हिंदी भाषा में कितने उपसर्ग होते हैं /How many prefixes are there in Hindi language?
upsarg kitne prakar ke hote hain क्योंकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है इसलिए हमे इसके बारे में विस्तार से जानकारी रखनी चाहिए I क्योंकि इसके बारे में बहुत से लोगों को पता नहीं होता है इसलिए आज हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताने वाले हैं कि हिंदी भाषा में कितने उपसर्ग होते हैं I तो आइए हम आप लोगों को इसके बारे में बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I

हिंदी के उपसर्ग मूलतः संस्कृत से ही विकसित हुए है I मैं आप लोगों को बता दूं कि हिंदी भाषा में 10 उपसर्ग होते है I
अब हम आप सभी लोगों को उपसर्ग शब्द तथा उसके अर्थ तथा उसके उदाहरण के बारे में बताएंगे एक टेबल के माध्यम से जिससे आप सभी लोगों को अच्छे से समझ में आ सके कि किस उपसर्ग शब्द का क्या अर्थ होता है तथा क्या उदाहरण होता है तो आइए हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताते हैं I
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण |
औ , अव | हीनता,निषेध | औसर, अवगुन |
उन | एक, कम | उन्तीस,उन्नीस |
अध | आधे के अर्थ में | अधखिला, अधमिला,अधमरा |
अ, अन | निषेध,अभाव | अनाम, अजान,अथाह |
कु | बुरा | कुचाल, कुपात्र,कुपुत्र |
दु | बुरा,हीन | दुबला, दुर्बल |
भर | पूरा,ठीक | भरपूर,भरपेट |
बिन | निषेध | बिनजाना, बिंदेखा,बिनव्याहा |
सु, स | अच्छा,सहित | सुजान,सजग, सरस। |
आप सभी लोगों को पता हो गया होगा कि हिंदी भाषा में कितने उपसर्ग होते है क्योंकि हमने इसके बारे मे बहुत ही विस्तार से और टेबल के माध्यम से बताया हूं जिससेे आप लोगों को अच्छे से समझ में आ सके I
तत्सम उपसर्ग किसे कहते हैै /What is similar prefix
आप लोगों को बताने वाले हैं कि तत्सम उपसर्ग किसे कहते हैं क्योंकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है इसलिए हम आप सभी लोगों को इस को विस्तार से बताएंगे कि तत्सम उपसर्ग किसे कहते हैं क्योंकि इसके बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता होता है इसलिए ही हम इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं कि जिन लोगों को नहीं पता है वह हमारी पोस्ट को पढ़कर जान सकते हैं यह समझ सकते हैं कि तत्सम उपसर्ग किसे कहते हैं तो आइए हम आप सभी लोगों को बताते हैं कि तत्सम उपसर्ग किसे कहते हैं I
तत्सम संस्कृत भाषा का शब्द है यह दो शब्दों से मिलकर बना है तत + सम I तत का अर्थ होता है उसके और सम का अर्थ होता है सामान I अर्थात तत्सम का अर्थ होता है उसके सामान I जिन शब्दों को संस्कृत भाषा में सेे बिना किसी परिवर्तन केे ले लिया जाता है उन्हे तत्सम शब्द कहा जाता हैै I
आप लोगों को पता होगा होगा कि तत्सम उपसर्ग किसे कहते हैं क्योंकि हमने आप लोगों को तत्सम उपसर्ग किसे कहते हैं के बारे में विस्तार से बताया हूं जिसे आप लोग पढ़ कर समझ सकते हैं या जान सकते हैं कि तत्सम उपसर्ग किसे कहते हैं I
उर्दू में कितने उपसर्ग होते हैं। /How many prefixes are there in Urdu?
