Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hain विशेषण किसे कहते हैं | विशेषण के कितने भेद होते है | Rskg » Rskg

visheshan ke kitne bhed hote hain विशेषण किसे कहते हैं | विशेषण के कितने भेद होते है | rskg

आप लोगों को visheshan ke kitne bhed hote hain के बारे में आप लोगों को बताना चाहता हूं मैं आप लोगों को व्याकरण से लेकर रिलेटेड सारी जानकारी आज आप लोगों को मैं बताने वाला हूं मैं आज आप लोगों को विशेषण के कितने प्रकार होते हैं तथा विशेषण के कितने भेद होते हैं इनके बारे में मैं आप लोगों को पूरी जानकारी देने वाला हूं जो आप लोग अच्छे से अच्छे जानकारी पाओगे मैं आज आप लोगों को हर बार एग्जाम में पूछे जाने वाले क्वेश्चन व्याकरण के कुछ ऐसे छोटे-छोटे क्वेश्चन होते हैं जिसको हम एग्जामिनेशन में छोड़कर चले आते हैं इसलिए क्योंकि हमें यह याद नहीं रह जाते हैं और जब हम एग्जाम में बैठते हैं तो यही क्वेश्चन हमारे मुख्य क्वेश्चन होते हैं और यह हमारी विगत परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न होते हैं तो चलिए मैं आप लोगों को आज विशेषण के बारे में बताने वाला हूं विशेषण से कितने भेद होते हैं कितने संख्या वाचवा को धन प्रणाम कितना होता है इसके बारे में मैं आज आप लोगों को एकदम सटीक एवं शुद्ध भाषा में बताने वाला हूं तो आप लोग अच्छे से अच्छे जानकारी पाने के लिए कृपया इस पोस्ट को नीचे से ऊपर तक पढ़े मैं इस पोस्ट में आप लोगों को विशेषण की पूरी जानकारी देने वाला हूं तथा आप लोगों को मैं अच्छे से अच्छे जानकारी बताने का प्रयत्न करता रहता हूं

visheshan ke kitne bhed hote hain
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विशेषण किसे कहते हैं /who are adjectives

विशेषण” का शाब्दिक अर्थ है विशेषता उत्पन्न करने वाला या विशेषक जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उसे विशेषण कहते हैं। अथार्त जो शब्द गुण दोष भाव संख्या परिणाम आदि से संबंधित विशेषता का बोध कराते हैं उसे विशेषण कहते हैं। विशेषण को सार्थक शब्दों के आठ भेदों में से एक माना जाता है यह एक विकारी शब्द होता है। जो शब्द विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। जब विशेषण रहित संज्ञा में जिस वस्तु का बोध होता है विशेषण लगने के बाद उसका अर्थ सिमित हो जाता है जैसे बड़ा काला लम्बा दयालु भारी , सुंदर कायर टेढ़ा मेढ़ा एक दो वीर पुरुष गोरा अच्छा . बुरा मीठा खट्टा

अर्थात In other words

विशेषण वे शब्द होते हैं, जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं। विशेषण विकारी शब्द होते हैं एवं इन्हें सार्थक शब्दों के आठ भेड़ों में से एक माना जाता है।

विशेषण लगने के बाद संज्ञा का अर्थ सिमित हो जाता है इसका अर्थ यह है कि विशेषण रहित संज्ञा से जिस वस्तु का बोध होता है विशेषण लगने पर उसका अर्थ सिमित हो जाता है जैसे- ‘घोड़ा’ संज्ञा से घोड़ा जाति के सभी प्राणियों का बोध होता है पर काला घोड़ा कहने से केवल काले  घोड़े का बोध होता है सभी तरह के घोड़ों का नहीं यहाँ काला विशेषण से घोड़ा संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित सिमित हो गयी है

उदाहरण Example

राधा बहुत सुन्दर लड़की हैRadha is very beautiful girl

उदाहरण में देख सकते हैं राधा एक लड़की का नाम है राधा नाम एक संज्ञा है सुन्दर शब्द एक विशेषण है जो संज्ञा शब्द की विशेषता बता रहा है

