी और वह कैसे लड़के लड़के मर गए हैं यह सब बताया है हमें अनेक कहानियां मिलती हैं देखने और पढ़ने के लिए सुभद्रा कुमारी की आज सुभद्रा कुमारी हमारे साथ में ही है लेकिन उनकी जीवन परिचय पढ़ते हैं या उनके उपन्यास पढ़ते हैं तो हमें ऐसा लगता है कि जैसे सुभद्र ता कुमारी आज भी हमारे सामने हैं
सुभद्रा कुमारी का जीवन कब हुआ
सुभद्रा कुमारी का जन्म 16 अगस्त 1940 में हुआ था और उनका गांव निहालपुर है
सुभद्रा कुमारी के पति का क्या नाम है
सुभद्रा कुमारी के पति का नाम ठाकुर लक्ष्मण सिंह है
सुभद्रा कुमारी के कितने बच्चे हैं
सुभद्रा चौहान के 4 बच्चे थे
सुभद्रा चौहान की मृत्यु कब हुई
सुभद्रा चौहान की मृत्यु 15 फरवरी 1948 में हुआ
सुभद्रा चौहान के पिता का नाम क्या है
सुभद्रा चौहान के पिता का नाम ठाकुर रामनाथ सिंह था