अब हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि उर्दू में कितने उपसर्ग होते हैं क्योंकि हमने ऊपर बताया है कि हिंदी भाषा में कितने उपसर्ग होते हैं और अब हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि ऊर्द में कितने उपसर्ग होते हैं क्योंकि इसके बारे में बहुत से लोगों को पता नहीं होता है इसलिए हम आप सभी को इसके बारे में बताने वाले हैं तो आइए इसके बारे मे आप सभी लोगों को बताते है कि उर्दू में कितने उपसर्ग होते हैं I
मैं आप लोगों को बता दूं कि उर्दू में 19 उपसर्ग होते है I
तो आइए हम आप सभी लोगों को उपसर्ग शब्द के अर्थ और उदाहरण को टेबल के माध्यम से बताते है जिससे आप सभी लोगों को अच्छे से समझ में आ सके I
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण |
दर | में | दरमियान,दरअसल |
ना | अभाव | नाराज,नापसंद,नासमझ |
कम | हीन, थोड़ा | कमअकल,कमजोर |
खुश | अच्छा | खुशहाल, खुशबू |
गैर | नहीं,अभाव | गैरकानूनी, गैर सरकारी |
हम | बराबर | हमवतन, हमउम्र |
ला | बिना | लाजवाब, लाचार |
बद | बुरा | बदतमीज,बदमाश |
वे | बिना | बेचारा, बेईमान। |
हमे आशा है कि आप लोगो को बहुत ही अच्छे से समझ में आ गया होगा कि उर्दू में कितने उपसर्ग होते हैं क्योंकि हमने इसके बारे मे बहुत ही अच्छे से बताया है I
उपसर्ग किसे कहते हैं class 9 /What is prefix class 9
मैं आप सभी लोगों को बताने वाला हूं कि उपसर्ग किसे कहते हैं क्योंकि बहुत से लोगों को इसके बारे मे पता नही होता है इसलिए हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं क्योंकि यह परीक्षाओं में भी पूछ लिया जाता है कि उपसर्ग किसे कहते हैं इसलिए हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि उपसर्ग किसे कहते हैं जिससे आप सभी लोगों को इसके बारे में जानकारी हो सके I तो आइए हम इसके बारे मे बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
उपसर्ग _ Prefix
वे शब्दांश जो किसी शब्द के आगे लगकर एक नए शब्द का निर्माण करते हैं तथा उसके अर्थ में परिवर्तन करते हैं उन्हें उपसर्ग कहा जाता है I जैसे
आ + काश = आकाश
आ + हार = आहार
आ + कार = आकार
वि + चार = विचार
वि + हार = विहार
आ + चार = आचार
आप लोगों को समझ में आ गया होगा कि उपसर्ग किसे कहते हैं क्योंकि हमने बताया कि उपसर्ग किसे कहते हैं तथा उसके कुछ उदाहरण को भी बताया है जिसे आप लोग पढ़ कर समझ सकते हैं कि उपसर्ग किसे कहते हैं तथा उसके क्या उदाहरण है I
आगत उपसर्ग किसे कहते हैै /What is the input prefix
हम सभी लोगों को बताने वाले हैं कि आगत उपसर्ग किसे कहते हैं क्योंकि हमने ऊपर बताया है कि उपसर्ग किसे कहते हैं अब हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि आगत उपसर्ग किसे कहते हैं क्योंकि इसके बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता होगा इसलिए हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं जिससे आप सभी लोगों को पता हो सके की आगत उपसर्ग किसे कहते हैं I तो आइए हम आप सभी लोगों को बताते हैं कि आगत उपसर्ग किसे कहते हैं I
आगत उपसर्ग _
विदेशी भाषाओं से आए हुए उपसर्गों को हम आगत उपसर्ग कहते हैं I
हम आप सभी लोगों को इसके बारे में और विस्तार से एक टेबल के माध्यम से बताने वाले हैं जिससे आप सभी लोगों को और भी अच्छे से समझ में आ जाएगा और उसके अर्थ तथा उदाहरण को भी उस टेबल में बताएंगे जिससे आप लोग उस टेबल को पढ़ेंगे तो आप लोगों को उपसर्ग के अर्थ तथा उसके उदाहरण के बारे में भी पता हो जाएगा I उसमें हम आप सभी लोगों को यह बताएंगे कि किस शब्द का क्या अर्थ होता है तथा क्या उदाहरण होता है तो आइए हम आप सभी लोगों को टेबल के माध्यम से बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण |
ब | से,के साथ | बनाम,बदौलत |
बे | बिना/ अभाव | बेगुनाह, बेरहम, बेवफा |
बद | बुरा | बदनाम,बदसूरत, बदतमीज |
ना | नहीं | नालायक,नादान, नाराज |
ला | बिना/नहीं | लापता, लाजवाब,लावारिश |
हम | समान/साथ | हमराज,हमराही |
सर | मुख्य | सरपंच, सरहद |
हमें आशा है कि अब आप लोगों को बहुत ही अच्छे से समझ में आ गया होगा कि आगत उपसर्ग किसे कहते हैं तथा उसके क्या उदाहरण होते हैं हमने आप सभी लोगों को टेबल में बताया है कि किस शब्द का क्या अर्थ होता है तथा उसका उदाहरण क्या होता है आगत उपसर्ग में आई