चूंकि सुन्दर शब्द संज्ञा की विशेषता बता रहा है इसलिए यह शब्द विशेषण कहलायेगा जिस शब्द की विशेषण विशेषता बताता है उस शब्द को विशेष्य कहा जाता है

रमेश बहुत निडर सिपाही हैRamesh is very fearless soldier

हमें पता चलता है कि रमेश एक सिपाही है एवं वह निडर भी है अगर इस वाक्य में निडर नहीं होता तो हमें बस यह पता चलता कि रमेश एक सिपाही है लेकिन कैसा सिपाही है ये हमें नहीं पता चलता

अभी निडर शब्द का वाक्य में प्रयोग हुआ है तो हमें पता चल गया है कि रमेश सिपाही होने के साथ-साथ निडर भी है निडर शब्द रमेश की विशेषता बता रहा है अतः निडर शब्द विशेषण कहलायेगा

मोहन एक मेहनती विद्यार्थी हैMohan is a diligent student

यहा मोहन कि मेहनती होने कि विशेषता बतायी जा रही है अगर हम इस वाक्य से मेहनती विशेषण हटा देते हैं तो हमें सिर्फ यह पता चलता है की मोहन एक विद्यार्थी है लेकिन कैसा विद्यार्थी है यह हमें पता नहीं चलता

जब वाक्य में मेहनती विशेषण का प्रयोग किया गया तो हमें पता चल गया की मोहन विद्यार्थी होने के साथ साथ मेहनती भी है मेहनती शब्द  की विशेषता बता रहा है अतः मेहनती शब्द विशेषण कहलायेगा

विशेषण के कितने भेद होते | visheshan ke kitne bhed hote hain

विशेषण के बारे में बताने वाला हूं तथा पूरी कोशिश पूरी जानकारी मैं आज आप लोगों को बताने वाला हूं कि विशेषज्ञ कितने भेद होते हैं तो चलिए मैं आप लोगों को आज विशेषण के कितने भेद होते हैं उसके बारे में मैं आज आप लोगों को बताने वाला हूं मैं आप लोगों को अच्छे से अच्छे जानकारी बताने वाला हूं तो अच्छी से अच्छी जानकारी पाने के लिए कृपया इस पोस्ट को नीचे से ऊपर तक पूरा पढ़ें दशमलव पिछली कक्षाओं में पढ़ते आ रहे हैं कि विशेषण के कितने भेद होते हैं तो आज मैं आप लोगों को बताने वाला हूं कि विशेषण के मुख्यता आठ भेद होते हैं

  1. गुणवाचक विशेषणqualitative adjectives
  2. संख्यावाचक विशेषणAdjectives of Number
  3. परिमाणवाचक विशेषणAdjective of quantity
  4. सार्वनामिक विशेषणUniversal adjective
  5. व्यक्तिवाचक विशेषणproper adjective
  6. प्रश्नवाचक विशेषणinterrogative adjective
  7. तुलनाबोधक विशेषणcomparative adjective
  8. सम्बन्धवाचक विशेषणRelative adjectives

गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं/ what is a possessive adjective

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण धर्म, स्वाभाव आदि का बोध कराते हैं उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं

जैसेlikeअच्छा पुराना झूठा सफ़ेद

दूसरे शब्द – वे विशेषण शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्द के गुण दोष रूप रंग, आकार, स्वाद, दशा, अवस्था, स्थान आदि की विशेषता प्रकट करते हैं, गुणवाचक विशेषण कहलाते है।

उदाहरण-Example-

गुण बोधक: अच्छा, बुरा, गोरा, वीर, कायर, क्रोधी ।

रंग बोधक: सफेद, हरा, नीला, पीला, लाल।

आकार बोधक: मोटा, पतला, गोल, लम्बा, चौड़ा।

काल बोधक: नया, पुराना।

गुणवाचक विशेषण के उदाहरण/examples of adjectives

गुण- भला, उचित, अच्छा, ईमानदार, सरल, विनम्र, बुद्धिमानी, सच्चा, दानी, न्यायी, सीधा, शान्त आदि।