संस्कृत में उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं
हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि संस्कृत में कितने प्रकार के उपसर्ग होते हैं क्योंकि इसके बारे मे बहुत से लोगों को नहीं पता होता है इसलिए हम आप सभी लोगों को इसके बारे मे बहुत ही अच्छे से बताने वाले हैं I तो आइए आप लोगों को बताते हैं कि संस्कृत में कितने उपसर्ग होते हैं I
- सजीव किसे कहते हैं परिभाषा (sajeev kise kahte hai in hindi) – rskg
- sandhi kise kahate hain | संधि किसे कहते हैं परिभाषा प्रकार संधि बिच्छेद कैसे करें – rskg
- karak kise kahate hain | कारक किसे कहते है परिभाषा एवं प्रकार (karak in hindi)
संस्कृत में 22 उपसर्ग होते हैं I
आइए हम आप सभी लोगों को संस्कृत उपसर्ग के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण के बारे में भी बता दूं जिससे आप सभी लोगों को इसके बारे में विस्तार से पता हो सके कि संस्कृत में कितने उपसर्ग होते हैं और उसके क्या उदाहरण होते हैं तो आइए हम आप सभी लोगों को उसके उदाहरण के बारे में बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
उदाहरण _ Examples
अनु = अनुक्रम, अनुताप, अनुज:
अति = अतिशय, अतिरेक:
अभि = अभिनंदन, अभिलाप
अपि = अपिधान
अधि = अधिपति, अध्यक्ष
उप = उपदिशा: , उपाध्यक्ष
नि = निर्गम, निबंध,
परा = पराजय, पराभव
परि = परिश्रम,परिपूर्ण, परिवार
प्रति = प्रतिकूल,प्रतिछाया, प्रतिबंधित
वि = विख्यात, विनती,विवाद
प्र = प्रकोप,
आप सभी लोगों को पता हो गया होगा कि संस्कृत में कितने उपसर्ग होते हैं क्योंकि हमने इसके बारे मे बताया हूं और इसके उदाहरण को भी बताया हूं जिसे पढ़कर आप लोग बहुत ही अच्छे से समझ सकते हैं या जान सकते हैं I
प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैै
हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं क्योंकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है यह कहीं परीक्षाओं में भी पूछ लिया जाता है कि प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं इसलिए हम आप सभी लोगों को इसके बारे में बताएंगे कि प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं जिससे आप लोगों पता चल सके और अगर आप किसी भी परीक्षा में बैठे हैं और यह प्रश्न पूछा जाता है तो आप उस प्रश्न का उत्तर दे सकें इसलिए आइए हम आप सभी लोगों को बताते हैं यह बताने की कोशिश करते हैं कि प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं I
प्रत्यय के प्रकार
प्रत्यय मुख्यता दो प्रकार के होते हैं _
- कृत प्रत्यय
- तद्धित प्रत्यय
1. कृत प्रत्यय
कृत प्रत्यय वे प्रत्यय होते हैं जो धातुओं के मूल रूप के साथ लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं उन्हें कृत प्रत्यय कहा जाता है I हिंदी क्रिया में अंतिम वर्ण ना का लोप कर बाकी शब्द के साथ प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है I
कृत प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं
कृत प्रत्यय मुख्य पांच प्रकार के होते हैं _
(I) कर्तावाचक _
वे प्रत्यय जो कर्ता वाचक शब्द बनाते हैं, जैसे _
- 1. हट = बनावट, सजावट,
- 2. ता = दाता, आता
- 3. आलू = झगड़ालू,
- 4. हार = राखनहार, चाखनहार
- 5.आड़ी = अनाड़ी, खिलाड़ी
- 6.आकू = लड़ाकू,
- 7.ला = वाला
- 8. अक्कड़ = घुमक्कड़,
- 9. ना = पहनना, चलना
(II) कर्मवाचक
वे प्रत्यय जो कर्म के अर्थ को प्रकट करते है उन्हे कर्मवाचक प्रत्यय कहते है _ जैसे
1. नी = सूंघनी (सूंघना )
2. औना = खिलौना ( खेलना )
(III) करणवाचक
वे प्रत्यय जो क्रिया के कारण को बताते है उन्हे करणवाचक कहते है _ जैसे
1. नी = कतरनी ( कतरना)
2. आ = झूला ( झूलना)
3. ऊ = झाड़ू ( झाड़ना)
4. न = बेलन ( बेलना )
(IV) भाववाचक
वे प्रत्यय जो क्रिया से भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैं उन्हें भाववाचक प्रत्यय कहते है _ जैसे
1.आवट = बनावट, लिखावट
2. ई = लिखाई, मिठाई
3.औता = समझौता
4. ती = चलती, मिलती, बढ़ती
5.त = बढ़त, चलत, फिरत
6.न = पावन, सावन, फिसलन