दोष- बुरा, अनुचित, झूठा, क्रूर, कठोर, घमंडी, बेईमान, पापी, दुष्ट आदि।

रूप/रंग- लाल, पीला, नीला, हरा, सफेद, काला, बैंगनी, सुनहरा, चमकीला, धुँधला, फीका।

आकार- गोल, चौकोर, सुडौल, समान, पीला, सुन्दर, नुकीला, लम्बा, चौड़ा, सीधा, तिरछा, बड़ा, छोटा, चपटा, ऊँचा, मोटा, पतला आदि।

स्पर्श- मुलायम, सख्त, ठंड, गर्म, कोमल, ख़ुरदरा आदि।

स्वभाव- चिड़चिड़ा, मिलनसार आदि।

गंध- सुगंधित, दुर्गंधपूर्ण आदि।

व्यवसाय- व्यापारी, औद्योगिक, शौक्षणिक, प्राविधिक आदि।

पदार्थ- सूती, रेशमी, ऊनी, कागजी, फौलादी, लौह आदि।

समय- अगला, पिछला, बौद्धकालीन, प्रागैतिहासिक, नजदीकी आदि।

तापमान- ठंडा, गरम, कुनकुना आदि।

ध्वनि- मधुर, कर्कश आदि।

स्वाद- मीठा, कड़वा, नमकीन, तीखा, खट्टा, सुगंधित आदि।

दशा/अवस्था- दुबला, पतला, मोटा, भारी, पिघला, गाढ़ा, गीला, सूखा, घना, गरीब, उद्यमी, पालतू, रोगी, स्वस्थ, कमजोर, हल्का, बूढ़ा आदि।

स्थान- उजाड़, चौरस, भीतरी, बाहरी, उपरी, सतही, पूरबी, पछियाँ, दायाँ, बायाँ, स्थानीय, देशीय, क्षेत्रीय, असमी, पंजाबी, अमेरिकी, भारतीय, विदेशी, ग्रामीण आदि।

संख्यावाचक विशेषण की परिभाषा/definition of numeric adjective

वे विशेषण शब्द जो संज्ञा अथवा सर्वनाम की संख्या का बोध कराते हैं, संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।

दूसरे शब्दों में- वह विशेषण, जो अपने विशेष्यों की निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराए, ‘संख्यावाचक विशेषण’ कहलाता है।

जैसे-

  • पाँच घोड़े दौड़ते हैं।
  • सात विद्यार्थी पढ़ते हैं।

इन वाक्यों में ‘पाँच’ और ‘सात’ संख्यावाचक विशेषण हैं, क्योंकि इनसे ‘घोड़े’ और ‘विद्यार्थी’ की संख्या संबंधी विशेषता का ज्ञान होता है।

संख्यावाचक विशेषण के भेद | visheshan ke kitne bhed hote hain

संख्यावाचक विशेषण के दो भेद होते है-

  1. निश्चित संख्यावाचक विशेषणdefinite numeric adjective
  2. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषणindefinite numeral adjective

निश्चित संख्यावाचक विशेषण: वे विशेषण शब्द जो विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।

सरल शब्दों में- जिससे किसी निश्र्चित संख्या का ज्ञान हो, वह निश्चित संख्यावाचक विशेषण है।

जैसे- एक, दो आठ, चौगुना, सातवाँ आदि।

उदाहरण-Example-

  • मेरी कक्षा में चालीस छात्र हैं।
  • कमरे में एक पंखा घूम रहा है।
  • डाल पर दो चिड़ियाँ बैठी हैं।
  • प्रार्थना-सभा में सौ लोग उपस्थित थे।

इन सभी वाक्यों में विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध हो रहा हैं। जैसे- कक्षा में कितने छात्र हैं?- चालीस, कमरे में कितने पंखे घूम रहे हैं?- एक, डाल पर कितनी चिड़ियाँ बैठी हैं?- दो तथा प्रार्थना-सभा में कितने लोग उपस्थित थे?- सौ।

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण: वे विशेषण शब्द जो विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध न कराते हों, वे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।

दूसरे शब्दों में- जिस विशेषण से संख्या निश्चित रूप से नहीं जानी जा सके, वह अनिश्चित विशेषण है

जैसे- कई, कुछ, सब, थोड़, सैकड़ों, अरबों आदि।

उदाहरण-Example-

  • बम के भय से कुछ लोग बेहोश हो गए।
  • कक्षा में बहुत कम छात्र उपस्थित थे।
  • कुछ फल खाकर ही मेरी भूख मिट गई।
  • कुछ देर बाद हम चले जाएँगे।

इन सभी वाक्यों में विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध नहीं हो रहा है जैसे- कितने लोग बेहोश हो गए – कुछ, कितने छात्र उपस्थित थे कम, कितने फल खाकर भूख मिट गई कुछ, कितनी देर बाद हम चले जाएँगे?- कुछ।

परिमाणवाचक विशेषण की परिभाषा/definition of quantitative adjective

जिन विशेषण शब्दों से किसी वस्तु के माप-तौल संबंधी विशेषता का बोध होता है, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।

दूसरे शब्दों में वह विशेषण जो अपने विशेष्यों की निश्चित अथवा अनिश्चित मात्रा (परिमाण) का बोध कराए, परिमाणवाचक विशेषण कहलाता है। यह किसी वस्तु की नाप या तौल का बोध कराता है। इस विशेषण का एकमात्र विशेष्य द्रव्यवाचक संज्ञा है।

जैसे ‘सेर’ भर दूध, ‘तोला’ भर सोना, ‘थोड़ा’ पानी, ‘कुछ’ पानी, ‘सब’ धन, ‘और’ घी लाओ, ‘दो’ लीटर दूध, ‘बहुत’ चीनी इत्यादि।

उदाहरण-Example-

  • मुझे थोड़ा दूध चाहिए, बच्चे भूखे हैं।
  • बारात को खिलाने के लिए चार क्विंटल चावल चाहिए।
  • उपर्युक्त उदाहरणों में ‘थोड़ा’ अनिश्चित एवं ‘चार क्विंटल’ निश्चित मात्रा का बोधक है।

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परिमाणवाचक विशेषण के भेद/Differences of quantitative adjectives

परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद होते है-

  1. निश्चित परिमाणवाचकfixed quantitative
  2. अनिश्चित परिमाणवाचकindefinite quantitative

निश्चित परिमाणवाचक: जो विशेषण शब्द किसी वस्तु की निश्चित मात्रा अथवा माप-तौल का बोध कराते हैं, वे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है।

जैसे ‘दो सेर’ घी, ‘दस हाथ’ जगह, ‘चार गज’ मलमल, ‘चार किलो’ चावल।

अनिश्चित परिमाणवाचक: जो विशेषण शब्द किसी वस्तु की निश्चित मात्रा अथवा माप-तौल का बोध नहीं कराते हैं, वे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है।

जैसे ‘सब’ धन, ‘कुछ’ दूध, ‘बहुत’ पानी।

संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा/Definition of signifier or universal adjective

 जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की ओर संकेत करते है या जो शब्द सर्वनाम होते हुए भी किसी संज्ञा से पहले आकर उसकी विशेषता को प्रकट करें, उन्हें संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहते है।

दूसरे शब्दों में ( मैं, तू, वह ) के सिवा अन्य सर्वनाम जब किसी संज्ञा के पहले आते हैं, तब वे ‘संकेतवाचक’ या ‘सार्वनामिक विशेषण’ कहलाते हैं।

सरल शब्दों में वे सर्वनाम जो संज्ञा से पूर्व प्रयुक्त होकर उसकी ओर संकेत करते हुए विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, ‘संकेतवाचक विशेषण’ कहलाते हैं।

जैसे-Example:

  • वह गाय दूध देती है।
  • यह पुस्तक मेरी है।

उक्त वाक्यों में ‘वह’ सर्वनाम ‘गाय’ संज्ञा से पहले आकर उसकी ओर संकेत कर रहा है। इसी प्रकार दूसरे वाक्य में ‘यह’ सर्वनाम ‘पुस्तक’ से पूर्व आकर उसकी ओर संकेत कर रहा है। ये दोनों सर्वनाम विशेषण की तरह प्रयुक्त हुए हैं, अतः इन्हें संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

ये लड़के, कोई स्त्री, कौन-सा फूल, वे कुर्सियाँ आदि में ये, कोई, कौन-सा, वे- सार्वनामिक विशेषण हैं।

सार्वनामिक विशेषण के भेद/Distinctions of universal adjectives

व्युत्पत्ति के अनुसार सार्वनामिक विशेषण के भी दो भेद है-

  • मौलिक सार्वनामिक विशेषण
  • यौगिक सार्वनामिक विशेषण

मौलिक सार्वनामिक विशेषण जो बिना रूपान्तर के संज्ञा के पहले आता हैं।

जैसे ‘यह’ घर; वह लड़का; ‘कोई’ नौकर इत्यादि।

यौगिक सार्वनामिक विशेषण जो मूल सर्वनामों में प्रत्यय लगाने से बनते हैं।

जैसे- ‘ऐसा’ आदमी; ‘कैसा’ घर; ‘जैसा’ देश इत्यादि।

व्यक्तिवाचक विशेषण की परिभाषा/proper adjective definition

जिन विशेषण शब्दों की रचना व्यक्तिवाचक संज्ञा से होती है, उन्हें व्यक्तिवाचक विशेषण कहते है।

दूसरे शब्दों में ऐसे शब्द जो असल में संज्ञा के भेद व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते हैं एवं विशेषण शब्दों की रचना करते हैं, वे व्यक्तिवाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे

  • इलाहाबाद से इलाहाबादी
  • जयपुर से जयपुरी
  • बनारस से बनारसी
  • लखनऊ से लखनवी आदि।

उदाहरण- ‘इलाहाबादी’ अमरूद मीठे होते है।

व्यक्तिवाचक विशेषण के अन्य उदाहरण/Other examples of proper adjectives

मुझे भारतीय खाना बहुत पसंद है।I love Indian food a lot.

आप देख सकते हैं भारतीय शब्द असल में तो व्यक्तिवाचक संज्ञा से बना भारत शब्द लेकिन अब भारतीय शब्द विशेषण की रचना कर रहा है। इस वाक्य में यह शब्द खाने की विशेषता बता रहा है। अतः यह उदाहरण व्यक्तिवाचक विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

सभी साड़ियों में से मुझे बनारसी साडी सबसे ज्यादा पसंद है।Out of all the saris, I like the Banarasi saree the most.

दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि बनारसी शब्द का प्रयोग किया गया है। यह शब्द बनारस शब्द से बना है जो एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है लेकिन अब यह बनारसी बनने के बाद यह विशेषण कि तरह प्रयोग हो रहा है। अतः यह उदाहरण व्यक्तिवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

हमारी दूकान पर जयपुरी मिठाइयां मिलती हैं।We have ‘Jaipuri’ sweets at our shop.

जैसा कि आप देख सकते हैं जयपुरी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह शब्द जयपुर शब्द से बना है जो कि एक व्यक्तिवाचक संज्ञा है।

यह शब्द जयपुरी बनने के बाद विशेषण बन जाता हैं एवं अब इस वाक्य में मिठाइयों कि विशेषता बता रहा है। अतः यह उदाहरण व्यक्तिवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

संबंधवाचक विशेषण की परिभाषा/definition of relative adjective

जब विशेषण शब्दों का प्रयोग करके किसी एक वस्तु या व्यक्ति का संबंध दूसरी वस्तु या व्यक्ति के साथ बताया जाए, तो वह संबंधवाचक विशेषण कहलाता है।

इस तरह के विशेषण क्रिया, क्रिया-विशेषण आदि से बनते हैं। जैसे: अंदरूनी यह शब्द अन्दर शब्द से बना है जो कि एक क्रिया विशेषण है। भीतरी : यह शब्द भीतर शब्द से बना है। जो की एक क्रियाविशेषण है।

संबंधवाचक विशेषण के उदाहरण/examples of relative adjectives

पेट हमारे शरीर का अंदरूनी हिस्सा है।The stomach is the inner part of our body.