7. नी = पानी, नानी, मिलनी
8.आप = मिलाप, विलाप
9. आन = मिलान, सिलान, पिलान
10. आहट = घबराहट, चिल्लाहट
11.आ = पूजा, मेंवा
12.अ = मार, लूट, लेख
(V) क्रिया बोधक
वे प्रत्यय जो क्रिया का ही बोध कराते है उन्हे क्रिया बोधक प्रत्यय कहते है _जैसे
1.हुआ = चलता हुआ, पढ़ता हुआ
2. तद्धित प्रत्यय
तद्धित प्रत्यय उन प्रत्यय को कहते है जो क्रिया पदो के अतिरिक्त संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों के साथ लगकर नए शब्द बनाते हैं उन्हें तद्धित प्रत्यय कहा जाता हैं I जैसे
1. छात्र + आ = छात्रा
2. मिठा + ई = मिठाई
3. देव + ई = देवी
4. अपना + पन = अपनापन
5. मीठा + आस = मिठास
तद्धित प्रत्यय के प्रकार _
अगर आप लोगों को नहीं पता कि तद्धित प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं तो आज हम आप सभी लोगों को बताने वाले हैं कि तद्धित प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं I
आप लोगो को बता दूं कि तद्धित प्रत्यय छह प्रकार के होते हैं I
(1) कर्त्तावाचक तद्धित प्रत्यय _
वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा सर्वनाम या विशेषण शब्द के साथ जुड़कर कर्त्तावाचक शब्द का निर्माण करते हैं उन्हें कर्त्तावाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं I जैसे
ई = तेली , भेली
एरा = घसेरा , सपेरा
आर = लोहार, सुनार
इया = रसिया
(2) भाववाचक तद्धित प्रत्यय _
वे प्रत्यय जो संज्ञा, सर्वनाम,विशेषण के साथ जुड़कर भाववाचक शब्द बनाते हैं उन्हें भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहते है I जैसे
आस = मिठास, खटास
आई = मिठाई, बनाई
पन = बचपन, लड़कपन,
त्व = महत्व, पशुत्व
हट = घबराहट, बनावट, सजा
आपा = बुढ़ापा, छोटापा
ता = सुंदरता, मूर्खता, मनुष्यता
रा = बेचारा,
(3) सम्बंधवाचक तद्धित प्रत्यय _
इस प्रत्यय के लगने से संबंधवाचक शब्दों की रचना होती हैं I जैसे
ओई = नंदोई
जा = भतीजा, भांनजा
हरा = इकहरा
तर = कठिनतर
मान = बुद्धिमान
आलु = दयालु, श्राद्धालु
इत = फलित
ईला = रसीला, रंगीला
ईय = भारतीय
तर = कठिंतर
इक = शारीरिक
एरा = चचेरा, ममेरा I
(4) अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय
संस्कृत के प्रभाव के कारण संज्ञा के साथ अप्रत्यवाचक प्रत्यय लगाने से पुत्र का बोध होता है I जैसे
ई = जानकी, गांधारी , द्रोपती
य = दैत्य, आदित्य
अ = मानव, राघव, वासुदेव
एय = भागिनेय, गांगेय I
(5) ऊनतावाचक तद्धित प्रत्यय
संज्ञा ,सर्वनाम या विशेषण के साथ मिलकर ये उनके लघुता सूचक शब्दों का निर्माण करते हैंI जैसे
ओला = खटोला, सपोला
ई = टोकरी, घंटी, पहाड़ी
इया = खटिया, डिबिया
(6) स्त्रीबोधक तद्धित प्रत्यय
वे प्रत्यय जो संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ जुड़कर स्त्रीलिंग का बोध कराते है I
नी = रोशनी, मोरनी,शेरनी
इन = बाघिन,मलिन
आ = सुता, अनुजा, छात्रा
आइन = मास्टराइन, ठकुराइन,
आनी = नौकरानी, देवरानी, जेठानी I
हम आशा करते हैं कि आप लोगो को बहुत अच्छे से समझ में आ गया होगा कि प्रत्यय के कितने प्रकार होते हैं क्योंकि हमने आप सभी लोगों को इसके बारे में बहुत ही विस्तार से बताया हूं I
उपसर्ग किसे कहते हैं एक वाक्य में उत्तर
अब हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि उपसर्ग किसे कहते हैं तो आइए हम इसके बारे में बताने की कोशिश करते हैं या बताते हैं I
वे शब्दांश जो किसी शब्द के आगे लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं या उसके अर्थ को बदल देते हैं उन्हें उपसर्ग कहते हैं I
हिंदी में कितने उपसर्ग होते हैं ?
हिंदी में 10 उपसर्ग होते है I
उर्दू में कितने उपसर्ग होते हैं ?
उर्दू में 19 उपसर्ग होते है I
संस्कृत में कितने उपसर्ग होते हैं ?
संस्कृत में 22 उपसर्ग होते है I
प्रत्यय के कितने भेद होते हैं?
प्रत्यय के दो भेद होते हैं I 1. कृत प्रत्यय,2. तद्धित प्रत्यय I
सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं ?
सर्वनाम 6 प्रकार के होते हैं I
उपसर्ग के उदाहरण बताइए ?
उपसर्ग के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण निम्न है _ 1. अति + पावन = अतिपावन I
2. अति + अधिक = अत्यधिक
अति + आचार = अत्याचार I