अंदरूनी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह शब्द बाहरी शरीर का अंदरूनी शरीर का संबंध बता रहा है। यह एक क्रियाविशेषण शब्द से बना हुआ है। अतः यह शब्द संबंधवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

ज्वालामुखियों की भीतरी सतह ज्यादा गरम होती है।The inner surface of volcanoes is much hotter.

आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं भीतरी शब्द का प्रयोग किया गया है। यह शब्द हमें ज्वालामुखी की बाहरी एवं भीतरी सतह के सम्बन्ध के बारे में बता रहा है। यह शब्द भी एक क्रियाविशेषण शब्द से बना हुआ है। अतः यह उदाहरण संबंधवाचक विशेषण के अंतर्गत आयेगा।

उसके सिर के अंदरूनी हिस्से में चोट लगी है।He has an injury on the inside of his head.

दिए गए उदाहरण में जैसा की आप देख सकते हैं की यहां अंदरूनी शब्द का प्रयोग किया गया है। अंदरूनी शब्द के प्रयोग से हमें सर के बाहरी एवं अंदरूनी हिस्से के बीच के सम्बन्ध के बारे में पता चल रहा है। जैसा की हम देख सकते हैं की यह शब्द एक क्रियाविशेषण से बना हुआ है। अतः यह उदाहरण सम्बन्धवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

यमन का भीतरी इलाका एकदम उजाड़ है।Yemen’s ‘inner’ area is ‘absolutely desolate’.

दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं यहां भीतरी शब्द का प्रयोग किया गया है। भीतरी शब्द के प्रयोग से हमें यमन के भीतरी एवं बाहरी इलाके के बारे में सम्बन्ध पता चल रहा है। इससे हमें पता चलता है की बाहरी इलाके के सन्दर्भ में भीतरी इलाका ज़्यादा उजाड़ है। जैसा की हम देख सकते हैं की यह शब्द एक क्रियाविशेषण से बना हुआ है। अतः यह उदाहरण सम्बन्धवाचक विशेषण के अंतर्गत आएगा।

प्रश्नवाचक विशेषण की परिभाषा/Interrogative adjective definition

ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम में किसी वस्तु या व्यक्ति के जानने के लिए प्रयोग होता है,वो प्रश्न वाचक विशेषण कहलाते हैं।

इन विशेषण शब्दों का प्रयोग करके हमें संज्ञा या सर्वनाम के बारे में ज्यादा जानकारी मिल जाती है। जैसे: यह व्यक्ति कौन है?, यह चीज़ क्या है? आदि।

प्रश्नवाचक विशेषण के उदाहरण/examples of interrogative adjectives

तुम कौन सी वस्तु के बारे में बात कर रहे हो?What item are you talking about?

देख सकते हैं कौन शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इस शब्द का प्रयोग करके संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी लेने का प्रयास किया जा रहा है। हम जानते हैं की जब किसी शब्द का प्रयोग करके संज्ञा के बारे  में अधिक जानकारी लेने की कोशिश की जाती है, तब वहाँ प्रश्नवाचक विशेषण होता है।

यह जहाज क्या होता है?What is this ship?

ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि क्या शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस शब्द का प्रयोग करके किसी वस्तु के बारे में जानने की कोशिश की जा रही है। हम जानते हैं की जब किसी शब्द का प्रयोग करके संज्ञा के बारे  में अधिक जानकारी लेने की कोशिश की जाती है, तब वहाँ प्रश्नवाचक विशेषण होता है।

मेरे जाने के बाद कौन यहाँ आया था?Who came here after I left?

उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं कौन शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस शब्द का प्रयोग करके पीछे से आने वाले व्यक्तियों के बारे में यानी व्यक्तिवाचक संज्ञा की जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है।

तुलना बोधक विशेषण की परिभाषा/Definition of comparative adjective

सभी जानते हैं विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। लेकिन कई बार दो वस्तुओ के गुण दोष आदि की तुलना कि जाती है।

जिन शब्दों से दो वस्तुओं की परस्पर तुलना की जाती है वे शब्द तुलनाबोधक विशेषण कहलाते हैं। जैसे: राम सुरेश से ज्यादा सुन्दर है। यहाँ दो व्यक्तियों की विशेषताओं की तुलना की जा रही है।

तुलनाबोधक विशेषण की अवस्थाएं/states of comparative adjectives

तुलनाबोधक विशेषण की तीन अवस्थाएं होती हैं:

  1. मूलावस्थाRadical stage
  2. उत्तरावस्थाlate stage
  3. उत्तमावस्थाBest condition

मूलावस्था: जब किसी एक ही व्यक्ति या वस्तु विशेषता जैसे गुण, दोष शर्म स्वभाव बताने के लिए विशेषण का प्रयोग किया जाता है, तब उसे मूलावस्था कहते हैं।

यहाँ किन्हीं दो वस्तु या व्यक्ति आदि की तुलना नहीं की जाती है। जैसे: अच्छा, बुरा, वीर, बहादुर, निडर, डरपोक आदि।

उदाहरण:Example:

  • मैं बड़ा होकर वीर सिपाही बनना चाहता हूँ।
  • ज़िन्दगी में एक शेर की भांति निडर होना चाहिए।

उदाहरण में आप देख सकते हैं कि विशेषण शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन विशेषण शब्दों का प्रयोग करके दो वस्तु, व्यक्ति आदि की तुलना नहीं की जा रही है। अतः तुलनाबोधक विशेषण की मूलावस्था कहलाएगी।

उत्तरावस्था: जब किन्हीं वस्तुओं या व्यक्तियों की आपस में गुण, दोष आदि पर आधारित तुलना की जाती है एवं उनमे से एक को श्रेष्ठ माना जाता है, तब यह उत्तरावस्था कहलाती है। जैसे: ज्यादा सुन्दर, अधिक बुद्धिमान, ज्यादा तेज़ आदि।

उदाहरण:Example:

  • मैं तुमसे ज्यादा दयालु हूँ।
  • रीना मीना से अधिक बुद्धिमान है।

आपने ऊपर दिए गए उदाहरणों में देखा ज्यादा दयालु,आदि शब्दों का प्रयोग करके दो वस्तुओं के गुण दोष आदि की तुलना की जा रही है एवं एक को श्रेष्ठ माना जाता है। अतः यह उत्तरावस्था कहलाएगी।

उत्तमावस्था: जब दो से ज्यादा वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है एवं उनमे से किसी एक को ही सर्वश्रेठ बताया जाता है, तो उसे उत्तमावस्था कहा जाता है। जैसे: विशालतम, सबसे सुन्दर आदि।

उदाहरण:Example:

  • सभी महासागरों में प्रशांत महासागर विशालतम है।
  • इन सब में से तुम सबसे सुन्दर हो।
  • हल्क सबसे ज्यादा बलवान है।

ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं विशालतम, सबसे सुन्दर आदि शब्द प्रयोग किये गए हैं। इन शब्द से हमें कोई एक वस्तु या व्यक्ति के सर्वश्रेष्ठ होने का पता चल रहा है। अतः यह उत्तमावस्था कहलाएगी।

निष्कर्षConclusion

इस पोस्ट को पूरी तरह से पढ़ने के बाद यह निष्कर्ष निकलता है कि इसमें विशेषण क्या होता है कितने प्रकार का होता है इसके उदाहरण कौन-कौन से होते हैं तथा यह किस प्रकार से कार्य करता है इन सारी चीजों के बारे मेंमैंने आप लोगों को विस्तृत जानकारी दिया है जिसके माध्यम से आप लोग बहुत ही अच्छे से इस पोस्ट को पड़ेंगे और उसमें एकत्रित जानकारी ग्रहण करेंगे जिससे आप लोग विशेषण के बारे में उसके सभी प्रकार के बारे में तथा उसके बेहतरीन एग्जांपल आपको पढ़ने को मिलेगा जिससे आप लोग विशेषण के बारे में बहुत ही अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे

visheshan ke kitne bhed hote hain in video

visheshan ke kitne bhed hote hain

विशेषण के कितने भेद होते हैं? Class 6

विशेषण के मुख्यता आठ भेद होते हैं जो नीचे निम्नलिखित हैं
गुणवाचक विशेषणqualitative adjectives
संख्यावाचक विशेषणAdjectives of Number
परिमाणवाचक विशेषणAdjective of quantity
सार्वनामिक विशेषणUniversal adjective
व्यक्तिवाचक विशेषणproper adjective
प्रश्नवाचक विशेषणinterrogative adjective
तुलनाबोधक विशेषणcomparative adjective
सम्बन्धवाचक विशेषणRelative adjectives

क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं?

क्रिया विशेषण मुख्यता 6 प्रकार की होती है जिसमें प्रयोग के आधार पर तीन प्रकार से तथा रूप के आधार पर तीन प्रकार से होती है
प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण
साधारण क्रिया विशेषण
संयोजक क्रिया विशेषण
अनुबंध क्रिया विशेषण
रूप के आधार पर क्रिया विशेषण
मूल क्रिया विशेषण
योगिक क्रिया विशेषण
स्थानीय क्रिया विशेषण

क्रिया के कितने भेद होते हैं?

क्रिया मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं जो नीचे ने लिखे थे
सकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया

सर्वनामिक विशेषण के कितने भेद होते हैं?

सर्वनामिक विशेषण के मुख्यता दो भेद होते हैं जो नीचे निम्नलिखित हैं
मौलिक सर्वनामिक विशेषण
योगिक सर्वनामिक विशेषण

संख्यावाचक विशेषण के कितने भेद होते हैं?

संख्यावाचक विशेषण के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं नीचे निम्नलिखित
निश्चय वाचक विशेषण
अनिश्चयवाचक विशेषण

गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

जिस विशेषण में तथा जिस शब्द में तथाताज इस समय किसी व्यक्ति वस्तु अथवा किसी स्थान की विशेषता उसके गुण दोष देखकर किया जाता है वहां पर गुणवाचक विशेषण होता है जैसे
रावण बहुत विद्वान व्यक्ति था
मोहन बहुत सुंदर व्यक्ति हैं

परिणाम वाचक विशेषण के कितने भेद होते हैं?

परिणाम वाचक विशेषण मुख्यता दो प्रकार के होते हैं जो नीचे निम्नलिखित है
निश्चित परिणाम वाचक विशेषण
अनिश्चित परिणाम वाचक विशेषण

सर्वनाम के कितने भेद होते हैं?

सर्वनाम के मुख्यता 6 भेद होते हैं जिसमें से इनके नाम नीचे निम्नलिखित हैं
पुरुषवाचक सर्वनाम
निश्चयवाचक सर्वनाम
अनिश्चयवाचक सर्वनाम
प्रश्नवाचक सर्वनाम
निजवाचक सर्वनाम
संबंधवाचक सर्वनाम

परिणाम वाचक विशेषण किसे कहते हैं?

परिणाम वाचक विशेषण उसे कहते हैं जहां पर किसीचीज की अनिश्चितता तथा अनिश्चितता के बाद किया जाता है वहां पर परिणाम वाचक विशेषण होता है जैसे थोड़ी जगह थोड़ा पानी ज्यादा गहरा कम गहरा इत्यादि

अव्य के कितने भेद होते हैं?

अव्य के मुख्य चार भेद होते हैं जो नीचे निम्नलिखित
क्रिया विशेषण अव्य
संबंधबोधक अव्य
समुच्चयबोधक अव्य
विस्मयादिबोधक अव्य

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